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बुधवार, 2 अक्तूबर 2019

भारत-पाक सीमा पर है घन्टयाली माता का चमत्कारी मंदिर ,

भारत-पाक सीमा पर है घन्टयाली माता का चमत्कारी मंदिर ,


पश्चिमी राजस्थान मे थार के अतिम जिले जैसलमेर से करीब 115 कि.मी. दूर पाकिस्तानी सीमा से सटे तनोट क्षेत्र स्थित 'घन्टयाली माता' मदिर शक्तिस्थल के रूप मे आम श्रद्धालुओ के अलावा भारतीय सैनिको व अधिकारियो के आस्था स्थल के रूप मे प्रसिद्ध है। यहा पर दिनभर सैनिको एव फौज का आना-जाना लगा रहता है। इस मदिर परिसर मे सन् 1965 मे भारत-पाक युद्ध मे पाकिस्तान द्वारा गिराये 'बम' भी देवी के चरणो मे नतमस्तक होकर नही फटे। ये मंदिर परिसर  मे आज भी रखे हुए है। साथ ही साथ पाक सेना द्वारा इस क्षेत्र मे घुसकर मदिर स्थित अनेक मूर्तियो को खडित भी किया गया। वे भी मदिर मे रखी हुई है। 1965 की लड़ाई के दौरान घन्टयाली माता ने अपने पर्चे भी दिये जिससे सेना व आम नागरिक अभिभूत हो गये।

घन्टयाली माता के मदिर की देखरेख भी जवान ही करते है जो मदिर मे सुबह-शाम पूजा-अर्चना भी करते है। यह मदिर मातेश्वरी तनोट के दर्शन करने जाते समय 7 कि.मी. पहले रास्ते मे पड़ता है। घन्टयाली मा के दर्शन अत्यत ही शुभ माने जाते है।

घन्टयाली माता के मंदिर  के बारे मे यहा रोचक प्राचीन कथा सुनने को मिलती है। इस सदर्भ मे मदिर परिसर मे खडित मूर्तियो के ऊपर दीवार पर पूरी कथा श्रद्धालुओ को पढऩे को मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीनकाल मे कुछ अपराधी प्रवृत्ति के लोगो ने सीमावर्ती गावो के पास रहने वालो पर अत्याचार किये व इस दौरान एक परिवार के सभी सदस्यो को मौत के घाट उतार दिया गया। उस समय मात्र परिवार की एक गर्भवती महिला ही बची, जो अपने गाव को छोड़कर दूसरे स्थान पर चली गई। कुछ समय के बाद उसने एक पुत्र को जन्म दिया। बड़ा होने के बाद जब उसने अपने परिवार के बारे मे पूछा तो उसकी मा ने उसे सारी घटना से अवगत कराया। इस घटना को सुनकर उसने अपराधियो से बदला लेने की ठानी व एक दिन तलवार लेकर घन्टयाली गाव मे आया जहा एक छोटा-सा मदिर था। यहा उसने माता को बच्ची के रूप मे देखा। मा ने उसे अपने हाथो से जल पिलाकर उसकी प्यास बुझाकर आशीर्वाद दिया कि तुम्हारी मनोकामना पूर्ण होगी। तत्पश्चात उसने चरणो मे शीश झुकाकर अपनी इच्छा पूरी करने का उपाय पूछा। जगत जननी माता ने उसे कहा कि तुम केवल एक व्यक्ति को मारना, बाद मे सभी एक-दूसरे पर हमला कर मारे जाएगे। माता की बात सुनकर लड़के ने कहा कि यदि यह चमत्कार हो गया तो मै पुन: यहा आकर अपना शीश आपके चरणो मे चढ़ा दूगा। उसके बाद वह लड़का उसी गांव  मे पहुचा तो उसने देखा कि एक समुदाय की बारात आ रही है। उसने पीछे से एक बाराती को मार डाला। अचानक इस घटना से क्षुब्ध लोग आपस मे लड़ पड़े और देखते ही देखते सारे बाराती मारे गये और गांव  के अन्य लोग भी।

दूर से सब कुछ समाप्त हुआ देख वह पुन: घन्टयाली माता के मंदिर  के पास आया औरमाँ  को पुकारने लगा। काफी देर तक जब माता प्रकट न हुई तो वह तलवार से ज्यो ही अपना शीश काटने लगा तभी माँ  प्रकट हुई और उसका हाथ पकड़कर कहा- मै तो यही विराजमान हू और मै अपने भक्तो को दर्शन देकर आगे भी कृतार्थ करती रहूगी।

