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बुधवार, 7 अगस्त 2019

Article 370: इमरान खान ने आज फिर बुलाई हाई लेवल मीटिंग, भारत-पाक के बीच चरम पर तनाव

Article 370: इमरान खान ने आज फिर बुलाई हाई लेवल मीटिंग, भारत-पाक के बीच चरम पर तनाव
Article 370: इमरान खान ने आज फिर बुलाई हाई लेवल मीटिंग, भारत-पाक के बीच चरम पर तनाव


अनुच्छेद-370(Article 370) पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अनुच्छेद-370 को खत्म करने के भारत के फैसले से पाकिस्तान तिलमिला उठा है। इस मुद्दे पर अपनी संसद में पूरी तरह घिर चुके पीएम इमरान खान इस बीच राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक और बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में भारत के फैसले को लेकर बातचीत संभव है। पाकिस्तान मीडिया जियो न्यूज ने इस ख़बर की पुष्टि की है। भारत के आर्टिकल 370 पर लिए गए फैसले से बौखलाए पाकिस्तान ने कहा कि वह भारत के इस कदम का मुकाबला करने के लिए सभी संभावित विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।पाकिस्तान के अगले कदम पर भारत की पैनी नजर बनी हुई है।

'भारत ने और पुलवामा जैसे हमलों को न्योता दिया'
इससे पहले पाकिस्तान में भारत के आंतरिक मामले को लेकर संयुक्त सत्र बुलाया गया। इस दौरान पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने भारत के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया। इमरान खान ने कहा कि वो भारत के इस कदम का कड़ा विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि वो इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाएंगे। इमरान खान ने यहां तक कह दिया कि भारत के इस कदम से कश्मीर में हालात और खराब होंगे। भारत के इस फैसले से इमरान खान इतने आग बबूला हो उठे कि उन्होंने यहां तक कह डाला कि अनुच्छेद-370 से छेड़छाड़ करके पुलवामा जैसे और हमलों को न्यौता दिया है। इमरान खान ने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर पर हुए युद्ध का पूरी दुनिया के लिए गंभीर परिणाम होंगे।

हम इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाएंगे। हालांकि, इस दौरान उनके बोल बिगड़ गए और उन्होंने कह दिया कि भारत के इस कदम से कश्मीर में हालात और खराब होंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अनुच्छेद 370 के साथ छेड़छाड़ करके भारत ने और पुलवामा जैसे हमलो को न्योता दे दिया है।

भारत पर हमले की बात कर रहा पाकिस्तान
भारत के फैसले से पाकिस्तान पूरी तरह हिल गया है। पाकिस्तान की बौखलाहट इस कदर बढ़ गई है कि वह अब भारत पर हमले की बात करने लगा हैं। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान भारत पर हमले की बात कह रहे हैं। पाकिस्तानी पीएम के साथ उनका विपक्ष भी बौखलाहट में है।विपक्ष के नेताओं से इमरान खान ने पूछा कि विपक्ष के नेता क्या चाहते हैं? क्या मुझे पाकिस्तानी सेना को भारत पर हमले का आदेश दे देना चाहिए? इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान और वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान किस कदर बौखला गए है।

PAK की 'परमाणु' पर गीदड़भभकी
भारत के अनुच्छेद-370(Article 370) को रद करने के फैसले के बाद पाकिस्तान ने इसकी कड़ी निंदा की इस कदम को अवैध, एकतरफा कदम बताया है। भारत को प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान इमरान खान ने कहा कि इस कदम से दो परमाणु संपन्न देशों के बीच  संबंध और खराब होंगे।

पाकिस्तानी सेना में खलबली
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 से हटाए जाने के फैसले से पाकिस्तानी संसद ही नहीं बल्कि पाकिस्तान सेना भी बौखला उठी है। एक तरफ पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट में इसको लेकर हंगामेदार बहस हुई तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने सभी कमांडरों के साथ एक बैठक की। पाकिस्तानी सेना प्रमुख बाजवा ने इस बैठक में भारत को धमकी देते हुए कहा कि कश्मीरियों की मदद के लिए उनकी सेना किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार है।

