अशोक गहलोत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
अशोक गहलोत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 2 अगस्त 2020

जैसलमेर, भोले की शरण में पहुंचे कुछ विधायक,दो होटलों में बंटे विधायक मंत्री

 







जैसलमेर,  भोले की शरण में पहुंचे कुछ विधायक,दो होटलों में बंटे विधायक मंत्री

जैसलमेर सियासी जंग के नए रणक्षेत्र में आये अशोक गहलोत समर्थित विधायकों ने दूसरे दिन भी अपनी  चर्या शुरू की ,चाय ,नास्ता ,व्यायाम आदि ,कुछ विधायक भोले शंकर की शरणो में मंदिर पहुँच पूजा अर्चना की इनमे खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया  रविवार दोपहर को जैसलमेर शहर स्थित देव चंद्रेश्वर मंदिर पहुँच कर करीब आधा घंटा अभिषेक किया ,महंत भगवान भारती ने प्रमोद जैन भाया  की पूजा सम्पूर्ण करवाई ,प्रमोद जैन के मंदिर आने की भनक किसी को नहीं लगी ,इधर सियासी ऑडियो सोसल मिडिया पर जारी कर चर्चा में आये मुख्यमंत्री  गहलोत के ओ एस डी लोकेश शर्मा केबिनेट मंत्री बी डी  कल्ला भी विख्यात  वैशाखी धाम स्थित   मठ के शिव मंदिर पहुंचे,शिव की आराधना की ,इधर होटल में विधायकों के स्वास्थ्य चेक आप के लिए चिकित्सक भी सुबह ही पहुँच गए ,सामान्य चेक अप उन सभी विधायकों का किया जो ब्लड प्रेसर और शुगर के , शनिवार को बाबूलाल नागर और गुरमीत सिंह कुन्नर की तबियत नासाज हो गयी थी ,तब भी चिकित्षक को बुलाना पड़ा ,इधर बाबूलाल नगर और गुरमीत सिंह ने अपने समर्थको को स्वास्थ्य एकदम ठीक होने और सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण की जानकारी सोसल  मीडिया के जरिये दी। विधायक संयम लोढ़ा, कृष्णा पूनिया ,प्रशांत बैरवा सहित कुछ विधायक होटल की लोन में व्यायाम करते नजर आये ,

 गोरबंद तक पहुंचे कुछ युवक

एल डी सी  चयनित भर्ती के अभ्यर्थी गोरबंद  होटल के सामने पहुँच गए,ये लोग पद कटौती को लेकर परेशान, हैं  .गोरबंद  के बाहर धरने पर बैठने की  रहे ,हैं  ,सी आई पर्वत सिंह ने उन्हें समझाया,अभ्यर्थी सरकार के मंत्री बात  हैं ,मगर सुरक्षा व्यवस्थाओ के चलते सम्भव नहीं हो रहा ,बाद में पुलिस ने अभ्यर्थियों को गोरबंद होटल के आगे से हटाया ,

तेज़ गर्मी से गस खाकर गिरा सिपाही
होटल सूर्यगढ़ के बाहर एक सिपाही की तबीयत बिगड़ गयी चक्क्र आने से गस खाकर गिर पड़ा ,पुलिस ने तुरंत एम्बुलेंस बुलाकर जवाहर अस्पताल रेफर किया। सूर्यगढ़ के बाहर सुरक्षा व्यवस्था में ड्यूटी पे लगा था ,तेज़ गर्मी और उमस से उसकी तबियत ख़राब हो गई ,

अधिक भरोसा: यहां रहने वालों को लेकर कोई चिंता नहीं-

सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने सर्वाधिक विश्वस्त लोगों को जयपुर में और जैसलमेर के गोरबंद होटल में ठहराया हुआ है। ये सबसे बड़े धड़े से अलग रह रहे हैं, लेकिन इन्हें लेकर मुख्यमंत्री को कोई चिंता नहीं हैं। वरिष्ठ मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के साथ प्रमोद जैन भाया, भंवरसिंह भाटी व सुखराम विश्नोई और विधायक राजेंद्र यादव, भजनलाल जाटव, किशनाराम विश्नोई व जगदीश जांगिड़ मौजूद हैं।

सभी वर्षों से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। हालांकि जयपुर में रुके प्रताप सिंह की पूर्व में पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। लेकिन वर्तमान में पायलट और उनके गुट के खिलाफ बढ़-चढ़ के बयान देने से माना जा रहा है कि उन्होंने पायलट से किनारा कर लिया है।

कम भरोसा, बड़े गुट में नजरों के पहरे-
सबसे बड़ा गुट सूर्यागढ़ में है। यहां जरूर एक दर्जन ऐसे चेहरे हैं जो पायलट खेमे के माने जाते हैं। लेकिन यहां उन पर विशेष नजरों का पहरा रहता है। इनमें रोहित बोहरा, इंद्रा मीणा, दानिश अबरार, प्रशांत बैरवा, सुदर्शन सिंह रावत, रूपाराम मेघवाल, चेतन डूडी सहित अन्य कुछ विधायक शामिल हैं

---------------------------------------------------------------------

शनिवार, 1 अगस्त 2020

जैसलमेर सचिन हाई कमान से माफी मांग ले,गले लगा लूंगा;गहलोत

जैसलमेर   सचिन हाई कमान से माफी मांग ले,गले लगा लूंगा;गहलोत

जैसलमेर  अशोक गहलोत ने कहा की भाजपा में वसुंधरा राजे जैसी दमदार नेता से आजकल के नए नेता लेना चाहते हे इन नए नेताओ में दम नहीं हैं,वसुंधरा राजे भाजपा की बड़ी नेता हैं ,नए नेता पार्टी मुख्यमंत्री बनने के सपने देखते हैं ,इनके प्लेन बीच में ही क्रेस हो जाते हैं ,उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की राजस्थान में जनता की चुनी हुई सरकार गिराने का गंदा खेल अब बंद कर देना चाहिए ,गृह मंत्रालय ,धर्मेंद्र प्रधान ,पियूष गोयल राजस्थान सरकार गिराने में लगे ,हैं गहलोत जैसलमेर से जयपुर जाते वक़्त एयरपोर्ट के बाहर मिडिया से रूबरू हो रहे थे

सियासी जंग के नए कुरुक्षेत्र जैसलमेर में विधायकों के साथ आये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर जाने से पहले मीडिया को दिए बयान में कहा कि सचिन पायलट गुट के लिए बोले आलाकमान अगर उनकी गलतियां माफ कर देगा तो मैं गले लगा लूंगा सबको।।

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर भी किया तंज पता नहीं कहां गायब हो गई है वसुंधरा जी

कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर गहलोत बोले पीएम को आज फिर लिखूंगा पत्र कोरोना को लेकर एक बार फिर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने की इच्छा जताई पीएम के साथ गहलोत ने....

सचिन गुट पर किया वार बोले हमारे यहां बाड़ा बंदी नहीं सिर्फ एक साथ रखा गया विधायकों को, पूरी तरह स्वतंत्र हैं सभी विधायक..... उनके यहां कुछ भी करने की आजादी नहीं ना ही फोन पर बात करने की आज़ादी है..…।।.