इस घटना के बाद दूर-दूर तक मा के चमत्कारी होने की बात फैल गई व दूरदराज से भी ग्रामीण दर्शनाभिलाषी पहुचने लगे। धीरे-धीरे मदिर को दूर-दूर तक फैले रेत के टिब्बो के मध्य भव्य रूप प्रदान किया गया। फिर तो भारत-पाक सीमा पर तैनात सेना के जवानो और अधिकारियो ने मदिर मे नित्य पूजा-अर्चना करनी शुरू कर दी जो आज भी जारी है।
घन्टयाली माता के अद्भुत चमत्कार युद्ध मे भी दिखाई दिये जिससे सभी मे इतनी आस्था प्रबल हो उठी कि आज जैसलमेर आने वाले हजारो पर्यटक चाहे वे विदेशी हो या भारतीय, घन्टयाली माता व तनोट राय के दर्शन किये बगैर नही लौटते है। मदिर मे तैनात फौज के जवान पूरी निष्ठा व नि:स्वार्थ भाव से आने वाले भक्तो की सेवा मे कोई कमी नही रखते। घन्टयाली माता के मंदिर  मे सभी तरह की सुविधाए भी मुहैया करवाई गई है जिससे श्रद्धालुओ को कोई परेशानी नही होती।

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

जैसलमेर, पाकिस्तानी लोकल सिम के उपयोग एवं ,भारत-पाक सीमा से लगती पांच कि0मी0 में विचरण पर प्रतिबंध

जैसलमेर,भारत-पाक सीमा से लगती  पांच कि0मी0 में विचरण पर प्रतिबंध

जैसलमेर, 30 अगस्त। जिले से लगने वाली भारत-पाक सीमा पर तस्करी ,घुसपैठियों तथा असामाजिक तत्वों के अवैध प्रवेश एवं अन्य अवांछनीय गतिविधियों की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए एवं जिले में रहने वाले निवासियों के जन-जीवन एवं लोकशांति के विक्षब्ुद्ध होने की अंदेशा को देखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªेट नमित मेहता ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में भारत-पाक सीमा के पास लगती हुई पांच किलोमीटर में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में विगत 28 अगस्त 2019 से आगामी 27 अक्टूबर, 2019 तक की अवधि के लिए प्रवेश एवं विचरण के लिये सायं 6ः00 बजेः से प्रातः 7ः00 बजेः तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना प्रतिबंध रहेगा।     

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट मेहता द्वारा जारी किये गये आदेश के अनुसार जैसलमेर एवं पोकरण तहसील के ग्राम किशनगढ़, तनोट, साधेवाला, घोटारू, लौंगेवाला, गणेशिया, लंगतला, रतड़ाऊ, लीलोई, कारटा, खारीया, शेखर, कोठ, जामराऊ, खुईयाला उर्फ खुडजनवाली, जाजीया, खारा, मंूंगर, सोम, रोहिड़ेावाला, लौहार, आसूदा, धौरोई, बिछड़ा, मीठड़ाऊ, किरड़वाली, जीयाऊ, केरला, बगनाऊ, बसना, बिरयारी, मीठीखुई, भुग, मूरार, धनाना, लूणार, पोछीना, करड़ा, गोधूवाला, अकनवाली, दातावानी, झालरिया, नीचूवाली, बुईली(सरकारी), बाहला, भारेवाला, दादुड़ावाला, मोहरोवाला, मालासर, म्याजलार, रायचन्दवाला तथा कुरीया बैरी सम्मिलित है। जहां सायं 6ः00 बजेः से प्रातः 7ः00 बजेः तक आगामी 27 अक्टूबर, 2019 तक की अवधि में बिना वैद्य अनुमति-पत्र (जो परमावश्यक कार्य हेतु समीप स्थित सीमा सुरक्षा बल चैकी से प्राप्त किया जा सकता है) के इस क्षेत्रा में जाने के लिए तथा अन्य गतिविधियों के लिये पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

आदेश के अनुसार जिले में भारत-पाक सीमा के पास लगती हुई 5 कि0मी0 क्षेत्र की सीमा में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में प्रवेश तथा विचरण करने वाले समस्त व्यक्तियों को सख्त चेतावनी एवं आदेशित किया जाता है कि वे इस प्रतिबंधित क्षेत्र में सायं 6ः00 बजेः से प्रातः 7ः00 बजेः तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना गमनागमन एवं विचरण नहीं कर सकेगें। इस आदेश के प्रभावशील होने पर उक्त क्षेत्र मंें कोई भी सक्षम अधिकारी इस आदेश की पालना हेतु कार्यवाही कर सकेगा तथा आदेश का उल्लघंन करने पर कार्यवाही की जाएगी। यह आदेष आगामी दो माह तक अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।


