ऐतिहासिक कारेली नाडी के सरंक्षण का बीड़ा उठाया जनता ने
बुधवार को सेकड़ो लोग देंगे जिला कलेक्टर और आयुक्त को ज्ञापन
बाड़मेर बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित ऐतिहासिक कारेली नाडी का कायाकल्प करने की जिम्मेदारी आम जन ने ली हें ,इसके लिए जल्द एक कमेटी का गठन कर लिया गया हें .कमिटी इसके सरंक्षण के लिए अभियान छेड़ रही हें ,प्रथम चरम में बुधवार को प्रातः ग्यारह बजे जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप नाडी के सरंक्षण की मांग की जायेगी .कमिटी के सरंक्षक माधो सिंह दांता ने बताया की बुधवार को सेकड़ो की तादाद में महावीर पार्क में विभिन्न समाजो के लोग एकत्रित होकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे . .इस आशय की जानकारी देते हुए सांग सिंह लुणु ने बताया की बाड़मेर की परंपरागत पेयजल स्रोतों में कारेली नाडी अहम् थी .आसपास के पचासों गाँवो के लोग इस नाडी के पानी से प्यास बुझाते थे .वहीं इस तालाब की बड़ी मान्यता थी ,लोगो की इस तालाब के प्रति गहरी आस्था थी ,आज इस तालाब की दुर्दशा कर इसे कचरा पात्र बना दिया ,उन्होंने बताया की जिला प्रशासन द्वारा कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण के नाम पर विदेशी कंपनियों से पैसा भी लिया मगर उसका इस नाडी पर कोई उपयोग नहीं किया .आज तालाब गन्दगी से भरा पडा हें ,जिला प्रशासन और नगर परिषद् लगातार इस नाडी की उपेक्षा कर रहे हें जबकि सरकार ने परंपरागत पेयजल स्रोतों के विकास के लिए कई योजनाए बना रखी हें .रिड़मल सिंह दांता ने बताया की सोमवार को जिला कलेक्टर से मिलकर इस नाडी के विकास की मांग की जायेगी ,यदी जिला प्रशासन सकारात्मक नहीं हुआ तो युवा इसके विकास का कार्य अपने हाथ में लेंगे .चन्दन सिंह भाटी ने बताया की कारेली नाडी के पुराने स्वरुप को पुनः लौटाने के सतत सामूहिक प्रयास किये जायेंगे .आज इस नाडी के आगे से आम आदमी गुजर नहीं सकता इस तालाब में मृत पशु तक डाले जा रहे हें वही इसे कचरा पात्र बना दिया इसके लिए एक कमेटी का गठन किया गया हें जिसकी देखरेख में कारेली नाडी के सौन्दर्यकरण और विकास का कम होगा .बुधवार को नगर पालिका आयुक्त तथा जिला कलेक्टर को तत्काल कारेली नाडी की सफाई करने के लिए कहा जाएगा .बुधवार को बड़ी तादाद में ग्रामीणों तथा शहरी क्षेत्र के जागरूक नागरिको से संपर्क कैलाश बेनीवाल ,इन्दर प्रकाश पुरोहित ,अशोक सिंह राजपुरोहित ,दुर्जन सिंह गुडीसर ,मान सिंह भाटी ,रघुवीर सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,मोती सिंह मारुडी ,खमीशा खान लुणु ,ओम सिंह दोहट ,गनपत सिंह लुनु ,भोम सिंह बलाई ,अशोक सारला ने संपर्क कर उन्हें परम्परागत पेयजल स्रोतों को बचने के लिए आगे आने के लियेलिये कहा .