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रविवार, 26 जनवरी 2020

गणतंत्र दिवस जैसलमेर में समारोहपूर्वक मनाया गया, अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया

गणतंत्र दिवस जैसलमेर में समारोहपूर्वक मनाया गया,

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया



जैसलमेर, 26 जनवरी/गणतंत्र दिवस जैसलमेर जिले भर में समारोहपूर्वक मनाया गया। जैसलमेर जिला मुख्यालय पर शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में आयोजित जिलास्तरीय समारोह में अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने ध्वजारोहण  किया।

मुख्य अतिथि शाले मोहम्मद ने परेड निरीक्षण किया और मार्च पास्ट की सलामी ली और प्रतिभाओं को सम्मानित किया। राज्यपाल का संदेश वाचन अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. विश्नोई ने किया।

अपने उद्बोधन में केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने गणतांत्रिक परंपराओं को सुदृढ़ बनाने में समर्पित भागीदारी का आह्वान करते हुए प्रदेश एवं जैसलमेर जिले के समग्र विकास की उपलब्धियों एवं कार्यों पर जानकारी दी।

समारोह में जिलाप्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, सभापति हरिवल्लभ कल्ला, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग,  उप वन संरक्षक कपिल चन्द्रावत, नगर विकास न्यास सचिव अनुराग भार्गव, मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश मेहरा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश बैरवा, उपखण्ड अधिकारी दिनेश विश्नोई, उप निवेशन उपायुक्त देवाराम सुथार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खां, समाजसेवी गोविन्द भार्गव,  पूर्व विधायक छोटू सिंह भाटी, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सत्येन्द्र कुमार व्यास सहित जन प्रतिनिधिगण, अधिकारीगण, शिक्षक-शिक्षिकाएं, छात्र-छात्राएं, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। समारोह का संचालन हरिवल्लभ बोहरा, विजय कुमार बल्लाणी एवं आरती मिश्रा ने किया।

46 प्रतिभाओं का सम्मान

मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने जिले में विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सेवाओं एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए जिला प्रशासन द्वारा चयनित 46 प्रतिभाओं को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।

पद्मश्री के लिए चयनित लोक कलाकार अनवर खाँ बईया का सम्मान

केबिनेट मंत्री ने पद्मश्री के लिए चयनित जाने-माने लोक कलाकार अनवर खां बईया को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया और पद्मश्री के लिए बधाई दी।

गौशाला सहित 6 आशा सहयोगिनियों को दिया गया पुरस्कार

समारोह में पशुपालन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए श्री चैन पब्लिक गौशाला, पोकरण को 11 हजार रुपए के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इसी प्रकार राज्य सरकार के विशेष निर्देशों के अनुसार  क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय रही शहरी आशा सहयोगिनी श्रीमती सुनीता गर्ग, श्रीमती चम्पा गर्ग एवं कविता सोनी को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए क्रमशः 5 हजार, 3 हजार एवं 2 हजार रुपए की पुरस्कार राशि का चैक प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इसी प्रकार क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय रही ग्रामीण आशा सहयोगिनी श्रीमती विजयलक्ष्मी, श्रीमती चन्दू एवं श्रीमती कमला कंवर को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए क्रमशः 5 हजार, 3 हजार एवं 2 हजार रुपए की पुरस्कार राशि का चैक प्रदान कर सम्मानित किया गया।

व्यायाम और पिरामिड प्रदर्शन ने पाई सराहना

इस दौरान सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन हुआ। शहर के 20 विद्यालयों के लगभग एक हजार विद्यार्थियों ने किया। स्काउट्स-गाइड्स समूहों ने पिरामिड्स निर्माण की साहसिक प्रस्तुति देकर मंत्र मुग्ध कर दिया।

साँस्कृतिक कार्यक्रमों ने मन मोहा

समारोह में सेंट पॉल स्कूल, करणी बाल मन्दिर, एमानुअल मिशन स्कूल, स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालय एवं किशनी देवी मगनीराम मोहता राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने देशभक्ति और लोक साँस्कृतिक परंपराओं की झलक दिखाने वाला साँस्कृतिक समूह नृत्य प्रस्तुत कर मन मोह लिया।

झाँकियाँ रही आकर्षण का केन्द्र

समारोह में विभिन्न विभागों और संस्थाओं की झांकियों ने खासा आकर्षण जगाया। कुल 21 झांकियों ने विकास, लोक चेतना, विभागीय गतिविधियों, मतदाता जागरुकता, योजनाओं, खेल, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं स्थानीय सरोकारों का दिग्दर्शन कराया।

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जैसलमेर - शहीद राजेन्द्रसिंह के परिवार को 45 लाख की सहायता राशि प्रदान,

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने किया चैक भेंट

जैसलमेर, 26 जनवरी/ मुख्यमंत्री सहायता कोष से जैसलमेर जिले के शहीद राजेन्द्रसिंह के परिवार को 45 लाख रुपए की धनराशि प्रदान की गई। जिलास्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने शहीद राजेन्द्रसिंह के भाई गोविन्द सिंह को शॉल ओढ़ायी तथा शहीद की पत्नी श्रीमती जमना कंवर के नाम देय 45 लाख रुपए धनराशि का चैक प्रदान किया।

उल्लेखनीय है कि जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ निवासी वीर सपूत राजेन्द्र सिंह नायक आतंकवादियाें के सर्च ऑपरेशन के दौरान जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे। राजस्थान सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष में शहीद पैकेज के अन्तर्गत यह सहायता राशि प्रदान की गई है।

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गणतंत्र दिवस समारोह विदेशी पर्यटकों के लिए रहा आकर्षण का केन्द्र