मतदाता सूचियों के विषेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर

बीएलओ, सुपरवाईजर तथा काॅमन सेन्टर के संचालको का प्रषिक्षण आज

 जैसलमेर, 30 अगस्त। जिले में मतदाता सूचियों के विषेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (अर्हता दिनांक 01.01.2020) कार्यक्रम दिनांक 01 सितम्बर 2019 को प्रारम्भ होने वाले ‘‘ मतदाता सत्यापन कार्य ‘‘ के संबंध मंे विधानसभा क्षैत्र जैसलमेर (132) के अन्तर्गत आने वाले सभी बूथ लेवल अधिकारियों, सुपरवाईजर एवं काॅमन सर्विस सेन्टर के संचालको का प्रथम पारी शनिवार, 31 अगस्त को प्रातः 10 बजे एवं द्वितीय पारी 12 बजे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित डी.आर.डी.ए. सभागार में प्रषिक्षण कार्यक्रम रखा गया है।


निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी(एस.डी.एम) जैसलमेर अजय ने एक आदेष जारी कर बताया कि जारी किए गए प्रषिक्षण कार्यक्रम अनुसार भाग संख्या 01 से 192 तक बीएलओ, सुपरवाईजर तथा जैसलमेर तहसील क्षैत्र मे आने वाले काॅमन सर्विस सेन्टर के समस्त संचालकों और इसी प्रकार भाग संख्या 193 से 358 तक के बीएलओ, सुपरवाईजर तथा फतेहगढ तहसील क्षैत्र मे आने वाले काॅमन सर्विस सेन्टर के समस्त संचालकों को प्रषिक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।

आदेषानुसार विधानसभा क्षैत्र जैसलमेर (132) के समस्त बीएलओ, सुपरवाईजर तथा काॅमन सर्विस सेन्टर के संचालकों को निर्देषित किया गया है कि वे नियत दिवस तिथि को यथा समय पर प्रषिक्षण प्राप्त करने हेतु आवष्यक रूप से उपस्थित होना सुनिष्चित करावें। इसमें किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही अथवा कोताही व षिथिलता को कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा। यह प्रषिक्षण नियुक्त किए गए पांच दक्ष प्रषिक्षणको द्वारा प्रदान किया जावेगा।


पाकिस्तानी लोकल सिम के उपयोग पर प्रतिबंध 

जैसलमेर, 30 अगस्त। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट नमित मेहता ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक आदेष जारी कर जैसलमेर जिले में लगने वाली पाकिस्तानी इलाके में लगे मोबाईल टावरों का नेटवर्क भारतीय सीमा के अंदर 3-4 किलोमीटर तक आने के कारण जिसमें पाकिस्तानी लोकल सिम से पाकिस्तानी नेटवर्क के जरिए आसानी से सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने इसके फलस्वरुप राष्ट्रीय सुरक्षा पर आंषकित खतरे को दृष्टिगत रखते हुए पाकिस्तानी लोकल सिम के उपयोग करने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है।

जिला मजिस्टेªट मेहता द्वारा जारी किए गए आदेषानुसार सीमावर्ती जैसलमेर जिले में किसी भी क्षेत्र जहाॅं से कि पाकिस्तानी लोकल सिम से पाकिस्तानी नेटवर्क जरिए सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है, में कोई भी व्यक्ति पाकिस्तानी लोकल सिम का उपयोग नहीं कर सकेगा और न ही किसी को इसके उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। इस आदेष का उल्लधन करने पर दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ विधि के प्रावधानों के अनुसार आवष्यक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह आदेष आगामी दो माह की अवधि के लिए प्रभावषील रहेगा।



--अंतर्राष्ट्रीय फोन काॅल्स का करना होगा  इन्द्राज

जैसलमेर, 30 अगस्त। जिले में अपराधिक एवं अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लगाने एवं दूर संचार के माध्यम से गोपनीय सूचनाएं पे्रषित करने से रोकने के लिए जिले की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित क्षेत्रों के टेलीफोन बूथो पर की जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय फोन काॅल्स का इन्द्राज करना आवष्यक होगा। इस संबंध में कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट नमित मेहता ने दण्ड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियांे का प्रयोग करते हुए जिले की सीमा में स्थित पीसीओ/एसटीडी, ई - मेल/ इंटरनेट के मालिको, एजेन्टो द्वारा अपने बूथ से किसी व्यक्ति को अंतर्राष्ट्रीय काॅल्स एवं सूचना का संहवन तब तक नहीं कराएंगे जब तक वे निर्धारित प्रपत्र मंे सूचना प्राप्त नहीं करंेगे यह आदेष जारी किये।



