Politics लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
Politics लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

गुरुवार, 20 दिसंबर 2018

मंत्रियों के नाम तय करने के लिए गहलोत रात 9 बजे पहुंचेगे दिल्ली....राहुल से शुक्रवार को मुलाकात...सचिन पहले ही दिल्ली में

मंत्रियों के नाम तय करने के लिए गहलोत रात 9 बजे पहुंचेगे दिल्ली....राहुल से शुक्रवार को मुलाकात...सचिन पहले ही दिल्ली में

राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार रात दिल्ली पहुंचेंगे. वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ शुक्रवार को बैठक कर मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करेंगे.

नई दिल्ली: राजस्थान में सरकार बनने के बाद अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार में लगे हुए हैं. बताया जा रहा है कि आगामी दो या तीन दिन के भीतर गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. इसके लिए सीएम गहलोत गुरुवार रात को जयपुर से दिल्ली पहुंचेंगे. गहलोत शुक्रवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे और उनके साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बैठक करेंगे. इस बैठक में राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी मौजूद रहेंगे.
जानकारी के अनुसार सीएम गहलोत गुरुवार रात करीब 9 बजे दिल्ली पहुंचेंगे. इसके बाद शुक्रवार सुबह करीब 10.30 बजे वे राहुल गांधी के साथ बैठक करेंगे. आपको बता दें कि डिप्टी सीएम पायलट पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं. वे भी इस बैठक में शामिल होंगे.

सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान गहलोत प्रदेश मंत्रिमंडल विस्तार के लिए संभावित नेताओं के नाम राहुल के सामने रखेंगे. इसके बाद इन नामों पर चर्चा होगी. साथ ही यह भी मंथन होगा कि किस नेता को कौनसा विभाग दिया जाना चाहिए. इसके साथ ही डिप्टी सीएम सचिन पायलट को कौनसे विभाग दिए जाएं इस पर भी चर्चा इस बैठक में हो सकती है. 

पहली बार जीते विधायक नहीं बनेंगे मंत्री

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने तय किया है कि पहली बार जीत कर विधानसभा पहुंचे विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा. हालांकि पूर्व में सांसद रह चुके विधायकों को इस श्रेणी में नहीं रखा गया है. मतलब साफ है कि पार्टी पहली बार विधायक बनने वाले नेता को कैबिनेट में जगह नहीं देगी. राजस्थान कांग्रेस में ऐसे विधायकों की संख्या 24 है, और सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी यही फार्मूला लागू किया गया है.

मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

लोकसभा की ये १६ सीटें कांग्रेस जीत सकती हे

लोकसभा की ये १६ सीटें कांग्रेस जीत सकती हे 

जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही अब चर्चाएं लोकसभा चुनाव को लेकर शुरू हो गई है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनावों को 2019 के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था. इस हिसाब से अगर आज लोकसभा चुनाव हो जाएं तो राजस्थान में कांग्रेस गठबंधन को 16 सीटें मिल सकती है. तो आइए देखते हैं कौन-कौन सी हैं वो सीटें.

करौली-धौलपुर
इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के अच्छे वोट हैं. अगर बात की जाए इस विधानसभा चुनाव की तो इस इलाके से बसपा को 90 हजार से ज्यादा वोट मिले. वहीं कांग्रेस को 50 हजार से ज्यादा और बीजेपी को 40 हजार से ज्यादा. इस हिसाब से अगर यहां पर कांग्रेस बसपा से गठबंधन करती है तो वो यहां सीट निकाल सकती है.
कोटा
इस सीट पर भाजपा के ज्यादा वोटर हैं. इसलिए उसके जीतने की संभावना ज्यादा है. लेकिन अगर कांग्रेस यहां पर भी गठबंधन के साथ उतरती है तो वो यहां पर बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकती है. और हो सकता है कि उसके हाथ में जीत भी आ जाए.
अलवर
यहां से एक बड़े नेता भंवर जितेंद्र सिंह आते हैं. हो सकता हो वो यहां से लोकसभा चुनाव लड़ें. तो यहां पर कांग्रेस और बसपा साथ में आते हैं तो वो बीजेपी को कड़ी टक्कर के साथ हरा भी सकते हैं. क्यों कि मौजूदा विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां से महज 4 लाख से ज्यादा वोट ही पाई है.जबकि कांग्रेस+बसपा 5 लाख से ज्यादा वोट.


