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रविवार, 31 मई 2020

जैसलमेर, ईद भी कोरोना संक्रमितों की सेवा में मनाई,चार माह से घर नहीं आये अधिशाषी अधिकारी दीनमोहम्मद रंगरेज*

दीनमोहम्मद रंगरेज
जैसलमेर,  ईद भी कोरोना संक्रमितों की सेवा में मनाई,चार माह से घर नहीं आये अधिशाषी अधिकारी दीनमोहम्मद रंगरेज*

जैसलमेर कर्तव्य को सर्वोपरि मान उसकी पालना करने वाले अधिकारीयो की सूची में सिरोही जिले के पिंडवाड़ा नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी दीनमोहम्मद रंगरेज भी सुमार है। जेसलमेर के निवासी दीनमोहम्मद पिंडवाड़ा में कार्यरत है।।उन्होंने कोरोना संक्रमण काल और लॉक डाउन के दौरान पिंडवाड़ा के लोगो की सेवा की वो लोगो के जेहन में अमिट हो गई।।लॉक डाउन के साथ ही रंगरेज ने जरूरतमंदों के लिए भोजन और खाद्य सामग्री की भरपूर मात्रा में व्यवस्था की।उनका एक ही लक्ष्य था कि कोई भूखा न सोए।।हर जरुरतमन्द परिवार तक खुद ने पहुंच उनकी मदद की।पिंडवाड़ा शहर में लॉक डाउन की पालना करने में दिन रात जुटे रहते।उन्होंने अपनी टीम के साथ घर घर जाकर कोरोना संक्रमण की जानकारी देने के साथ सरकार की एडवाइजरी की पालना भी करवाई।उसी का नतीजा था कि पिंडवाड़ा में 50 दिन तक कोरोना पॉजिटिव का कोई केस नही आया।।रंगरेज का यह जज्बा ही था कि प्रवासियों के लौटने के क्रम में उन्होंने हर प्रवासी की स्क्रीनिंग करवाई।संदिग्धो को कवरेन्टीन करवा कड़ाई से पालना करवाई।।


लोगो मे मास्क पहनने और सोसल डिस्टेसिंग की पूर्ण पालना करवाने में अव्वल रहे।।सबसे बढ़कर मानव धर्म निभाते हुए  मूक पशुओं और पक्षियों के लिए चारे, दाने पानी की व्यवस्था के साथ साथ परिण्डे भी लगाए ताकि पक्षी प्यासे न रहे।।शहरी क्षेत्र में लॉक डाउन की कड़ाई से पालना कराने के लिए जुर्माना वसूला तो कानूनी कार्यवाही भी अमल में लाये।।दीनमोहम्मद रंगरेज ने रमज़ान के पवित्र महीने में इबादत करने के साथ अपनिखुद की परवाह किये बगैर अपने कर्तव्य को निभाने में जुटे रहते है।।अभी भी पिंडवाड़ा में आये पीजिटिव केसों के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई।।प्रवासियों के होम आइसोलेशन को प्रतिदिन जांचना और कवरेन्टीन केंद्रों का निरीक्षण उनकी दैनिक दिनचर्या में शामिल है।।प्रशासनिक अधिकारों का इस्तेमाल कर उन्होंने कालाबाज़ारी पर पयर्न अंकुश लगा रखा।खुद बोगस ग्राहक बन व्यापारियों को परख लेते।।अलबत्ता कोविड 19 को मात देने में दीनमोहम्मद रंगरेज जैसे दबंग,दिलेर और कर्तव्यनिष्ठ अद्धिकारियो की आवश्यकता रहती है।।पिंडवाड़ा शहर में लोगो ने रंगरेज और उनकी टीम का कई मर्तबा सम्मान किया।।जो उनकी निष्ठा और लगन को बयां करता हैं।।