       जिला मजिस्टेªट मेहता के जारी अनुसार टेलीफोन बूथ धारक इस सबंध में एक रजिस्टर संधारण कर उसमें दिनांक, वार्ता/संदेष करने वाला का पता, आईएसडी कोड नम्बर, टेलीफोन नम्बर जिस पर वार्ता की जानी है, व्यक्ति का नाम जिससे वार्ता की जानी है, वार्ता/ संदेष का समय अंकित करेंगे। वे प्रति सोमवार को इसकी सूचना निर्धारित प्रपत्र में अपने क्षेत्र के उपखंड मजिस्टेªट एवं थानाधिकारी पुलिस स्टेषन को देंगे। इसके साथ ही किसी भी संदिग्ध व्यक्ति द्वारा टेलीफोन, ई - मेेल, इंटरनेट से संदेष संवहन करने पर इसकी सूचना तत्काल निकटतम पुलिस थानाधिकारी या पुलिस अधीक्षक जैसलमेर को देंगे। बूथ धारकों द्वारा संधारित रजिस्टर की समय - समय पर उपखंड अधिकारी , तहसीलदार एंव पुलिस अधिकारी द्वारा जांच की जायेगी। इन आदेषो की अवहेलना करने पर सबंधित व्यक्ति के विरोध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड भुगतना पड सकता हैं। कि यह आदेष आगामी दो माह की अवधि के लिए प्रभावषील रहेगा।



जिला कलक्टर ने ग्राम पंचायतों एवं पंचायत समितियों के पुनर्गठन के संबंध में प्राप्त आपत्तियों की सुनवाई की

जैसलमेर, 30 अगस्त। जिला कलक्टर नमित मेहता ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पंचायत समिति सम एवं जैसलमेर क्षैत्र के पंचायत समितियों एवं ग्राम पंचायतों के पुर्नगठन/पुनसींमाकन/नव सृजन के प्राप्त प्रस्तावों पर प्राप्त आपत्तियों के संबंध में आपत्तिकर्ताओं की विस्तार से सुनवाई कार्यक्रम के दौरान सुनवाई की एवं उनके द्वारा प्रस्तुत आपत्ति को धैर्य के साथ सुना।

आपत्तियांे की सुनवाई के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित सुनवाई कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर भागीरथ विष्नोई, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाष, पंचायत समिति जैसलमेर की सुनवाई के दौरान उपखण्ड अधिकारी जैसलमेर अजय, तहसीलदार ताराचन्द वैंकट, विकास अधिकारी हीरालाल कलवी, डीओआईटी के मनोज विष्नोई, पंचायत समिति सम क्षेत्र की सुनवाई के दौरान उपखण्ड अधिकारी फतेहगढ विकास राजपुरोहित, तहसीलदार तुलछाराम विष्नोई, विकास अधिकारी सम सुखराम विष्नोई के साथ ही दोनो समिति क्षेंत्रों के आपत्तिकर्ता उपस्थित रहें।

सांकडा समिति की सुनवाई आज

जिला कलक्टर नमित मेहता 31 अगस्त, शनिवार को दोपहर 2 बजे से अपरान्ह् 5 बजे तक पंचायत समिति सांकडा मुख्यालय पोकरण के सभागार में पंचायत समिति सांकडा क्षेत्र से संबंधित पंचायत समितियों/ग्राम पंचायतों के पुर्नगठन/पुनसींमाकन/नव सृजन के संबंध में प्राप्त आपत्तियों पर जनसुनवाई करेंगे। संबंधित आपत्तिकर्ता/ग्रामवासी उपस्थित होकर अपना ़पक्ष रख सकते है।

सोमवार, 1 जुलाई 2019

जैसलमेर,भारत-पाक सीमा से लगती पांच कि0मी0 में विचरण पर प्रतिबंध

जैसलमेर,भारत-पाक सीमा से लगती  पांच कि0मी0 में विचरण पर प्रतिबंध

जैसलमेर, 01 जुलाई। जिले से लगने वाली भारत-पाक सीमा पर तस्करी ,घुसपैठियों तथा असामाजिक तत्वों के अवैध प्रवेश एवं अन्य अवांछनीय गतिविधियों की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए एवं जिले में रहने वाले निवासियों के जन-जीवन एवं लोकशांति के विक्षब्ुद्ध होने की अंदेशा को देखते हुए जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªेट नमित मेहता ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिले में भारत-पाक सीमा के पास लगती हुई पांच किलोमीटर में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में विगत 28 जून 2019 से आगामी 27 अगस्त, 2019 तक की अवधि के लिए प्रवेश एवं विचरण के लिये सायं 6ः00 बजेः से प्रातः 7ः00 बजेः तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना प्रतिबंध रहेगा।     

जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट मेहता द्वारा जारी किये गये आदेश के अनुसार जैसलमेर एवं पोकरण तहसील के ग्राम किशनगढ़ ,तनोट ,साधेवाला ,घोटारू ,लौंगेवाला ,गणेशिया ,लंगतला ,रतड़ाऊ ,लीलोई ,कारटा ,खारीया , शेखर ,कोठ ,जामराऊ ,खुईयाला उर्फ खुडजनवाली ,जाजीया ,खारा ,मंूंगर ,सोम ,रोहिड़ेावाला ,लौहार ,आसूदा ,धौरोई ,बिछड़ा ,मीठड़ाऊ ,किरड़वाली ,जीयाऊ ,केरला ,बगनाऊ , बसना , बिरयारी ,मीठीखुई ,भुग ,मूरार ,धनाना ,लूणार, पोछीना ,करड़ा ,गोधूवाला ,अकनवाली ,दातावानी ,झालरिया ,नीचूवाली ,बुईली (सरकारी) ,बाहला ,भारेवाला ,दादुड़ावाला ,मोहरोवाला ,मालासर ,म्याजलार ,रायचन्दवाला तथा कुरीया बैरी सम्मिलित है। जहां सायं 6ः00 बजेः से प्रातः 7ः00 बजेः तक आगामी 27 अगस्त, 2019 तक की अवधि में बिना वैद्य अनुमति-पत्र (जो परमावश्यक कार्य हेतु समीप स्थित सीमा सुरक्षा बल चैकी से प्राप्त किया जा सकता है) के इस क्षेत्रा में जाने के लिए तथा अन्य गतिविधियों के लिये पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

आदेश के अनुसार जिले में भारत-पाक सीमा के पास लगती हुई 5 कि0मी0 क्षेत्र की सीमा में रहने वाले निवासियों एवं उस क्षेत्र में प्रवेश तथा विचरण करने वाले समस्त व्यक्तियों को सख्त चेतावनी एवं आदेशित किया जाता है कि वे इस प्रतिबंधित क्षेत्र में सायं 6ः00 बजेः से प्रातः 7ः00 बजेः तक सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना गमनागमन एवं विचरण नहीं कर सकेगें। इस आदेश के प्रभावशील होने पर उक्त क्षेत्र मंें कोई भी सक्षम अधिकारी इस आदेश की पालना हेतु कार्यवाही कर सकेगा तथा आदेश का उल्लघंन करने पर कार्यवाही की जाएगी। यह आदेष आगामी दो माह तक अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।


पाकिस्तानी लोकल सिम के उपयोग पर प्रतिबंध  

जैसलमेर, 01 जुलाई। जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट नमित मेहता ने दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक आदेष जारी कर जैसलमेर जिले में लगने वाली पाकिस्तानी इलाके में लगे मोबाईल टावरों का नेटवर्क भारतीय सीमा के अंदर 3-4 किलोमीटर तक आने के कारण जिसमें पाकिस्तानी लोकल सिम से पाकिस्तानी नेटवर्क के जरिए आसानी से सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने इसके फलस्वरुप राष्ट्रीय सुरक्षा पर आंषकित खतरे को दृष्टिगत रखते हुए पाकिस्तानी लोकल सिम के उपयोग करने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया है। जिला मजिस्टेªट मेहता द्वारा जारी किए गए आदेषानुसार सीमावर्ती जैसलमेर जिले में किसी भी क्षेत्र जहाॅं से कि पाकिस्तानी लोकल सिम से पाकिस्तानी नेटवर्क जरिए सम्पर्क स्थापित किया जा सकता है, में कोई भी व्यक्ति पाकिस्तानी लोकल सिम का उपयोग नहीं कर सकेगा और न ही किसी को इसके उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी। इस आदेष का उल्लधन करने पर दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ विधि के प्रावधानों के अनुसार आवष्यक कार्यवाही अमल में लायी जाएगी। उल्लेखनीय है कि यह आदेष आगामी दो माह की अवधि के लिए प्रभावषील रहेगा।