बुधवार, 29 जुलाई 2020

राज्यपाल ने 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने की अर्जी तीसरी बार लौटाई; मुख्यमंत्री गहलोत चौथी बार गवर्नर से मिलने पहुंचे

राज्यपाल ने 31 जुलाई से विधानसभा सत्र बुलाने की अर्जी तीसरी बार लौटाई; मुख्यमंत्री गहलोत चौथी बार गवर्नर से मिलने पहुंचे

राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का सत्र 31 जुलाई से बुलाने की अर्जी लगातार तीसरी बार लौटा दी। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चौथी बार राज्यपाल से मिलने पहुंचे। दोनों की मुलाकात 15 मिनट चली। गवर्नर ने दूसरी बार अर्जी लौटाते वक्त शर्त रखी थी कि सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए। सरकार ने राज्यपाल की आपत्तियों के जवाब के साथ मंगलवार को तीसरी बार प्रस्ताव भेजा था।

राज्यपाल का प्रेम पत्र मिला: गहलोत
गवर्नर की आपत्तियों वाली चिट्ठी पर गहलोत ने राजभवन जाने से पहले कहा कि प्रेम पत्र तो पहले ही आ चुका है, अब मिलकर पूछूंगा कि क्या चाहते हैं? नोटिस की शर्त को लेकर गहलोत ने कहा कि 21 दिन हों या 31 दिन, जीत हमारी होगी। 70 साल में पहली बार किसी गवर्नर ने इस तरह के सवाल किए हैं। आप समझ सकते हैं कि देश किधर जा रहा है?

राजभवन जाने से पहले गहलोत ने ये भी कहा था कि सरकार गिराने की साजिश की जा रही है, लेकिन हम मजबूत हैं। जिन्होंने धोखा दिया, वे चाहें तो पार्टी में लौटकर आ जाएं और सोनिया गांधी से माफी मांग लें। गहलोत ने गोविंद सिंह डोटासरा के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालने के कार्यक्रम में यह बयान दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। गहलोत ने कहा कि मोदी जी आप प्रधानमंत्री इसलिए बन पाए, क्योंकि कांग्रेस ने लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कीं।

बसपा विधायकों के मामले में भाजपा की 2 पिटीशन

अदालत में कांग्रेस के खिलाफ भाजपा और बसपा के दांवपेंच चल रहे हैं। यह मामला 9 महीने पहले बसपा के सभी 6 विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने से जुड़ा है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
सोमवार को दिलावर की पिटीशन खारिज हो गई थी, लेकिन मंगलवार को उन्होंने नए सिरे से 2 अर्जी लगा दीं। एक अर्जी बसपा विधायकों के कांग्रेस में जाने के खिलाफ है। दूसरी दलबदल के खिलाफ स्पीकर से शिकायत करने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने और बिना वजह बताए शिकायत खारिज करने को लेकर है। दोनों पर आज सुनवाई की उम्मीद है।
दूसरी तरफ खुद बसपा ने भी बुधवार को हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल कर दी। पार्टी प्रमुख मायावती ने मंगलवार को कहा था कि हमने राजस्थान में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन अशोक गहलोत ने बसपा को नुकसान पहुंचाने के लिए हमारे विधायकों को असंवैधानिक तरीके से कांग्रेस में शामिल करवा दिया। अब उन्हें सबक सिखाने का वक्त आ गया है।

बसपा के ये 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हुए थे
लखन सिंह (करौली), राजेन्द्र सिंह गुढ़ा (उदयपुरवाटी), दीपचंद खेड़िया (किशनगढ़ बास), जोगेन्दर सिंह अवाना (नदबई), संदीप कुमार (तिजारा) और वाजिब अली (नगर भरतपुर)।

अपडेट्स

सचिन पायलट ने ट्वीट कर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को जन्मदिन की बधाई दी है। जोशी ने ही पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस देकर पूछा था कि क्यों ना आपके खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही की जाए। इस मामले में सरकार की तरफ से हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जोशी ही पार्टी थे।

राज्यपाल कलराज मिश्र ने 15 अगस्त को राजभवन में होने वाला ऐट होम कार्यक्रम रद्द कर दिया। इसकी वजह कोरोनावायरस का संक्रमण बताई जा रही है। दूसरी तरफ राजनीति के जानकारों का कहना है कि विधानसभा सत्र को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच चल रही खींचतान भी इसकी वजह हो सकती है।
राजस्थान की महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि हम राज्यपाल से लोकतांत्रिक परंपराओं को शुद्ध रखने की अपील करना चाहते हैं। हमने कैबिनेट की मीटिंग के बाद तीसरी बार सत्र बुलाने का प्रस्ताव भेजा है। राज्यपाल के सवालों के आधार पर हम जवाब भेजते हैं, लेकिन हर बार कोई नया सवाल आ जाता है।
सियासी उठापटक के बीच गोविंद सिंह डोटासरा ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल लिया। सचिन पायलट के बागी होने की वजह से उन्हें प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाकर डोटासरा को जिम्मेदारी दी गई थी।
पायलट गुट भी हाईकोर्ट पहुंचा, एसओजी जांच रद्द करने की मांग
सचिन पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा ने मंगलवार को हाईकोर्ट में अर्जी लगाई। उन्होंने अपील की है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच राजस्थान सरकार की एसओजी की जगह केंद्र की जांच एजेंसी एनआईए से करवाई जाए। एसओजी ने सोशल मीडिया पर वायरल हुई ऑडियो क्लिप के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, इसलिए जांच रद्द होनी चाहिए। भंवरलाल ने केंद्र और राज्य सरकार के साथ जांच अधिकारी को भी पक्षकार बनाया है।

मंगलवार, 28 जुलाई 2020

बाड़ाबंदी खुलते गहलोत खेमे के 15 विधायक हमारे पास आ जायेंगे हेमाराम चौधरी

बाड़ाबंदी खुलते गहलोत खेमे के 15 विधायक हमारे पास आ जायेंगे हेमाराम चौधरी 

बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी से कांग्रेस के विधायक हेमाराम चौधरी के बगावती तेवर जारी है। राजस्थान की सियासत में 18 दिन से घमासान चल रहा है। सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शुरू विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दो खेमों में बंटी कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और राजभवन पहुंचने के बाद अब सड़कों पर आ चुकी है। गहलोत समर्थकों का आरोप है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है। सोमवार को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि कि सचिन पायलट के गुट के तीन विधायक उसके संपर्क में हैं और 48 घंटे में जयपुर वाले होटल पहुंच जाएंगे। इस बयान के बाद पायलट गुट के विधायक और दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी ने एक वीडियो जारी कर सुरजेवाला को जवाब दिया। चौधरी ने कहा कि पायलट के सभी 19 विधायक एकजुट है और एक भी इधर-उधर नहीं होगा। गहलोत गुट के 10-15 विधायक उनके संपर्क में है, अगर बाड़ाबंदी खोल दें तो आज ही भाग कर आ जाएं। गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी ने 18 दिन में तीसरा वीडियो जारी किया और कांग्रेस नेता रणजीत सुरजेवाला के उस बयान का जबाव दिया, जिसमें कहा था कि पायलट गुट के 3 विधायक 48 घंटे में जयपुर होटल में आ जाएंगे। चौधरी ने कहा कि पायलट गुट में हम 19 विधायक है और एक भी इधर-उधर नहीं होंगे। गहलोत गुट में बाड़ाबंदी में बैठे विधायकों में हताशा है, उन विधायकों को दिलासा दिलाने के लिए रणजीत सुरजेवाला ने इस तरह का बयान दिया है कि उनके विधायक कहीं भाग नहीं जाएं। गहलोत खेमे के 10-15 विधायक उनके संपर्क में है, वे कहते है कि जैसे ही बाड़ाबंदी खुलेगी तो हम भाग कर आ जाएंगे। इसलिए सुरजेवाला ने इस तरह का बयान उनके विधायकों को बाड़ाबंदी में रोकने और हताश विधायकों का मनोबल बढ़ाने के लिए दिया गया है। पायलट गुट के सभी विधायक एकजुट है।

फोटो हेमाराम चौधरी
--------------------------------

सोमवार, 16 मार्च 2020

बाड़मेर, मुख्यमंत्री ने की रिफायनरी की समीक्षा* *रिफायनरी का कार्य निर्धारित समय में पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- गहलोत*