शनिवार, 29 जून 2019

*जैसलमेर पाकिस्तान से भारत में टिड्डी दल का हमला,

*जैसलमेर पाकिस्तान से भारत में टिड्डी दल का हमला,


जैसलमेर पाकिस्तान से भारत में टिड्डी दल का हमला, सरहदी गांव में मचा हड़कंप, BSF जवानों ने विभाग को किया सूचितराजस्थान के पश्चिमी इलाके से बड़ी खबर है। पाकिस्तान से आए टिड्डी दल ने भारत में हमला कर दिया है। प्रदेश के सरहदी गांवों में टिड्डी दल देखे जाने से किसानों में हड़कंप मच गया है। बाड़मेर के सरहदी गांव तामलोर में टिड्डी देखे जाने की सूचना मिली है। वहीं, BSF जवानों व तामलोर सरपंच ने टिड्डी विभाग को सूचित किया है। प्रदेश में एक बार फिर टिड्डी दल सक्रिय होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। गुरुवार को जैसलमेर के बाद शुक्रवार को बाड़मेर के सरहदी गांव में टिड्डी दल ने हमला कर दिया। सरहदी ग्रामीणों ने देखा, तो बड़ी संख्या में टिड्डी दल जमीन पर रेंगते व पेड़ पौधों को नष्ट करते नजर आए। इस दौरान टिड्डियों के दल को देखते ही किसानों की चिंता बढ़ गई। वहीं बीएसएफ जवानों ने टिड्डी नियंत्रण विभाग को सूचना दे दी है।
*पाकिस्तान में नहीं हुआ टिड्डी पर नियंत्रण*
मिली जानकारी के अनुसार टिड्डी के कुछ बड़े झुंड हैं जो लगातार भारत के बॉर्डर की ओर बढ़ रही है। पाकिस्तान में टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम समुचित रूप से नहीं चलाया जा रहा है। जिसकी वजह से भारत को टिड्डियां को काबू में करना पड़ रहा है। खाड़ी देशों में टिड्डी के बड़े-बड़े झुंड हैं।विशेषकर यमन, ओमान और ईरान में। टिड्डियां जून में अनुकूल मौसमी परिस्थितियों को देखते हुए भारत की तरफ बढ़ रही है। भारत में मानसून का मौसम शुरू हो चुका है और जून में बरसात और आंधी का मौसम रहेगा। जिस कारण टिड्डियों को आगे बढऩे के लिए अनुकूल परिस्थितियां मिलेगी।
*पीली टिड्डी से अधिक खतरा*
टिड्डी के दो रूप होते हैं एक पीला और दूसरा भूरे रंग का। पीले रंग की टिड्डी यानी वयस्क जल्दी से प्रजनन क्रिया कर 10 दिन में ही एक साथ सौ अंडे देकर अपनी तादाद बढ़ाती है। ऐसे में 10 हजार पीली टिड्डी भी कुछ ही दिनों में अपनी संख्या करोड़ तक कर सकती है।
*अफ्रीका से आती हैं टिड्डियां*
साल की शुरुआत में टिड्डी का आउटब्रेक लाल सागर के दोनों ओर स्थित अफ्रीका के पूर्वी देशों और सऊदी अरब से हुआ है। इसके बाद सऊदी अरब, यमन, ओमान और ईरान में टिड्डी के बड़े झुंड विकसित होते जा रहे हैं। ईरान से लगातार टिड्डियां पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान होती हुई भारत की ओर आ रही हैं।
*राजस्थान के 4 जिलों को खतरा, जैसलमेर के रास्ते भारत*
टिड्डी दल का राजस्थान के 4 जिलों में सर्वाधिक खतरा है। जिसमें जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर शामिल हैं। साथ ही जैसलमेर और बाड़मेर में टिड्डी दल फैल चुका है।पाकिस्तान से अनियंत्रित टिड्डियां लगातार जैसलमेर के रास्ते भारत आ रही है। टिड्डी नियंत्रित होने से पहले ही अण्डा (फाका) दे चुकी है। इससे लाखों टिड्डियां रातों-रात बढऩे का खतरा पैदा हो गया है। टिड्डियां जैसलमेर के पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज तक भी पहुंच गई हैं।