चित्तौड़गढ़
चित्तौड़गढ़ सीट की बात करें तो यहां पर बीजेपी के पास 7 लाख से ज्यादा वोट हैं. वहीं कांग्रेस और बसपा के साथ मिलकर बीजेपी को चुनौती दे सकती है. दोनों पार्टियों की मौजूदा स्थिति मे वोटों को जोड़ें तो करीब वो भी 7 लाख से ज्यादा होते हैं.
चूरू
चूरू सीट पर मुकाबला टक्कर का है. कोई भी अकेले जीतने का दम नहीं रखता है. अगर यहां भी कांग्रेस गठबंधन के साथ उतरती है तो वो यहां पर बीजेपी को पटखनी दे सकते हैं.
जयपुर ग्रामीण
भाजपा के गढ़ जयपुर में इस बार विधानसभा चुनावों में भी सेंध लगी. और कांग्रेस ने यहां पर उम्मीद से ज्यादा सीटें निकाली. यहां पर भी अभी लोकसभा चुनाव हो जाएं तो कांग्रेस गठबंधन बाजी मार सकती है.


जोधपुर
इस सीट पर कांग्रेस गठबंधन के साथ-साथ इस बार कांग्रेस भी फॉर्म में है. वहीं अगर इस बसपा का साथ मिलता है तो जोधपुर को विजय करने में आसानी होगी.
झुंझुनूं
इस सीट पर कांग्रेस मजबूत स्थिति में है. गठबंधन यहां पर बीजेपी को पटखनी देने में कामयाब हो सकती है.
टोंक-सवाई माधोपुर
यहां पर भी कांग्रेस+ अच्छे मार्जिन के साथ जीत रही है. इस सीट पर भी कांग्रेस ने इस बार अच्छी विधानसभा सीटें निकालीं हैं.


दौसा
यहां पायलट का गढ़ है. यहां पर भी कांग्रेस के हरीश चौधरी एक बड़े नेता हैं. और उनके बीजेपी छोड़ कांग्रेस में जाने का बीजेपी को नुकसान हो सकता है और यह सीट कांग्रेस+ निकाल सकती है.
नागौर
यह सीट भी कांग्रेस+ के हाथ में जा सकती है. अगर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखा जाए. और कांग्रेस के साथ बसपा आ जाए.
बाड़मेर
इस सीट से मानवेंद्र ने बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया. वहीं इस विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का प्रदर्शन भी काफी खराब रहा है. इस हिसाब से कांग्रेस+ इस सीट को निकाल सकती है.राजपूत मुस्लिम का नया गठबंधन कांग्रेस को जीता सकता हे,


बीकानेर
इस सीट पर भी कांग्रेस गठबंधन मजबूत स्थिति में है. लेकिन अकेले बीजेपी को हराना कांग्रेस के लिए नाको तले चना चबाना साबित हो सकता है.
भरतपुर
इस सीट पर भी बसपा की अच्छी पकड़ है. अगर कांग्रेस बसपा के साथ यहां उतरती है तो वो यह सीट भी भाजपा के हाथ से छीन सकती है.
श्रीगंगानगर
यह सीट भी कांग्रेस+ के हाथ में जा सकती है. अगर मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखा जाए. और कांग्रेस के साथ बसपा आ जाए.


सीकर
यहां पर भी कांग्रेस+ अच्छे मार्जिन के साथ जीत रही है. इस सीट पर भी कांग्रेस ने इस बार अच्छी विधानसभा सीटें निकालीं हैं

रविवार, 16 दिसंबर 2018

राजस्थान की खराब आर्थिक हालत से परेशान गहलोत, बोले- पीएम को कहना चाहिए 'Don't Worry'

राजस्थान की खराब आर्थिक हालत से परेशान गहलोत, बोले- पीएम को कहना चाहिए 'Don't Worry'



जयपुर. मुख्यमंत्री पद की शपथ भी लेने से पहले ही अशोक गहलोत ने प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर चिंता प्रकट कर दी है. इसके लिए उन्होंने वसुंधरा राजे को जिम्मेदार भी ठहराया है. अब सवाल उठता है कि चुनावी घोषणा के मुताबिक 10 दिन के भीतर किसानों के 99 हजार करोड़ रुपए के कर्जे कैसे माफ होंगे.

रविवार को शपथ ग्रहण स्थल अल्बर्ट हॉल का जायजा लेने पहुंचे अशोक गहलोत ने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार को आगे बढ़कर यह संदेश पूरे देशभर में देना चाहिए कि 'डॉन्ट वरी..चाहे सरकार हमारी नहीं बनी लेकिन हमारी तरफ से सहयोग में कोई कमी नहीं रहेगी.


