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शुक्रवार, 9 अगस्त 2013

खुलासा--कांग्रेस्सियों के एक गुट ने ही साले मोहम्मद की बढाती ताक़त को रोकने की कवायद की

जैसलमेर कांग्रेस की जिला गुटबाजी


खुलासा--कांग्रेस्सियों के एक गुट ने ही साले मोहम्मद की बढाती ताक़त को रोकने की कवायद की 

जैसलमेर पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने पोकरण विधायक साले मोहम्मद के पिता मुस्लिम धर्म गुरु और पीर पगारो के अनुयाई गाजी फ़क़ीर की हिस्त्रिशीत पुनः खोलने का दोष चाहे विपक्ष पार्टी या मिडिया पर मढे हकीकत यह हें की पोकरण विधायक के बढ़ाते प्रभाव को नेस्तानाबुन करने की कवायद जिले के कांग्रेस के एक गुट ने पांच माह पूर्व कवायद शुरू की। जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी पत्नी के साथ तनोट माता के दर्शन करने आये थे। इस यात्रा के दौरान ही कांग्रेस के एक गुट ने साले मोहम्मद और उनके समर्थको के बढ़ाते प्रभाव और सरकारी कार्यालयों में आंतक के किस्से मुख्यमंत्री के सामने रखे। जिसको मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया। साले मोहम्मद के चहेते ओफ़्फ़िसरो को जो लम्बे समय से जैसलमेर में को चलता किया। सबसे पहले पंचायत समिति जैसलमेर के विकास अधिकारी रमेश चन्द्र माथिर को चलता किया जो लम्बे समय से फ़क़ीर परिवार की मेहरबानी से टिके हुए थे। फिर बारी आई उप खंड अधिकारी रमेश चन्द्र जयनाथ की ,यु टी आई की अवेध रूप से करने के मामले में पहले से चर्चित हो चुके इस अधिकारी को चलता किया। नगर परिषद् के आयुक्त ,सहित लम्बी फेहरिस्त थी अधिकारियो की जीने जैसलमेर से हटाया गया नगर ओअरिशद के सहायक अभियंता सिब्घल को अचानक ऐ पी ओ किया गया ,हकीकत यह हें की जैसलमेर के कई कांग्रेसी नेताओ को आगे बढ़ने से फ़क़ीर परिवार रोक रहा था। गुटबाजी को पनाह देकर फ़क़ीर परिवार अपने चहेते कांग्रेस्सियो को आगे बढ़ा रहे थे जो दुसरे गुट को नागवार गुजर ,आगामी विधानसभा चुनावो में भी टिकट उसी को मिलाने की संभावनाए बलवती हो गई जिस पर इस परिवार का हाथ था। इस माहौल में विधायक साले मोहम्मद के पेट्रोल पम्प पर लपको के विरुद्ध की गई कार्यवाही ने आग में घी डालने का काम किया। बाद में क्या क्या हुआ जनता के सामने हें ,यह बात फ़क़ीर परिवार को भी पता हें की इस प्रकरण के पीछे कौन हें। बुधवार को फ़क़ीर के पुत्र जिला प्रमुख अब्दुल्लाह फ़क़ीर ने कांग्रेस की बैठक में साफ़ कहा की इस प्रक्रम में शामिल भाजपा और कांग्रेस के नेता शामिल हें उन्हें बेनकाब किया जाएगा ,हकीकत यह हें की पूरा मामला राजनितिक हें ,कांग्रेस फ़क़ीर परिवार के बोझ को अब सहन करने की बजे उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र पोकरण में ही सिमित करने का जोर भर रहा हें ,जैसलमेर विधानसभा में साले मोहम्मद की दखल अंदाजी कुछ कांग्रेसी नेताओ को पसंद नहीं थी। इसकी जानकारी जब मुख्यमंत्री को दी तो मुख्यमंत्री ने साले मोहम्मद के पर कतराने शुरू किये ,यह दिग्गज बात हें की अपने चहेते अधिकारियो के तबादले निरस्त करने के लिए साले मोहम्मद ने मुख्यंत्री कार्यालय तक चक्कर लगाये मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिली। खबर मिली हें की जिला परीशा में महानारेगा कार्यो में अब तक हुए समस्त टेंडरो की जांच उच्च स्तर पर होने को हें ,सूत्रों की माने तो अधिकांस टेंडर फ़क़ीर परिवार के रिश्तेदारों की फर्मो के पास हें। पंचायत समिति जैसलमेर और जिला परिषद् जैसलमेर की कई दुकानों पर इस परिवार के लोगो को अनियमित तरीके से आवंटित हें। जी;ला परिषद् और समिति के समस्त कार्यो के टेंडर भी इनकी फर्मो के पास बताये जा रहे हें ,इस आशय की शिकायते मुख्यमंत्री और राहुल गाँधी के पास पहुंची हें। 

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