जैसलमेर बारमेर न्यूज़ ट्रैक में प्रकाशित खबर का असर
जैसलमेर महिला बाल विकास निदेशालय ने मातृत्व वंदना योजना में अनियमितताओं की जाँच के आदेश किये
जैसलमेर.भावी पीढ़ी को स्वस्थ और हर तरह से सक्षम बनाने की केंद्र सरकार प्रवर्तित प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत सीमावर्ती जैसलमेर जिले में लाखों की हेराफेरी होने की की खबर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक में प्रकाशन के बाद हरकत में आये महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जांच शुरू करवाई गई है। इसकी जांच करने निदेशालय स्तर से भी आगामी दिनों में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम जैसलमेर आएगी। उल्लेखनीय हे बी एन टी ने इस योजना के अंतर्गत जैसलमेर, सम और सांकड़ा तीनों ब्लॉकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं बरतने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी । विभाग ने प्रारंभिक तौर पर जिले के अधिकारियों से लाभार्थियों की जांच करवाने का कार्य शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि फिलहाल योजना के अंतर्गत भुगतान रुकवा दिया गया है। मुख्यालय से तकनीकी टीम आने से पहले स्थानीय स्तर पर जांच टीम कुल आवेदनों की जांच कर रही है। जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि, कितने आवेदन पत्रों पर भुगतान पात्र महिलाओं को किया गया, और कितनों को गलत।
पोष्टिक आहार के लिए सहायता
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को पोष्टिक आहार के लिए उनके खाते में राशि भेजी जाती है। नियमानुसार पहली बार गर्भधारण करने और मां बनने वाली शहरी और ग्रामीण महिला को छह रुपए तीन किश्तों में प्रदान किए जाते हैं। जैसलमेर जिले में अब तक ८ हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी को संबंधित महिला का आधार व बैंक खाता नंबर देना होता है। लाभार्थियों को धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजने का प्रावधान है।
लाखों का भुगतान संदेहास्पद
इस बीच यह शिकायतें सामने आई हैं कि योजना के तहत तीनों ब्लॉकों में विशेषकर सम और सांकड़ा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती गई हैं और लाखों रुपए का घोटाला किया गया है। जानकारी के मुताबिक पचपन साल से भी अधिक उम्र की महिलाओं को भुगतान करवा दिया है। जिम्मेदारों ने बोगस आवेदन करवा कर सरकारी राशि उठा ली। नियमों को दरकिनार करते हुए लाखों रुपए का भुगतान अपात्र महिलाओं को करवा दिए जाने की शिकायतें की गई हैं। अधिकारियों ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर के क्षेत्र में भी महिलाओं को लाभ पहुंचा दिया। अनियमितताओं और गड़बडिय़ों की जानकारी मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग जैसलमेर के उपनिदेशक राजेंद्र चौधरी ने मामले के हर पहलू की जांच करवाने के लिए स्थानीय अधिकारियों की जांच कमेटी का गठन किया। साथ ही इससे मुख्यालय के अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया है। जहां से तकनीकी विशेषज्ञ भी यहां आकर जांच करेंगे।
जैसलमेर महिला बाल विकास निदेशालय ने मातृत्व वंदना योजना में अनियमितताओं की जाँच के आदेश किये
जैसलमेर.भावी पीढ़ी को स्वस्थ और हर तरह से सक्षम बनाने की केंद्र सरकार प्रवर्तित प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत सीमावर्ती जैसलमेर जिले में लाखों की हेराफेरी होने की की खबर बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक में प्रकाशन के बाद हरकत में आये महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जांच शुरू करवाई गई है। इसकी जांच करने निदेशालय स्तर से भी आगामी दिनों में तकनीकी विशेषज्ञों की टीम जैसलमेर आएगी। उल्लेखनीय हे बी एन टी ने इस योजना के अंतर्गत जैसलमेर, सम और सांकड़ा तीनों ब्लॉकों में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और अनियमितताएं बरतने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी । विभाग ने प्रारंभिक तौर पर जिले के अधिकारियों से लाभार्थियों की जांच करवाने का कार्य शुरू कर दिया है। बताया जाता है कि फिलहाल योजना के अंतर्गत भुगतान रुकवा दिया गया है। मुख्यालय से तकनीकी टीम आने से पहले स्थानीय स्तर पर जांच टीम कुल आवेदनों की जांच कर रही है। जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि, कितने आवेदन पत्रों पर भुगतान पात्र महिलाओं को किया गया, और कितनों को गलत।
पोष्टिक आहार के लिए सहायता
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को पोष्टिक आहार के लिए उनके खाते में राशि भेजी जाती है। नियमानुसार पहली बार गर्भधारण करने और मां बनने वाली शहरी और ग्रामीण महिला को छह रुपए तीन किश्तों में प्रदान किए जाते हैं। जैसलमेर जिले में अब तक ८ हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। योजना का लाभ लेने के लिए संबंधित ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी को संबंधित महिला का आधार व बैंक खाता नंबर देना होता है। लाभार्थियों को धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजने का प्रावधान है।
लाखों का भुगतान संदेहास्पद
इस बीच यह शिकायतें सामने आई हैं कि योजना के तहत तीनों ब्लॉकों में विशेषकर सम और सांकड़ा में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं बरती गई हैं और लाखों रुपए का घोटाला किया गया है। जानकारी के मुताबिक पचपन साल से भी अधिक उम्र की महिलाओं को भुगतान करवा दिया है। जिम्मेदारों ने बोगस आवेदन करवा कर सरकारी राशि उठा ली। नियमों को दरकिनार करते हुए लाखों रुपए का भुगतान अपात्र महिलाओं को करवा दिए जाने की शिकायतें की गई हैं। अधिकारियों ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर के क्षेत्र में भी महिलाओं को लाभ पहुंचा दिया। अनियमितताओं और गड़बडिय़ों की जानकारी मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग जैसलमेर के उपनिदेशक राजेंद्र चौधरी ने मामले के हर पहलू की जांच करवाने के लिए स्थानीय अधिकारियों की जांच कमेटी का गठन किया। साथ ही इससे मुख्यालय के अधिकारियों को भी अवगत करवा दिया है। जहां से तकनीकी विशेषज्ञ भी यहां आकर जांच करेंगे।