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सोमवार, 2 दिसंबर 2019

बाड़मेर भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अवाप्त जमीनों के मुआवजे को लेकर अनिश्चित कालीन धरना

बाड़मेर भारत माला प्रोजेक्ट के तहत  अवाप्त जमीनों के  मुआवजे को लेकर अनिश्चित कालीन धरना 


बाड़मेर भारत माला प्रोजेक्ट के तहत जमीनों की अवाप्ति का मुआवजा देने की मांग को लेकर किसान लंबबंद हो गए हैं ,किसानो ने मुआवजे की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू क्र दिया भारत माला प्रोजेक्ट के तहत पंजाब के अमृतसर से लगाकर राजस्थान के हनुमानगढ़ बीकानेर नागौर जोधपुर बाड़मेर जालौर जिलों से होते हुए गुजरात राज्य के जामनगर तक नए बनने वाले एक्सप्रेस हाईवे 757 k के निर्माण हेतु आवाप्त की जाने वाली भूमि के मुआवजा के संबंध में जो कि डीएलसी रेट का 3 गुना अधिकतम दिया जा रहा है जबकि भूमि अवाप्ति अधिनियम 2013 के तहत यह नियम है कि कोई भी हाईवे 2 राज्यों या उससे अधिक राज्यों को जोड़ता है तो उसमें मुआवजे की राशि केंद्रीय सरकार द्वारा तय की जाती है जबकि इस हाइवे में राजस्थान में अधिग्रहित की जा रही जमीन की राशि राजस्थान सरकार द्वारा तय की गई है जो यहां की कम डीएलसी रेट के कारण किसानों को 40 45 हजार से लगाकर 60 ₹65000 के बीच में प्रति बीघा के हिसाब से दी जा रही है जिसके विरोध स्वरूप दिनांक 29 नवंबर 2019 से बालोतरा उपखंड मुख्यालय पर डाक बंगले के आगे इस अवाप्ति से प्रभावित किसान ब्लॉक सिवाना पचपदरा सिणधरी के किसानों द्वारा  अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है जिसके दौरान प्रतिदिन एसडीएम के मार्फत ज्ञापन माननीय प्रधानमंत्री जी मुख्यमंत्री जी सड़क परिवहन केंद्रीय मंत्री जी को दिए जा रहे हैं लेकिन किसी प्रकार की कोई सुनवाई किसानों की नहीं हो रही है  

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

जैसलमेर भारत माला जैसा महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पेटी कॉन्टेक्ट पर नोसिखिया ठेकेदारों के हवाले, घटिया निर्माण का जिम्मेदार कौन,विभाग चुप*

जैसलमेर   भारत माला प्रोजेक्ट जैसलमेर में भ्रष्टाचार *

जैसलमेर भारत माला जैसा महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पेटी कॉन्टेक्ट पर नोसिखिया ठेकेदारों के हवाले, घटिया निर्माण का जिम्मेदार कौन,विभाग चुप*