रविवार, 23 जून 2019

बाडमेर। थार लिंक एक्सप्रेस से भारत आये पाक नागरिको से सोना बरामद

बाडमेर।  थार लिंक एक्सप्रेस  से भारत आये पाक नागरिको से सोना बरामद 



बाडमेर।  मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर कस्टम अधिकारियों ने शनिवार रात थार लिंक एक्सप्रेस  से पाकिस्तान से भारत आ रहे  पाक-नागरिक शब्बीर हुसैन से 50 ग्राम वजनी स्विस मार्का वाला एक सोने का बिस्कुट बरामद किया हैं जिसका बाजार मूल्य 1,65,000/- रुपए  आंका गया। बरामद शुदा बिस्कुट को विभाग ने जब्त कर लिया तथा यात्री से 15,000/- रुपए की पेनल्टी भी वसूल की गई। इसी तरह दो अन्य पाक नागरिकों से भी कस्टम अधिकारियों ने दो दो सोने की चूड़ियां बरामद की हैं, जिन्हें उन यात्रियों से नियमानुसार
कस्टम ड्यूटी, जुर्माना लेकर ही छोड़ा जाएगा। इस प्रकार कुल चार चूड़ियों, जिनमें शुद्ध सोने का वजन लगभग 80 ग्राम तथा कुल मूल्य 2,63,126/- हैं, पर लगभग 2 लाख रुपए की राशि वसूल की जाएगी।
कस्टम कमिश्नर सुभाष चंद्र अग्रवाल के निर्देशानुसार  असिस्टेंट कमिश्नर  एम एल शेरा के नेतृत्व में यह बरामदगी कस्टम अधीक्षक संजीव सिंघल एवं निरीक्षक अरुण कुमार द्वारा की गई। 
इ धर, पाकिस्तान से आते वाले यात्रियों के भारत आते समय, सामान, सोने तथा विदेशी मुद्रा लाए जाने के प्रावधानों के सम्बन्ध में जानकारी चाहे जाने पर
  मुनाबाव रेल्वे स्टेशन पर तैनात सहायक कस्टम कमिश्नर  एम.एल.शेरा ने बताया कि थार एक्सप्रेस से भारत मे आने वाला प्रत्येक भारतीय नागरिक अपनी दैनिक जरूरतों के सामान के अतिरिक्त 50,000/- रुपए मूल्य तक का अन्य सामान निःशुल्क ला सकता हैं, पाकिस्तानी नागरिक के लिए यह छूट सीमा 15,000/- रुपए की  हैं मगर  कोई भी यात्री अपने साथ प्रतिबंधित सामान अथवा सोना नही ला सकता हैं।
परन्तु पाकिस्तान में सोने के भाव तुलनात्मक रूप से कुछ कम होने के कारण थार एक्सप्रेस के यात्री लालच में आ जाते हैं और थोड़े से मुनाफे के चक्कर में अपना बड़ा नुकसान कर बैठते हैं। कुछ यात्री तो पाकिस्तान में अपना सब कुछ बेचकर भारत मे रहने के उद्देश्य से आते हैं और साथ मे डॉलर के स्थान पर सोना लेकर आ जाते हैं जो कि कस्टम विभाग के नियमानुसार स्वीकार्य नही होने के कारण पकड़े जाते हैं और विभाग उनका सोना जब्त कर लेता हैं।
उन्हों ने पूछे जाने पर बताया कि सोने के स्थान पर ये यात्री डॉलर ला सकते हैं, जिन पर कोई प्रतिबंध नही हैं।

सोमवार, 12 सितंबर 2016

बाड़मेर सरहद पर भारत ने पाक रेंजर्स को ईद की शुभकामनाओ के साथ भेंट की मिठाई

बाड़मेर सरहद पर भारत ने पाक रेंजर्स को ईद की शुभकामनाओ के साथ भेंट की मिठाई 


बाड़मेर भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसे बाड़मेर जिले के मुनाबाव सीमा से आज ईद की पूर्व संध्या पर सीमा सुरक्षा बल ने पाक रेंजर को मिठाई भेंट  शुभकामनाए दी ,

 ईद-उल्-जुहा के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल की सीमा चौकी मुनाबाव के सीमा स्तंभ 814 के पास महानिदेशक, सीमा सुरक्षा बल व विशेष महानिदेशक(पश्चिम),सीमा सुरक्षा बल की तरफ से मिठाई की टोकरी महानिदेशक पाकिस्तान रेंजर्स सिंध को भेंट की व ईद की शुभ कामनाएं दी।
कमांडेंट सीमा सुरक्षा बल की तरफ से सीमा चौकी गडरा के सीमा स्तंभ 839/2 के पास विंग कमांडर, क़ासिम रेंजर्स को मिठाई भेंट की गई व ईद की शुभ कामनाए दी।