 बाड़मेर,  मुख्यमंत्री ने की रिफायनरी की समीक्षा*

*रिफायनरी का कार्य निर्धारित समय में पूरा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- गहलोत*

बाड़मेर, 16 मार्च। राजस्थान में रिफाइनरी का निर्माण कार्य निर्धारित समय पर पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने सोमवार को बाड़मेर जिले के पचपदरा में एचपीसीएल एवं राजस्थान सरकार के संयुक्त उपक्रम एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी की समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
            उन्होंने इस दौरान रिफायनरी के पूरे प्रोजेक्ट की विस्तृत बिंदुवार समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के चरणवार कार्य उनके तय समय पर पूर्ण कर लिए जाए। मुख्यमंत्री ने सभी कार्यो में अधिकतम स्थानीय लोगो को रोजगार देने के निर्देश दिए।
*तकनीकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें*
मुख्यमंत्री ने रिफाइनरी के निर्माणाधीन कार्यों की प्रोजेक्टर के द्वारा विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कार्य निर्माण में तकनीकी गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि करीब एक चौथाई कार्य प्रगति पर है और करीब 20 हजार करोड़ के कार्यों की निविदा जारी की जा चुकी है एवं 3 हजार करोड़ रुपए अब तक व्यय हो चुके है। वर्तमान में यहाँ पर 3800 कर्मचारी नियोजित हैं एवं पूरी पीक सीजन में यहां करीब 35 हजार लोगो को रोजगार मिलेगा। राजस्थान की यह रिफाइनरी देश में बनने वाली रिफाइनरियों में से सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है। नौ मिलियन टन क्षमता की यह रिफाइनरी बनने के बाद राज्य का चहुंमुखी विकास होगा।
*स्थानीय लोगांें को मिले रोजगार मे प्राथमिकता*
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार यहां पेट्रो केमिकल हब की भी स्थापना करने जा रही है। इसके तहत बड़े क्षेत्र में औद्योगिक विकास के साथ सैकड़ों की संख्या में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होगी। इससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी के निर्माण में स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दी जाएगी। यहां कौशल विकास के जरिए युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में प्रक्षिशित किया जाएगा। इससे वे पेट्रो केमिकल क्षेत्र में अपना भविष्य संवार सकेंगे।
*तेल अन्वेषण के कार्य को प्राथमिकता*
श्री गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी का कार्य पूर्ण होने से राज्य की आय में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार रिफाइनरी की स्थापना के साथ-साथ नए तेल अन्वेषण के कार्यों को भी प्राथमिकता दे रही है ताकि रिफाइनरी बनने के बाद स्थानीय स्तर पर मांग के अनुरूप क्रूड ऑयल की आपूर्ति की जा सके एवं बाहर से तेल का आयात नहीं करना पड़े। उन्होंने रिफायनरी की आवश्यकता के अनुसार पानी एवं बिजली आपूर्ति के कार्यो पर भी व्यापक चर्चा की।
*जनसुविधाओं का हो विकास*
मुख्यमंत्री ने रिफायनरी निर्माण के दौरान स्थानीय स्तर पर बेहतर जनसुविधाओं के निर्माण के निर्देश दिए। उन्होंने CSR के अंर्तगत HPCL को साजियाली गांव को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण पूर्ण करने, रिफायनरी के पास उच्च स्तरीय स्कूल एवं चिकित्सालय बनाने को कहा ताकि स्थानीय क्षेत्र के लोगों को इसका फायदा मिल सके।
उन्होंने पचपदरा में HPCL एवं RSLDC के द्वारा कौशल विकास केंद्र शीघ्र बनाने को कहा ताकि स्थानीय युवा यही पर प्रशिक्षित होकर रिफायनरी में रोजगार हासिल कर सके।
   इससे पहले HPCL के अध्यक्ष एवं प्रबध निदेशक एम के सुराणा ने मुख्यमंत्री को पॉवर प्रज्तेशन के जरिए निर्माणाधीन प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी दी। 
   HRRL के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शेखर गायकवाड़ ने  क्रूड ऑयल के रिफाइनरी में आने तथा तेल के रिफाइन होने की पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया। उन्होंने रिफाइनरी से निकलने वाले पेट्रो उत्पादों की विस्तार से जानकारी दी। एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस पी गायकवाड़ ने देश की अन्य रिफाइनरियों तथा राजस्थान रिफाइनरी के बीच बुनियादी अंतर से अवगत कराया।
    इस मौके पर राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक मदन प्रजापत, मुख्यमंत्री के सलाहकार गोविन्द शर्मा,
 मुख्यमंत्री के प्रमुख शासन सचिव  कुलदीप रांका, प्रमुख शासन सचिव खान कुंजीलाल मीणा,  सम्भगीय आयुक्त बी एल कोठारी, खान निदेशक गौरव गोयल, जिला कलक्टर अंशदीप मौजूद थे।
   इससे पूर्व मुख्यमंत्री के पचपदरा आगमन पर HPCL के अध्यक्ष एवं प्रबध निदेशक एम के  सुराणा, सम्भगीय आयुक्त बी एल कोठारी, पुलिस महानिरीक्षक नवज्योति गोगोई, जिला कलेक्टर अंशदीप ने अगवानी की। बाद में मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन रिफायनरी के कार्यो का मौके पर जाकर अवलोकन किया।

गुरुवार, 5 दिसंबर 2019

बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी सरकार का मुख्य एजेण्डा अशोक गहलोत

बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी सरकार का मुख्य एजेण्डा  अशोक गहलोत
सुशासन में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त


