बाड़मेर के सांग सिंह लुणु के पास हें सुलेमानी शाही तलवार कीमत चार करोड़ डॉलर
बाड़मेर भारत के इतिहास में तलवारों बड़ा महत्त्व रहा हें ,तलवार बाज़ी के दुर्लभ गुण था जिसके जरिये बड़े बड़े युद्ध योद्धाओं ने जीते ,तलवार रखना आज शौक और स्टेट्स सिम्बल बन गया हें ,बाड़मेर जिले ले लुणु गाँव में एक ऐतिहासिक तलवार लुणु के जागीरदार ठाकुर सांग सिंह राठोड पुत्र जालम सिंह के घर इतिहास की गवाह बन रही हें ,यह तलवार आम नहीं हें। नीलामी में इसकी कीमत चार करोड़ डोलर लगी जा चुकी हें।
इस तलवार के बारे में सांग सिंह लुणु ने बताया की यह तलवार विशेष हें ,लम्बे समय तक यह शाही तलवार फकिराबाद ,हल हैदराबाद सिंध के दरबार में रही ,इस दरबार में सिंध प्रान्त निवासी सिद्दीक पुत्र दीन मोहम्मद के वंशजो को मुगलों ने भेंट की थी ,इनके परिवार के सदस्य पांधी खान ने जब भारत आया तो लुणु गाँव के जागीरदार को शाही तलवार नज़राने में दी थी। करीब नब्बे सेंटीमीटर लम्बी इस तलवार की मूठ सोने की हें इस तलवार पर सोने की कलम से उर्दू में इशरत अली इब्ने मेरे मोहम्मद फकिराबाद ,हैदराबाद ,लिखा हें उन्होंने बताया की करीब पांच सौ साल पुराणी हें यह तलवार। शमशीर ऐ सुलेमानी मीरपुर तालपुर की इस तलवार से शाही युधों में दुश्मनों के सर कलम किये हुए हें। इसे नाथल तलवार कहते हें। जिस तलवार से दुश्मनों के सर काटे गए हो उसकी विशेषता बढ़ जाती हें ,इस तरह की तलवारे आज कहीं नहीं हें। हैदराबाद सिंध के शाही शस्त्रागार की इस तलवार की चमक देखते बनती हें।