मंगलवार, 24 मई 2016

भारत के मीठे पानी पर टूट पड़ते हे पाक रेंजर ,दस मिंट में सारे केम्पर खाली

भारत के मीठे पानी पर टूट पड़ते हे पाक रेंजर ,दस मिंट में सारे केम्पर खाली


चंदन सिंह भाटी
बाड़मेर भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसे पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में पेयजल समस्या कितनी विकराल हे की पाकिस्तान की सुरक्षा में सरहदी इलाको जुटे पाक  रेंजरों को स्वच्छ और मीठा पानी मय्यसर नहीं हैं ,ये रेंजर भारत पाक के बीच होने वाली बैठकों में जी भर कर आर ओ का मिनरल वाटर ऐसे पी जाते हैं जैसे वर्षो से प्यासे हो ,


चौंकिए नहीं यह हकीकत हैं ,भारतीय सीमा से सटे पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में पानी की को व्यवस्था नहीं हैं ,सरहदी गाँवो में सिंध के लोग आज भी परम्परागत बेरियो का पानी पीकर प्यास बुझाते हैं यह पानी सर्वाधिक दूषित होता हैं ,यही बेरियो का खारा और दूषित पानी पाक रेंजरों को चौकियों पर उपलब्ध कराया जाता हैं ,जबकि भारतीय सरहदी इलाको में सीमा सुरक्षा बल की हर अग्रीण चौकी पर जवानों के लिए मीठे और ठन्डे पानी की व्यवस्था के लिए आर ओ प्लांट स्थापित हैं ,

ऐसे में भारत पाकिस्तान के मध्य हर तीसरे माह होने वाली फ्लेग मीटिंग में पाकिस्तान की और से आने वाले रेंजर दल के सदस्य सबसे पहले पानी पर हमला बोलते हैं ,महज दस मिंट में भारत की और से लाये मीठे ठंडे पानी के केम्परो का पानी ख़त्म कर देते हैं ,कई मर्तबा सीमा सुरक्षा बल को अतिरिक्त केम्परो की व्यवस्था करनी होती हैं

सीमा सुरक्षा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छपने की शर्त पर बताया की हमारी सरहद पर जवानों के लिए समस्त सुविधाए उपलब्ध हैं ,पाक रेंजरों के लिए पाक सरकार पानी तक मय्यसर नहीं कराती ,ऐसे दृश्य भारत पाक मिटींगो में देखने को मिलते हैं ,पाक की और से आने वाल रेंजर्स का डेलिगेशन सबसे पहले ठंडे मीठे पानी पर टूट पड़ता हैं ,हर बार  की अतिरिक्त व्यवस्था करनी होती हैं ,पाक सीमा के चालीस किलोमीटर तक पेयजल की कोई व्यब्वस्था इनके लिए नहीं हैं ,सिवाय परंपरागत पेयजल बेरियो के ,पाक रेंजर भारत का ठंडा मीठा पानी पीकर धन्य हो जाए हैं ,

उलेखनीय हैं की भारत पाक पश्चिमी सरहद पर हर तीसरे माह फ्लेग और हर छठे माह डी जी स्तर की बैठक बारी बारी से भारत और पाक इलाको में होती रहती हैं ,

शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

Exclusive foto.1965 में भारत और पाकिस्‍तान युद्ध। कुछ जानकारिया

1965 में भारत और पाकिस्‍तान युद्ध। कुछ जानकारिया 



























आजादी के बाद वर्ष 1965 में भारत और पाकिस्‍तान के बीच जो कुछ भी हुआ वह, कई पीढ़‍ियों को आज भी याद है। दोनों देशों के बीच युद्ध ने दोनों देशों की दिशा और दशा बदलकर रख दी। इस युद्ध को 28 अगस्‍त को 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस जंग के 50वें वर्ष पूरे होने पर एक नजर डालिए जंग से जुड़ी कुछ एतिहासिक बातों पर। कच्‍छ सीमा की वजह से पाक था परेशान भारत और पाकिस्‍तान के बीच 65 की जंग की आधारशिला शायद 1947 में आजादी के समय ही तैयार हो गई थी। उस समय कई मुद्दों के बीच ही कश्‍मीर भी दोनों देशों के बीच बड़ा मुद्दा था, जो इस युद्ध के विवाद की वजह था। कश्‍मीर विवाद से अलग गुजरात में मौजूद कच्‍छ के रण की सीमा भी उस समय विवादित थी। इस सीमा पर पाक ने जनवरी 65 से गश्‍त शुरू की थी। इसके बाद यहां पर एक के बाद एक दोनों देशों के बीच आठ अप्रैल से पोस्‍ट्स को विवाद शुरू हो गया। उस समय के ब्रिटिश पीएम हैरॉल्‍ड विल्‍सन ने दोनों देशों के बीच इस विवाद को सुलझाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। इस विवाद को खत्म करने के लिए एक ट्रिब्यूनल का गठन किया गया था। विवाद सन 68 में जाकर सुलझा लेकिन उससे पहले ही दोनों देशों के बीच जंग हो गई। अति आत्‍मविश्‍वास का शिकार पाक पाक को लगने लगा था कि उसके सेना प्रमुख जनरल अयूब खान ने जब कच्‍छ सीमा के विवाद को हल तक पहुंचाने में मदद की है तो फिर वह भारत से कुछ भी हासिल कर सकते हैं। कच्‍छ के बाद पाक ने कश्‍मीर को अपने कब्‍जे में लेने के उसने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी। इस रणनीति की दम पर उसने भारतीय सेना को कश्‍मीर में घेरने की योजना बनाई। लेकिन उसकी एक नहीं चली और भारतीय सेना ने उसे करारा जवाब दिया। जब पार की एलओसी पांच अगस्त 1965 को भारत के 26,000 और पाकिस्तान 33,000 सैनिकों ने लाइन ऑफ कंट्रोल को पार किया था। कश्मीरी लोकल्स के अंदाज में यह सैनिक कश्मीर के कई इलाकों में पहुंच गए। 15 अगस्त को भारतीय सैनिकों ने उस समय तय की हुई सीजफायर लाइन को पार कर डाला। जम्मू पर थी कब्जे की ख्‍वाहिश पाकिस्तान ने कश्मीर के उरी और पुंछ जैसे इलाकों पर अपना कब्जा कर लिया था तो वहीं भारत ने पीआके से करीब आठ किलोमीटर दूरी पर स्थित हाजी पीर पास को अपने कब्जे में कर लिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने एक सितंबर 1965 को ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम के नाम से एक खास मिशन शुरू किया। इसका मकसद जम्मू के अखनूर सेक्टर को अपने कब्जे में लेना था। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना को खासा नुकसान पहुंचाया और कई सप्लाई रूट्स को क्षतिग्रस्त कर दिया। पाक को दिखाया आइना पाक की ओर से हो रहे हमलों के बाद भी भारतीय सेनाओं ने पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया और हाजी पीर पास को अपने कब्‍जे में कर लिया। पाक की ओर से चलाया गया ऑपरेयान ग्रैंड स्लैम बुरी तरह से फेल हो गया था। अपने ऊपर हमले बढ़ते देखकर पाक ने कश्मीर के साथ ही पंजाब को निशाना बनाना शुरू किया लेकिन इस बार भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी। छह सितंबर को भारत की ओर से इस युद्ध की शुरुआत की आधिकारिक घोषणा की गई। यह युद्ध 23 सितंबर 1965 को खत्म हुआ था। पाक के पास थे कई अमेरिकी टैंक्स विशेषज्ञों की मानें तो भारत और पाक के बीच हुई इस जंग में टैंकों का प्रयोग सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद सबसे ज्यादा हुआ था। पाक के पास उस समय अमेरिका में बने कई बेहतरीन टैंक्स थे जिनमें पैटन एम-47, एक-48 और एम-4 शैरमैन टैंक्स खासतौर पर शामिल थे। इन टैंक्स की वजह से पाक ने शुरुआत में भारत पर हावी होने की कोशिशें कीं थीं। दुनिया में भारत का दबदबा यह युद्ध भारत और पाक दोनों के लिए ही इंटेलीजेंस असफलता का सबसे बड़ा उदाहरण था। लेकिन इस युद्ध के बाद दुनिया और एशिया में भारत की एक नई पहचान बनी थी। उस समय टाइम मैगजीन ने लिखा था कि साफ हो गया है कि भारत अब दुनिया में नई एशियन ताकत बनकर उभर रहा है। 17 दिन तक चला युद्ध भारत और पाकिस्‍तान के बीच यह युद्ध 17 दिनों तक चला। दोनों ही पक्षों को जानमाल का काफी नुकसान उठाना पड़ा। वहीं दूसरी ओर उस कई पश्चिमी देश मानने लगगे थे कि इस युद्ध में पाक पूरे समय भारतीय सेना पर हावी रहा। जबकि असल बात कुछ और थी। हालांकि आज तक इस युद्ध को लेकर कई तरह के विवादों का जिक्र होता रहता है।