अंतर्राष्ट्रीय फोन काॅल्सका करना होगा इन्द्राज

जैसलमेर, 01 जुलाई/जिले में अपराधिक एवं अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लगाने एवं दूर संचार के माध्यम से गोपनीय सूचनाएं पे्रषित करने से रोकने के लिए जिले की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के समीप स्थित क्षेत्रों के टेलीफोन बूथो पर की जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय फोन काॅल्स का इन्द्राज करना आवष्यक होगा। इस संबंध में कलक्टर एवं जिला मजिस्टेªट नमित मेहता ने दण्ड प्रक्रिया की धारा 144 के तहत प्रदत शक्तियांे का प्रयोग करते हुए जिले की सीमा में स्थित पीसीओ/एसटीडी, ई - मेल/ इंटरनेट के मालिको, एजेन्टो द्वारा अपने बूथ से किसी व्यक्ति को अंतर्राष्ट्रीय काॅल्स एवं सूचना का संहवन तब तक नहीं कराएंगे जब तक वे निर्धारित प्रपत्र मंे सूचना प्राप्त नहीं करंेगे यह आदेष जारी किये। जिला मजिस्टेªट के जारी अनुसार टेलीफोन बूथ धारक इस सबंध में एक रजिस्टर संधारण कर उसमें दिनांक, वार्ता/संदेष करने वाला का पता, आईएसडी कोड नम्बर, टेलीफोन नम्बर जिस पर वार्ता की जानी है, व्यक्ति का नाम जिससे वार्ता की जानी है, वार्ता/ संदेष का समय अंकित करेंगे। वे प्रति सोमवार को इसकी सूचना निर्धारित प्रपत्र में अपने क्षेत्र के उपखंड मजिस्टेªट एवं थानाधिकारी पुलिस स्टेषन को देंगे। इसके साथ ही किसी भी संदिग्ध व्यक्ति द्वारा टेलीफोन, ई - मेेल, इंटरनेट से संदेष संवहन करने पर इसकी सूचना तत्काल निकटतम पुलिस थानाधिकारी या पुलिस अधीक्षक जैसलमेर को देंगे। बूथ धारकों द्वारा संधारित रजिस्टर की समय - समय पर उपखंड अधिकारी , तहसीलदार एंव पुलिस अधिकारी द्वारा जांच की जायेगी। इन आदेषो की अवहेलना करने पर सबंधित व्यक्ति के विरोध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंड भुगतना पड सकता हैं। कि यह आदेष आगामी दो माह की अवधि के लिए प्रभावषील रहेगा।

रविवार, 26 मई 2019

*जैसलमेर रेतीले धोरे में दबे पुरानी बी एस एफ पोस्ट में कंप्यूटर ट्रेनिंग एंड रिकरूपमेंट केंद्र खोल सरहदी छात्रों को दिया तोहफा*

*जैसलमेर रेतीले धोरे में दबे पुरानी बी एस एफ पोस्ट में कंप्यूटर ट्रेनिंग एंड रिकरूपमेंट केंद्र खोल सरहदी छात्रों को दिया तोहफा*

*देश मे सरहद एरिया में बी एस एफ द्वारा स्थापित पहला कंप्यूटर सेंटर*

*जेसलमेर गर हो हौसला बुलंद तो पहाड़ों से भी रास्ते निकाले जा सकते है।मगर रेगिस्तानी धोरों में कभी भारत पाक युद्ध की  साक्षी बनी सीमा सुरक्षा बल के रेगिस्तान में दबी पुरानी पोस्ट आधुनिक कंप्यूटर लेब में तब्दील हो जाये तो यह दुनिया का नोवा आश्चर्य है।इस आश्चर्य को स्थापित करने में सीमा सुरक्षा बल की 56 bn बटालियन ने कड़ी मशक्कत के बाद मूर्तरूप देकर शनिवार को सरहदी पोछिना गांव के ग्रामीणों को सुपुर्द की ताकि गांव के बच्चे को कंप्यूटर सीखने शहर न जाना पड़े।अब सरहदी छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा उनके अपने गांव में मिलेगी।।इस ख्वाब को हकीकत में बदला बटालियन के कमांडेंट एस एस मांड ने।।शनिवार को इस लेब का उद्घाटन सेकड़ो ग्रामीणों और जन प्रतिनिधियों की उपस्थिति में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक राजेश कुमार ने किया।।

