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सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

*बाड़मेर विधानसभा चुनाव तब से अब तक* *राजनीती के कई रंग दिखे बाड़मेर के अब तक के चुनावो में* *सात बार कांग्रेस और सात बार गैर कांग्रेस जीत पाई यह सीट*

*बाड़मेर विधानसभा चुनाव तब से अब तक*

*राजनीती के कई रंग दिखे बाड़मेर के अब तक के चुनावो में*

*सात बार कांग्रेस और सात बार गैर कांग्रेस जीत पाई यह सीट*

चन्दन सिंह भाटी

सरहदी बाड़मेर जिले में विधानसभा चुनाव पहले चुनाव 1952 से आरम्भ हो गए थे। बाड़मेर जिले की राजनीती आज़ादी के बाद हर पांच साल बाद करवटें बदलती रही। कांग्रेस और गैर कांग्रेस के कई बार दिलचस्प मुकाबले हुए। चौदह बार हुए विधानसभा चुनावो में सात बार कांग्रेस और सात बार गैर कांग्रेस फ़तेह हासिल कर चुकी हें। जिसमें विरधी चंद जैन चार बार सर्वाधिक बाड़मेर से विधायक रहे ,वाही तन सिंह महेचा और मेवाराम जैन दो बार गंगा राम चौधरी तीन बार ,रावत उम्मेद सिंह ,तगाराम चौधरी ,पंडित देवदत्त तिवारी , एक एक बार विधायक रहे। जातिगत आंकड़ो की राह पर चली हें बाड़मेर की राजनीती। बाड़मेर विधानसभा चुनावो में अब तक सिर्फ तीन महिलाओ ने चुनाव लड़ा जिसमे किसी को सफलता ना मिली।

*बाड़मेर विधान सभा मे इस बार कुल 2,32,229 मतदाता है जिसमे 1,22,803 पुरुष और 1,09,426 महिला मतदाता है।।इस साल कोई इकतीस हजार मतदाता बढ़े है।।*

*जातिगत आंकड़े:बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ो की बात करे तो करीब 14 हजार राजपूत,24 हजार राणा राजपूत,42 हजार जाट,पैंतीस से चालीस हजार अनुसूचित जाति जनजाति,17 हजार मुसलमान ,12 हजार जैन ,इतने ही ब्राह्मण है।।जाट,मुस्लिम मेघवाल का गठबंधन कांग्रेस को मजबूत बनाता है।।*

*प्रथम चुनाव 1952*

राजस्थान विधान सभा के लिए प्रथम चुनाव चार से चौबीस जनवरी 1952 तक यानि बीस दिन तक चला था। बाड़मेर ऐ विधानसभा क्षेत्र से राम राज्य परिषद् के तन सिंह महेचा ने कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 1655 मतों से हरा पहले विधायक बनाने का इतिहास रच विधानसभा पहुंचे।


*दूसरा विधानसभा चुनाव 1957*


दुसरे चुनावो में बाड़मेर विधानसभा सीट स्वतंत्र रूप से अलग हो चुकी थी। दुसरे चुनावो में राम राज्य परिषद् के तन सिंह महेचा दूसरी बार लगातार मैदान में उतारे तथा कांग्रेस की महिला प्रत्यासी रुख्मानी देवी को हराया। तन सिंह को 9866 ,रुख्मानी देवी को 5507 तथा निर्दलीय अचलाराम को 498 मत मिले। तन सिंह ने 4359 मतों से चुनाव जीता।

*तीसरा चुनाव 1962*

तीसरे विधान सभा के लिए चुनाव उनीस फरवरी को हुआ जिसमे बाड़मेर विधानसभा के 63502 मतदाताओं में से 27813 ने मत डाले ,राम राज्य परिषद् के रावत उम्मेद सिंह को 13254 कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 11936 ,निर्दलीय जोधारण को 1130 मत मिले। इस प्रकार निर्दलीय उम्मेद सिंह विधायक बन विधानसभा पहुंचे

*चौथा चुनाव 1967*

चौथी विधानसभा के लिए हुए चुनावो में कांग्रेस के विरधी चंद जैन ने रावत उम्मेद सिंह को सोलह हज़ार से अधिक मतों से हरा कर विधानसभा पहुंचे


