बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग हेराफेरी। । मुख्यमंत्री निशुल्क जाँच योजना में कार्मिको की भर्ती में हुई थी धांधली
बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में अंधेरगर्दी का आलम हे ,अधिकारियो पर कार्मिक हावी हे जो भरष्टाचार के जरिये विभाग को खोखला बनाने में जूता हैं। गत वर्ष राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी महत्वकांक्षी मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना के तहत एक संता के माध्यम से लगाये गए कार्मिको की भर्ती में जैम कर फर्जीवाड़ा किया गया था ,
मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने तत्काल चिकितसलयो में लेब टेक्नीशियन ,रेडिओग्राफर ,जी इन एम ,ए इन एम सहित कई पदो पर भर्ती के आदेश दिए थे ,जिसके तहत जालोर की एक संस्था जो विभाग के एक कार्मिक के रिश्तेदार की थी को काम दिया गया ,उक्त संस्थाको कार्मिको की भर्ती अनुबंध आधार पर करनी थी ,
संस्था द्वारा विभागीय कार्मिको को ओब्लाइज करने के उद्देश्य से गैर योग्यताधारियों को नियुक्त कर दिया ,जिन लोगो ने आवेदन किया था उनके दस्तावेजो की जांच किसी स्तर पर करने की बजाय सीधे नियुक्ति आदेश थमा दिए ,इन कार्मिको से संस्था पन्द्र फीसदी सुविधा शुल्क भी वसूल कर रही थी ,जिसकी जानकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित में देने के बाद भी संस्था के कार्यवाही नहीं हुई ,कार्मिको की बिना योग्यता फर्जी दस्तावेजो के आधार पर नियुक्ति की पोल तब खुली जब बाड़मेर के रानीगाँव में एक रेडिओग्राफर की नियुक्ति की गयी ,इस नियुक्त रेडियोग्राफर की ग्रामीणो द्वारा शिकायत की गयी की यह रिडिओग्राफर पद पर कार्य करने वाला वास्तव में दशवी कक्षा भी पास नहीं कर पाया कभी ,ग्रामीणो ने दशवी फेल के दस्तावेज तक प्रस्तुत कर दिए थे ,इसी तरह जिले में फर्जी दस्तावेज के आधार पर लेब टेक्नीशियनों रेडिओग्राफर ,जी इन एम और ए इन एम की भारतीय की गयी ,
इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को ग्रुप फॉर पीपुल्स के कार्यकर्ताओ में मुख्यमंत्री को पात्र भेज कर मुख्य मंत्री निशुल्क जांच योजना के दौरान अनुबंध पर लगे गए तकनिकी कार्मिको के दस्तावेजो की जांच की मांग की हैं।
सूत्रों ने बताया फर्जी दस्तावेज उपलब्ध करने के लिए बाड़मेर में एक गिरोह सक्रीय हे जिनकी विभागीय कार्मिको से मिलीभगत हैं ,मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना की भर्ती प्रक्रिया की पूर्ण जांच की जाए तो बहुत बड़ी साज़िश सामने आ सकती हैं