जिस स्थान पर सुनिल दत्त के क्लासिक फ़िल्म रेशमा और शेरा फिल्माई यह वही स्थान है।जजेसलमेर जिले का रेगिस्तानी गांव पोछिना। लम्बे समय से सीमा सुरक्षा बल के कमांडेंट एस एस मंद  स्टेट ऑफ आर्ट के तहत ग्रामीणों की मांग पर गांव में कंप्यूटर ट्रेनिंग और रिकरूपमेंट सेंटर स्थापित करने की योजना पर विचार कर रहे थे।इसी कड़ी में उन्होंने भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की गवाह बनी पुरानी पोस्ट (बंकर) जो रेगिस्तानी धोरों में दब चुकी थी।इसे ऐतिहासि रूप देने के लिए पोस्ट के ऊपर  आये रेगिस्तानी टीले को हटाने का कार्य शुरू किया करीब दस माह का समय इसमे लग गया।।आसपास के टीलों को भी हटाकर इस सेंटर का पुननिर्माण करवाया।।पोस्ट के आसपास रेत के टीलों को हटाकर इसे खेल मैदान के रूप में तब्दील कर दिया।।भारत वर्ष में सीमा सुरक्षा बल का सरहदी क्षेत्र में छात्रों के लिए यह पहला कंप्यूटर ट्रेनिंग और रिकरूपमेंट सेंटर है।।सीमा सुरक्षा बल के सामाजिक सरोकार को सरहदी ग्रामीणों ने जमकर सराहा।इस नवाचार से करीब पन्द्रह सौ की आबादी वाले इस गांव के छात्र छात्राएं लाभान्वित होंगे।अब उन्हें कम्प्यूटर शिक्षा के लिए शहर तक का सफर नहीं करना पड़ेगा।शनिवार को भव्य समारोह में सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक राजेश कुमार ने सेकड़ो ग्रामीणों,जन प्रतिनिधियों और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो और जवानों की उपस्थिति में लोगो को समर्पित किया। इस सेंटर की खूबसूरती में दो साइड में आये रेगिस्तानी टीले चार चांद लगा रहे।।

सोमवार, 23 मई 2016

foto पश्चिमी सरहद से चन्दन सिंह भाटी भीषण गर्मी में भी देश सुरक्षा के इरादे अटल ,आर ओ ठीक नहीं कई जगह






पश्चिमी सरहद से चन्दन सिंह भाटी भीषण गर्मी में भी देश सुरक्षा के इरादे अटल ,आर ओ ठीक नहीं कई जगह

पश्चिमी सरहद से चन्दन सिंह भाटी


पश्चिमी राजस्थान में इन दिनों शरीर को सुखा देने वाली गर्मी पड़ रही है। दिन चढ़ने के साथ-साथ तेजी से तापमान बढ़ता जाता है और दोपहर तक 55 डिग्री को छू जाता है। ऐसी भीषण गर्मी में भी सेना के जवान देश की रक्षा के लिए रेगिस्तान में बॉर्डर के किनारे खड़े हैं।कुछ पोस्टो पर आर ओ प्लांट खराब होने के कारण जवानों को पानी की समस्या से रूबरू होना पड़ रहा हैं


रेगिस्तान में गर्मी कहर बरपा रही है। राजस्थान के कई ज़िले जैसे बाड़मेर, जैसलमेर,भयंकर गर्मी की चपेट में है। यहां दिन में तापमान 55 डिग्री तक पहुंच जाता है। ऐसे गर्मी में भी जवान देश की सुरक्षा के लिए पहरा दे रहे हैं। भारत-पाक सीमा पर मुनाबाव ,गडरा ,तामलोर ,अमियनी ,मिठडाऊ ,स्वरूप का तल्ला ,देवा ,केलनोर ,नवा तल ,बाखासर ,बी के डी सहित जैसलमेर तनोट और शाहगढ़ इलाकों में गर्मी से हर रोज़ बीएसएफ के जवान जूझ रहे हैं।दो बोतल पनि के सहारे छ छ घंटे की अपनी ड्यूटी के दौरान गर्मी की परवाह किये बिना सजग रहते ,हैं ,

कई चौकियों पर आर ओ प्लांट खराब पड़े

  सीमा सुरक्षा बल की अधिकांश चौकियों पर मीठे पानी की व्यवस्था के लिए आर ओ प्लांट लगे हैं ,यह प्लांट जवानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं ,सरहद की कई पोस्टो पर आर ओ प्लांट खराब पड़े हैं ,सौ से डेढ़ सौ मीटर ऊँचे धोरो पर स्थापित सीमा चौकियों पर पानी की अनुपब्लद्ध्ता चिंता का विषय हैं ,कई स्थानों पर आर ओ ठीक कराने वित्तीय स्वीकृति मांग गयी हैं जो नहीं मिलने के कारण जवानों को भीषण गर्मी में पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं ,इन्हे फ्लोराइड और नाइट्रेट युक्त पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा हैं।