बाड़मेर, 05 दिसम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन की दिशा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जो अधिकारी लापरवाही करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा बेहतर पब्लिक सर्विस डिलीवरी सरकार का मुख्य एजेण्डा है। इसकी धरातल पर मॉनीटरिंग के लिए अब हर माह जिला कलेक्टर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी। साथ ही जिला कलेक्टर्स और जिला स्तरीय अधिकारियों के वार्षिक मूल्यांकन का एक आधार पब्लिक सर्विस डिलीवरी होगा। उसमें यह टिप्पणी भी अंकित की जाएगी कि उन्होंने आमजन को राहत देने के लिए कितनी संवेदनशीलता के साथ कार्य किया।
श्री गहलोत गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जिला कलेक्टरों के साथ राजस्थान सम्पर्क पोर्टल एवं मुख्यमंत्री आवास पर जनसुनवाई के प्रकरणों, पालनहार योजना, मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना, सामाजिक पेंशन योजना, खाद्य सुरक्षा, ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के साथ ही आमजन से जुडे़ अन्य विषयों पर समीक्षा कर रहे थे।
संवेदनशीलता से काम करने की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर कीमुख्यमंत्री ने सख्त संदेश देते हुए कहा कि कलेक्टर जिलों में सरकार का चेहरा हैं,  जिला कलेक्टर संवेदनशीलता और सुशासन की मंशा के अनुरूप काम करें तथा जिले के प्रशासनिक तंत्र की कार्यशैली भी उसके अनुरूप होनी चाहिए। सरकार का यह प्रयास है कि जिला स्तर पर ही हल होने वाली समस्याओं के लिए आमजन को राजधानी तक नहीं पहुंचना पडे़। अगर ऐसे प्रकरण सामने आएंगे तो जिम्मेदार अधिकारी पर सरकार कड़ा रूख अपनाएगी। श्री गहलोत ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कामकाज की रिपोर्ट मुख्य सचिव को भेजेंगे। कार्मिक सचिव, प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव तथा मुख्य सचिव के साथ चर्चा कर मुख्यमंत्री के स्तर पर रिपोर्ट पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। बांसवाड़ा के प्रभारी सचिव श्री अखिल अरोरा तथा पाली के प्रभारी सचिव श्री प्रीतम बी यशवंत के जिलों के दौरे पर नहीं जाने को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और निर्देश दिए कि मुख्य सचिव उनसे स्पष्टीकरण लें।
सर्विस डिलीवरी के लिए सीएमओ में होगी मॉनीटरिंगमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आमजन से जुडे़ विभागों की बेहतर सर्विस डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय से भी मॉनीटरिंग की जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय जनसुनवाई सहित विभिन्न माध्यमों से मिलने वाली पब्लिक सर्विस डिलीवरी की शिकायतों की मॉनीटरिंग करेगा।
वृद्धों, दिव्यांगों को वार्षिक सत्यापन के लिए नहीं काटने पडें चक्करश्री गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वार्षिक सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की बाध्यता को हटाया जाए। उन्होंने कहा कि इसमें ऐसे लोग लाभान्वित होते हैं, जो वृद्धावस्था, दिव्यांगता, बीमारी एवं अन्य कारणों के चलते व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने में असमर्थ रहते हैं। ऐसे लोगों को राहत देने के लिए  अभियान चलाकर पटवारी और ग्राम सेवकों की मदद से लंबित सत्यापन का कार्य 31 दिसम्बर तक पूरा करें।
ई-मित्र की मनमानी पर रोक के लिए समान दर करें निर्धारितमुख्यमंत्री ने कहा कि ई-मित्र पर आमजन से जुड़ी सेवाओं का अलग-अलग शुल्क होने के कारण अधिक पैसा वसूलने की शिकायतें सामने आती हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न सेवाओं के लिए समान दर निर्धारित की जाए। इससे उनकी मनमानी पर अंकुश लगेगा और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार निरोगी राजस्थान की अवधारणा पर काम कर रही है। उन्होंने कुछ जिलों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद रोगियों को दवाएं नहीं मिलने की शिकायत को गंभीरता से लिया और कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निशुल्क जांच योजना के भी प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए।
प्रभारी मंत्रियों की जनसुनवाई में मौजूद रहें अधिकारीश्री गहलोत ने निर्देश दिए कि जिलों में प्रभारी मंत्री की जनसुनवाई में जिला कलेक्टर एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी आवश्यक रूप से मौजूद रहें। जिला प्रभारी सचिव तथा कलेक्टर प्रभारी मंत्री के साथ नियमित रूप से समन्वय रखें और उन्हें जिले के बारे में जरूरी फीडबैक देते रहें, ताकि सरकार के स्तर पर उचित निर्णय लिए जा सकें।
सतर्कता समितियों को बनाएं प्रभावीमुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर सतर्कता समितियों की नियमित बैठकें सुनिश्चित हों और इन्हें अधिक प्रभावी बनाया जाए। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रत्येक माह के तीसरे गुरूवार को इन समितियों की बैठक में पुलिस अधीक्षक भी आवश्यक रूप से मौजूद रहें और फरियादियों की संवेदनशीलता के साथ सुनवाई सुनिश्चित करें। उपखण्ड स्तर पर भी इसकी नियमित बैठकें हों। साथ ही प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में गठित 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समितियों की भी नियमित बैठकें हों। उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर रात्रि चौपाल एवं रात्रि विश्राम को प्राथमिकता दें। इससे समस्याओं का वास्तविक फीडबैक मिल सकेगा।
तीन माह में निपटाएं दस साल से पुराने राजस्व मामलेश्री गहलोत ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में करीब 4 लाख 75 हजार प्रकरण लंबित होना गंभीर है। उन्होंने कहा कि राजस्व सचिव एवं जिला कलेक्टर इनकी समीक्षा कर समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष से ज्यादा पुराने मामलों का 3 माह में, 5 वर्ष से अधिक पुराने मामलों का 6 माह में तथा 3 वर्ष से ज्यादा पुराने मामलों का 12 माह में निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आमजन के लंबित कार्यों का एक ही स्थान पर त्वरित निराकरण के लिए प्रशासन गांवों के संग तथ प्रशासन शहरों के संग अभियान जल्द ही चलाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन अभी से तैयारी शुरू करें।
हमारे फैसले के बाद जारी हुए 1.33 लाख से अधिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेटबैठक में बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण में अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाए जाने के बाद राज्य में 1 लाख 33 हजार से अधिक ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट जारी किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को राज्य की सेवाओं एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का अधिक से अधिक लाभ मिले, इस मंशा से हमारी सरकार ने इस आरक्षण की जटिलाएं हटाई थीं। खुशी की बात है कि लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है।
मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता ने मुख्यमंत्री की जनसुनवाई तथा राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होने वाले प्रकरणों पर गंभीरता से अमल सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निचले स्तर पर हल होने वाली समस्याओं का निराकरण स्थानीय स्तर पर ही हो, इसके लिए जिला कलेक्टर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के कामकाज की नियमित समीक्षा करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त श्री निरंजन आर्य ने कहा कि जिलों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखना, जिला कलेक्टरों की जिम्मेदारी है। अगर वे इस दिशा में प्रयास करेंगे तो अनावश्यक व्यय को रोका जा सकेगा और यह पैसा जनहित से जुडे़ कार्यों में उपयोग हो सकेगा। इस अवसर पर प्रमुख शासन सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग श्री आर वेंकटेश्वरन, आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव श्री अभय कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
----

शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

जैसलमेर सभापति चुनाव सचिन गहलोत की मूंछ की लड़ाई बनी


जैसलमेर सभापति चुनाव  सचिन गहलोत की मूंछ की लड़ाई बनी 

जैसलमेर जैसलमेर नगर परिषद चुनावो में बहुमत से दूर रही कांग्रेस और भाजपा अपने अपने सभापति बनाने के दांव  हैं कोंग्रस के चार तो भाजपा का एक प्रत्यासी मैदान में हे ,कांग्रेस की लड़ाई विधायक रूपाराम धंदे और फ़क़ीर परिवार से निकल सचिन पायलट और अशोक गहलोत की मूंछ की लड़ाई बन गयी हैं ,सचिन पायलट गट के विधायक रूपाराम धंदे अपने आदमी को सचिन से टिकट दिला पहली बाज़ी जीत ली. तो फ़क़ीर गुट  ने पूर्व विधायक दिवंगत गोवर्धन कल्ला के परिवार के हरिवल्लभ कल्ला पर दांव खेलते हुए उन्हें सभापति का दावेदार बनाते हुए फार्म दाखिल करवा दिया , इधर सूत्रानुसार विधायक खेमे में दस तो फ़क़ीर गुट के पास तीन निर्दलीय सहित 16 पार्षद होने का दावा किया जा रहा हैं ,इधर भाजपा द्वारा पहली बार राजपूत उम्मीदवार उतारने के बाद भाजपा में धड़ेबंदी हो गई ,भाजपा में तोड़फोड़ की सम्भावना इंकार नहीं किया जा सकता ,कांग्रेस ने सामान्य चेहरा कमलेश छंगाणी को उतरा जिस पर  विवाद उभर आया ,कांग्रेस के अधिकांश लोग हरिवल्ल्भ कल्ला को बनाने के पक्ष में हैं ,सभापति की इस जंग को सचिन गहलोत की लड़ाई के रूप में देखि जा रही हैं ,सूत्रानुसार अशोक गहलोत की इच्छा हे हरिवलभ कल्ला सभापति बने ,उनके इसारे पर ही कल्ला को मैदान में उतारा गया हैं   ,जैसलमेर की राजनीती में चाणक्य माने जाने वाले धुरंधर फ़क़ीर गुट खुलकर कल्ला का साथ दे रहे हैं ,इस गुट मे पूर्व सभापति अशोक तंवर ,प्रधान अमरदीन फ़क़ीर ने कमान संभल रखी हैं ,तो कांग्रेस प्रत्यासी के पक्ष में विधायक रूपाराम धंदे अपनी ताकत लगा रहे हैं ,भाजपा द्वारा शहर की दो प्रमुख जातियों ब्राह्मण और हज़ूरी के उम्मीदवारों को किनारे कर राजपूत उम्मीदवार विक्रम सिंह को उतारा हे जिसे अधिकांश भाजपाई पचा नहीं पा रहे ,विधायक खेमे के दो पार्षद  फ़क़ीर के साथ हे फ़क़ीर गट ने तीन निर्दलीय और भाजपा के कुछ पार्षदों का समर्थन हासिल करने का दावा किया हैं ,चुनाव में तीन दिन बाकि हैं,एक बार फिर वर्चस्व की इस लड़ाई में कौन आगे रहेगा यह समय के गर्भ में हैं,कांग्रेस के ही दो पार्षद प्रवीण सुदा और खीम सिंह भी सभापति पद के लिए ताल ठोक  चुके हैं , सम्भावना हे ये दोनों फ़क़ीर गुट  के समर्थन में फार्म वापिस लेंगे,सभापति चुनाव को विधायक और फ़क़ीर गुट अपनी अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना बैठे हैं , भाजपा कांग्रेस की गुटबाज़ी का फायदा उठा  कांग्रेस से जीते राजपूत उम्मीदवारों को समाज के नाम पर तोड़ने का दांव खेल रही हैं,

