बाड़मेरं हमारी लाइफ लाइन मालाणी रेल को बेपटरी नहीं होने देंगे
बाड़मेरं केन्द्र सरकार ने मालाणी रेल को आने वाली 15 मार्च से बंद करने की घोषणा कर चुकी है और बदले में हमें मंडोर एक्सप्रेस दे रही है। हम नई रेल का स्वागत करते है लेकिन इस शर्त पर स्वागत करने को बिलकुल तैयार नहीं होंगे कि आप हमारी पहचान को हम से दूर कर दो। मालाणी केवल एक रेल नहीं है बल्कि ये नाम जब भी सुनते या बोलते है तो हमें भीतर से एक ष्अपणायतष् का एहसास कराता प्रतीत होता है। लिहाजा मालाणी के नाम और इस नाम से चल रही हमारी लाइफ लाइन को बेपटरी नहीं होने देंगे। बाड़मेर में रेल मार्ग पर बाड़मेर जिला मुख्यालय एवं बालोतरा शहर के साथ ही एयर फोर्सए आर्मी क्षेत्र भी आते है तथा बाड़मेर में तेल खोज एवं उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र स्थित है एवं रिफाइनरी भी यहां स्थापित हो रही है। इसलिए यहां देश के हर कोने से लोग कार्य कर रहे है जिनके लिए आवागमन का सुगम साधन रेल है एवं सबसे उपयुक्त मार्ग भी बाड़मेर.जयपुर दिल्ली है। बाड़मेर से जयपुर जाने वालों की संख्या बहुत अधिक हैए और दिल्ली जाने वालों की कम। मंडोर एक्सप्रेस बाड़मेर से करीब और 4रू00 बजे पर रवाना होकर रात्री को करीब 1रू00 बजे जयपुर पहुंचेगी और जयपुर से वापस बाड़मेर के लिए रात्रि को 2रू30 बजे रवाना होकर दोपहर को करीब 12रू00 बजे बाड़मेर पहुंचेगी जो की विद्यार्थियोंए सरकारी कार्मिको एवं अन्य मुसाफिरों के लिए
अत्यन्त असुविधाजनक है। जो लोग प्रतिदिन जोधपुरए बालोतराए बायतु से बाड़मेर अपने काम पर आते हैए उनके लिए इसके बाद फिर कोई ट्रेन नहीं है और बाड़मेर से जयपुरए दिल्ली की दूरी अधिक है इसलिए हजारों यात्री रेल से यात्रा करते हैए मालाणी एक्सप्रेस का समय यहां के मुसाफिरों के लिए एकदम उपयुक्त है।
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बाड़मेर सेना के लिहाज सेए तेल.गैस क्षेत्र के लिहाज से या यूं कहना लाजमी होगा कि हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी के कामों के लिहाज से एक ऐसी रेल सेवा जो हमें सुलभ मुहैया थी उसे हटाने का फैसला आखिर सरकार ने किस आधार पर कियाघ् क्या कोई सर्वे कराया गयाघ् यदि हां
तो उसे जनता के सामने रखा जाए। क्या सरकार बता सकती है कि एक ऐसा फैसला लेने का कदम क्यों उठाया गयघ् क्या इस अहम फैसले को लेने से पहले जन मन पर मनन किया गया। बाड़मेर का मालाणी क्षेत्र केन्द्र सरकार को अपना जमींदोज खजाना देने के साथ.साथ यहां के प्राकृतिक रिसोर्सज से धन धान कर रही है। क्या काला सोना उगलने वाली इस धरा से उसकी धरोहर छीनने का हक हैघ् क्या आपको नहीं लगता कि सरकार के इस फैसले से यहां का जन मन आहत हुआ होगा। हां यकीनन आहत हुआ है और इसी आहत मन की वजह से हमने सरकार के गलत निर्णय के खिलाफ ताल ठोक दी है। बाड़मेर की जनता ने तय किया है कि मालाणी बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर मालाणी एक्सप्रेस ट्रेन को बंद करने का पुरज़ोर विरोध करेगा व इसे किसी भी सुरत मे बंद नही होने दिया जायेगा।
सरकार के फैसला का विरोध किसी एक बाड़मेरी का नहीं है बल्कि मालाणी के उन 36 कौमों का विरोध हैए जिनका वास्ता इस रेल से है। हां विरोध का आगाज हमने जन मन को देखते हुए किया है और देखना 26 लाख की आबादी के इस थार का गुस्सा जब विरोध के हिल्लोरे लेगा तो
केन्द्र सरकार की नाव को डगमगा कर रख देगा व फ़ैसला पलटने पर विवश कर देगा। पिछले कुछ दिनों में मालाणी बचाओ संघर्ष समिति ;एमण्बीण्एसण्एसण्द्ध के कार्यकर्ताओं ने रलवे
स्टेशन पर पर्चा बांटनेए आमजन से हस्ताक्षर करवाने एवं घर.घर जाकर आंदोलन के लिए प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के नाम विरोध पत्र पर हस्ताक्षर करवाये है। जिनमें से बाड़मेर के जन प्रतिनिधियोंए विभिन्न समाजोए सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों के हस्ताक्षर युक्त समर्थन पत्र प्राप्त हुए हैए जिनकी सूची साथ में संलग्न है।
