पैरेलल इन्वेस्टिगेशन : जैसलमेर में हमारी पुलिस सबसे फिसड्डी,जैसलमेर को -9 मार्किंग
जैसलमेर राज्य में कानून व्यवस्था अाैर पुलिस अधिकारियाें के करवाए जा रहे अांतरिक मूल्यांकन की रिपाेर्ट बेहद चिंताजनक सामने अा रही है। डीजीपी की अाेर से सभी एसपी के कार्य मूल्यांकन में श्रीगंगानगर राज्य में 31वें स्थान पर है। डीजीपी भूपेंद्र यादव की अाेर तय किए गए फाॅर्मेट में 41 एसपी अाैर एसीपी का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि यह मूल्यांकन इस वर्ष के अक्टूबर माह तक का है। जिला पुलिस की खराब स्थिति के पीछे अनुसंधान की धीमी चाल एक बड़ा कारण सामने अाया है। जिले में दर्ज अक्टूबर तक के मामलाें में 4822 मुकदमे जांच में पड़े थे। इतनी बड़ी पेंडेंसी के कारण राज्य में जिले की स्थिति इतनी पिछड़ गई कि हमारी जिला पुलिस ऊपर के 10 स्थानाें के बजाए नीचे से 11वें नंबर पर पहुंच गई है। हालांकि राज्य में कई एसपी एेसे भी हैं जिनकाे इससे भी कम अंक अाैर कईयाें काे ताे माइनस में भी अंक मिले हैं। अक्टूबर तक के मूल्यांकन में काेटा रूरल एसपी राजन दुष्यंत प्रथम स्थान पर रहे हैं। उनकाे डीजीपी की अाेर से किए जा रहे मूल्यांकन में 64.56 फीसदी अंक दिए गए हैं। मासिक मूल्यांकन में अक्टूबर माह मंे प्रथम स्थान पर रहे काेटा रूरल एसपी काे 55.32 फीसदी अंक मिले हैं। यहां यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि निर्धारित किए गए 100 अंकाें के मूल्यांकन में प्रथम स्थान पर रहे एसपी काे भी 64.56 फीसदी अंक ही हासिल हुए हैं। यह अांकड़ा प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति काे इंगित करता है कि पुलिस अांतरिक मूल्यांकन में भी इतनी बुरी तरह से पिछड़ी हुई है। श्रीगंगानगर जिले में सीअाे सिटी, सीअाे रूरल, सीअाे करणपुर, सीअाे रायसिंहनगर, सीअाे सूरतगढ़ अाैर सीअाे अनूपगढ़ के अधीन 27 पुलिस थानाें के कामकाज का मूल्यांकन हाे रहा है। हमने पूरे प्रदेश में हमारी पुलिस की खराब रैंकिंग को लेकर एसपी हेमंत शर्मा का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
पैरेलल इन्वेस्टिगेशन : बीकानेर संभाग में हमारी पुलिस सबसे फिसड्डी
टाेंक एसपी आदर्श सिद्धू की परफॉर्मेंस अक्टूबर माह में सबसे खराब 41वें नंबर पर रही है, उन्हें डीजीपी की रिपोर्ट में 100 नंबरों में से -149 नंबर मिले हैं। वहीं, कोटा शहर एसपी दीपक भार्गव 15वें पायदान पर हैं। माइनस मार्किंग वाले जिलों में धौलपुर एसपी मृदुल कच्छावा को -41, जयपुर ईस्ट के डॉ. राहुल जैन को -39, भीलवाड़ा के हरेन्द्र कुमार को -35, सीकर के गगनदीप को -22, जयपुर साउथ के योगेश कुमार को -21, अजमेर के कुंवर राष्ट्रदीप को -19, बारां के डॉ. रवि को -14, भरतपुर के हैदर अली जेदी को -13, जयपुर रूरल के शंकर दत्त शर्मा को -13, जैसलमेर की किरण कंग को -9, दौसा के प्रह्लाद कुमार को -7, करौली के अनिल कुमार को -6, जोधपुर रूरल के राहुल मनहर्दन को -4, अंक मिले हैं।
पोक्सो एक्ट : हर रोज 9 बेटियों से दुष्कर्म
संभाग 2018 2019 बढ़ोतरी
जयपुर 247 307 24.29%
अजमेर 226 345 52.65%
जोधपुर 177 343 93.79%
कोटा 285 390 36.84%
उदयपुर 282 331 17.38%
बीकानेर 272 382 40.44%
भरतपुर 201 303 50.75%
प्रदेश 1,690 2,401 45.24%
जिले में 6 पुलिस सर्किल, 27 थाने: रिपाेर्ट में पिछले साल अक्टूबर माह तक 5327 मुकदमे दर्ज थे जबकि इस साल 8977 दर्ज मुकदमाें में 4822 जांच में लंबित थे।
एसपी काे अाईजी 10 अाैर एडीजी काे 5 अंक देने का अधिकार, सीएलजी मीटिंग अाैर लाॅ एंड अाॅर्डर के 10 अंक