रविवार, 1 मई 2011

टीसी ने चलती ट्रेन में एक महिला यात्री से दुष्कर्म किया


आबूरोड (सिरोही)। अजमेर-दादर एक्सप्रेस टे्रन के एसी कोच में एक टीसी ने चलती ट्रेन में एक महिला यात्री से दुष्कर्म किया। आरोपी को आबूरोड पहुंचने पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया वहीं रेलवे ने आरोपी टीसी को पहले निलम्बित किया बाद में उसकी सेवाएं समाप्त कर दी। जीआरपी के पुलिस उपअधीक्षक सुरेश कुमार परमार ने बताया कि ट्रेन शुक्रवार रात अजमेर से रवाना हुई थी।
जनरल कोच में सफर कर रही आबूरोड निवासी महिला को टीसी दिनेशदत्त मिश्रा (52) रात 11 बजे ब्यावर स्टेशन पर बहला कर स्लीपर कोच में ले गया। ट्रेन फालना स्टेशन पहुंची तो मिश्रा उक्त महिला को अपने साथ थर्ड एसी कोच बी-2 की 55 नम्बर सीट पर ले गया। महिला का आरोप है कि टे्रन रवाना होने पर टीसी ने उसके साथ दुष्कर्म किया। 
इसी कोच में सवार सूरत निवासी दामोदर पारीक व अन्य यात्रियों ने आरोपी टीसी को पकड़ा और दादर स्टेशन पर फोन किया। सूचना मिलने पर आबूरोड जीआरपी थानाधिकारी ने रात करीब साढ़े बारह बजे आबूरोड स्टेशन पर आरोप की पुष्टि होने पर आरोपी टीसी को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार सुबह पीडिता व आरोपी का मेडिकल कराया गया। जीआरपी थानाधिकारी के अनुसार घटना के दौरान आरोपी टीसी ऑफ ड्यूटी था।
आरोपी की सेवाएं समाप्त
रेल प्रशासन ने आरोपी टीसी दिनेशदत्त मिश्रा की सेवाएं समाप्त कर दी है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अघिकारी ललित बोहरा ने बताया कि इसके अलावा टीसी अर्जुन सिंह राठौड़ को निलंबित किया गया है।
कुएं में गैस, पांच की मौत 

कोटा। जिले के मोड़क थाना क्षेत्र में ढाबादेह के निकट एक फैक्ट्री परिसर में बने कुएं में जहरीली गैस के असर से पांच जनों की मौत हो गई। पांचों मृतक एक ही परिवार के हैं। कई घंटों की मशक्कत के बाद शवों को बाहर निकाला जा सका। घटना की सूचना पर पुलिस व प्रशासन के तमाम आला अफसर मौके पर पहुंच गए। उन्हें निकालने के प्रयास में उतरा एक एएसआई व चार अन्य लोग भी अचेत हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ढाबादेह से करीब एक किमी दूर झालावाड़ रोड पर ही एक पत्थर घिसाई फैक्ट्री है। फैक्ट्री परिसर में स्थित कुएं में लगे इंजन में तेल डालने के लिए करीब 4.30 बजे हैदर अली (24) पुत्र मोहम्मद अजीम उतरा तो वह बाहर नहीं आया। इसके आबिद उर्फ राजू (25) पुत्र जमील अहमद, बाबू (75) पुत्र अलादीन, रमजान खान (45) पुत्र गुलशेर खान, रशीद  (40) पुत्र बाबू खां कुएं में उतरे, लेकिन देर तक वे भी बाहर नहीं आए। बाद में फारूख, रईस व दौलत तथा ढाबादेह चौकी का एएसआई नेनूराम भी उन्हें निकालने के लिए कुएं में उतरे।
 इनके भी बाहर नहीं आने पर मौके पर काफी भीड़ जमा हो गई। किसी ने फोन कर मोड़क पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने फारूख, रईस, दौलत तथा एएसआई नेनूराम को निकाल मोड़क चिकित्सालय पहुंचाया। जहां से नेनूराम को झालावाड़ अस्पताल रैफर कर दिया। रात करीब साढ़े 9 बजे कोटा से आरएसी, डीएससीएल व नगर निगम के आपदा प्रबंधन दल के सदस्य मौके पर पहुंचे और करीब डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद पांचों के शव एक-एक कर बाहरनिकाले जा सके