 चन्दन सिंह भाटी*

जेसलमेर सामरिक महत्व के महत्वकांक्षी भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बाडमेर जिले के बाखासर से लेकर श्री गंगानगर तक करीब 1300 किलोमीटर सरहदी सड़के उच्च गुणवत्ता की बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सपना देखा।करीब 1200 करोड़  रुपये बाडमेर जेसलमेर में इन सड़कों पर खर्च होने है।।प्रोजेक्ट का द्वितीय चरण आरम्भ होने को हे मगर सब लेट स्थानीय ठेकेदार  सार्वजनिक निर्माण विभाग की तर्ज पर इन महत्वकांक्षी सड़को को बना रहे।जिन ठेकेदारों को काम मिला उनमें कई भरस्टाचार के सरताज है।।जिनके खिलाफ उच्च स्तर पर जांचे चल रही है। मुनाबाव से जेसलमेर लोंगोवाल तक कि सड़कों के निर्माण में उपयोग की जा रही घटिया क्वालिटी की निर्माण सामग्री सारे प्रोजेक्ट पर पानी फेर रही है।।इन सड़कों को नियमानुसार दस से तरह मीटर चौड़ी बनाई जानी थी ताकि आपात स्थति में सेना और वायुसेना इन सड़कों का उपयोग रनवे के रूप में भी कर सके मगर ठेकेदारों द्वारा ग्रेवल की जगह बालू रेत मिलाकर कार्य निपटाया जा रहा है।।सूत्रों के सनुसार इन सड़कों के निर्माण में गिट्टी का उयोग नही कर स्थानीय क्रेसरों से निम्न क्वालिटी के मूंगिया इस्तेमाल कर रहे जबकि इस प्रोजेक्ट की सड़कों के लिए गिट्टी की साइज निर्धारित है।लोंगोवाला में चल रहे कार्य की एक बारगी उच्च स्तरीय गुणवत्ता की जेन्च कर दी जाए तो ठेकेदारों और प्रोजेक्ट मैनेजरों की मिली भगत सामने आ जाये।।उल्लेखनीय है भारत माला प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिस पर लाखों करोड़ रुपये खर्च करने है ताकि जनता और सेना को उच्च गुणवत्ता की सड़कें परिवहन के लिए मिल सके।अलबत्ता जेसलमेर बाडमेर जिलो में भारत माला प्रोजेक्ट की सड़कों में जम कर घपलेबाजी हो रही है।। पश्चिमी राजस्थान के चार सरहदी जिलो में सड़कों को उच्चतम गुणवत्ता के निर्माण के लिए चल रहे भारत माला प्रोजेक्ट की जगह जगज भद्द पिट रही है।।भारत माला प्रोजेक्ट में भरष्टाचार की खबरों की गूंज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और परिवहन विभाग तक पहुंच गई।।बाखासर से आरंभ हुई भारत माला की सड़कों के निर्माण में पहले पायदान पर ही  अनियमितता बरती गई।इस प्रोजेक्ट का मूल ठेकेदार कौन है किसी को पता नही।मूल ठेकेदार ने नियम विरुद्ध कार्य सबलेट किया।।सबलेट ठेकेदारों ने पेटी कॉन्टेक्ट के जरिये छोटे छोटे ब्लॉक नोसिखिये ठेकेदारों को दे दिए।जबकि भारत माला की गाइड लाइन में निविदा में मुख्य शर्त थी कि कार्य आगे सबलेट नहीं किया जाएगा।ऐसा होता है तो निविदा निरस्त की जा सकती है।अलबत्ता गुणवत्ता कार्य करवाने के लिए भारत माला प्रोजेक्ट के जगह जगह जिलो में कार्यालय खोले गए है।मगर इन कार्यालयों में कोई हलचल दिखाई नही देती।।साइट पर चल रहे कार्य के निरीक्षण समय समय पर करने की बजाय शहरी क्षेत्र में गाड़ी घोड़े दौड़ाए जा रहे है। सूत्रानुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को शुरू से ही ग्रहत लगा है।।किसी भी क्षेत्र में गुणवत्ता का कार्य नही हो रहा।।इसका मुख्य कारण पेटी कॉन्टेक्ट पे कार्य कर रहे अनाधिकृत ठेकेदार है जिन्होंने कभी पी डब्यू डी की सड़कें नही बनाई उन्हें भारत माला जैसे महत्वपूर्ण सड़को का कार्य आवंटन कर दिया ।जिसके चलते सड़को के निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।।मौके पर जाकर सक्षम अधिकारी सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता और तकनीकी देखे तो सारा माजरा समझ आ जायेगा।।भारत माला प्रोजेक्ट छोटे छोटे ठेकेदारों के पनपने में जरूर सहायक सिद्ध हो रही। जेसलमेर बॉर्डर पर चल रहे कार्यो में जमकर भरष्टाचार हो रहा। मोदी सरकार लाख भरष्टाचार रोकने की बात कहै मगर यह जेसलमेर बाडमेर के ठेकेदारों पर लागू नही होती।।यहां तक कि ठेकेदारों के पास साइट प्लान तक उपलब्ध नही है।।इस सन्दर्भ  परियोजना अधिकारी प्रशांत  गुप्ता से बात करनी चाही उनका मोबाइल स्विच ऑफ़ आया ,कार्यालय में मिले नहीं ,









भारत माला प्रोजेक्ट में भरस्टाचार भाग 1*

*सामरिक महत्व के भारत माला प्रोजेक्ट की सड़कें घटिया क्वालिटी की हो रही निर्मित,निर्धारित गुणवत्ता की अनदेखी*