बाड़मेरं केन्द्र सरकार ने मालाणी रेल को आने वाली 15 मार्च से बंद करने की घोषणा कर चुकी है और बदले में हमें मंडोर एक्सप्रेस दे रही है। हम नई रेल का स्वागत करते है लेकिन इस शर्त पर स्वागत करने को बिलकुल तैयार नहीं होंगे कि आप हमारी पहचान को हम से दूर कर दो। मालाणी केवल एक रेल नहीं है बल्कि ये नाम जब भी सुनते या बोलते है तो हमें भीतर से एक ष्अपणायतष् का एहसास कराता प्रतीत होता है। लिहाजा मालाणी के नाम और इस नाम से चल रही हमारी लाइफ लाइन को बेपटरी नहीं होने देंगे। बाड़मेर में रेल मार्ग पर बाड़मेर जिला मुख्यालय एवं बालोतरा शहर के साथ ही एयर फोर्सए आर्मी क्षेत्र भी आते है तथा बाड़मेर में तेल खोज एवं उत्पादन का सबसे बड़ा क्षेत्र स्थित है एवं रिफाइनरी भी यहां स्थापित हो रही है। इसलिए यहां देश के हर कोने से लोग कार्य कर रहे है जिनके लिए आवागमन का सुगम साधन रेल है एवं सबसे उपयुक्त मार्ग भी बाड़मेर.जयपुर दिल्ली है। बाड़मेर से जयपुर जाने वालों की संख्या बहुत अधिक हैए और दिल्ली जाने वालों की कम। मंडोर एक्सप्रेस बाड़मेर से करीब और 4रू00 बजे पर रवाना होकर रात्री को करीब 1रू00 बजे जयपुर पहुंचेगी और जयपुर से वापस बाड़मेर के लिए रात्रि को 2रू30 बजे रवाना होकर दोपहर को करीब 12रू00 बजे बाड़मेर पहुंचेगी जो की विद्यार्थियोंए सरकारी कार्मिको एवं अन्य मुसाफिरों के लिए
अत्यन्त असुविधाजनक है। जो लोग प्रतिदिन जोधपुरए बालोतराए बायतु से बाड़मेर अपने काम पर आते हैए उनके लिए इसके बाद फिर कोई ट्रेन नहीं है और बाड़मेर से जयपुरए दिल्ली की दूरी अधिक है इसलिए हजारों यात्री रेल से यात्रा करते हैए मालाणी एक्सप्रेस का समय यहां के मुसाफिरों के लिए एकदम उपयुक्त है।
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बाड़मेर सेना के लिहाज सेए तेल.गैस क्षेत्र के लिहाज से या यूं कहना लाजमी होगा कि हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी के कामों के लिहाज से एक ऐसी रेल सेवा जो हमें सुलभ मुहैया थी उसे हटाने का फैसला आखिर सरकार ने किस आधार पर कियाघ् क्या कोई सर्वे कराया गयाघ् यदि हां
तो उसे जनता के सामने रखा जाए। क्या सरकार बता सकती है कि एक ऐसा फैसला लेने का कदम क्यों उठाया गयघ् क्या इस अहम फैसले को लेने से पहले जन मन पर मनन किया गया। बाड़मेर का मालाणी क्षेत्र केन्द्र सरकार को अपना जमींदोज खजाना देने के साथ.साथ यहां के प्राकृतिक रिसोर्सज से धन धान कर रही है। क्या काला सोना उगलने वाली इस धरा से उसकी धरोहर छीनने का हक हैघ् क्या आपको नहीं लगता कि सरकार के इस फैसले से यहां का जन मन आहत हुआ होगा। हां यकीनन आहत हुआ है और इसी आहत मन की वजह से हमने सरकार के गलत निर्णय के खिलाफ ताल ठोक दी है। बाड़मेर की जनता ने तय किया है कि मालाणी बचाओ संघर्ष समिति का गठन कर मालाणी एक्सप्रेस ट्रेन को बंद करने का पुरज़ोर विरोध करेगा व इसे किसी भी सुरत मे बंद नही होने दिया जायेगा।
सरकार के फैसला का विरोध किसी एक बाड़मेरी का नहीं है बल्कि मालाणी के उन 36 कौमों का विरोध हैए जिनका वास्ता इस रेल से है। हां विरोध का आगाज हमने जन मन को देखते हुए किया है और देखना 26 लाख की आबादी के इस थार का गुस्सा जब विरोध के हिल्लोरे लेगा तो
केन्द्र सरकार की नाव को डगमगा कर रख देगा व फ़ैसला पलटने पर विवश कर देगा। पिछले कुछ दिनों में मालाणी बचाओ संघर्ष समिति ;एमण्बीण्एसण्एसण्द्ध के कार्यकर्ताओं ने रलवे
स्टेशन पर पर्चा बांटनेए आमजन से हस्ताक्षर करवाने एवं घर.घर जाकर आंदोलन के लिए प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के नाम विरोध पत्र पर हस्ताक्षर करवाये है। जिनमें से बाड़मेर के जन प्रतिनिधियोंए विभिन्न समाजोए सामाजिक एवं व्यावसायिक संगठनों के हस्ताक्षर युक्त समर्थन पत्र प्राप्त हुए हैए जिनकी सूची साथ में संलग्न है।