बाडमेर शहीद पीराराम को अंतिम विदाई देने उमड़े बारमेरवासी
बाडमेर-जम्मू कश्मीर के तंगधार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर तैनात बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के लाल पीराराम पांच दिन पूर्व देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए जिनका पार्थिक देह आज उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ पहुंचा जंहा हजारो की तादाद में शहीद पीराराम को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। लहू बिखरा पड़ा है शहीदों का हर कदम पर, खुद मिट जाते है लेकिन वतन पर कोई आंच तक नही आने देते है। दरअसल जम्मू कश्मीर सियाचिन के घातक बवंडर में 8 जाट रेजिमेंट में बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव निवासी पीराराम तैनात थे उसी दौरान 21 नवम्बर को तंगधार की ऊंची चोटी पर पांच साथियों के साथ ड्यूटी दे रहे थे लेकिन तेज बर्फबारी व सीजफायर की वजह से हुई कंपन से बर्फीले पहाड़ की चट्टान टूट गई और पीराराम शहीद हो गए। हालांकि पीराराम के शहीद होने की घटना के बाद से ही शहीद पीराराम की पत्नी वगतु देवी समेत पूरा परिवार सदमे में है।हर कोई शहीद पीराराम पर गर्व महसूस कर रहा है। मंगलवार को जालीपा केंट से शहीद की पार्थिव देह रवाना होकर बाछड़ाऊ पहुँची। शहीद के पैतृक गाँव तक हजारो लोगो ने अपने हाथों में तिरंगा थामे शहीद के जयकारे लगाते नजर आए। क्या बच्चे , क्या बड़े, क्या महिलाएं क्या बुजुर्ग हर कोई शहीद की शहादत पर जयकारों के साथ अपनी आवाज बुलंद करता नजर आया। शहीद का पार्थिव शव जब उनके घर पहुँचा तो यहाँ हिन्दू धर्म के हिसाब से विभिन्न संस्कारो की अदायगी के बाद पार्थिव देह को अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया गया। शहीद को उनके परिजनों के साथ केंद्रीय मंत्री कैलास चौधरी ने कंधा दिया। शव शहीद के घर से बाछड़ाऊ स्थित श्मशान घाट पहुँचा। यंहा शहीद पीराराम को जब अंतिम विदाई दी गई तो हर किसी की आंखे नम हो गई।
शहीद को अंतिम विदाई से पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और आर्मी ने हवाई सात राउंड फायर कर सलामी दी। शहीद को केंद्रीय मंत्री कैलास चौधरी, गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जिला कलेक्टर अंशदीप, बाड़मेर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, राजस्व मंत्री के प्रतिनिधि मनीष चौधरी, पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी के प्रतिनिधि डॉक्टर रमन चौधरी, पूर्व मंत्री गफूर अहमद और पूर्व यूआई चेयरपर्सन डॉक्टर प्रियंका चौधरी समेत तीन दर्जन से ज्यादा जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों औऱ सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद की शहादत को श्रद्धांजलि दी।
शहीद पीराराम की स्मृति में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलास चौधरी ने 10 लाख की लागत से आदमकद मूर्ति बनाने की घोषणा की वही सरकार की तरफ से शहीद हर सम्भव मदद की बात कही। गौरतलब है कि शहीद पीराराम का 24 दिसम्बर वर्ष 2008 को भारतीय सेना में चयन हुआ था। इससे पहले वर्ष 2006 में पीजी कॉलेज में एनसीसी के कैडेट भी रहे है। शहीद पीराराम के पिता चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त हुए है और शहीद पीराराम की शादी 2012 में सनावड़ा गांव निवासी वगतु देवी के साथ हुई थी। शहीद पीराराम के अब दो पुत्र मनोज व उससे छोटा प्रमोद है। खास बात ये है कि शहीद पीराराम का भाई हेमाराम भी सेना में कार्यरत है।