*चन्दन सिंह भाटी बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए खास खबर*
जेसलमेर सामरिक महत्व के महत्वकांक्षी भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बाडमेर जिले के बाखासर से लेकर श्री गंगानगर तक करीब 1300 किलोमीटर सरहदी सड़के उच्च गुणवत्ता की बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सपना देखा।करीब 1200 करोड़  रुपये बाडमेर जेसलमेर में इन सड़कों पर खर्च होने है।।प्रोजेक्ट का द्वितीय चरण आरम्भ होने को हे मगर सब लेट स्थानीय ठेकेदार  सार्वजनिक निर्माण विभाग की तर्ज पर इन महत्वकांक्षी सड़को को बना रहे।जिन ठेकेदारों को काम मिला उनमें कई भरस्टाचार के सरताज है।।जिनके खिलाफ उच्च स्तर पर जांचे चल रही है। मुनाबाव से जेसलमेर लोंगोवाल तक कि सड़कों के निर्माण में उपयोग की जा रही घटिया क्वालिटी की निर्माण सामग्री सारे प्रोजेक्ट पर पानी फेर रही है।।इन सड़कों को नियमानुसार दस से तरह मीटर चौड़ी बनाई जानी थी ताकि आपात स्थति में सेना और वायुसेना इन सड़कों का उपयोग रनवे के रूप में भी कर सके मगर ठेकेदारों द्वारा ग्रेवल की जगह बालू रेत मिलाकर कार्य निपटाया जा रहा है।।सूत्रों के सनुसार इन सड़कों के निर्माण में गिट्टी का उयोग नही कर स्थानीय क्रेसरों से निम्न क्वालिटी के मूंगिया इस्तेमाल कर रहे जबकि इस प्रोजेक्ट की सड़कों के लिए गिट्टी की साइज निर्धारित है।लोंगोवाला में चल रहे कार्य की एक बारगी उच्च स्तरीय गुणवत्ता की जेन्च कर दी जाए तो ठेकेदारों और प्रोजेक्ट मैनेजरों की मिली भगत सामने आ जाये।।उल्लेखनीय है भारत माला प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिस पर लाखों करोड़ रुपये खर्च करने है ताकि जनता और सेना को उच्च गुणवत्ता की सड़कें परिवहन के लिए मिल सके।अलबत्ता जेसलमेर बाडमेर जिलो में भारत माला प्रोजेक्ट की सड़कों में जम कर घपलेबाजी हो रही है।।

बुधवार, 31 जुलाई 2019

जैसलमेर*भारत माला जैसा महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पेटी कॉन्टेक्ट पर नोसिखिया ठेकेदारों के हवाले* *मूल ठेकेदार कौन है किसी को मालूम नहीं, घटिया निर्माण का जिम्मेदार कौन,विभाग चुप*

*भारत माला प्रोजेक्ट जेसलमेर बाडमेर में भरष्टाचार 3*

जैसलमेर*भारत माला जैसा महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट पेटी कॉन्टेक्ट पर नोसिखिया ठेकेदारों के हवाले*

*मूल ठेकेदार कौन है किसी को मालूम नहीं, घटिया निर्माण का जिम्मेदार कौन,विभाग चुप*

*राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और  परिवहन मंत्रालय तक पहुंची भारत माला में भरष्टाचार की गूंज*

