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रविवार, 29 सितंबर 2019

जैसलमेर पैतृक गांव सोमवार दोपहर बाद पहुंचेगी शहीद राजेंद्र सिंह की पार्थिव देह

जैसलमेर पैतृक गांव सोमवार दोपहर बाद पहुंचेगी शहीद राजेंद्र सिंह की पार्थिव देह



जम्मू-कश्मीर में शनिवार को सेना व आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ गांव के निवासी भारतीय सेना के जांबाज जवान नायक राजेंद्र सिंह (27) पुत्र सांवल सिंह भाटी शहीद हो गए।उनका पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर बाद मोहनगढ़ पहुंचेगा ,सेना की और से जारी प्रेस नोट में बताया की उधमपुर से जम्मू और जम्मू से दिल्ली सेना के मुख्यालय पर शहीद की पार्थिक देह रविवार दोपहर बाद पहुंचेगी ,मुख्यालय पर शहीद के सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि होगी ,सोमवार को दोपहर करीब एक बजे पार्थिव शहर ैरिन्डिए की फ्लाइट से जोधपुर रवाना करेंगे,जोधपुर हवाई अड्डे पर पार्थिव शरीर सवा दो बजे पहुंचेगी ,बाद में सड़क मार्ग से शहीद की पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव भेजा जायेगा ,

 जम्मू-कश्मीर के डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि एनएच 244 के किमी 7 पर 28 सितंबर को खुफिया जानकारी मिलने पर भारतीय सेना की रोड ओपनिंग पार्टी ने तीन आतंकवादियों के समूह को पकड़ा। भारतीय सेना द्वारा चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने गोली चला दी और बटोटे शहर की ओर भाग गए। रोड ओपनिंग पार्टी ने सेना, जेकेपी, सीआरपीएफ और एसएसबी की टीमों ने त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए आतंकवादियों का पीछा किया। इसके बाद आतंकवादी एक रहवासी मकान में घुस गए और एक नागरिक को बंधक बना लिया। इस पर भारतीय सेना ने कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को पूर्ण रूप से बंद कर दिया। बंधक की सुरक्षित रिहाई के लिए सुरक्षा बलों ने अत्यधिक संयम बरतते हुए आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने की पेशकश की, लेकिन आतंकी घर के अंदर से गोलियां चलाते रहे। भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन द्वारा एक सर्जिकल ऑपरेशन में तीनों आतंकवादियों को ढेर करते हुए बंधक बनाए गए युवक को सुरक्षित बचा लिया। बंधक की पहचान विजय कुमार वर्मा के रूप में की गई। ऑपरेशन में जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ निवासी राजेंद्र सिंह भाटी ने भागने की कोशिश कर रहे एक आतंकवादी को पकड़ लिया था।
जिलेभर में शोक की लहर, अाज पैतृक गांव माेहनगढ़ पहुंचेगी पार्थिव देह

पैतृक गांव सोमवार दोपहर बाद पहुंचेगी शहीद की पार्थिव देह

भारतीय सेना व आतंकवादियों की मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए जैसलमेर के लाल राजेंद्र सिंह की पार्थिव देह सोमवार दोपहर बाद को पैतृक गांव मोहनगढ़ पहुंचेगी। इसके बाद पूरे सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले शहीद के शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। उसके बाद ही शव को दिल्ली से जैसलमेर के लिए रवाना किया जाएगा।

एक माह पहले ही छुट्टी पर आए थे राजेंद्र

जवान के जम्मू-कश्मीर में शहीद होने की घटना जैसे ही उनके पैतृक गांव में पहुंची तो पूरे गांव के साथ ही जिलेभर में शोक की लहर दौड़ गई। हालांकि ग्रामीणों द्वारा शहीद के परिवार को इसकी जानकारी नहीं दी गई है, जिससे उसके घर की स्थिति सामान्य है। ग्रामीणों के अनुसार राजेंद्र करीब एक महीने पहले ही छुट्टी पर गांव आया था।
  जैसलमेर जम्मू-कश्मीर में शनिवार को सेना व आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ गांव के निवासी भारतीय सेना के जांबाज जवान नायक राजेंद्र सिंह (27) पुत्र सांवल सिंह भाटी शहीद हो गए। जम्मू-कश्मीर के डिफेंस पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि एनएच 244 के किमी 7 पर 28 सितंबर को खुफिया जानकारी मिलने पर भारतीय सेना की रोड ओपनिंग पार्टी ने तीन आतंकवादियों के समूह को पकड़ा। भारतीय सेना द्वारा चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने गोली चला दी और बटोटे शहर की ओर भाग गए। रोड ओपनिंग पार्टी ने सेना, जेकेपी, सीआरपीएफ और एसएसबी की टीमों ने त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए आतंकवादियों का पीछा किया। इसके बाद आतंकवादी एक रहवासी मकान में घुस गए और एक नागरिक को बंधक बना लिया। इस पर भारतीय सेना ने कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को पूर्ण रूप से बंद कर दिया। बंधक की सुरक्षित रिहाई के लिए सुरक्षा बलों ने अत्यधिक संयम बरतते हुए आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने की पेशकश की, लेकिन आतंकी घर के अंदर से गोलियां चलाते रहे। भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन द्वारा एक सर्जिकल ऑपरेशन में तीनों आतंकवादियों को ढेर करते हुए बंधक बनाए गए युवक को सुरक्षित बचा लिया। बंधक की पहचान विजय कुमार वर्मा के रूप में की गई। ऑपरेशन में जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ निवासी राजेंद्र सिंह भाटी ने भागने की कोशिश कर रहे एक आतंकवादी को पकड़ लिया था।

तीन साल पहले ही हुई शादी,डेढ़ साल का बेटा

राजेंद्र की शादी करीब तीन साल पहले फलोदी की जमना कंवर से हुई थी। राजेंद्र के डेढ़ साल का पुत्र भूर सिंह है। राजेंद्र सिंह के परिवार में उसके दो छोटे भाई व करीब 80 साल की दादी जवारो कंवर हैं। राजेंद्र सिंह के पिता सांवल सिंह भाटी भी सेना में कार्यरत थे। राजेंद्र सिंह के माता व पिता का पूर्व में निधन हो चुका है।