गहलोत ने कहा कि जब वे पिछली बार मुख्यमंत्री थे तब केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी. तब राजस्थान में कोई कमी नहीं थी. जब एक पत्रकार ने पूछा कि पीएम मोदी का आधिकारिक बयान आया है उस पर आप क्या कहेंगे. तब गहलोत ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्राइम मिनिस्टर का पहला ट्वीट यह आना चाहिए कि हमारी तरफ से सहयोग में कोई कमी नहीं होगी. राजस्थान की जनता भले ही 10 दिनों के भीतर कर्ज माफी की उम्मीद में है और विपक्ष कांग्रेस के इस वादे को पूरा नहीं किए जाने पर आरोप लगाने के लिए तैयार बैठा है. लेकिन मुख्यमंत्री की शपथ लेने से पहले ही अशोक गहलोत ने गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी है. चुनाव प्रचार में राहुल गांधी 10 दिनों में कर्ज माफी का लगातार वादा करते रहे. लेकिन अब जबकि कांग्रेस की सरकार बन गई है तब कर्ज माफी पर गहलोत ने कोई संतोषजक जबाव नहीं दिया.

अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान सरकार तो अपना काम करेगी ही लेकिन पीएम मोदी को भी आगे बढ़कर राजस्थान सरकार को यह भरोसा देना चाहिए कि डोंट वरी... चुनौती भरे इस काम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार उनके साथ है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केन्द्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राजस्थान में कांग्रेस सरकार को पूर्ण सहयोग करेगी और कांग्रेस सरकार के साथ कोई राजनीतिक भेदभाव नहीं होगा.


राजस्थान के हालातों के लिए वसुंधरा राजे जिम्मेदार
गहलोत ने वसुंधरा राजे पर एक बार फिर से गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पिछले कार्यकाल में जो योजनाएं शुरू की गई थी उन्हें वसुंधरा राजे ने बंद कर दिया. रिफाइनरी के मामले में तो हमें बेवजह बदनाम किया गया. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे को 162 विधायकों का समर्थन मिला था, लेकिन उन्होंने सरकार चलाने में लापरवाही बरती.

इस लापरवाही को ही कांग्रेस ने उजागर किया. आज हम सत्ता में हैं और वसुंधरा राजे विपक्ष में. यदि हम भी जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरेंगे तो हमें भी बदल दिया जाएगा... मैं 24 घंटे 365 दिन जनता के बीच रहता हूं... मुझे कोई पद प्रभावित नहीं करता.

अशोक गहलोत चाहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी खुद आगे बढ़कर यह मैसेज राजस्थान सरकार को दें कि 'डोंट वरी' केंद्र सरकार उनके साथ है. राजस्थान में भले ही भाजपा की सरकार नहीं बनी हो लेकिन उन्हें यह संदेश देना चाहिए कि वो राजस्थान की मदद वैसे ही करेंगे जैसे वो खुद की सरकार होने पर करते थे. 

वसुंधरा निभाएंगी वो परम्परा जो गहलोत ने 2013 में निभाई थी...शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगी

वसुंधरा निभाएंगी वो परम्परा जो गहलोत ने 2013 में निभाई थी...शपथ ग्रहण समारोह में जाएंगी

जयपुर. जयपुर के अल्बर्ट हॉल में सोमवार को नए मुख्ययमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होने जा रहा है. इस समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शिरकत करेंगी. ऐसा कर वे वही परम्परा निभाएंगी जो अशोक गहलोत ने 2013 में वसुंधरा राजे के मुख्यमंत्री बनने पर निभाई थी.

2013 के चुनावों में भाजपा सत्ता पर काबिज हुई थी. 13 दिसंबर 2013 को वसुंधरा राजे ने बतौर मुख्यमंत्री दूसरी बार शपथ ली थी. जनपथ पर भाजपा नेताओं का मेला लगा था. नरेन्द्र मोदी समेत कई नेताओं ने इस कार्यक्रम में शिरकत की थी.


लेकिन इस मौके पर सत्ता से बाहर हुए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकतंत्री की एक परम्परा का बखूबी निर्वहन किया था. वे वसुंधरा राजे के शपथ समारोह में पहुंचे थे और उन्हें बधाई ज्ञापित की थी. एक सादगी भरी तस्वीर भी शपथ समारोह में चर्चा का विषय रही थी.


विरोधी खेमे के सत्ता में आने पर गहलोत बिल्कुल भी असहज नहीं थे. उस दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी मंच पर विराजमान थे और उन्होंने खड़े होकर गहलोत को गले लगाया था. अब 2018 के चुनाव में भाजपा सत्ता से बाहर है. गहलोत तीसरी बार मुख्यमंत्री की शपथ लेने जा रहे हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी उसी परम्परा का निर्वहन करने के लिए शपथ समारोह में शिरकत करेंगी.


