महिला सशक्तिकरण लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
महिला सशक्तिकरण लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 3 मार्च 2020

महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों से वंचित महिलाएं नदारद आखिर इनकी अनदेखी क्यों ?

 महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों से वंचित महिलाएं नदारद आखिर  इनकी अनदेखी क्यों ?

चंदन सिंह भाटी ,बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक 

अक्सर महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों में महिलाओ  की भीड़ करना मुख्य उद्देश्य रह गया ,महिला कार्यक्रमों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ,सहायिकाएं ,सरकारी मुलाज़िम महिलाओ को बुलाकर महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रम निपटाए जा रहे हैं ,जिसके कारन महिला सशक्क्तिकरण के ऐसे कार्यकर्मो की सार्थकता और उद्देश्य खत्म से हो गए ,महिलाओ के कार्यक्रमों से टारगेट ग्रुप की अशिक्षित ,शोषित ,पीड़ित ,संघर्षरत ,समाज की मुख्य धारा से वंचित ,भिक्षावृति से जुडी महिलाएं,विधवाए ,वीरांगनाएं ऐसे कार्यक्रमों से नदारद हैं ,जबकि महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य ही वंचित महिलाओ को मुख्य धारा से जोड़ना होता हैं ,मगर महिला कार्यक्रमों में  टारगेट ग्रुप की महिलाओ को न तो आमंत्रित किया जाता हैं न ही उन्हें सरकारी योजनाओ से जोड़ने के प्रयास किये जाते हैं ,अमूमन महिलाओ से सम्बंधित कार्यक्रमों में आजकल आंगनवाड़ी कार्यक्रताओ ,सहायिकाओं ,परिचारिकाओं ,नर्सिंग प्रशिक्षणार्थियों ,और अन्य सरकारी विभागों में कार्यरत महिलाओ को बुला कर भीड़ कर ली जाती हैं ,उन्हें भाषण पिलाकर रवाना कर दिया जाता हैं ,यह किसी एक जिले की कहानी नहीं हैं ,बल्कि हर जगह यही होरहा हैं ,देखा जाये तो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार ,उनके द्वारा महिलाओ के सशक्तिकरण ,स्वावलम्बन से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देश्य ही वंचित महिलाओ को जोड़ना होता हैं ,मगर कच्ची बस्ती में हाड तोड़ मेहनत कर मजदूरी के जारी अपने परिवार का पेट पलने वाली महिला हो या समाज की मुख्य धारा से वंचित ,शोषित ,पीड़ित ,जरूरतमंद महिलाओ को ऐसे कार्यक्रमों में न तो आमंत्रित किया जाता हैं न ही उन्हें मुख्य धरा में जोड़ने के प्रयास किये जाते हैं ,ये महिलाए न तो महिला स्वावलम्बन का न ही महिला सशक्तिकरण का मतलब जानती हैं ,ऐसे में महिला दिवस हो या अन्य महिलाओ से जुड़े कार्यक्रमों की सार्थकता खत्म हो जाती हैं ,महिला से जुड़े भव्य कार्यक्रमों में आने वाले हुकमरानो  को भी  महिलाओं के वंचित वर्ग को मुख्य धारा में जोड़ने की याद  नहीं आती। महज कार्यक्रम करना उद्देश्य होने की बजाय कार्यक्रम की सार्थकता को महत्व देना जरूरीहें ,जब तक वंचित वर्ग को ऐसे कार्यक्रमों से नहीं जोड़ेंगे तब तक ऐसे कार्यक्रम सिर्फ  भीड़ एकत्रित करने वाले कार्यक्रम बन कर रह जायेंगे, जिन्हे ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता हे उन्हें बुलाया नहीं जाता जिन्हे बुलाया जाता हे उन्हें ऐसे कार्यक्रमों से कोई सरोकार नहीं। इसी के चलते  महिला  सशक्तिकरण की योजनाए दम तोड़ रही हे या कागज़ी दस्तावेज बन कर रह गयी हैं,

बुधवार, 25 दिसंबर 2019

जैसलमेर में महिला सशक्तिकरण सम्मेलन एवं लाडो सम्मान समारोह,

जैसलमेर में महिला सशक्तिकरण सम्मेलन एवं लाडो सम्मान समारोह,

‘घूंघट मुक्त जैसाण’ पोस्टर और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ फोल्डर का विमोचन,

मेधावी छात्राओं को चैक प्रदान कर किया सम्मानित,

उत्कृष्ट सेवाओं के लिए 15 महिलाओं को नवाजा गया चैम्पियनशिप से,

महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित भागीदारी निभाएं - अल्पसंख्यक मामलात मंत्री

जैसलमेर, 25 दिसम्बर/जैसलमेर के शहीद पूनम स्टेडियम में महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के अन्तर्गत आयोजित महिला सशक्तिकरण सम्मेलन एवं लाडो सम्मान समारोह महिलाओं के बहुआयामी विकास और उन्नति के साथ हर क्षेत्र में सशक्त बनाने और आगे लाने के लिए समर्पित प्रयासों के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अल्पसंख्यक मामलात, वक्फ एवं जन अभियोग निराकरण मंत्री शाले मोहम्मद ने फीता काटकर तथा सरस्वती प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया।