गुरुवार, 31 जुलाई 2014

बाड़मेर सुरक्ष एजेंसियों की आँखों में पड़ी धुल। थार एक्सप्रेस से छत्तीस करोड की हेरोइन हो गयी पार


बाड़मेर सुरक्ष एजेंसियों की आँखों में पड़ी धुल। थार एक्सप्रेस से छत्तीस करोड की हेरोइन हो गयी पार

बाड़मेर भारत पाकिस्तान के मध्य संचालित थर एक्सप्रेस से गत सप्ताह छत्तीस किलोग्राम निशिला पदार्थ हेरोइन बाड़मेर से पार हो गयी जबकि मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर आधा दर्जन से अधिक सुरक्ष और ख़ुफ़िया एजेंसिया तैनात हैं ,ड्रैग माफियो ने इनकी आँखों में धुल झोंकर छत्तीस किलोग्राम हेरोइन पर कर ले जिस दिल्ली पुलिस की स्पेसल शेल ने पकड़ा तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।


अफगानी ड्रग्स माफिया थार एक्सप्रेस के जरिये पाकिस्तान के रास्ते भारत में हेरोइन की तस्करी कर रहा है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चप्पलों के तले में छिपाकर भेजी गई 36 किलोग्राम हेरोइन बरामद कर अफगानी महिला व उसके सहयोगी समेत छह ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मोहम्मद, जमीर उर्फ डॉक्टर, सलीम खान, बाबा फकरुद्दीन, चांदबाशा तथा साकिबा के रूप में हुई है। गिरोह के तार दिल्ली से दक्षिण भारत तक फैले हैं।

स्पेशल सेल के अनुसार मोहम्मद और साकिबा अफगानिस्तान के रहने वाले हैं। वर्ष 2010 में पति की बम धमाके में मौत के बाद साकिबा भारत में आकर रहने लगी थी। यहां वह दुभाषिये का काम करती है, जबकि मोहम्मद का काबुल में कपड़ों का कारोबार है। इस सिलसिले में अक्सर वह दिल्ली में ही रहता है। बाद में उसने ड्रग्स तस्करी का धंधा शुरू कर दिया था। इसमें उसने जामा मस्जिद इलाके के हींग तथा मसाला कारोबारी सलीम को अपने साथ मिला लिया था। सलीम अपने गुर्गे जमीर की मदद से हेरोइन की खेप सप्लाई करता था।

स्पेशल सेल उपायुक्त संजीव यादव की टीम ने 26 जुलाई को भीकाजी कामा प्लेस के समीप फकरुद्दीन तथा जमीर को पकड़ा तब इस गिरोह का खुलासा हुआ। जमीर ने बताया कि वह सलीम के लिए काम करता है। उसके कहने पर ही वह फकरुद्दीन को 8.2 किलोग्राम हेरोइन की खेप देने पहुंचा था। इसके बाद पुलिस ने सलीम के यहां छापा मारकर 20 किलोग्राम हेरोइन बरामद की। सलीम से पूछताछ के बाद साकिबा व मोहम्मद को दबोचा गया। दोनों से आठ किलोग्राम हेरोइन बरामद हुई। आंध्र प्रदेश निवासी फकरुद्दीन ने बताया कि उसे ड्रग्स की खेप लेने चांदबाशा ने भेजा था। उसके लिए वह कैरियर का काम करता है। इसके बाद जयपुर से चांदबाशा को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों से बरामद हेरोइन थार एक्सप्रेस के जरिये दिल्ली पहुंची थी। रास्ते में किसी को शक न हो इसलिए चप्पलों के तले में छिपाकर लाया गया था।