इस शपथ समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत गठबंधन के कई नेता मंच पर विराजेंगे. वसुंधरा राजे के अलावा प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मदन लाल सैनी भी गहलोत के शपथ ग्रहण में शिरकत करेंगे. 

रविवार, 25 नवंबर 2018

*पहली बार अविश्वास,भितरघात और जातिवाद से लबरेज होंगे चुनाव बाडमेर जेसलमेर के* *बाडमेर जेसलमेर की सभी सीटों पर विश्लेषण*








*पहली बार अविश्वास,भितरघात और जातिवाद से लबरेज होंगे चुनाव बाडमेर जेसलमेर के*

*बाडमेर जेसलमेर की सभी सीटों पर विश्लेषण*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक खास रिपोर्ट*

आगामी 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनाव में बाड़मेर जैसलमेर की नो सीट पर पहली बार अविश्वास,जातिवाद,भितरघात, धार्मिक उन्माद,और सामाजिक बंटवारे पर आधारित होने वाला हुए चुनाव। मतदाता दोनों पार्टीयो से पांच पांच साल बाद ठगे जाते है।।इस बार भी खुले आम ठगे जा रहे। कोई प्रत्यासी विकास की बात नही कर रहा न किसी के पास चुनाव लड़ने का जनहित के कोई विजन है।।इस बार सब अपने अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए चुनाव लड़ रहे है।।सत्ता के संघर्ष में मतदाता कही गम हो गया।।सभी प्रत्यासी जातिगत समीकरणों के आधार पर मौजिज लोगो को पकड़ने में लगे है।।

*बाडमेर विधानसभा*

बाडमेर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के मेवाराम जैन,भाजपा से कर्नल सोनाराम चौधरी, निर्दलीय डॉ राहुल बामनिया के बीच मुकाबला है।।तीनो अपने अपने विजन के लिए खड़े है।।मेवाराम जैन को जनता का नेता माना जाता रहा है।।वास्तविकता चुनाव आते आते सामने आ जाती है।।आज जिस तरह जनता के विधायक को एक एक वोटर को पक्ष में करने के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे है।।वोट बैंक का मामला अब रहा नही।।लोग अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए कहीं भी जाकर समर्थन कर देता है।।कर्नल सोनाराम चौधरी जिद करके बाडमेर की टिकट लाये यह सब जानते है।।उनका विजन साफ है कि वो मेवाराम जैन को हराना चाहते है।।बाकी आम जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नही।जिला मुख्यालय की सीट है जो जीतेगा उसका ठरका रहेगा।।इन दोनों के बीच राहुल बामनिया को बलि का बकरा बना दिया।।बामनिया को अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चे ने अपना उम्मीदवार बनाया।।अब लोग सवाल उठा रहे मोर्चे के दो बड़े नेता हनुमान बेनिवल की पार्टी से टिकट लाये तो राहुल बामनिया को निर्दलीय खड़ा क्यों किया।।उनको बेनिवल की पार्टी से टिकट क्यों नही दिलाई।।राजनीति में थोड़ी बहुत समझ रखने वाले राहुल बामनिया की गणित को समझ गए होंगे मगर खुद बामनिया नही समझे।।