ऐसे करते हैं गर्मी से बचाव
जवान यहां गर्मी से बचने के लिए सिर पर टोपी और कॉटन का कपड़ा बांधकर रखते हैं। ऊंटों पर बैठकर रेगिस्तान में गश्त करते हैं। आंखों पर काला चश्मी लू से बचाता है। पानी की बोतल पर बोरे में लपेट कर रखते हैं, ताकि पानी ठंडा रहे। ड्टूटी पर तैनात होने से पहले ग्लूकोज रूह अफजा और शिकंजी पीकर जाते हैं और साथ भी ले जाते हैं। प्रत्य्रेक जवां पांच लीटर पानी अपने साथ रख रहा हैं ,

नमक युक्त मिटटी से परेशानी जवानों को

जिले की पाकिस्तान और गुजरात के रण कच्छ समुद्र से लगती सीमा स्थित सीमा सुरक्षा बल की अग्रिम पोस्टो पर तैनात जवां आंधियो के इस दौर में गुजरात पाकिस्तान की और से आने वाली नमक युक्त मिटटी से सर्वाधिक परेशां हैं ,दिन भर तेज गर्म हवाओं के साथ नमक युक्त मिटटी जवानों के शहर को पस्त कर देती हैं ,इसके बावजूद सरहद का सैनिक देश सुरक्षा के प्रति निष्ठावान होकर ड्यूटी कर रहे हैं ,


सहायक उप समादेष्टा जितेन्द्र सिंह बिष्ट ने बताया की गर्मी की अधिकता में जवानों की सेहत का पूरा ख्याल रख जा रहा हैं ,जवानों को समय समय पर निम्बू पानी ,ग्लूकोन डी ,रूहअफजा ,और आर ओ का ठंडा पानी उपलब्ध कराया जा रहा हैं व्ही धुप से बचने के उपकरण भी उपलब्ध कराये गए हैं ,

शुक्रवार, 7 मार्च 2014

"बार्डर" पर बहादुरी की नई इबारत

श्रीगंगानगर। इसे पुरूष प्रधान क्षेत्र में घुसपैठ भी कह सकते हैं। या फिर यूं कहे कि पुरूष को "शक्ति स्वरूपा" खुद सुरक्षा के लिए आगे आ गई है। भारत-पाक सीमा पर श्रीगंगानगर सेक्टर की करीब 80 किलोमीटर लम्बी बॉर्डर लाइन पर बीएसएफ की 35 महिला सिपाही और अधिकारी कुछ ऎसा ही अहसास कराती हैं।
हर खतरे और प्रकृति की विषम परिस्थतियों का मुकाबला करते हुए ये सीमा पर देश की सुरक्षा में मस्तैदी से खड़ी है। पेट्रोलिंग के दौरान कई ऎसे मौके भी आए जब बॉर्डर पर घुसपैठ की कोशिश को इन महिला जवानों ने विफल कर दिया।

कंधे पर राइफल और कदमों में विश्वास
इनके न तो कंधे राइफल के बोझ से झुकते हैं और ना ही कदम लड़खड़ाते हैं। भारतीय नारी के लिए आम धारणा के विपरीत ये सिपाही शक्ति और साहस का अद्भुत संगम नजर आती है।

गुरूवार सुबह हिन्दुमलकोट सीमा चौकी पर बीएसएफ की उपनिरीक्षक का इशारा मिलते ही महिला सिपाहियों की टोली पेट्रोलिंग के लिए सीमा की तरफ बढ़ जाती है।

चौकस निगाहें और विश्वास के साथ बढ़ते कदम इनके हौसले की कहानी कहते है। महिला अधिकारी कहती है डेढ़ साल से यहां तैनात हैं। लोग सुरक्षित है। यही बात हौसला बढ़ाती है।

मां, बेटी और बहू
बॉर्डर पर तैनात महिला जांबाजों में जयपुर, अलवर, नागौर, झुंझुनूं के साथ गुजरात निवासी भी है। इनमें दो बच्चों की मां, अविवाहिता और पति के देहांत के बाद बीएसएफ की नौकरी ज्वाइन करने वाली एक युवती भी शामिल है।

महिला जांबाजों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में यह बड़ा बदलाव आया है कि जोखिम और पुरूष आधिपत्य वाले क्षेत्र में महिलाओं के आने में समाज उन्हें प्रोत्साहित कर रहा है।

भाई से मिली प्रेरणा
झुंझुनूं निवासी सिपाही ने बताया कि उसका भाई बीएसएफ में नौकरी करता है। उसके वर्दी की नौकरी के प्रति जुनून ने उसे भी बीएसएफ में आने की प्रेरणा दी।

अलवर की युवती का पति तो बीएसएफ में ही नौकरी करता था। उसके सड़क हादसे में मौत के बाद अब वह सीमा पर डटी हैं। दोनों बच्चे नाना-नानी के पास है। -