*बाडमेर न्यूज ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी*

जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान के चार सरहदी जिलो में सड़कों को उच्चतम गुणवत्ता के निर्माण के लिए चल रहे भारत माला प्रोजेक्ट की जगह जगज भद्द पिट रही है।।भारत माला प्रोजेक्ट में भरष्टाचार की खबरों की गूंज राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और परिवहन विभाग तक पहुंच गई।।बाखासर से आरंभ हुई भारत माला की सड़कों के निर्माण में पहले पायदान पर ही  अनियमितता बरती गई।इस प्रोजेक्ट का मूल ठेकेदार कौन है किसी को पता नही।मूल ठेकेदार ने नियम विरुद्ध कार्य सबलेट किया।।सबलेट ठेकेदारों ने पेटी कॉन्टेक्ट के जरिये छोटे छोटे ब्लॉक नोसिखिये ठेकेदारों को दे दिए।जबकि भारत माला की गाइड लाइन में निविदा में मुख्य शर्त थी कि कार्य आगे सबलेट नहीं किया जाएगा।ऐसा होता है तो निविदा निरस्त की जा सकती है।अलबत्ता गुणवत्ता कार्य करवाने के लिए भारत माला प्रोजेक्ट के जगह जगह जिलो में कार्यालय खोले गए है।मगर इन कार्यालयों में कोई हलचल दिखाई नही देती।।साइट पर चल रहे कार्य के निरीक्षण समय समय पर करने की बजाय शहरी क्षेत्र में गाड़ी घोड़े दौड़ाए जा रहे है। सूत्रानुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को शुरू से ही ग्रहत लगा है।।किसी भी क्षेत्र में गुणवत्ता का कार्य नही हो रहा।।इसका मुख्य कारण पेटी कॉन्टेक्ट पे कार्य कर रहे अनाधिकृत ठेकेदार है जिन्होंने कभी पी डब्यू डी की सड़कें नही बनाई उन्हें भारत माला जैसे महत्वपूर्ण सड़को का कार्य आवंटन कर दिया ।जिसके चलते सड़को के निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।।मौके पर जाकर सक्षम अधिकारी सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता और तकनीकी देखे तो सारा माजरा समझ आ जायेगा।।भारत माला प्रोजेक्ट छोटे छोटे ठेकेदारों के पनपने में जरूर सहायक सिद्ध हो रही। जेसलमेर बॉर्डर पर चल रहे कार्यो में जमकर भरष्टाचार हो रहा। मोदी सरकार लाख भरष्टाचार रोकने की बात कहै मगर यह जेसलमेर बाडमेर के ठेकेदारों पर लागू नही होती।।यहां तक कि ठेकेदारों के पास साइट प्लान तक उपलब्ध नही है।।

*भारत माला प्रोजेक्ट लाइव लगातार*

बुधवार, 24 जुलाई 2019

जैसलमेर भारत माला प्रोजेक्ट में भरष्टाचार 2* *गाइड लाइन के अनुसार सड़को की न चौड़ाई है न स्ट्रेंथ,सुरक्षा कवच को खतरा पैदा कर रहे है ठेकेदार*

*जैसलमेर भारत माला प्रोजेक्ट में भरष्टाचार 2*

*गाइड लाइन के अनुसार सड़को की न चौड़ाई है न स्ट्रेंथ,सुरक्षा कवच को खतरा पैदा कर रहे है ठेकेदार*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए चन्दन सिंह भाटी की खास रिपोर्ट*

जैसलमेर भारत माला में बन रही सरहद पर सड़क निर्माण में जमकर धांधलियां हो रही है।प्रभावी मोनिटरिंग के अभाव में ठेकेदार निरंकुश हो गए।।प्रोजेक्ट की गाइड लाइन के अनुसार राजस्थान की चार जिलो की सरहद पर बन रही करीब 1300 किलोमीटर सड़क निर्माण में 650 करोड़ रुपये प्रथम चरण में खर्च किये जाने है ।इन सड़कों को नेशनल हाई वे की सड़कों की गुणवत्ता से सौ फीसदी अधिक गुणवत्ता गाइड लाइन में रखी गई।गाइड लाइन के अनुसार नेशनल हाई वे की सड़कों की चौड़ाई जंहा 7 मीटर होती है भारत माला की सड़कों की चौड़ाई 10 मीटर रखी गई है वही नेशनल हाई वे की सड़कों की स्ट्रेंथ 20 सेंटीमीटर के मुकाबले भारत माला की सड़कों की स्ट्रेंथ 50 सेंटीमीटर रखी गई।मगर जेसलमेर और बाडमेर जिले में बन रही सड़को में गाइड लाइन की पूरी अनदेखी कर सार्वजनिक निर्माण विभाग की तर्ज पर सड़के बनाई जा रही है।घटिया गुणवत्ता की निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हो रह है मगर सड़को के निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने सक्षम तकनीकी अधिकारी साइट पर नही आये।।इन सड़कों पर गाइड लाइन में न्यूनतम रफ्तार नेशनल हाई वे के 60 किलोमीटर के मुकाबले 90 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई।मगर जिस तरह सड़को का निर्माण हो रहा है उससे इन सड़कों पर बीस से तीस किलोमीटर की रफ्तार वाहन पकड़ नही पाएंगे जबकि इन सड़कों का उपयोग आपातकालीन सेना को करना है।।इन सड़कों पर फाइटर प्लेन उतारने की बात बेमानी लगती है ।निर्माण सामग्री निर्धारित मात्रा में उपयोग में नही ली जा रही।।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में जमकर ठेकेदार और भारत माला प्रोजेक्ट में लगे अधिकारी मालामाल हो रहे है। आज ही खुईयाला के पास डीजल से भरा टैंकर पलटी खा गया तीन जने घायल हो गए।।भारत माला प्रोजेक्ट में जेसलमेर बाडमेर जिलो में निर्माणाधीन सड़को की जांच सुरक्षा एजेंसियों के तस्कनिकी विभाग से कराई जानी चाहिए। इस संबंध में भारत माला प्रोजेक्ट के लाइजनिं अधिकारी प्रशांत गुप्ता से बात करने के लिए बार बार फोन लगाए उन्होंने नहीं उठाए।।बाद में किसी के माध्यम से फोन करवाया की साहब बीमार है ठीक होने के बाद बात करेंगे।