जैसलमेर, 26 जनवरी/ जैसलमेर के शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में गणतंत्र दिवस का जिलास्तरीय समारोह विदेशी पर्यटकों को लुभाता रहा। दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए विदेशी पर्यटकों ने समारोह में पूरे समय बैठकर सभी कार्यक्रमों का आनंद लिया। कई विदेशी पर्यटकों ने सभी कार्यक्रमों की जमकर फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी की और रंगारंग कार्यक्रमों की झलक को अपने कैमरों में कैद किया।

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शनिवार, 25 जनवरी 2014

66 वां गणतंत्र दिवस समारोह

>66 वां गणतंत्र दिवस समारोह

हमारा गणतंत्र दिवस भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत एवं गौरवशाली इतिहास का प्रतिबिंब है। इस उत्सव को मनाने के लिए देश का हर नागरिक सहृदय प्रेरित होता है। इस दिन हम देश के वीरों को याद करते हैं तथा उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। हर नागरिक मातृभूमि की रक्षा और उसकी समृद्धि के लिए हर संभव कार्य करने का अपना प्रण दोहराता है। तो आइए, हम मिलकर देश का गणतंत्र दिवस मनाएं.

इतिहास

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।
26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
वो सैनिक, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अतुल्य योगदान दिया है अथवा सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन्हें इस वीरता के लिए पदकों से पुरस्कृत किया जाता है। उच्च श्रेणी की वीरता के लिए परम वीर चक्र, वीर चक्र एवं महावीर चक्र दिया जाता है। वीरता का परिचय देने वाले बच्चों को भी गणतंत्र दिवस पर बहादुरी पुरस्कार दिए जाते हैं।
बहादुरी के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रीय पदकों की शुरुआत 1957 में भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा की गई थी। आईसीसीडब्ल्यू हर वर्ष 16 साल से कम उम्र के बच्चों को चुनकर उन्हें वीरता पुरस्कार देता है।

* पद्म सम्मान
पदम विभूषण
पदम भूषण
पदम श्री
* सुधारात्मक सेवा मेडल
* राष्ट्रपति का विशिष्ट पुलिस सेवा पदक
* उत्कृष्ट सेवा पदक
* राष्ट्रपति का वीरता के लिए पुलिस पदक
* वीरता के लिए पुलिस पदक



समारोह

गणतंत्र दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में देश के सम्मान एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाता है, सैन्य शक्ति तथा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनियाभर में दिखाया जाता है।

गणतंत्र दिवस को देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को जिस उत्साह के साथ मनाया जाता है उसे देखकर अनेकता में एकता का कथन चरितार्थ दिखाई देता है। प्रत्येक भारतीय मातृभूमि का वंदन करता है। इससे न केवल धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र परिलक्षित होता है बल्कि देश की समृद्ध संस्कृति, बोलियां, भाषाएं, रीति-रिवाज, परंपराएं तथा धर्मों की झलक भी मिलती है। इस वर्ष हमारा देश 66वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।

देश का हर राज्य गणतंत्र दिवस समारोह को मनाता है। इस अवसर पर सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों, शासकीय कार्यालयों तथा संस्थानों में झंडावंदन किया जाता है तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

इस समारोह का महा आयोजन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में किया जाता है, जहां तीनों सेनाओं तथा रक्षा बलों द्वारा मार्च पास्ट किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति से होती है, जहां प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज, फहराया जाता है, जिसके बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है तथा 21 तोपों की सलामी दी जाती है। थल सेना, नौ सेना और वायु सेना की अलग अलग रेजिमेंट राष्ट्रपति भवन की ओर से कदम ताल मिलाते हुए राजपथ पर मार्च करती हैं और इंडिया गेट पर भारत के राष्ट्रपति को सलामी देती हैं, जो भारतीय सशस्त्र सेना के कमांडर इन चीफ भी होते हैं। इसके बाद राज्य रेजिमेंट और भारत के पैरामिलीटरी बल परेड करते हैं।

देश के विभिन्न लोक नृत्यों, त्यौहारों, ऐतिहासिक स्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले विहंगम प्रस्तुतीकरण किए जाते हैं। विभिन्न विद्यालयों के बच्चे अलग अलग राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत करते हैं जो मनोहर तथा उत्साह से भरे हुए होते हैं।

सीमा सुरक्षा बल के मोटरसाइकल शो जांबाज ने परेड का सबसे रोमांचक, आकर्षक एवं हैरतअंगेज करने वाला प्रदर्शन होता है। यह प्रदर्शन लयबद्ध तथा शारीरिक और मानसिक संतुलन का अद्भुत नमूना होता है।
भारतीय वायुसेना के जेट विमान तीन रंगों का धुआं छोड़ते हुए इस महान दिवस के मनोरम कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए गुलाब की पंखुडियां बिखेरते हैं। यह परेड के मनोरम दृश्यों में प्रमुख है।
दूरदर्शन का राष्ट्रीय चैनल, दूरदर्शन समाचार तथा दूरदर्शन के अन्य चैनल झंडावंदन तथा परेड सहित पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करते हैं। आकाशवाणी भी रेडियो पर इसका सजीव प्रसारण करता है।

बीटिंग द रिट्रीट

26 लेकर 29 जनवरी तक हर शाम राजधानी दिल्ली के सभी प्रमुख सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है, तथा तीसरे दिन यानी 29 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में बीटिंग द रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर तीनों सेनाओं के बैंड द्वारा आकर्षक परेड की जाती है। शाम को छह बजे राष्ट्रध्वज उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तथा इसे गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन माना जाता है।
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