 अंतिम छोर के गांवों में जल संकट 

बालोतरा। खत्म होने आए अप्रेल माह के साथ चरम सीमा पर पहुंची गर्मी से इन दिनों हर कहीं पानी को लेकर त्राहि त्राहि मची हुई है। रेतीले इलाकों में बसे गांव व ढाणियों में हालात इतने अघिक खराब है कि रहवासी परिवार बूंद बूंद पानी को तरस गए है। उण्डू-नवातला पेयजल योजना का अंतिम छोर के गांवों में नहीं पहुंचते पानी के साथ क्षेत्र में हैण्डपम्प खुदाई के कछुआ गति के चलते काम से ग्रामीणों के दु:खमय जीवन में परेशानियां और अघिक बढ़ गई है। शीघ्र ही काम को गति देकर हैण्ड पम्पों की खुदाई नहीं की गई तो हालात बूते से बाहर हो जाएंगे।
पंचायत समिति बालोतरा की सीमा से सटी पंचायत समिति बायतु के अंतिम सीमा पर बसे ग्राम पंचायतों में योजना के नहीं पहुंच रहे पानी पर सांसद, विधायक बायतु की अनुशंषा व नियतांश कोष से जलदाय विभाग ने हैण्ड पम्प खुदाई की बड़ी संख्या में स्वीकृतियां जारी की थी ताकि प्रभावित ग्राम पंचायतों के परेशान ग्रामीणों को राहत पहुंचाई जा सके। करीब दो से डेढ़ महिने पहले  इन हैण्डपम्पों की जारी स्वीकृतियां व हुए टेण्डरों पर ग्रामीणों में खुशी छा गई थी, लेकिन खत्म होने आए अप्रेल माह तक प्रभावित ग्राम पंचायतों में कुछ इने गुने ही हैण्ड पम्प खुदने से परेशान ग्रामीण आज भी राहत को तरस गए है।
कार्य की कछुला चाल, ग्रामीण बेहाल
उण्डू-नवातला पेयजल योजना से जुड़ी अंतिम ग्राम पंचायत सणतरा, लापून्दड़ा, खारापार, चीबी, कूम्पलियां आदि में एक बूंद भी योजना के नहीं पहुंच रहे पानी से परेशान ग्रामीणों की मांग पर सांसद, विधायक बायतु ने क्षेत्र के गांवों में हैण्ड पम्प खुदाई की विशेष स्वीकृतियां दिलाई दी।  कार्य की कछुआ चाल पर अभी तक बमुश्किल एक से डेढ़ दर्जन हैण्ड पम्प ही खुद पाए है। ग्राम पंचायत कुम्पलिया में स्वीकृत बारह में से अब तक नाममात्र खुदे चार हैण्ड पम्पों पर इस बात को समझा जा सकता है। इससे पहले से ही परेशान ग्रामीणों की दिक्कतें और अघिक बढ़ गई है।
राहत का सपना चूर-चूर
पंचायत समिति क्षेत्र में स्वीकृत हैण्ड पम्पों की खुदाई का कार्य मानसून शुरू होने तक पूरा हो जाए तो गनीमत है। स्वीकृत करीब डेढ़ सौ में से एक से दो दर्जन हैण्ड पम्पों की ही खुदाई हो पाई है। खुदाई के कार्य में नाममात्र की लगी दो मशीनें दिन में दो ही हैण्डपम्पों की खुदाई करती है। ऎसे में स्वीकृत हैण्ड पम्पों की लंबी सूची पर आधे जून माह तक इनकी खुदाई हो जाए तो बड़ी बात होगी। इसके चलते पेयजल समस्या से निजात मिलने को लेकर ग्रामीणों का सपना चूर चूर हो गया है।
पेयजल के लिए त्राही-त्राही
ग्राम पंचायत कुम्पलिया सहित समीप की ग्राम पंचायतों में उण्डू नवातला योजना का एक बूंद नहीं पहुंच रहे पानी से ग्रामीणों व पशुपालकों की हालत खराब है। धीमी गति से हैण्ड पम्प खुदाई का हो रहा कार्य आग में घी डालने का कार्य कर रहा है। ग्रामीणों को राहत पहुंचाने के लिए कार्य में गति लाएं।
- दौलतराम गोदारा, सदस्य जिला सहायता समिति
कोशिश जारी है
हैण्डपंपों की स्वीकृति व टेण्डर देरी से जारी होने पर काम अभी गति नहीं पकड़ पाया है। इस काम के लिए दो मशीनें लगाई हुई है। 15 मई तक शेष हैण्ड पंपों की खुदाई का कार्य पूरा करने का प्रयास रहेगा।
- भंवरलाल जाटोल, अघिशासी अभियंता, उत्तर खंड जलदाय विभाग

मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

Sundha mountain temple of goddessesChamunda Devi,



Sundha mountain temple of goddessesChamunda Devi,
At 1220 m height in the Aravalli ranges there on Sundha mountain is temple of goddessesChamunda Devi, a very sacred place for devotees. It is 105 km from district headquarter and 35 km. from sub divisional Bhinmal. This place lies in Raniwara Teshil in the mid-east of Malwara to Jaswantpura Road near Dantlawas village.
Many tourists from Gujarat and Rajasthan visit it. The environment here is fresh and attractive. The waterfalls flow whole year and the hotel at the valley made in yellow sandstone of Jaisalmer attracts everyone.
Architecture
Sundha temple is made up of white marble, the pillars reminds the art of Abus’s Dilwara temple pillars. A very beautiful idol of goddess Chamunda is present under the huge stone. Here Chamunda’s head is worshipped. It is said that the trunk of mother Chamunda are established in Korta and legs in Sundarla Pal (Jalore). In front of mother Chamunda a BhurBhuva Swaweshwar Shivling is established. In the main temple duo idol of Shiva and Parvati Ganesh’s idol are considered very old and extinct.
History
In the temple premises there are three historically significant inscriptions that highlight the history of the region. First inscription is from AD 1262, which describes victory of Chauhans and downfall of Parmaras. The second inscription is from 1326, and the third one is from 1727.
The Sundha inscriptions are of peculiar importance in historical sense—like the Harishen inscription or Delhi’s Mehrulli pillar inscription. Sundha inscriptions throw light on the history of India.
Wildlife sanctuary
There is a wildlife sanctuary nearby covering an area of 107 square kilometers. Korta is a historic place and has developed in a major tourist attraction. Korta has lot to offer, from its rich history, culture, tradition and the warm hospitality of locals. korta is a true insight of rural India. Places to visit, Temples as old as 10th Century, Marsh Crocodile century, Shepard's Hamlets & many more.
Kortaescape is a retreat. Perfect place to relax and enjoy the vacation for nature enthusiasts. Kortaescape is a serene farm surrounded by famous Aravali range of mountain, there are 11 beautiful cottages with all modern amenities. Being a base camp for Korta Stables, Ashwarohi Safari, Korta Jeep Safaris.
Kortaescape provides many activities in and around Kortaesacpe.
Activity includes village walk, visit to temple, meeting the local tribes, try hands-on pottery, day excursion on horse-back, jeep safari, and night out in the wilderness or trekking in the Arravali hills (The oldest mountain range in the world). It's an ideal choice of adventurous people who can have the taste of wilderness under open sky with all the comforts. “A blend of adventure and luxury”.
Kortastud was established in the year 2008, to continue the age old tradition of breeding Marwari Horses by Mr. Siddharth Singh (Sid). He belongs to a noble family, who holds the pride of being one of the oldest & best breeders of “Marwari Breed of Horses” in the region. The horses from the family stables have been proven champions in different disciplines for many years.
We are located in North West of Rajasthan on a farm, where we cater for horses and riders with excellence in perfection. Over the years Korta Stud team has been responsible for training, breeding, sourcing, producing and caring for horses whose blood lines have been proven and have competed successfully.
Curtsey KORTASTUD.
Fairs
During Navratri tourists from Gujarat and nearby areas come in a large number. Regular buses Gujarat roadways from PalanpurDeesa and elsewhere run during that time.