बाडमेर-जम्मू कश्मीर के तंगधार बर्फीले इलाके की 15 हजार फीट की ऊंची चोटी पर तैनात बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव के लाल पीराराम पांच दिन पूर्व देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए जिनका पार्थिक देह आज उनके पैतृक गांव बाछड़ाऊ पहुंचा जंहा हजारो की तादाद में शहीद पीराराम को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। लहू बिखरा पड़ा है शहीदों का हर कदम पर, खुद मिट जाते है लेकिन वतन पर कोई आंच तक नही आने देते है। दरअसल जम्मू कश्मीर सियाचिन के घातक बवंडर में 8 जाट रेजिमेंट में बाड़मेर जिले के बाछड़ाऊ गांव निवासी पीराराम तैनात थे उसी दौरान 21 नवम्बर को तंगधार की ऊंची चोटी पर पांच साथियों के साथ ड्यूटी दे रहे थे लेकिन तेज बर्फबारी व सीजफायर की वजह से हुई कंपन से बर्फीले पहाड़ की चट्टान टूट गई और पीराराम शहीद हो गए। हालांकि पीराराम के शहीद होने की घटना के बाद से ही शहीद पीराराम की पत्नी वगतु देवी समेत पूरा परिवार सदमे में है।हर कोई शहीद पीराराम पर गर्व महसूस कर रहा है। मंगलवार को जालीपा केंट से शहीद की पार्थिव देह रवाना होकर बाछड़ाऊ पहुँची। शहीद के पैतृक गाँव तक हजारो लोगो ने अपने हाथों में तिरंगा थामे शहीद के जयकारे लगाते नजर आए। क्या बच्चे , क्या बड़े, क्या महिलाएं क्या बुजुर्ग हर कोई शहीद की शहादत पर जयकारों के साथ अपनी आवाज बुलंद करता नजर आया। शहीद का पार्थिव शव जब उनके घर पहुँचा तो यहाँ हिन्दू धर्म के हिसाब से विभिन्न संस्कारो की अदायगी के बाद पार्थिव देह को अंतिम यात्रा के लिए रवाना किया गया। शहीद को उनके परिजनों के साथ केंद्रीय मंत्री कैलास चौधरी ने कंधा दिया। शव शहीद के घर से बाछड़ाऊ स्थित श्मशान घाट पहुँचा। यंहा शहीद पीराराम को जब अंतिम विदाई दी गई तो हर किसी की आंखे नम हो गई।
शहीद को अंतिम विदाई से पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और आर्मी ने हवाई सात राउंड फायर कर सलामी दी। शहीद को केंद्रीय मंत्री कैलास चौधरी, गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी, बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन, चौहटन विधायक पदमाराम मेघवाल, जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जिला कलेक्टर अंशदीप, बाड़मेर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी, राजस्व मंत्री के प्रतिनिधि मनीष चौधरी, पूर्व सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी के प्रतिनिधि डॉक्टर रमन चौधरी, पूर्व मंत्री गफूर अहमद और पूर्व यूआई चेयरपर्सन डॉक्टर प्रियंका चौधरी समेत तीन दर्जन से ज्यादा जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों औऱ सेना के अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद की शहादत को श्रद्धांजलि दी।
शहीद पीराराम की स्मृति में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलास चौधरी ने 10 लाख की लागत से आदमकद मूर्ति बनाने की घोषणा की वही सरकार की तरफ से शहीद हर सम्भव मदद की बात कही। गौरतलब है कि शहीद पीराराम का 24 दिसम्बर वर्ष 2008 को भारतीय सेना में चयन हुआ था। इससे पहले वर्ष 2006 में पीजी कॉलेज में एनसीसी के कैडेट भी रहे है। शहीद पीराराम के पिता चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त हुए है और शहीद पीराराम की शादी 2012 में सनावड़ा गांव निवासी वगतु देवी के साथ हुई थी। शहीद पीराराम के अब दो पुत्र मनोज व उससे छोटा प्रमोद है। खास बात ये है कि शहीद पीराराम का भाई हेमाराम भी सेना में कार्यरत है।