गुरुवार, 12 सितंबर 2019

सीएम अशोक गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का किया अनुरोध -

सीएम   अशोक गहलोत ने पीएम को लिखा पत्र 

राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का किया अनुरोध - मुख्यमंत्री

जयपुर, 12 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने और इसे संवैधानिक मान्यता देने का अनुरोध किया है।
राजस्थान विधानसभा ने 2003 में पारित किया था संकल्प मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि उनके पिछले कार्यकाल में राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में सर्वसम्मति से एक संकल्प पारित कर केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद भी कई बार राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता देने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनुरोध किया जाता रहा है।
राजस्थानी देश की समृद्धतम स्वतंत्र भाषाओं में से एक श्री गहलोत ने पत्र में आगे लिखा है कि राजस्थानी देश की समृद्धतम स्वतंत्र भाषाओं में से एक है जिसका अपना इतिहास है। राजस्थानी के बारे में लगभग 1000 ई. से 1500 ई. के कालखंड को ध्यान में रखकर गुजराती भाषा एवं साहित्य के मर्मज्ञ स्व. श्री झवेरचंद मेघाणी ने भी लिखा है कि राजस्थानी व्यापक बोलचाल की भाषा है और इसी की पुत्रियां बाद में ब्रजभाषा, गुजराती का नाम धारण कर स्वतंत्र भाषाएं बनी। अन्य भाषाओं की तरह ही राजस्थानी की भी मारवाड़ी, मेवाड़ी, ढूंढ़ाड़ी, वागड़ी आदि कई बोलियां हैं। ये बोलियां इसे वैसे ही समृद्ध करती हैं जैसे पेड़ को उसकी शाखाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि एक भूभाग की अगर कोई भाषा है तो उसे बचाया और संरक्षित किया जाए। राजस्थानी भाषा को मान्यता मिलना हमारी संस्कृति और समृद्ध परम्पराओं से नई पीढ़ी को अवगत करवाने के साथ ही भावी पीढ़ियों के मानवीय अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम होगा।
महापात्र समिति ने भी की थी सिफारिश श्री गहलोत ने कहा कि संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं के अलावा दूसरी भाषाओं को इसमें शामिल करने एवं इसके लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड तैयार करने के लिए श्री सीताकांत महापात्र की अध्यक्षता में गठित समिति ने भी अपनी सिफारिशों में राजस्थानी को संवैधानिक भाषा के दर्जे के लिए पात्र बताया था। यह विडम्बना है कि इतना समय गुजरने के बाद भी समिति की सिफारिशें केन्द्रीय गृह मंत्रालय में विचाराधीन हैं और अभी तक राजस्थानी को संवैधानिक भाषा का दर्जा नहीं मिल पाया है।
मुख्यमंत्री ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान विधानसभा द्वारा वर्ष 2003 में भेजे गये राजस्थानी को संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित करने संबंधी संकल्प का सम्मान करते हुए राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता देने के संबंध में यथोचित आदेश प्रसारित करावें।
----

सोमवार, 10 जून 2019

मुख्यमंत्री गहलोत का प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ

: मुख्यमंत्री गहलोत का प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को एक वेतन वृद्धि का लाभ


जयपुर/ राज्य सरकार ने राजकीय महाविद्यालयों के ऎसे व्याख्याताओं, शारीरिक शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों, जिनकी छठे वेतनमान में वार्षिक वेतन वृद्धि 2 जनवरी, 2006 से 30 जून, 2006 के मध्य थी, उन्हें अन्य राजकीय कर्मचारियों के समान एक  जनवरी, 2006 से एक वेतन वृद्धि का लाभ दिए जाने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस सम्बन्ध में प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय का लाभ प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालयों के 456 व्याख्याताओं, शारीरिक शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को मिलेगा। इन शिक्षकों के लिए एक जनवरी, 2006 से 30 जून, 2013 तक का संशोधित वेतन स्थिरीकरण नोशनल होगा तथा वास्तविक लाभ एक जुलाई, 2013 से मिलेगा।  उल्लेखनीय है कि वित्त विभाग नेे 12 अक्टूबर, 2009 के आदेश के तहत राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों को छठा यूजीसी वेतनमान स्वीकृत किया था। इसमें वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि एक जुलाई, 2006 निर्धारित की गई थी। वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए न्यूनतम छह माह की सेवावधि होने का प्रावधान है। इस कारण उस समय ऎसे महाविद्यालय शिक्षक जिनकी वेतनवृद्धि 2 जनवरी, 2006 से 30 जून, 2006 के दरमियान थी, उन्हें एक जुलाई, 2006 को छह माह की अवधि पूरी नहीं होने के कारण वार्षिक वेतन वृद्धि 1 जुलाई, 2006 के स्थान पर एक वर्ष बाद 1 जुलाई, 2007 को स्वीकृत की गई थी।
अब मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद इन 456 शिक्षकों को भी अन्य राज्यकर्मियों के समान एक जनवरी, 2006 से एक वेतन वृद्धि का लाभ मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि ऎसे प्रकरणों में अन्य राज्य कर्मचारियों को एक जनवरी, 2006 से वेतन वृद्धि का लाभ पहले ही दिया जा चुका है।

शनिवार, 1 जून 2013

क्या अशोक गहलोत इन बीस सवालों के जवाब दे पायेंगे बाड़मेर के लोगों को

अशोक गहलोत की संकल्प यात्रा बाड़मेर में 


क्या अशोक गहलोत इन बीस सवालों के जवाब दे पायेंगे बाड़मेर के लोगों को 



बाड़मेर अपने पांच साल के शासन काल की उपलब्धियों को जनता के बीच संकल्प यात्रा के जरिये रखने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आठ जून को बाड़मेर आयेंगे .चार साल की उपलब्धिया तो गहलोत गिना देंगे .क्या गहलोत बाड़मेर की जनता के दुःख दर्द को सुन कर उनके सवालों के जवाब दे पायेंगे .गहलोत से सवाल 

१.बाड़मेर  -मोहनगढ़ लिफ्ट केनाल की अधूरी योजना का उद्घाटन श्रीमती सोनिया गांधी से क्यूँ कराया .इस योजना का काम मात्र दो फीसदी भी नहीं हुआ .फिर उद्घाटन क्यों ,

२.बद्मेर की ग्रामीण जनता को पीने का पानी क्यों उपलब्ध नहीं हें .