महज प्यादे हैं सभी आरोपी

स्पेशल सेल अधिकारियों की मानें तो धरे गए आरोपी ड्रग्स तस्करी के धंधे में प्यादे भर हैं। असली कमान तो अफगानिस्तान व दक्षिण भारत में बैठे सरगनाओं के हाथ है। पूछताछ में मोहम्मद ने बताया कि उसको फोन पर बताया जाता था कि थार एक्सप्रेस से माल पहुंचने वाला है। इसके बाद उसे यह भी बताया जाता कि डिलीवरी किसको देनी है। सीमांध्र का रहने वाला चांदबाशा ड्रग्स तस्करों के दक्षिण भारतीय नेटवर्क का हिस्सा है। उसे भी इसके लिए निर्देश मिलते थे कि कब कहां से खेप को उठाना है। काम में बढ़ते खतरे को देखकर उसने साड़ियां बेचने वाल फकरुद्दीन को साथ में रख लिया था। चांदबाशा वर्ष 1985 में आईटीआई से डिप्लोमा कर चुका है। कई कारोबार करने के बाद सफलता नहीं मिली तो उसने ड्रग्स तस्करी का धंधा पकड़ लिया था।

हेरोइन का स्थानीय सप्लायर है सलीम

जाकिर हुसैन कॉलेज से बीए की पढ़ाई कर चुका सलीम बल्लीमारान में हींग का कारोबार करता है। वह मोहम्मद से हेरोइन हासिल करके उसे जमीर की मदद से आगे सप्लाई करता था। जमीर भी तुर्कमान गेट इलाके में शीतल पेय का काम करता है।

शनिवार, 5 जुलाई 2014

बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर समसुद्दीन रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी का हिस्सा तो नहीं ?प्रशिक्षित आंतकवादी तो नहीं ?


बाड़मेर चार रोज पूर्व भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित अंतराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन मुनाबाव की टोह लेते पकड़ा गया बांग्ला देशी कट्टरपंथी युवक सम्मासुदीन आंतकवादी गतिविधि को अंजाम देने आया था,उसके साथ कितने साथी बाड़मेर में रह रहे हैं , ख़ुफ़िया एजेंसियों के दिमाग में घूम रहा हैं। समशुदीन के पकडे जाने के बाद बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की धमकी मुस्लिम कट्टरपंथी आंतकवादी संगठनो से मिलना साज़िश का एक हिस्सा लगती हैं ,


सम्शुद्दीन पर गहराया शक ?
शम्शुद्दीन पुत्र सल्लाउद्दीन सप्ताह पहले मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर सीमा सुरक्षा बल के हत्थे चढ़ा था ,चूँकि वह रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था इसीलिए उसे रेल वे पुलिस को सुपुर्द किया गया ,उसके पास पाकिस्तानी सिम थी जिसे उसने तत्काल तोड़ कर नष्ट करने का प्रयास किया। सवाल यह उठता हेमन की मुनाबाव रेलवे स्टेशन पर देश की आधा दर्जन से अधिक ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसिया कार्य करती हैं ,इनसे आँख बचा कर सम्शुद्दीन मुनाबाव रेलवे स्टेशन पहुंचा कैसे ,पहुंचा तो स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने उसे क्यों नहीं पकड़ा ,सम्शुद्दीन पकडे जाने के बाद बाड़मेर लाया गया मगर वह रेलवे देकर भगा गया। चार दिन बादफ उसे पुनः पकड़ा ,इन चार दिनों मरे वह कहा पनाह लिए था इसकी तहकीकात जरुरी हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में ही रेलवे कुआं नंबर तीन के पास स्थित एक मदरसे में रह कर मौलवी बन कर कार्य करता रहा सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी ,


देवबंद से प्रशिक्षित हे सम्शुद्दीन?

पकड़ा गया बांग्लादेशी सम्शुद्दीन सहारनपुर में देवबंद के मडराओ में प्रशिक्षित मौलवी हैं ,उसने उर्दू जुबान और शिक्षा वाही से प्राप्त की ,सम्शुद्दीन के हाव भाव और व्यव्हार से साफ़ लगता हैं की वह बाड़मेर जिले में किसी गतिविधि को अंजाम देने आया था। उसके कुछ साथी बाड़मेर जिले के विभिन स्थानो पर होने की संभावना हैं। सम्शुद्दीन बाड़मेर में लम्बे समय से रह रहा था ,आखिर किस उद्देश्य से वह बाड़मेर ठहरा था ,


आंतकवादी संगठनो की धमकी , तो उन्होंने की हे तैयारी ?