चूंकि कर्नल और बेनीवाल दोस्त है तो बेनिवल ने मुस्लिम प्रत्यासी उतारा बाडमेर से।।ताकि मेवाराम के मुस्लिम वोट काट सके दुर्भाग्य  से हयात खान ने नाम वापस ले लिया।।मेवाराम के दलित वोट काटने की रणनीति के तहत बामनिया को उतारा गया मगर बामनिया मोर्चे की सोच से कही ज्यादा ताकतवर उम्मीदवार निकले।।वो 5 से 7 हजार नही करीब 20 हजार से अधिक वोट लेने वाला उम्मीदवार है अब भाजपा के गले की फांस बन गया।।कर्नल के साथ भितरघात की संभावनाओं से इनकार नही किया जा सकता।।ऐसा ही कुछ शिव क्षेत्र में हुआ।।जाट दलित गठबंधन कर हनुमान बेनीवाल ने पूर्व प्रधान को मैदान में उतारा।।उतारा तो कांग्रेस को हराना था मगर अब यहां पर उदाराम के कारण भाजपा प्रत्यासी तीसरे नम्बर पर चला गया।।कांग्रेस अपनी गणित के हिसाब से चुनाव लड़ रही।।इधर सबसे बडा संख्त चौहटन सीट पर है।।अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर दलित समाज तार तार हो जाएगा।।तीन मुख्य उम्मीदवार दलित है।।आर एल पी के उम्मीदवार सुरताराम की रैली ने सुर्खिया बंटोरी।।जाट दलित बड़ी तादाद में रैली में आये।।वोट कितने देंगे यह 11 को पता चलेगा।।सुरताराम के कारण भाजपा के आदूराम तीसरे नम्बर पर पहुंच गए। कांग्रेस के पदमाराम के पास दलित वोट के साथ बड़ी तादाद में मुस्लिम वोट है। जाट मत सुरताराम,आदूराम और पदमाराम में बंट जाएंगे दलित वोट की तरह। कौन किसपे विश्वास करे।।कर्नल सोनाराम ने आदूराम को टिकट का समर्थन इसी बात पर किया था कि आदूराम को चोहटन में कर्नल जाट वोट दिलाएंगे आदूराम कर्नल को दलित वोट बाडमेर में दिलाएंगे।।मगर सुरताराम ने गेम बिगाड़ दिया।।ऐसा कुछ बायतु में हुआ।हनुमान बेनिवल के सबसे ज्यादा समर्थक बायतु में है।उनके खास समर्थकों में कर्नल सोनाराम के पुत्र डॉ रमन चौधरी का भी नाम आता है जो मीटिंगों में अपील करते है कि बाडमेर में कर्नल साब और बाकी जगह हनुमान बेनिवल को जाट मजबूत करे।।इस जाट बाहुल्य सीट पर भाजपा के कैलाश चौधरी,कांग्रेस के हरीश चौधरी,आर एल पी के उम्मेदाराम मैदान में है।।बहुत मुश्किल गणित। तीनो दावेदार अन्य समाजो के वोट पर नजर गड़ाए है।हरीश चौधरी रूपाराम धनदे को ले आये मगर बेनिवल की पार्टी को दलित वोट दिलाने की जिम्मेदारी शिव प्रत्यासी उदाराम मेघवाल की ।।भाजपा अपने परंपरागत वोट के साथ बढ़त बनाये हुए है।मगर इतना तय है हर वोट पर नजर रहेगी।।भितरघात होगा किसके साथ होगा यह भविष्य के गर्भ में है।।यहां बी एस पी के किशोर सिंह कानोड़ भी मैदान में है उन्हें भी हल्का आंकना राजनीति विशेषग्यो की भूल होगी।।
 पचपदरा में भाजपा के अमराराम और कांग्रेस के मदन प्रजापत के राह में राजपूत अजित सिंह,सहित ब्राह्मण,और माली उम्मीदवार कांटे बिछा रहे है।।यहां जातिगत नाराजगी के चलते जातिगत उम्मीदवार खड़े है। सिवाणा में भाजपा के हमीर सिंह ,कांग्रेस के पंकज प्रताप और निर्दलीय बालाराम के बीच त्रिकोणीय संघर्ष साफ करता है कि जातिगत और सामाजिक रिश्ते प्रभावित हो रहे है।।