जैसलमेर भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रस्टचार भाग 1* *सामरिक महत्व के भारत माला प्रोजेक्ट की सड़कें घटिया क्वालिटी की हो रही निर्मित,निर्धारित गुणवत्ता की अनदेखी*

जैसलमेर भारत माला प्रोजेक्ट में भ्रस्टचार  भाग 1*

*सामरिक महत्व के भारत माला प्रोजेक्ट की सड़कें घटिया क्वालिटी की हो रही निर्मित,निर्धारित गुणवत्ता की अनदेखी*

*चन्दन सिंह भाटी बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए खास खबर*



*जेसलमेर सामरिक महत्व के महत्वकांक्षी भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बाडमेर जिले के बाखासर से लेकर श्री गंगानगर तक करीब 1300 किलोमीटर सरहदी सड़के उच्च गुणवत्ता की बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सपना देखा।करीब 1200 करोड़  रुपये बाडमेर जेसलमेर में इन सड़कों पर खर्च होने है।।प्रोजेक्ट का द्वितीय चरण आरम्भ होने को हे मगर सब लेट स्थानीय ठेकेदार  सार्वजनिक निर्माण विभाग की तर्ज पर इन महत्वकांक्षी सड़को को बना रहे।जिन ठेकेदारों को काम मिला उनमें कई भरस्टाचार के सरताज है।।जिनके खिलाफ उच्च स्तर पर जांचे चल रही है। मुनाबाव से जेसलमेर लोंगोवाल तक कि सड़कों के निर्माण में उपयोग की जा रही घटिया क्वालिटी की निर्माण सामग्री सारे प्रोजेक्ट पर पानी फेर रही है।।इन सड़कों को नियमानुसार दस से तरह मीटर चौड़ी बनाई जानी थी ताकि आपात स्थति में सेना और वायुसेना इन सड़कों का उपयोग रनवे के रूप में भी कर सके मगर ठेकेदारों द्वारा ग्रेवल की जगह बालू रेत मिलाकर कार्य निपटाया जा रहा है।।सूत्रों के सनुसार इन सड़कों के निर्माण में गिट्टी का उयोग नही कर स्थानीय क्रेसरों से निम्न क्वालिटी के मूंगिया इस्तेमाल कर रहे जबकि इस प्रोजेक्ट की सड़कों के लिए गिट्टी की साइज निर्धारित है।लोंगोवाला में चल रहे कार्य की एक बारगी उच्च स्तरीय गुणवत्ता की जेन्च कर दी जाए तो ठेकेदारों और प्रोजेक्ट मैनेजरों की मिली भगत सामने आ जाये।।उल्लेखनीय है भारत माला प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिस पर लाखों करोड़ रुपये खर्च करने है ताकि जनता और सेना को उच्च गुणवत्ता की सड़कें परिवहन के लिए मिल सके।अलबत्ता जेसलमेर बाडमेर जिलो में भारत माला प्रोजेक्ट की सड़कों में जम कर घपलेबाजी हो रही है।।

*लगातार लाइव रिपोर्ट*