समारोह की अध्यक्षता जिला कलक्टर नमित मेहता ने की। जैसलमेर विधायक रूपाराम, जिलाप्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग, नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, प्रधान अमरदीन एवं उषा सुरेन्द्रसिंह भाटी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमीन खां, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.के. बारूपाल एवं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सत्येन्द्रकुमार व्यास विशिष्ट अतिथि थे।

फोल्डर एवं पोस्टर विमोचन

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद एवं अतिथियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रकाशित ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ विषयक फोल्डर का विमोचन किया। इसके साथ ही जैसलमेर जिले की महिलाओं को घूंघट प्रथा से मुक्त कराने के लिए ‘‘घूंघट मुक्त जैसाण’’  पोस्टर का विमोचन किया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ चैम्पियनशिप से नवाजा गया 17 महिलाओं को

समारोह में केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद एवं विधायक रूपाराम ने समाज-जीवन और राज-काज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट भूमिका एवं उल्लेखनीय कार्यों व योगदान के लिए 17 महिलाओं को प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।

इनमें जिला प्रमुख श्रीमती अंजना मेघवाल, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. किरण कंग, जैसलमेर नगर परिषद की पूर्व सभापति श्रीमती कविता खत्री, सम की प्रधान श्रीमती उषा कंवर, स्नेहा भाटी, शिल्पा पालीवाल, निकिता राठी, आयुषी छंगाणी, छैलू कंवर, ललिता सोनी, रीना भाटी, पायल कोठारी, नेहा गोपा, विमला खत्री, तारा कुमावत एवं शोभा देवी शामिल हैं।

22 मेधावी छात्राओं को चैक वितरण

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री  एवं अतिथियों ने इस अवसर पर में बोर्ड परीक्षा में कक्षा दसवीं एवं बारहवीं में जिले भर में प्रथम स्थान पाने वाली सरकारी स्कूलों की 22 छात्राओं को चैक वितरण कर सम्मानित किया। इनमें 10वीं तथा 12वीं में सर्वोच्च स्थान पाने वाली छात्रा को 10-10 हजार रुपए तथा शेष सभी को 5-5 हजार रुपए धनराशि का चैक प्रदान किया गया। जिले में कक्षा दसवीं में टॉप रही ममता को 10 हजार रुपए का चैक दिया गया जबकि अन्य वीणा पुरोहित, कुन्ता, मुस्कान टावरी, अनेक कंवर, रिंकू, परमेश्वरी, रेंवती, गीता, ललिता एवं भूमिका खत्री को 5-5 हजार रुपए राशि का चैक प्रदान किया गया।

इसी प्रकार कक्षा 12वीं में टॉप रही लता कुमारी को 10 हजार तथा शेष लता, प्रियंका कंवर, ललिता पालीवाल, लक्ष्मी कंवर, कुसुम, निशा भाटी, आकांक्षा तंवर, लक्ष्मी, नेहा कंवर एवं ख्याति शारदा को 5-5 हजार रुपए धनराशि का चैक प्रदान किया गया। समारोह में इन सभी छात्राओं के स्कूल प्रधानाचार्यों को भी पुष्पहार पहना कर सम्मानित किया गया तथा छात्राओं के शैक्षिक उन्नयन में उनकी भूमिका को सराहा गया।

महिला उत्थान के भरसक प्रयासों में जुटी है सरकार

इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद एवं विधायक रूपाराम सहित तमाम अतिथियों ने अपने उद्बोधन में महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण के लिए राजस्थान सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और इनका लाभ पाकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।

आईएम शक्ति का लाभ लें, विकास करें

अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद ने प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही महिलाआें के समग्र उत्थान के लिए आरंभ की गई 1000 करोड़ की इन्दिरा महिला शक्ति योजना सहित विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को राजस्थान मेंं महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऎतिहासिक और महत्वाकांक्षी कदम बताया और महिलाओं का आह्वान किया कि वे इन योजनाआेंं का लाभ लेें और राजस्थान में महिला सशक्तिकरण का सुनहरा इतिहास रचें।

टीम भावना से करें काम, सार्थक परिणाम सामने लाएं

उन्होंने योजनाओं के बेहतर एवं उपलब्धिमूलक क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभागीय अधिकारियों एवं कार्मिकों से कहा कि वे टीम भावना से काम करें और सार्थक परिणाम सामने लाएं। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने प्रदेश सरकार द्वारा आंगनवाड़ी कार्मिकों का मानदेय बढ़ाने सहित महिलाओं के हित में किए गए कार्यों को गिनाया और कहा कि महिलाओं के विकास में सरकार हमेशा अव्वल रही है और रहेगी।

जैसलमेर को बनाएं घूंघट मुक्त

घूंघट मुक्त राजस्थान के अन्तर्गत ही घूंघट मुक्त जैसाण अभियान की उन्होंने तारीफ की और कहा कि इस कुप्रथा के उन्मूलन के लिए हर स्तर पर व्यापक जागरुकता संचार की आवश्यकता है  और इसकी शुरूआत हमें अपने घर-परिवार से करनी होगी। उन्होंने बेटियों को पढ़ाने और आगे बढ़ाने के साथ ही उनके शैक्षिक विकास के लिए संस्थाप्रधानों और शिक्षक-शिक्षिकाओं की भूमिका को और अधिक भागीदारी निभाने का आह्वान किया।