जेसलमेर गो शालाओं का गेम, दस निरस्त फिर तीन को अनुदान,अधिकारिय की चांदी*
*जैसलमेर सरहदी जेसलमेर जिले में गोशालाओं के संचालन में बड़ा गेम चल रहा है।इस गेम में पशुपालन के अधिकारी गेम चेंजर की बड़ी भूमिका निभा रहे है।।कहना अतिश्योक्ति न होगी कि गौ शालाओं के सत्यापन से जुड़े हर अधिकारी ने चांदी काटी हैं।।जेसलमेर जिले में कोई 35 गौशालाएं अधिकृत है।।जिन्हें अनुदान दिया जाता रहा है।इन गौ शालाओं का समय समय पर भौतिक सत्यापन किया जाता है।।आश्चर्यजनक रूप से कुछ गौशालाओं में गोधन नही होने के बावजूद गोधन दर्शा कर करोड़ो रुपयों का अनुदान उठाने की जानकारी मिली है।गत अक्टूबर माह में राज्य सरकार द्वारा अनुदानित गौ शालाओं का भौतिक सत्यापन कराया गया जिसमें दस गौ शालाओं को नियम विरुद्ध मान उनकी सम्बन्धता निरस्त की गई।।इन निरस्त गौ शालाओं में से तीन गौ शालाओं को निरस्तीकरण के बावजूद पशु पालन विभाग के आला अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर को अंधेरे में रख अनुदान भुगतान पारित करवा लिया।।आश्चर्यजनक पहलू है कि राज्य स्तरीय जांच टीम की अनुसंशा पर निरस्त की गई तीन गौ शालाओं को नियम विरुद्ध भुगतान आखिर कैसे हो गया।जबकि इन दस गौ शालाओं के निरस्त होने को कैबिनेट मंत्री शालेमोहम्मद ने प्रश्न उठाते हुए।।इनका पुनः भौतिक सत्यापन कराने की मांग करने के साथ तीन गौशालाओं को अनुदान देने पर भी सवाल उठाए।।केबिनेट मंत्री द्वारा सवाल उठाने पर पशु पालन अधिकारी ने फिर आदेश निकाले निरस्त की गई गौ शालाओं का फिर से भौतिक सत्यापन किया जाए।इसके लिए बाकायदा जांच टीम बनाई गई।।जबकि जिले में चल रही 35 गौ शालाओं में करीब सात गौ शालाये बोगस है।इन गौ शालाओं के संचालन में पूरी तरह फर्जीवाड़ा है।।एक भी अधिकारी ने निष्पक्षता और ईमानदारी से भौतिक सत्यापन नही किया न ही टेग के आधार पर गोधन की गणना की।।सूत्रों की माने तो तहसीलदार की भी भूमिका संदिगध रही। एक गौ शाला की जांच महिला पशु चिकित्सक को सौंपी गई।उक्त महिला अधिकारी ने वास्तविक जांच रिपोर्ट पेश की तो विभागीय अद्धिकारियो सहित तहसीलदार तक भुनभुना के राह गए।इन अद्धिकारियो ने इस महिला जांच अधिकारी पर दबाव डाल जांच रिपोर्ट बदलवा दी।।इस फर्जी गोशाला को कूटरचित जांच में सही चलना बताया साथ ही इस गौ शाला में पर्याप्त गो धन भी बताया।।जिसके आधार पर इस गो शाला को अनुदान भी स्वीकृत करवा दिया। अब फिर सात गोशालाओं का भौतिक सत्यापन होगा।।
*जैसलमेर सरहदी जेसलमेर जिले में गोशालाओं के संचालन में बड़ा गेम चल रहा है।इस गेम में पशुपालन के अधिकारी गेम चेंजर की बड़ी भूमिका निभा रहे है।।कहना अतिश्योक्ति न होगी कि गौ शालाओं के सत्यापन से जुड़े हर अधिकारी ने चांदी काटी हैं।।जेसलमेर जिले में कोई 35 गौशालाएं अधिकृत है।।जिन्हें अनुदान दिया जाता रहा है।इन गौ शालाओं का समय समय पर भौतिक सत्यापन किया जाता है।।आश्चर्यजनक रूप से कुछ गौशालाओं में गोधन नही होने के बावजूद गोधन दर्शा कर करोड़ो रुपयों का अनुदान उठाने की जानकारी मिली है।गत अक्टूबर माह में राज्य सरकार द्वारा अनुदानित गौ शालाओं का भौतिक सत्यापन कराया गया जिसमें दस गौ शालाओं को नियम विरुद्ध मान उनकी सम्बन्धता निरस्त की गई।।इन निरस्त गौ शालाओं में से तीन गौ शालाओं को निरस्तीकरण के बावजूद पशु पालन विभाग के आला अधिकारी द्वारा जिला कलेक्टर को अंधेरे में रख अनुदान भुगतान पारित करवा लिया।।आश्चर्यजनक पहलू है कि राज्य स्तरीय जांच टीम की अनुसंशा पर निरस्त की गई तीन गौ शालाओं को नियम विरुद्ध भुगतान आखिर कैसे हो गया।जबकि इन दस गौ शालाओं के निरस्त होने को कैबिनेट मंत्री शालेमोहम्मद ने प्रश्न उठाते हुए।।इनका पुनः भौतिक सत्यापन कराने की मांग करने के साथ तीन गौशालाओं को अनुदान देने पर भी सवाल उठाए।।केबिनेट मंत्री द्वारा सवाल उठाने पर पशु पालन अधिकारी ने फिर आदेश निकाले निरस्त की गई गौ शालाओं का फिर से भौतिक सत्यापन किया जाए।इसके लिए बाकायदा जांच टीम बनाई गई।।जबकि जिले में चल रही 35 गौ शालाओं में करीब सात गौ शालाये बोगस है।इन गौ शालाओं के संचालन में पूरी तरह फर्जीवाड़ा है।।एक भी अधिकारी ने निष्पक्षता और ईमानदारी से भौतिक सत्यापन नही किया न ही टेग के आधार पर गोधन की गणना की।।सूत्रों की माने तो तहसीलदार की भी भूमिका संदिगध रही। एक गौ शाला की जांच महिला पशु चिकित्सक को सौंपी गई।उक्त महिला अधिकारी ने वास्तविक जांच रिपोर्ट पेश की तो विभागीय अद्धिकारियो सहित तहसीलदार तक भुनभुना के राह गए।इन अद्धिकारियो ने इस महिला जांच अधिकारी पर दबाव डाल जांच रिपोर्ट बदलवा दी।।इस फर्जी गोशाला को कूटरचित जांच में सही चलना बताया साथ ही इस गौ शाला में पर्याप्त गो धन भी बताया।।जिसके आधार पर इस गो शाला को अनुदान भी स्वीकृत करवा दिया। अब फिर सात गोशालाओं का भौतिक सत्यापन होगा।।