अब चलते है जजेसलमेर और पोकरण।।जेसलमेर में कांग्रेस के रूपाराम धनदे और भाजपा के सांग सिंह की सीधी लड़ाई है।।रूपाराम दलित,और ओबीसी मूल वोट के साथ सुरक्षित नजर आ रहे।मगर उन्हें मुस्लिम मत कितने मिलेंगे वही उनकी जीत हार तय करेगी ।फकीर परिवार और धनदे परिवार के बीच सम्बन्ध सबको पता है अविश्वास के बीच है।।सांग सिंह राजपूत वोट के साथ भाजपा के परंपरागत मत पर अपना हक बता रहे।।सांग सिंह पांच साल विधायकी कर चुके है तो सब उनके बारे में जानते है। उनकी भाषा फूहड़ रहती है।।यह उनके लिए नकारात्मक पहलू है।।अगर स्वाभिमान जगा दिया तो सांग सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है।।पिछली बार सांग सिंह का टिकट क्यों कटा मतदाता अतीत में जरूर जाएंगे।।पोकरण में विवेकानंद मॉडल स्वामी प्रतापपुरी और मुस्लिम धर्म के गुरु गाज़ी फकीर के पुत्र साले मोहम्मद उम्मीदवार है पोकरण से।।तो पोकरण में उनके मुकाबले शास्त्री की उपाधि प्राप्त स्वामी प्रतापपुरी को भाजपा ने मैदान में उतार दिया।।पोकरण मुस्लिम राजपूत बाहुल्य क्षेत्र है।।यहां हिन्दू कार्ड खेल भाजपा ने बाबा रामदेव की समोरदायिक सद्भभावना के मूल मंत्र को तहस नहस करने की शुरुआत की। बाबा रामदेव की धरती पर लाखों लोग विभिन धर्मो से आते है ।।पोकरण की पहचान ही बाबा रामदेव के कारण है ,परमाणु विस्फोट इसी पवित्र धरती पर भाजपा के प्रधानमंत्री ने किया।।यहां जातिगत समीकरण मुस्लिम जाट मूल ओबीसी,कांग्रेस राजपूत और स्वर्ण जातीय भाजपा की मॉनी जाती है।।दलित वोट यहां निर्णायक रहेंगे।।रूपाराम धनदे की दलित वोट पर पकड़ है वो फ़क़ीर परिवार को कितने वोट धार्मिक उन्मादत के बीच दिला पाते है।यह देखने की बात है। यहां भी धनदे और फ़क़ीर परिवार के बीच अविश्वास की डोर बीच मे है।।इस बार दोनो को एक दूसरे पे भरोसा करना होगा चाहे मजबूरी में करे।।दोनो के लिए कांग्रेस में अंतिम मौका साबित हो सकता है। फकीर परिवार की सल्तनत को प्रतापपुरी वैसे चुनोती दे चुके है।।पोकरण के लोग भगवे में कितने रंगते है यह देखने की बात है।प्रतापपुरी के पास खोने को कुछ नही है।मगर उन्होंने खतरनाक मंशा पाल ली।।राज्य का मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख लिया।।जिन जिन ने वसुन्धरा राजे के रहते मुख्यमंत्री बनना तो दूर सपने में भी सोचा उनके क्या हश्र हुए सबके सामने है। खैर क्षेत्र में राजनीति में बड़ा बदलाव आया।।भाईचारा और सौहार्द की जगह अविश्वास और धोखे ने ले लिया।।

शनिवार, 24 नवंबर 2018

झालावाड़. होटल में कमरा किराये पर लेकर मानवेंद्र सिंह ने शुरू किया प्रचार, खोले 5 चुनाव कार्यालय

झालावाड़. होटल में कमरा किराये पर लेकर मानवेंद्र सिंह ने शुरू किया प्रचार, खोले 5 चुनाव कार्यालय

झालावाड़. राजस्थान में इस बार दोनों ही पार्टियों की ओर से ना-ना कहते हुए भी पैराशूट उम्मीदवार उतारे गए हैं. ये उम्मीदवार रहने वाले किसी इलाके के हैं और चुनाव किसी और इलाके से लड़ रहे हैं. ऐसे ही एक नेता है मानवेंद्र सिंह जो बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए और अब मारवाड़ के किसी भी विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर झालरापाटन से सीएम राजे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

कहां रुके हैं मानवेंद्र
मानवेन्द्र सिंह झालावाड़ के मानसिंह होटल में रुके हुए हैं और शनिवार को झालावाड़ के ही होटल द्वारिका में शिफ्ट हो जाएंगे. होटल द्वारिका में उनके कमरे का किराया 900 रुपये रहेगा जबकि मानसिंह पैलेस में उनका किराया 2500 रुपये था. मानवेन्द्र सिंह यहीं से अपने प्रचार अभियान के तहत जनसंपर्क के लिए निकलते हैं उनके साथ स्थानीय नेताओं में प्रमोद शर्मा, मीनाक्षी चंद्रावत, शैलेंद्र यादव, वीरेंद्र सिंह झाला लगे हुए है. मानवेन्द्र सिंह की पत्नी चित्रा सिंह भी मुकुल चौधरी के साथ प्रचार करती हुई नजर आ रही है.  मानवेन्द्र सिंह लोगों से डोर टू डोर व सभाएं करते हुए संपर्क कर रहे हैं.


कहां-कहां खोले कार्यालय
मानवेंद्र सिंह के पांच स्थानों पर चुनावी कार्यालय खुल गए हैं. पांच स्थानों में झालावाड़, झालरापाटन, रायपुर, पिड़ावा और सुनील में कार्यालय खुले हैं. चुनावी कार्यालय या तो पुराने पार्टी कार्यालय में या फिर किसी पार्टी कार्यकर्ता के घर पर खोले गए हैं.

डोर-टू-डोर प्रचार के साथ सभाएं भी
ईटीवी भारत की टीम ने मानवेंद्र सिंह के प्रचार प्रसार में लगे स्थानीय नेताओं से बात कि तो उन्होंने बताया कि मानवेंद्र सिंह राजस्थान के जाने-माने नेता है और उनके नाम पर स्थानीय स्तर पर जो भी गुट बने हुए थे. वह एकजुट हो गए हैं. सब मानवेंद्र सिंह के समर्थन में आ गए हैं. जगह-जगह उनके समर्थन में भीड़ नजर आ रही है और जनता उनको लेकर आश्वस्त है और उनको जीता कर ही मानेगा.


