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मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

राज्यपाल ने जैसलमेर वार म्यूजियम और आर्मी एरिया का अवलोकन किया

 राज्यपाल ने जैसलमेर वार म्यूजियम और आर्मी एरिया का अवलोकन किया

पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी

सैनिकों से बातचीत कर हौसला अफजाही की,

नए वर्ष की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं दी


जैसलमेर 31 दिसंबर/राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जैसलमेर यात्रा के तीसरे दिन मंगलवार को भारतीय सेना के वार म्यूजियम का अवलोकन किया और सैनिकों का उत्साहवर्धन किया। राज्यपाल ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल को आर्मी की ओर से गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया और ब्रिगेडियर द्वारा आर्मी की कैप पहनाई गई।

राज्यपाल ने जवानों के बीच पहुंचकर उनसे बातचीत की और हालचाल जाने। राज्यपाल ने सैनिकों के मूल निवास स्थान प्रदेश और कामकाज की विधाओं के बारे में पूछा। आत्मीयता के साथ बातचीत कर राज्यपाल श्री मिश्र ने जवानों का दिल जीत लिया। राज्यपाल ने सैनिकों को अपनी ओर से मिठाई वितरित की और नव वर्ष की अग्रिम बधाई देते हुए शुभकामनाएं व्यक्त की।

 राज्यपाल ने सैनिकों से सैन्य अनुभव के बारे में पूछा तथा अनुभव जाने

राज्यपाल को जवानों ने अपने जीवन के महत्वपूर्ण सैन्य अनुभव, टैंक संचालन और  विभिन्न तकनीकी पक्षों के बारे में अवगत कराया। खासकर अर्जुन टैंक सहित विभिन्न मोर्चो पर पराक्रम दिखाने वाले सैन्य उपकरण आदि से परिचित कराया और इनके संचालन से जुड़े अनुभवों के खास पहलुओं के बारे में जानकारी  दी।

 राज्यपाल ने सैनिकों के साथ अल्पाहार किया वह चाय ली

 राज्यपाल सैनिकों से अपनी समस्याओं और आवश्यकताओं के साथ ही सुझाव के बारे में पूछा। सैनिकों ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि राज्यपाल को अपने बीच पाकर सैनिक अत्यंत प्रफुल्लित एवं गदगद अनुभव कर रहे हैं। जवानों ने राज्यपाल से आग्रह किया की इसी तरह उनके बीच आकर हौसला बढ़ाते रहें। राज्यपाल के साथ सैनिकों ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के गगनभेदी उद्घोष लगाएं।

 राज्यपाल ने आर्मी एरिया का निरीक्षण किया। ब्रिगेडियर व सैन्य अधिकारियों ने राज्यपाल को जैसलमेर आर्मी एरिया से संबंधित गतिविधियों संसाधनों आदि के बारे में विस्तार से अवगत कराया।

 राज्यपाल श्री मिश्र ने वार म्यूजियम की विजिटर बुक में भी अपनी ये टिप्पणी अंकित की-

‘‘ वाॅर म्यूजियम ‘‘ को बेहतरीन तरीेके से व्यवस्थित किया गया है। भारतीय सेना के इतिहास को रेखांकित करने वाले इस म्यूजियम की अवधारणा ऐतिहासिक है। हमारी भावी पीढियां इस गौरवशाली धरोहर से राष्ट्र रक्षा के इतिहास को जान सकेंगी। राष्ट्र की रक्षा के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को मैं नमन करता हॅू। राष्ट्र सर्वोपरि है। भारत की एकता, अखण्डता और सुरक्षा को बनाये रखने के लिए सीमा पर तैनात भारतीय सेना के सैनिकों को मैं सलाम करता हूँ। भारतीय सेना ने देश की सुरक्षा के लिए मजबूत व्यवस्था कर रखी है।

     मैं भारतीय सेना के जवानों को नव वर्ष 2020 की बधाई देता हॅू। नया साल हमारे देश की सुरक्षा, समृद्धि और खुशहाली के लिए सुखद रहे, ऐसी मैं कामना करता हॅूॅ

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बुधवार, 18 सितंबर 2019

जैसलमेर वार म्यूजियम मेंं हुआ श्रधान्जली स्थल का उदघाटन लेफ्टीनेंट जनरल एस. के. सैनी ने किया युद्ध स्थल का शुभारंभ ।

जैसलमेर वार म्यूजियम मेंं हुआ श्रधान्जली स्थल का उदघाटन लेफ्टीनेंट जनरल एस. के. सैनी ने किया युद्ध स्थल का शुभारंभ । 









जैसलमेर पर्यटकों के लिये भ्रमण स्थल के रूप मेंं विख्यात वार म्यूजियम का भव्य शुभारंभ हुआ इस अवसर पर लेफ्टीनेंट जनरल एस. के. सैनी (अति विशिष्ट सेवा मेडल , युद्ध सेवा मेडल , विशिष्ट सेवा मेडल)जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ दक्षिणी कमान ने आज युद्ध स्थल के साथ साथ श्रधान्जली स्टाल का उद्घाटन  किया । वीर शहीदों की याद मेंं श्रधान्जली स्थल एक अभूतपूर्व प्रयास हैँ जो सैनिको एवं आम लोगों के लिये हमेशा प्रेरणादायी रहेगा । इस युद्द स्थल मेंं श्रधान्जली स्थल को बनाना शहीदों एवं वीरता पुरस्कार विजेताओं को श्रधान्जली देना हैँ एवं सैनिकों के बलिदान के बारे मेंं जानकारी देना हैँ ।

    यह स्मारक जोधपुर के पत्थर से भव्य रूप मेंं बनाया गया हैँ तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा । श्रधान्जली स्टाल के पास 21 परमवीर चक्र , 53 अशोक चक्र,  188 महावीर चक्र प्राप्त शहीदों के नाम , 12 वीरता पुरस्कार विजेताओं के साथ साथ जैसलमेर जिले के 15 शहीदों के नाम स्वर्णाक्षरों मेंं उकेरे गये हैँ । श्रधान्जली स्टॉल का निर्माण टी.के. आईच जनरल ऑफिसर कमाडिंग बेटल एक्स डिवीजन जैसलमेर के मार्गदर्शन मेंं सम्पन्न हुआ । 16 फीट ऊंची और 138 फीट चौड़ी चक्र का निर्माण श्रधान्जली स्टॉल के ठीक मध्य मेंं किया गया । यह चक्र हमारे जीवन चक्र को इंगित करता हैँ जो वीर शहीदों ने मातृ भूमि के लिए संघर्ष किया था । चक्र के ठीक नीचे तीन सैनिकों के प्रतिबिंब को दिखाया गया हैँ जो विभिन्न प्रांतों का प्रतिनिधित्व करते हैँ ।

   गौरतलब हैँ कि वार म्यूजियम की स्थापना भारतीय सेना द्वारा 24 अगस्त 2015 को की गयी थी धीरे धीरे युद्ध स्थल का विस्तार होता गया जो आज वर्तमान स्वरूप हासिल कर सका ।  जैसलमेर यूआईटी एवं सैनिक कल्याण बॉर्ड राजस्थान के सहयोग से इस मुकाम को हासिल किया जा सका ।