*पांचवा चुनाव 1972*

पांचवी विधान सभा के चुनाव छ मार्च को आयोजित हुए जिसमे बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र के ७९१५० मतदाताओ में से 45765 मतदाताओं ने वोट डाले जिसमे कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 22141 स्वतंत्र पार्टी के रावत उम्मेदसिंह को 14026 ,अमराराम को 7749 हरिराम को 678 मत मिले इस प्रकार कांग्रेस के विरधी चंद जैन पहली बार 8837 ,मतों से विजयी बन कर विधायक बने

*छठा चुनाव 1977*

छठी विधानसभा के लिए इकतीस जून को चुनाव हुए जिसमे बाड़मेर के 80908 मतदाताओं में से 46703 मतदाताओ ने 96 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले। इन चुनावो में कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 26729 जनता पार्टी के रावत उमेदसिंह को 17892 कवेंद्र कुमार को 1168 मत मिले। विरधी चंद तिसरी बार 8837 मतो से जीत कर विधायक बने

*सातवाँ चुनाव 1980*


सातवी विधानसभा के लिए इकतीस मई को चुनाव हुए जिसमे बाड़मेर के 93773 मतदाताओ में से 54848 मतदाताओ ने 111 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले इन चुनावो में कांग्रेस ने पंडित देव दत्त तिवाड़ी को मैदान में उतारा तो भाजपा ने पहली बार अपना उम्मीदवार रतन लाल बोहरा को उतरा। इन चुनावो में पंडित को 23320 रतनलाल को 15682 पुनमचंद को 5058 अग्रेन्द्र कुमार को 116 मत मिले। कांग्रेस के देव डट तिवाड़ी 7638 मतो से विजयी रहे


*आठवां चुनाव 1985*

आठवीं विधानसभा चुनावो के लिए पांच मार्च को वोट पड़े जिसमे बाड़मेर के 118871 मतदाताओ में से 63098 मतदाताओ ने 143 मतदान केन्द्रों पर वोट डाले। इन चुनावो में लोकदल के गंगाराम चौधरी को 29134 ,कांग्रेस के रिखबदास जैन को 25718 अग्रेन्द्र कुमार को 2311 द्वारकेश को 1984 सफी को 1052 मोहम्मद अयूब को 344 और अन्य सात उम्मीदवारों को तिहाई अंको में तीन सौ और उससे कम मत मिले। इन चुनावो में लोकदल के गंगाराम ने 3416 मतों से विजय हासिल की


*नवा चुनाव 1990*

नवी विधानसभा के गठन के लिए राजस्थान में सत्ताईस फरवरी को चुनाव रखे गए ,इन चुनावो में बाड़मेर के 141885 मतदाताओ में से 78285 मतदाताओ ने 162 मतदान केंडो पर वोट डाले। इन चुनावो में रिकार्ड तेबिस उम्मीदवार मैदान में थे ,जिनमे जनता दल के गंगाराम चौधरी को 34371 कांग्रेस के हेमाराम चौधरी को 21363 हरी सिंह राठोड को 15062 मत मिले शेष उम्मीदवारों को चार सौ से कम मत मिले। गंगाराम ने यह चुनाव 13008 मतों से जीता


*दशवाँ चुनाव 1995*

 दशवीं विधानसभा के लिए राजस्थान में हुए चुनावो में बाड़मेर के 151091 मतदाताओ में से 82888 मतदाताओ ने भाग लिया। १७० मतदान केन्द्रों पर वोट पड़े। इन चुनावो में उनीस उम्मीदवार मैडम में उतरे जिसमे भाजपा समर्थित निर्दलीय गंगाराम चौधरी को 36578 कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 33101 मत मिले। निर्दलीय फुसाराम को 8335 अन्य उन्न्निद्वारो को सात सौ और उससे कम मत मिले। गंगाराम ने लगातार तीसरी बार चुनाव जीत तिकड़ी बनाई ,विशेषता रही की तीनो चुनाव अलग अलद दलों से लड़े


