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रविवार, 22 जुलाई 2012

कुत्तों नें तरकी की या इन्सान गिर गया।


नारायण बारेठ की फिलोसफी को सलाम 


कुत्तों नें तरकी की या इन्सान गिर गया। 

महात्मा इसरदासजी के जन्मोत्सव समारोह में भाग लेने आऐ बी बी सी संवाददाता नारायण बारेट ने समारोह में भाशण दिया उसो आं आपके सामने रख रहा हूॅ।सुत इसरदासजी की पावन धरा को भात भात नमन।भारत के आरे में कहा जा रहा हैं।आजादी के पैंसठ सालों में जोरदार विकास हुआ हैं।िक्षा के क्षैत्र में भी ।लोग िक्षित हुऐ तो आज सभ्य और िक्षित समाज में बलात्कार ,दहेज हत्याए,भाई भाई खून के प्यासे ,जमीनों के लिऐ परिवार क्यों टूट रहे हैं,चरित्र पतन क्यो हो रहा हैं।दो में धर्म के प्रति आस्था जितनी बी उतनी तेजी से जुर्म बे।आज करोडों लोग मंदिरो की चौखट पर जाते हैं फिर जुर्म क्यों ब रहा हैं।बारेट ने कहा कि जयपुर में कुत्तों की संख्या अस्सी हजार हैं जो पालतु हैं।कुत्तों के लिऐं रेस्तरां खुल गये।तीन सौ करोड का कुत्ता उद्योग मायने रखता हैं।मेरी समझ में यह नही आ रहा कि कुत्तों नें तरकी की या इन्सान गिर गया। 
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