मानवेंद्र सिंह को जनता से मिल रहे रेस्पॉन्स को लेकर सवाल पर कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके पिता का नाम पूरे भारतवर्ष में है और सब लोग उनको जानते हैं. बीजेपी के कार्यकर्ता व सांसद प्रचार करने के लिए जाते हैं तो उनके लिए भीड़ जुटाना मुश्किल हो गई है. वह बच्चों को बैठाकर भाषण दे रहे हैं. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को ढोल धमाकों के साथ स्वागत किया जा रहा है और अपार जनसमर्थन मानवेंद्र सिंह को मिल रहा है.

संपर्क को लेकर किये गए सवाल के जवाब में कार्यकर्ता ने बताया कि वह लोगों से डोर टू डोर संपर्क कर रहे हैं साथ ही आम सभाओं को संबोधित कर रहे हैं. वह अधिक से अधिक मतदाताओं के पास पहुंच रहे हैं और उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. उनकी समस्याओं का समाधान करने की कोशिश भी वह कर रहे हैं. वें सरकार की विफलता ओं को भी जनता के बीच में लेकर जा रहे हैं. किसान वर्ग को आ रही परेशानियों व बेरोजगारी की मार मार झेल रहे युवाओं से भी वो मिल रहे है.

पत्नी चित्रा भी लगी हैं प्रचार अभियान में
अन्य कार्यकर्ता का कहना है कि उनके साथ इस अभियान में उनकी पत्नी चित्रा सिंह भी लगी हुई है. उनका महिलाओं द्वारा सम्मान किया जा रहा है और अच्छा रिस्पांस किया जा रहा है. चित्रा सिंह महिलाओं से संबंधित समस्याओं को उठा रही है और लोगों को बता रही है कि क्षेत्र में किस प्रकार महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं. चित्रा सिंह मानवेंद्र सिंह के प्रचार प्रसार अभियान में अहम भूमिका निभा रही हैं. शुरुआती विरोध व स्थानीय नेताओं में फूट के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब ऐसी स्थिति नहीं है. सभी स्थानीय नेता जो टिकट की दौड़ में शामिल थे लेकिन उनको टिकट नहीं मिला है वह आज मानवेंद्र सिंह के नाम पर एकजुट हो गए और उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव प्रचार में जुट गए हैं.

सीएम राजे की सभा को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस प्रशासन अलर्ट

सीएम राजे की सभा को मिली बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस प्रशासन अलर्ट
जोधपुर. चुनावी माहौल के बीच जिले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सभा में बम धमाके की धमकी मिली है. यह धमकी जोधपुर ग्रामीण पुलिस कंट्रोल रूम में मिली है.

मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जोधपुर के ओसियां में सभा कर रहीं थीं. इसी बीच जोधपुर ग्रामीण पुलिस कंट्रोल रूम को सीएम राजे की सभा में बम धमाके की धमकी मिली है. जिसके सीएम राजे ओसियां से भोपालगढ़ के लिए रवाना हो गई.

बम धमाके की धमकी की सूचना मिलते ही सीएस वसुंधरा राजे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं एसपी ग्रामीण ने पुलिस प्रशासन को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है. और जोधपुर से एटीएस की टीम को भी किया स्टैंड बाय पर रखा है.

शुक्रवार, 16 नवंबर 2018

बाड़मेर। जैन ने अपने हजारो समर्थकों के साथ बाड़मेर से नामांकन पत्र किया दाखिल*

*बाड़मेर। जैन ने अपने हजारो समर्थकों के साथ बाड़मेर से नामांकन पत्र किया दाखिल*


बाड़मेर। हजारों समर्थकों के साथ मेवाराम जैन ने अपना नामांकन दाखिल किया जनहित एवं बाड़मेर के विकास के लिए संकल्प बंद रहने की कही बात बाड़मेर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार मेवाराम जैन ने अपने हजारों समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल किया इस दौरान जैन ने जनहित एवं बाड़मेर के विकास के लिए संकल्प वध रहने की बात कही जैन ने कहा कि पिछले 5 साल में भाजपा सरकार में जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया था उन्हें पुनः शुरू किया जाएगा जैन ने कहा कि पिछली सरकार से आमजन दुखी है किसी प्रकार का कोई विकास कार्य नहीं हुआ है अब जनता ने मानस बना लिया है सरकार बदलने का आने वाली सरकार कांग्रेस की होगी जनता के विकास के लिए प्रयास किया जाएगा उन्होंने भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम चौधरी को चुनौती नहीं मानते हुए कहा कि कर्नल ने सिर्फ अपना ही विकास किया है वह चार बार सांसद रहे एक बार विधायक रहे लेकिन जनता का कोई भला नहीं किया ऐसे में उनसे हमें कोई चुनौती नहीं है आम जनता हमारे साथ है कांग्रेस की सरकार बनेगी जनता विकास चाहती है और जनता का भला सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है उन्होंने कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद देते हुए कहा कि पार्टी में उन पर विश्वास किया है उन पर खरा उत्तरऊंगा