*ग्याहरवी विधानसभा चुनाव 1998*


ग्यारहवी विधानसभा के लिए हुए मध्यावधि चुनाव पच्चीस नवम्बर को हुए जिसमे बाड़मेर के 168541 मतदाताओ में से 100994 मतदाताओ ने वोट डाले। २७४ मतदान केन्द्रों पर पड़े मतों में कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 66616 भाजपा के तगाराम चौधरी को 33005 मत मिले सीधे मुकाबले में विरधी चंद जैन को 33111 मतो से जीत हासिल हुई।


*बहरावी विधानसभा 2003*

बहरावी विधानसभा के लिए एक दिसंबर को चुनाव हुए जिसमे बाड़मेर के 193536 मतदाताओ में से 119036 मतदाताओ ने मत डाले जिसमे भाजपा के तगाराम को 65780 कांग्रेस के विरधी चंद जैन को 35252 इनेलो के उम्मेदाराम को 7528 मत श्रवण चन्देल को 5156 मत राजेंद्र को 2436 नानक दास को 1456 पप्पू देवी को 1029 मत मिले। इस प्रकार भाजपा के तगाराम में पिछली हार का बदला लेते हुए विस्धि चंद जैन को 30523 मतो से हराया


*तेरहवी विधानसभा 2008*

तेरहवीं विधानसभा के लिए चार दिसंबर को मतदान हुआ जिसमे बाड़मेर के 180127 मतदाताओ में से 118085 मत पड़े। इन चुनावो में कांग्रेस के मेवाराम जैन को 62219 भाजपा की मृदुरेखा चौधरी को 38125 बसपा के कंवराज सिंह को 6908 लूनाराम को 3626 सवाई सिंह को 2945 सफी मोहम्मद को 1796 ,हरखाराम मेघवाल को 1703 नानकदास को 1666 मत मिले। कांग्रेस के मेवाराम जैन 24044 मतों से विजयी रहे।।

*चौदहवी विधान सभा चुनाव 2013

बाड़मेर. विधानसभा क्षेत्र में बीएसपी के चंद्रप्रकाश को 1921, सीपीआई के नानकदास धारीवाल को 1557, भाजपा की डॉ. प्रियंका चौधरी को 58042, कांग्रेस के मेवाराम जैन को 63955, बीवाईएस के मदन मोहन को 2249, जागो पार्टी के लालचन्द गोदारा को 684, शिव सेना के हुक्मीचंद लूणिया को 443, निर्दलीय बन्नाराम दर्जी को 595, भवानीसिंह को 1059, डॉ. मृदुरेखा चौधरी को 19518, शंकरलाल को 2279, सफी मोहम्मद को 2221 तथा हरीश चंडक 1412 मत मिले.इस प्रकार लगातार दूसरी बार कांग्रेस के मेवाराम जैन जीतने में कामयाब रहे।।जाट वोटों के प्रियंका चौधरी,मेवाराम जैन और मृदुरेखा चौधरी के बीच होने से मेवाराम जैन की राह आसान हुई।।

2018 में क्या हुआ

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो चला था, कांग्रेस की ओर से मेवाराम जैन, भाजपा की ओर से कर्नल सोनाराम चौधरी और निर्दलीय के तौर पर डॉ राहुल बामणिया ताल ठोक रहे थे. तीनों ही नेताओं का अपना-अलग अलग वर्चस्व था. जहां मेवाराम जैन को जनता का नेता माना जाता है, तो वहीं कर्नल सोनाराम चौधरी के लिए कहा गया कि उन्होंने जिद करके बाड़मेर की टिकट ली, क्योंकि वह मेवाराम जैन को हराना चाहते थे, जबकि अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चे ने राहुल बामणिया को अपना उम्मीदवार बनाया. तीनों नेताओं का मकसद साफ था कि जिला मुख्यालय जीतेंगे तो पूरे इलाके में उसका ठरका रहेगा. वहीं कहा जाता है कि कांग्रेस का वोट काटने के लिए 2018 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल ने भी अपनी पार्टी से एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया था, ताकि कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाई जा सके. हालांकि सारे समीकरण फेल हो गए और मेवाराम जैन लगातार तीसरी बार बाड़मेर सीट 30 से विजयी हुए.