३ग़रॆब और बिना रज्ञिओतिक पहुँच वाले लोगो के बिजली कनेक्सन क्यों नहीं हुए ,राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना में ग्रामीण से दो से पांच हज़ार रुपये विभाग के भरष्ट कारिंदों द्वारा वसूले गए उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की गई 

४ंअगर परिओशद बाड़मेर के आयुक्त और कार्मिकों ने करोड़ों रुपये वसूल कर फर्जी पट्टे तो बना दिए मगर जिन गरीबो के पट्टे आज तक नहीं बने .गरीब आज भी पट्टों के लिए परिषद् के चक्कर कट रहा हें इन्हें पत्ते जारी क्यूँ नहीं हए 

५ंनगर परिषद् बाड़मेर के आयुक्त और लिपिक ने मिलीभगत कर स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना में करोडो रुपये की बन्दर बाँट की जिसकी शिकायते मुख्यमंत्री कार्यालय को की गई .सी एम् कार्यालय ने छह बार जांच के आदेश दिए फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई .इस प्रकरण की जांच क्यूँ नहीं हुई 

६ंमहावीर नगर में सरकारी भू खंड संख्या ६ ६ जो करोडो रुपयों की जमीन हें पर अतिक्रमी काबिज हो गए ,मुख्यमंत्री कार्यालय से पांच बार जान के आदेश निकलने के बाद भी कार्यवाही कयूम नहीं 

७. निःशुल्क दावा योजना में सरकारी दुकानों पर दवाईयां गत छह माह से उपलब्ध नहीं .इस योजना से लाखों रुपये की दवाईया स्थानीय स्तर पर खरीदी गई जिसमे जमकर घोटाले हुए उसकी जांच क्यूँ नहीं हुई 

८ .मंरेगा योजना ने करोडो रुपयों की बन्दर बाँट बिना कम किये हुई .सरपंचो और प्रभावी नेताओ ने पैसे का लेनदेन कर योजनाए स्वीकृत कराई .काम हुआ नहीं फर्जी भुगतान उठ गया .

९. बाड़मेर में लगभग डेढ़ सौ स्कूलों की क्रमोन्नति और नए विद्यालय खोलने पर स्थगन आदेश क्यूँ लगाया 

१० . जारुरात्मंद ग्रामीणों को हंपंप स्वीकृत क्यूँ नहीं किये जिन लोगो के पास पहले से पेयजल योजनाए संचालित हें उन्हें हैण्ड पम्प क्यूँ दिए गए .

१ १ .मुख्यमंत्री आवास ग्रामीण और शहरी योजनाओ का लाभ जरुरत मंदों को क्यूँ नहीं जिनके पास पहले से मकान से उन्हें ही फिर राशि जारी क्यूँ की गयी 

१ २ .रिफायनरी लगाने के स्थान को क्यूँ बार बार बाला गया .बाड़मेर क्षेत्र से पचपदरा में रिफायनरी लगाने का क्या औचित्य  

१ ३ .बाड़मेर की सड़को के हाल आप खुद पैदल चल कर देखे .कोई एक सड़क दुरुस्त नहीं .विकास किसका और कान्हा किया गया 

१ ४ .सरकार की अरबों रुपयों की जमीन क्षेत्री विधायक के हस्तक्षेप से भू माफियो को गलत तरीके से दी गयी ,जिसकी जांच क्यूँ नहीं 

१ ५ .एन आर एच एम् योजना में गत दस सालो से करोडो रुपयों का घोटाला हुआ बार बार जांच आने के बाद भी कार्यवाही क्यूँ नहीं 

१ ६. नरमद नहर का पानी बाड़मेर जिले के गुडा और चौहटन के किसानो को क्यूँ नहीं मिल रहा 

१ ७ .क्षेत्रीय विधायक भू माफियो और भरष्ट अफसरों को सरंक्षण क्यूँ दे रहे हें ,बार बार भरष्ट कारिंदों को अपने प्रभाव से बचा कर सरकार की छवि खराब कर रहे हें 

१ ८ .बाड़मेर में गत दो सालो में महिला उत्पीडन ,दहेज़ उत्पीडन ,महिला हिंसा ,जघन्य हत्याएं ,सामूहिक दुष्कर्म ,जालसाजी की घटनाओं में कई गुना वृदि हुई .क़ानून व्यवस्था कहाँ हें 

१ ९ .बोर्डर जमीन प्रकरण में आज तक क्यूँ कार्यवाही नहीं हुई 

२ ० .जिन किसानो की भूमि अवाप्त की गयी उन्हें भूमि अवाप्ति संसोधन   गेजेट्स का फायदा क्यूँ नहीं मिला .किसानो को उनका अधिकार ,रोजगार ,आदी का लाभ नहीं मिला 


ऐसे कई सवाल हें जिनका जवाब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को देना होगा 
-- 

रविवार, 28 अप्रैल 2013

गहलोत सरकार ने स्कूले बंद कर जनता के साथ किया धोखा अशरफ अली

सरकार द्वारा बाड़मेर की एक सौ छियालीस स्कूले बंद करने का मामला

गहलोत सरकार ने स्कूले बंद कर जनता के साथ किया धोखा अशरफ अली



बाड़मेर राज्य की अशोक गहलोत सरकार बाड़मेर की जनता को ठग रही हें ,जनता के साथ खुला धोखा किया जा रहा हें .पहले स्कूले खोलते हें फिर बंद कर जनता की भावना के साथ खिलवाड़ करने के साथ छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हें .यह आरोप भाजपा के नेता अशरफ अली ने प्रेस ब्यान जारी कर गहलोत सरकार पर लगाये .अली ने बताया की राज्य सरकार ने जी पी एस सर्वे के आधार पर इस साल बजट में घोषणा के आधार पर बाड़मेर जिले की बावन नए प्राथमिक विद्यालय खोलने और चौरानवे विद्यालयों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत करने के आदेश एक अप्रेल को जारी किये थे .जिले में शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार के इस कदम को विपक्ष ने भी सराहा ,मगर स्थानीय जन प्रतिनिधियों की आपसी लड़ाई के चलते जनता की भावनाओ को आहात कर राज्य सरकार ने अट्ठारह दिनों के बाद ही इन आदेशो पर रोक लगा दी .एक साथ लगभग डेढ़ सौ विद्यालयों की स्वीकृति पर रोक लगाने से जिले की शिक्षा क्षेत्र को बड़ा नुक्सान हुआ ,लोग अभी तक अपने क्षेत्र के नए विद्यालयों के खुलने का जश्न ही मना रहे थे .राज्य सरकार ने दोहरी निति का खेल खेलते हुए विद्यालयों की स्वीकृति निरस्त कर जनता की भावनाओ के साथ खिलवाड़ किया हें ,अली ने कहा की बाड़मेर की जनता सरकार का दोगला पण बर्दाश्त नहीं करेगी ,उन्होंने कहा की सरकार विद्यालयों की सिकृति पर रोक लगा रही हें स्थानीय जन प्रतिनिधि उन्ही विद्यालयों का उद्घाटन कर जनता को गुमराह कर रहे हें ,उन्होंने कहा की राज्य सरकार और स्थानीय जन प्रतिनिधियों की कथनी और करनी में फर्क होने से बाड़मेर की जनता को दिए अधिकारों से वंचित किया ,गया उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेज विद्यालयों पर लगे रोक को तत्काल हटाने की मांग की हें ,उन्होंने कहा की यदि विद्यालयों पर लगी रोक नहीं हटाई तो जनता आन्दोलन करेगी