डीजीपी की अाेर से किए जा रहे 100 अंक के मूल्यांकन में प्रत्येक एसपी काे रेंज अाईजी अधिकतम 10 अंक दे सकते हैं। एडीजी काे अधिकतम 5 अंक देने का अधिकार है। हर एसपी का 10 अंक का निर्धारण सीएलजी मीटिंगाें अाैर क्षेत्र में हाेने वाले गंभीर अपराधाें की सूरत में स्वयं माैके पर जाकर निरीक्षण के मिलते हैं। श्रीगंगानगर एसपी काे रेंज डीअाईजी जाेस माेहन ने 9.6 अाैर एडीजी ने 3 अंक दिए हैं। लाॅ एंड अाॅर्डर अाैर सीएलजी बैठकें कम करने पर एसपी काे 10 में से 3.5 अंक ही मिले हैं। अक्टूबर माह के मूल्यांकन काे माइनस 12.73 फीसदी अंक ही हासिल हुए थे।
महिला हिंसा : बढ़ रहे मामले, रोजाना 120 महिलाओं से अत्याचार
प्रदेश सरकार के महिला सुरक्षा और अत्याचारों पर अंकुश लगाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार कम होने की बजाए दोगुनी तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक कुल 36 हजार 50 महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं को रिकॉर्ड पर लिया गया है। यानी इन मामलों में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। यानी रोजाना 120 महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ। यह आंकड़ा इसलिए परेशान करता है क्योंकि 2018 की अपेक्षा अत्याचार में 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2018 में इस समय तक प्रदेश में 23 हजार 280 घटनाएं हुई थीं। यानी एक साल में प्रदेश में महिला अत्याचार की 12 हजार 770 घटनाएं ज्यादा हुई हैं।
रिपोर्ट कार्ड : बीकानेर रेंज के 2 एसपी फेल
जिला एसपी नंबर स्थान
कोटा ग्रामीण राजन दुष्यंत 55.32 पहला
डूंगरपुर जय यादव 46.12 दूसरा
प्रतापगढ़ पूजा अवाना 40.07 तीसरा
जोधपुर ईस्ट धर्मेंद्र सिंह 33.16 चौथा
चितौड़गढ़ अनिल कयाल 31.19 पांचवां
उदयपुर कैलाशचंद्र बिश्नोई 28.19 छठा
हनुमानगढ़ राशि डोगरा डूडी 22.45 सातवां
बीकानेर प्रदीप मोहन शर्मा 11.72 12वां
श्रीगंगानगर हेमंत शर्मा -12 31वां
चूरू तेजस्विनी गौतम -10 29
सोर्स : पुलिस मुख्यालय, रिपोर्ट अक्टूबर माह की।
जैसलमेर राज्य में कानून व्यवस्था अाैर पुलिस अधिकारियाें के करवाए जा रहे अांतरिक मूल्यांकन की रिपाेर्ट बेहद चिंताजनक सामने अा रही है। डीजीपी की अाेर से सभी एसपी के कार्य मूल्यांकन में श्रीगंगानगर राज्य में 31वें स्थान पर है। डीजीपी भूपेंद्र यादव की अाेर तय किए गए फाॅर्मेट में 41 एसपी अाैर एसीपी का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि यह मूल्यांकन इस वर्ष के अक्टूबर माह तक का है। जिला पुलिस की खराब स्थिति के पीछे अनुसंधान की धीमी चाल एक बड़ा कारण सामने अाया है। जिले में दर्ज अक्टूबर तक के मामलाें में 4822 मुकदमे जांच में पड़े थे। इतनी बड़ी पेंडेंसी के कारण राज्य में जिले की स्थिति इतनी पिछड़ गई कि हमारी जिला पुलिस ऊपर के 10 स्थानाें के बजाए नीचे से 11वें नंबर पर पहुंच गई है। हालांकि राज्य में कई एसपी एेसे भी हैं जिनकाे इससे भी कम अंक अाैर कईयाें काे ताे माइनस में भी अंक मिले हैं। अक्टूबर तक के मूल्यांकन में काेटा रूरल एसपी राजन दुष्यंत प्रथम स्थान पर रहे हैं। उनकाे डीजीपी की अाेर से किए जा रहे मूल्यांकन में 64.56 फीसदी अंक दिए गए हैं। मासिक मूल्यांकन में अक्टूबर माह मंे प्रथम स्थान पर रहे काेटा रूरल एसपी काे 55.32 फीसदी अंक मिले हैं। यहां यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि निर्धारित किए गए 100 अंकाें के मूल्यांकन में प्रथम स्थान पर रहे एसपी काे भी 64.56 फीसदी अंक ही हासिल हुए हैं। यह अांकड़ा प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति काे इंगित करता है कि पुलिस अांतरिक मूल्यांकन में भी इतनी बुरी तरह से पिछड़ी हुई है। श्रीगंगानगर जिले में सीअाे सिटी, सीअाे रूरल, सीअाे करणपुर, सीअाे रायसिंहनगर, सीअाे सूरतगढ़ अाैर सीअाे अनूपगढ़ के अधीन 27 पुलिस थानाें के कामकाज का मूल्यांकन हाे रहा है। हमने पूरे प्रदेश में हमारी पुलिस की खराब रैंकिंग को लेकर एसपी हेमंत शर्मा का पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
