बाड़मेर पत्नी के हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सज़ा
आज बाड़मेर मुख्यालय पर अपर सेशन न्यायाधीश संख्या- 1 सुशील कुमार जैन द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ़ पप्पुराम पुत्र देराजराम जाति मेघवाल निवासी ऐहसान का तला को अपराध अंतर्गत धारा 302 भा.द.स के तहत दोषी मानते हुए अपराध अंतर्गत धारा 302 मे आजीवन कारावास व 100000 रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई .
अपर लोक अभियोजक संख्या– 1 जसवन्त बोहरा ने बताया कि परिवादी भगाराम द्वारा दिनांक 24.4.2015को पुलिस थाना सेड्वा में एक सुचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी कि उसकी भतीजी चंपा देवी की शादी आज से 2 दिन पूर्व मुलजिम ओमप्रकाश के साथ की थी.
दिनांक 23. 4.2015 की रात्रि को उसकी भतीजी के पति ओमप्रकाश ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी उसे आज दिनांक 24.4.15 को फोन पर कालूराम ने बताया कि चम्पा की उसके पति ने गला दबाकर हत्या कर दी है जिस पर पुलिस थाना सेड़वा द्वारा प्रकरण संख्या 29/ 15 दर्ज कर बाद अनुसंधान अभियुक्त ओमप्रकाश के विरुद्ध अपराध अंतर्गत धारा 302 मै अपराध प्रमाणित मानते हुए आरोपपत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया . विचारण के दौरान अभियुक्त ने अपराध अस्वीकार कर अन्वीक्षा चाहने परअभियोजन पक्ष की ओर से माननीय न्यायालय में प्रभावी तरीके से समस्त 18 साक्षीगण को परीक्षित करवाया व् संकलित साक्ष्य मै 27 दस्तावेजो को प्रदर्शित करवाया गया एवम दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात् अपर सेशन न्यायाधीश संख्या- 1 सुशील कुमार जैन द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ़ पप्पू राम को दोषी मानकर आजीवन कारावास और ₹100000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गयी !
उक्त प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संख्या एक एडवोकेट जसवंत बोहरा द्वारा पेरवी करते हुए बहस की गयी ! अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता सुनील कुमार रामावत एवम परिवादी पक्ष की और से अधिवक्ता राजेश विश्नोई द्वारा पैरवी की गयी !
आज बाड़मेर मुख्यालय पर अपर सेशन न्यायाधीश संख्या- 1 सुशील कुमार जैन द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ़ पप्पुराम पुत्र देराजराम जाति मेघवाल निवासी ऐहसान का तला को अपराध अंतर्गत धारा 302 भा.द.स के तहत दोषी मानते हुए अपराध अंतर्गत धारा 302 मे आजीवन कारावास व 100000 रूपये के अर्थदंड की सजा सुनाई .
अपर लोक अभियोजक संख्या– 1 जसवन्त बोहरा ने बताया कि परिवादी भगाराम द्वारा दिनांक 24.4.2015को पुलिस थाना सेड्वा में एक सुचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी कि उसकी भतीजी चंपा देवी की शादी आज से 2 दिन पूर्व मुलजिम ओमप्रकाश के साथ की थी.
दिनांक 23. 4.2015 की रात्रि को उसकी भतीजी के पति ओमप्रकाश ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी उसे आज दिनांक 24.4.15 को फोन पर कालूराम ने बताया कि चम्पा की उसके पति ने गला दबाकर हत्या कर दी है जिस पर पुलिस थाना सेड़वा द्वारा प्रकरण संख्या 29/ 15 दर्ज कर बाद अनुसंधान अभियुक्त ओमप्रकाश के विरुद्ध अपराध अंतर्गत धारा 302 मै अपराध प्रमाणित मानते हुए आरोपपत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया . विचारण के दौरान अभियुक्त ने अपराध अस्वीकार कर अन्वीक्षा चाहने परअभियोजन पक्ष की ओर से माननीय न्यायालय में प्रभावी तरीके से समस्त 18 साक्षीगण को परीक्षित करवाया व् संकलित साक्ष्य मै 27 दस्तावेजो को प्रदर्शित करवाया गया एवम दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात् अपर सेशन न्यायाधीश संख्या- 1 सुशील कुमार जैन द्वारा अभियुक्त ओमप्रकाश उर्फ़ पप्पू राम को दोषी मानकर आजीवन कारावास और ₹100000 के अर्थदंड की सजा सुनाई गयी !
उक्त प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक संख्या एक एडवोकेट जसवंत बोहरा द्वारा पेरवी करते हुए बहस की गयी ! अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता सुनील कुमार रामावत एवम परिवादी पक्ष की और से अधिवक्ता राजेश विश्नोई द्वारा पैरवी की गयी !