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

राजस्थानी की जो बात करेगा वही राजस्थान पर राज करेगा ..बारहट

राजस्थानी की जो बात करेगा वही राजस्थान पर राज करेगा ..बारहट


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश
महामंत्री राजेंद्र सिंह बारहट ने बताया   आगामी चुनावो में राजस्थानी
भाषा को संवेधानिक मान्यता मुख्य मुद्दा होगा ,जो राजस्थानी की बात करेगा
वही राजस्थान पर राज ,करेगा बारहट आठ नौ जून को बाड़मेर में आयोजित होने
वाले राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति महोत्सव के तैयारियों का जायजा
लेने के दौरान डाक बंगलो में आयोजित पत्रकार सम्मलेन को संबोधित कर रहे
थे ,ठेठ राजस्थानी में बोलते हुए उन्होंने कहा की राजस्थान के दोनों
प्रमुख दल सुराज संकल्प और विकास यात्रा निकाल रहे हें ,उन्होंने सवाल
किया की राजस्थान की संस्कृति और भाषा की बात के बगैर कैसा सुराज हो सकता
हें ,उन्होंने कहा की राजस्थानी की बात अब राजनीतिज्ञों को करनी पड़ेगी अब
जनता अपनी भाषा को संवेधानिक मान्यता दिलाने के लिए जाग गयी हें
,उन्होंने कहा की जब नरेन्द्र मोदी गुजराती में भाषण देकर गर्व महसूस कर
सकते हें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे
को राजस्थानी में भाषण देने में शर्म क्यों आती हें ,उन्होंने कहा की जो
नेता राजस्थान की भाषा और संस्कृति को अपना नहीं सकते उन्हें राज करने का
कोई अधिकार नहीं हें ,बारहट ने कहा की समिति कर्नाटक के विधानसभा चुनावो
में भी प्रवासी राजस्थानियों के माध्यम से राजस्थानी को संवेधानिक
मान्यता दिलाने के लिए एक जुट प्रयास कर रही हें वही संसद के इस माह शुरू
हो रहे सत्र में राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं दी तो सरकार को परिणाम
चुनावो में भुगतने पड़ेंगे उन्होंने कहा की राजस्थान के सांसदों में
राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के प्रति इच्छा शक्ति का आभाव दर्शाता
हें की उन्हें राजस्थान के लोगो की भावना से कोई सरोकार नहीं ,उन्होंमे
कहा की बाहरी प्रान्तों के परीक्षार्थी अपनी प्रांतीय भाषा के सहारे आई ए
एस बनाने में सफल हो कर राजस्थानियों का हक़ छीन रहे हें ,राजस्थानी भाषा
की अहमियत सरक्लर समझ नहीं रही हें ,उन्होंने कहा की आगामी विधानसभा
चुनावों में समिति मायड़ भाषा सम्मान यात्रा निकाल गाँव गाँव ढाणी ढाणी
जाकर वोटो की गणित बिगड़ेगी ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा को संवेधानिक
मान्यता के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से आठ नौ जून को बाड़मेर
में राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति महोत्सव जन सम्मलेन के रूप में
आयोजित कर बीस हज़ार से अधिक लोग जुटाएगी ताकि राजस्थानी भाषा को मान्यता
का राजनितिक मार्ग प्रसस्त हो ,उन्होंने कहा की समिति के प्रभारी
अर्जुनदान देथा दौ सौ से अधिक गाँवो में महोत्सव को लेकर जन संपर्क कर
चुके हें ,इस अभियान को और तेज़ किया जायेगा तथा आम जन को इससे जोड़ा
जायेगा ,उन्होंने कहा की सरकार ने शिक्षा का अधिकार तो दे दिया मगर
प्रारंभिक शिक्षा प्रांतीय भाषा में हो यह अधिकार राज्य सरकार ने अभी तक
नहीं दिया ,उन्होंने अफ़सोस जाहिर करते हुए कहा की राजस्थान के पेंतीस
संसद राजस्थानी भाषा के मुद्दे पर संसद में प्रभावी पैरवी करने में विफल
रहे ,उन्होंने ने जनप्रतिनिधियों को चेताते हुए कहा की उनके विधायक और
सांसद बनाने का रास्ता हमारे घरो से होकर गुजरता हें इतना जरुर याद रखे
,उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा की समिति सुनले नेता सगल डंके री चोट
पैली भाषा पछै वोट की तर्ज पर अभियान शुरू करेगी ,उनके साथ जोधपुर संभाग
उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ,जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ,महेश दादानी
,भीखदान चरण ,नरेश देव सारण ,इन्दर प्रकाश पुरोहित ,लक्षमण गोदारा ,रमेश
सिंह इन्दा ,भोम सिंह बलाई ,रघुवीर सिंह तामलोर ,हिन्दू सिंह तामलोर
,सवाई चावड़ा ,बाबू खान शैख़ ,मुबारक खान ,आवड सिंह सोढा ,सहित कई
पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे ,

मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

बायतु विधानसभा क्षेत्र ...कर्नल को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन


बायतु विधानसभा क्षेत्र ...कर्नल को हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन


भाजपा के पास कम विकल्प

चन्दन सिंह भाटी

बाड़मेर बाड़मेर जिले की नव्सर्जित विधान सभा सीट बायतु में गत बार पहली बार हुए चुनावो में कांग्रेस के कर्नल सोनाराम चौधरी ने भाजपा के कैलाश चौधरी को भरी मतों के अंतर से हराया था .चार साल बाद भी क्षेत्र में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं हें ,कर्नल इस सीट पर अडिग हें ,उनकी जनाधार वाली छवि सभी पर भरी पड़ती नज़र आ रही हें ,हालांकि कर्नल के अशोक गहलोत के विरोधी होने के कारण टिकट में समस्या आ सकती हें ,कर्नल की जगह कांग्रेस किसी सुर नाम पर विचार कर सकती हें ,कर्नल को गुडा मालानी भेजा जा सकता हें ,मगर कर्नल बायतु छोड़ना नहीं चाहते ,कर्नल ने क्षेत्र की जनता के लिए अपनी ही पार्टी की सरकार से लड़ाई लड़ी हें जिसमे वो सफल भी हुए ,कर्नल को जनता का नेता मन जाता हें ,जनता की हर मांग में उनके साथ खड़े होते हें यही कारण हें की उनकी जनता के बीच विश्वसनीयता बरकरार हें .कर्नल दबंग और बेबाक विधायक हें ,साफगोई उनकी विशेषता हें ,ढुलमुल निति नहीं रखते .आक्रामक छवि के उनके प्रति जनता की दीवानगी हें ,भाजपा के पास बायतु में ज्यादा विकल्प नहीं हें ,इस बार भाजपा बालाराम मूँढ को कैलाश चौधरी पर प्राथमिकता दे सकती हें ,हल ही में बालाराम को वसुंधरा राजे में प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य बना कर कद बढाया हें ,जाट बाहुल्य बाहुल्य बायतु में जाट उम्मीदवार ही होंगे दोनों दलों में ,चार सालो में विपक्ष के तौर पर भाजपा का कमज़ोर प्रदर्शन भी कर्नल की लोक प्रियता बढ़ने में सहायक रहा हे .कर्नल लोक सभा चुनाव लड़ना चाहते हें ,मगर उन्हें टिकट में दिक्कत आ सकती हें इस बार लोक सभा से कांग्रेस नया चेहरा उतारेगी नाथाराम चौधरी का नाम प्रमुखता से उच्छल रहा हें ,वर्तमान में बायतु में जन समस्याओ का अम्बार लगा हें ,पानी की समस्या आज भी बदस्तूर जारी हें , के नाम पर बायतु के लिलाना में रिफायनरी की घोषणा सबसे बड़ी सफलता मणि जा रही हें ,सोनाराम बायतु में रिफायनरी चाहते हें ग्रामीणों के विरोध के कारन सरकार रिफायनरी की जगह बदलने पर विचार कर सकती हें इसी खबरे चर्चा में हें ,जातिवाद के चलते बायतु में अन्य जातिया लामबंद हो सकती हें इसके बावजूद कर्नल मजबूत हें .