बाड़मेर सहित राजस्थान के दस रेलवे स्टेशनों को उड़ने की आंतकवादी संगठनो की धमकी से साफ़ हैं की वो इन क्षेत्रो में अपने गुर्गे उतार चुके हैं जो धीरे धीरे तैयारियों को अंजाम दे रहे हैं। इन आंतकवादी संगठनो के प्रशिक्षित लोग आम लोगो के साथ रह कर कार्य कर रहे हैं ,सुरक्षा और ख़ुफ़िया एजेंसियों को इसकी भनक नहीं ,सम्शुद्दीन किसी भी तरह से बंगलादेशी प्रतीत नहीं होता , फिर उसका भारतीय निर्वाचन आयोग से पहचान पात्र कैसे बना बड़ा सवाल हैं।

सरहद पर कट्टरता का पाठ क्यों?

भारत पाकिस्तान की सीमा पर बेस बाड़मेर जिले में कोई साढ़े पांच सौ मदरसे संचालित हो रहे हैं ,इन मदरसो में बाहरी प्रांतो के मुल्ला मौलवी कार्य कर रहे हैं ,इन लोगो के बारे ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियों को कोई जानकारी नहीं ,सरहदी इलाको में यह लोग धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे हैं। सरहदी क्षेत्र के मुस्लिम परिवारो के पारम्परिक जीवन शैली में पिछले पांच सालो तेजी से बदलाव आया हैं। सम्शुद्दीन जैसे सेकड़ो संदिग्ध मदरसो में कार्य ,जिससे देश की सरहद की सुरक्षा को हैं। इन बाहरी प्रांतो के मौलाना मौलवियो बाड़मेर में भारतीय निर्वाचन आयोग से मतदाता पहचान पात्र भी हासिल कर लिए , जिसकी जाँच होना जरुरी हैं ,फ़िलहाल उसे जयपुर पूछताछ के लिए ले जाया गया हैं।





रविवार, 1 जून 2014

बॉर्डर मुद्दों पर भारत-पाक अफसरों ने की मंत्रणा



मुनाबाव में मासिक बैठक आयोजित, सौहार्दपूर्ण माहौल पर की चर्चा
 

बॉर्डर मुद्दों पर भारत-पाक अफसरों ने की मंत्रणा




  बाड़मेर पाक रेंजर्स व बीएसएफ की शनिवार को मुनाबाव स्थित कांफ्रेंस हॉल में आयोजित बैठक में बॉर्डर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। दोनों मुल्कों के अफसरों ने सरहद पर सौहार्दपूर्ण माहौल पर मंत्रणा करते हुए कई सुझाव भी दिए। भारत की अगुवाई कमाडेंट एम.एल. गर्ग व पाकिस्तान की तरफ से कमांडर मोहम्मद सिद्दीक ने की। इस मौके पर पाक रेंजर्स का स्वागत किया गया।
पाक रेंजर्स व बीएसएफ अधिकारियों की मासिक बैठक शनिवार को मुनाबाव कांफ्रेंस हॉल में आयोजित हुई। जिसमें फ्लड लाइटें, पशुओं का आवागमन, सुरक्षा समेत तमाम मुद्दों पर सिलसिलेवार चर्चा की गई। पाक रेंजर्स ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सुझाव दिए। वहीं बीएसएफ अधिकारियों ने भी कई पहलुओं पर विचार विमर्श करते हुए अपनी बात रखी। दोनों मुल्क के अधिकारियों ने बॉर्डर पर सौहार्दपूर्ण माहौल पर मंत्रणा की। भारत की तरफ से बीएसएफ के कमांडेंट एम.एल. गर्ग के नेतृत्व में सैकंड कमाडेंट ए.के. तिवारी, डिप्टी कमांडेंट सुरेश कुमार, डिप्टी कमांडेंट आर.एस. प्रसाद, एन.एल. चौधरी मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि मासिक बैठक एक बार भारत में तो दूसरी बार पाक क्षेत्र में आयोजित होती है, जिसमें दोनों देशों के अधिकारी बॉर्डर से जुड़े मुद्दों पर विचार विमर्श करते हैं।