पैरेलल इन्वेस्टिगेशन : बीकानेर संभाग में हमारी पुलिस सबसे फिसड्डी
टाेंक एसपी आदर्श सिद्धू की परफॉर्मेंस अक्टूबर माह में सबसे खराब 41वें नंबर पर रही है, उन्हें डीजीपी की रिपोर्ट में 100 नंबरों में से -149 नंबर मिले हैं। वहीं, कोटा शहर एसपी दीपक भार्गव 15वें पायदान पर हैं। माइनस मार्किंग वाले जिलों में धौलपुर एसपी मृदुल कच्छावा को -41, जयपुर ईस्ट के डॉ. राहुल जैन को -39, भीलवाड़ा के हरेन्द्र कुमार को -35, सीकर के गगनदीप को -22, जयपुर साउथ के योगेश कुमार को -21, अजमेर के कुंवर राष्ट्रदीप को -19, बारां के डॉ. रवि को -14, भरतपुर के हैदर अली जेदी को -13, जयपुर रूरल के शंकर दत्त शर्मा को -13, जैसलमेर की किरण कंग को -9, दौसा के प्रह्लाद कुमार को -7, करौली के अनिल कुमार को -6, जोधपुर रूरल के राहुल मनहर्दन को -4, अंक मिले हैं।
पोक्सो एक्ट : हर रोज 9 बेटियों से दुष्कर्म
संभाग 2018 2019 बढ़ोतरी
जयपुर 247 307 24.29%
अजमेर 226 345 52.65%
जोधपुर 177 343 93.79%
कोटा 285 390 36.84%
उदयपुर 282 331 17.38%
बीकानेर 272 382 40.44%
भरतपुर 201 303 50.75%
प्रदेश 1,690 2,401 45.24%
जिले में 6 पुलिस सर्किल, 27 थाने: रिपाेर्ट में पिछले साल अक्टूबर माह तक 5327 मुकदमे दर्ज थे जबकि इस साल 8977 दर्ज मुकदमाें में 4822 जांच में लंबित थे।
एसपी काे अाईजी 10 अाैर एडीजी काे 5 अंक देने का अधिकार, सीएलजी मीटिंग अाैर लाॅ एंड अाॅर्डर के 10 अंक
डीजीपी की अाेर से किए जा रहे 100 अंक के मूल्यांकन में प्रत्येक एसपी काे रेंज अाईजी अधिकतम 10 अंक दे सकते हैं। एडीजी काे अधिकतम 5 अंक देने का अधिकार है। हर एसपी का 10 अंक का निर्धारण सीएलजी मीटिंगाें अाैर क्षेत्र में हाेने वाले गंभीर अपराधाें की सूरत में स्वयं माैके पर जाकर निरीक्षण के मिलते हैं। श्रीगंगानगर एसपी काे रेंज डीअाईजी जाेस माेहन ने 9.6 अाैर एडीजी ने 3 अंक दिए हैं। लाॅ एंड अाॅर्डर अाैर सीएलजी बैठकें कम करने पर एसपी काे 10 में से 3.5 अंक ही मिले हैं। अक्टूबर माह के मूल्यांकन काे माइनस 12.73 फीसदी अंक ही हासिल हुए थे।
महिला हिंसा : बढ़ रहे मामले, रोजाना 120 महिलाओं से अत्याचार
प्रदेश सरकार के महिला सुरक्षा और अत्याचारों पर अंकुश लगाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार कम होने की बजाए दोगुनी तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2019 में अक्टूबर माह तक कुल 36 हजार 50 महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं को रिकॉर्ड पर लिया गया है। यानी इन मामलों में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। यानी रोजाना 120 महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ। यह आंकड़ा इसलिए परेशान करता है क्योंकि 2018 की अपेक्षा अत्याचार में 54 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2018 में इस समय तक प्रदेश में 23 हजार 280 घटनाएं हुई थीं। यानी एक साल में प्रदेश में महिला अत्याचार की 12 हजार 770 घटनाएं ज्यादा हुई हैं।
रिपोर्ट कार्ड : बीकानेर रेंज के 2 एसपी फेल
जिला एसपी नंबर स्थान
कोटा ग्रामीण राजन दुष्यंत 55.32 पहला
डूंगरपुर जय यादव 46.12 दूसरा
प्रतापगढ़ पूजा अवाना 40.07 तीसरा
जोधपुर ईस्ट धर्मेंद्र सिंह 33.16 चौथा
चितौड़गढ़ अनिल कयाल 31.19 पांचवां
उदयपुर कैलाशचंद्र बिश्नोई 28.19 छठा
हनुमानगढ़ राशि डोगरा डूडी 22.45 सातवां
बीकानेर प्रदीप मोहन शर्मा 11.72 12वां
श्रीगंगानगर हेमंत शर्मा -12 31वां
चूरू तेजस्विनी गौतम -10 29
सोर्स : पुलिस मुख्यालय, रिपोर्ट अक्टूबर माह की।