--

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने


रिफायनरी की घोषणा नहीं होने से निराश राजस्थान

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में रिफायारी लगाने की उमीदे आज केन्द्रीय बजट में ख़तम हो गयी ,राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी रणनीति उनके ही वित् मंत्री ने फेल कर दी .पिछले दो सालो से गहलोत रिफायारी पर बयानबाजी कर लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे थे ,गहलोत इसे अपने चुनावी हथियार बनाना चाहते थे .पिछले दो महीनो में तो गहलोत जहां भी जाते रिफायारी की ही बात करते .गहलोत की मुहीम को वित् मंत्री ने करत्रा झटका दे दिया ,बाड़मेर के लोग ही नहीं राजस्थान के लोग इससे निराश हुए हें ,बाड़मेर के लोगो को कोंग्रेस के नेता रिफायारी लगाने की बात पर हर बार बरगला रहे थे ,वास्तविकता सामने अब आ ही गई .हालांकि विशेषज्ञ जानते थे की रिफायनरी राजस्थान में किसी सूरत में लगनी नहीं .खैर बजट ने गहलोत का खेल ख़त्म कर दिया . वित्त मंत्री पी. चिदंबरम गुरूवार को जब संसद में आम बजट पेश कर रहे थे,राजस्थान तेल रिफाइनरी की घोषणा पर टकटकी लगाए ब्ौठा था। लेकिन प्रदेश को इस बहुप्रतिक्षित रिफाइनरी को लेकर मायूसी के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान वर्ष में राज्य के चुनाव के मद्देनजर आम बजट में राज्य सरकार प्रदेश में रिफाइनरी की मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि यूपीए सरकार ने आने वालो चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही रिफाइनरी की घोषणा को अपने पिटारे में ही रखा। और राजनीतिक फायदा देखते हुए इसकी घोषणा अब चुनावों से पहले कभी भी की जा सकती है।


ज्ञात हो कि राजस्थान में 9 मिलियन टन की तेल रिफाइनरी लगाने की तैयारी है। वर्तमान में प्रदेश में उत्पादन भी सालाना 9 मिलियन टन हो रहा है। वहीं डायरेक्टर जनरल हाइड्रो कार्बन का आकलन है कि प्रदेश में 2020 के बाद कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट आ सकती है। इन हालात में प्रदेश में करीब 40 हजार करोड़ रूपए से लगाई जा रही रिफाइनरी के लिए कच्चा तेल आयात करना पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही रिफाइनरी लगाने को लेकर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) के अधिकारियों से वार्ता के लिए मुम्बई गए अधिकारियों की इस मुद्दे पर उनसे मंथन हुआ था।


केयर्न ने तैयारी शुरू की

केयर्न इंडिया ने 1.25 लाख बैरल और तेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। कम्पनी सूत्रों के अनुसार दो-तीन महीने में तेल का उत्पादन बढ़ने लगेगा। इसे पहले 1.90 लाख बैरल,फिर 2.40 लाख बैरल व अन्त मे तीन लाख बैरल के लक्ष्य को छु लिया जाएगा। इसमें करीब एक साल लगेगा।

कम्पनी राज्य के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला का उत्पादन बढ़ाएगी। इसके लिए मंगला से जुड़े छोटे-छोटे तेल कुओं को मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ऎश्वर्या,शक्ति,कामेश्वरी व तुगाराम तेल क्षेत्रों से तेल का उत्पादन शुरू किया जाएगा। अभी मंगला से 1.50 लाख व भाग्यम व सरस्वती से 25 हजार बैरल तेल का खनन किया जा रहा है।

गुजरात के रास्ते आएगा अरब का तेल !

पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वहां यह बात भी रखी गई थी कि राजस्थान में तेल उत्पादन में गिरावट पर अरब देशों से गुजरात होते हुए बाड़मेर पाइपलाइन के जरिए कच्चे तेल का का आयात किया जा सकता है।

गुरुवार, 30 अगस्त 2012

पानी के बहाने राजस्थान में अशोक गहलोत का शक्ति प्रदशन

पानी के बहाने राजस्थान में अशोक गहलोत का शक्ति प्रदशन

गहलोत हुए पास 

बाड़मेर गुरुवार को राजस्थान में यु पी ए चेयरपर्सन सोनिया गाँधी के सामने अशोक गहलोत ने राजस्थान में होने वाले अगले साल विधानसभा चुनावो को देखते हुए बाड़मेर में अपना शक्ति प्र्दशन किया इस विशाल सभा में डेढ़ लाख के करीब लोग शामिल हुए दरसल राजस्थान में पिछले कुछ समय से बार बार असंतुष्ट विधयाको के दवारा नेतृत्व परिवर्तन की माग की जा रही थी लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह साबित कर दिया कि उनकी अगवाई में जो सरकार चल रही है उससे जनता बहूत खुश है
राजस्थान में बार बार काग्रेस के असंतुष्टो विधयाको के द्वार दिल्ली में जा कर गहलोत को परिवर्तन की माग के बाद और करीब एक साल बाद कांग्रेस की मुखिया सोनिया गाँधी पहली बार राजस्थान के दौर पर आई पिछले करीब एक सप्ताह से है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मंत्री और विधायक इस विशाल सभा के लिए अपनी पूरी ताकात छोक दी थी गुरुवार को जब सुबह भीड़ जुटनी शरू हुई तो मानो लोगो सकडो लोगो के काफिले एक साथ आना शरू हुए और देखते ही देखते पूरा स्टेडियम पूरा खाचा खच भर गया और लोग इस भयंकर गर्मी में सोनिया गाँधी के भाषण सुनने के लिए बे सबरी से इन्तजार कर रहे थे स्टेडियम के खाचा खच भरने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मंत्रियो और विधयाको ने रहात की सास ली इस मोके पर सोनिया गाँधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जमकर तारीफ की और उन सभी असंतुष्ट विधयाको नेतृत्व परिवर्तन की माग को मनो दर किनार ही कर दिया हो


दरसल पिछले एक साल से राजस्थान में भवरी प्रकरण और गोपाल गढ़ दंगो को लेकर यह बात बार सामने आ रही थी कि राजस्थान के कांग्रेस के परम्परा गत वोटर कांग्रेस से दूर हो रहा है जिसके चलते आल कमान अशोक गहलोत के काम से संतुष्ट नहीं है लेकिन सोनिया के इस दौर ने इन सभी सवालो को माने एक तरह से ख़ारिज ही कर दिया हो और राजस्थान में अशोक गहलोत के काम से आल कमान पूरा संतुष्ट है इस मोके पर अशोक गहलोत ने अपने भाषण में कहा कि सरकार गरीबो के लिए कई योजनाए चल रही है जिसका फायदा राजस्थान कि जनता को हो रहा है


सोनिया गांधी की यह सभा चुनाव से पहले का शक्तिप्रदर्शन बन कर साबित हुई हैं , राजनीतिक हलको में इस सभा को कम नहीं आँका जा रहा हैं वहीं दूसरी तरफ करीब डेढ़ लाख लोगो की भारी संख्या का यहाँ पहुंचना चुनाव से पहले की बड़ी तैयारी मानी जा रही हैं । लेकिन शक्ति प्रदर्शन के लिए बाड़मेर को चुना जाना अभी भी लोगो में जिज्ञासा का कारण बना हुआ हैं सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत की सरकार के द्वारा राज्य में किये गए कार्यो और चलाई गई योजनाओं को भी जनता के सामने रखा और अगले साल होने वाले चुनाव तक कोई परिवर्तन होता नजर नहीं आ रहा है