बाड़मेर चित्रा मानवेन्द्र सिंह के दहाड़ ,मेवाराम जैन के समर्थन में धोखे और अपमान का बदला ले ,उम्मीदवार भी वही हे ,बुरी तरह हराये

 बाड़मेर चित्रा मानवेन्द्र सिंह के दहाड़ ,मेवाराम जैन के समर्थन में 

धोखे और अपमान का बदला ले ,उम्मीदवार भी वही  हे ,बुरी तरह हराये 

बाड़मेर चित्रा  मानवेन्द्र सिंह ने पहली बार कांग्रेस मंच पर दहाड़ते हुए कहा की भगवान् सबकी सुनता हे आज   का बदला लेने का मौका दिया हे ,उम्मीदवार भी वही हे ,उन्होंने कहा की वसुंधरा राजे और उनके उम्मीदवारों को बुरी तरह हराकर दाता श्री के अपमान का बदला ले,चित्रा सिंह मेवाराम जैन के समर्थन में  को सम्बोधित करते हुए आह्वान क्र  जोश भर दिया ,चित्रा सिंह ने आह्वान किया की भाजपा का सूपड़ा साफ़ कर विदाई दे ,उन्होंने कहा की 2014 का अपमान हम भूले नहीं ,बदला लेने का वक़्त आ  गया ,युवा भाइयो को जिम्मेदारी हे,

बाड़मेर सिवाना विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उमीदवार के टिकट वितरण को लेकर विरोध प्रदर्शन

बाड़मेर सिवाना विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के उमीदवार के टिकट वितरण को लेकर विरोध प्रदर्शन*


सिवाना सीट पर उतारे गए पेरासूट प्रत्याशी का ज़बरदस्त विरोध।
सिवाना कोंग्रेस की चल रही है बहुत बड़ी मीटिंग।

संत निर्मलदास , पृथ्वी सिंह रामदेरिया, पहाड़सिंह कुंडल तीनों सम्भावित उम्मीदवार आए एक ही जाजम पर ओर कहा पेरासूट प्रत्याशी बरदास्त नहि करेंगे।
एक ही जाजम पे तीनों उम्मीदवारो ने एक ही बात रखी कि अगर पार्टी विचार विमर्श करती है तो ठीक वरना तीनों में कोई भी एक निर्दलीय उम्मीदवार चुना जाएगा और सिवाना की छत्तीस कॉम दे रही है समर्थन और पूरे छतीस कॉम ने लिया निर्णय लिया कि पार्टी परिणाम भुगतने को तैयार रहे और  सिवाना विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को टिकट देने से सिर्फ सिवाना से ही नही पूरे प्रेदेश में होगा जगह जगह विरोध तथा जनता में एक रोष सी पैदा हो गयी है टिकट को लेकर अगर पार्टी फैसला ना लेती है तो सैकड़ों की तादाद में समर्थक आएंगे सडकों पे आकर करेंगे विरोध प्रदर्शन

जैसलमेर विधानसभा भाजपा प्रत्याषी सांगसिंह भाटी 19 नवम्बर को प्रस्तुत करेगें नामाकंन

जैसलमेर विधानसभा भाजपा प्रत्याषी सांगसिंह भाटी 19 नवम्बर को प्रस्तुत करेगें नामाकंन


जैसलमेर। जैसलमेंर विधानसभा भाजपा प्रत्यासी सांगसिंह भाटीे 19 नवम्बर सोमवार को समस्त कार्यकर्ता एवं समर्थको के साथ र्निवाचन अधिकारी के समक्ष नामाकंन प्रस्तुत करेगें । नामाकंन प्रस्तुत करते समय जिलाध्यक्ष एडवाकेट जुगलकिषोर व्यास, विधायक छोटूसिंह भाटी एवं यूआईटी अध्यक्ष डा. जितेन्द्र सिंह सहित संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहेगें । इस सम्बधं मे स्थानीय भाजपा कार्यालय में विधायक छोटूसिंह भाटी, जिला महामंत्री चन्दप्रकाष सारदा, उपाध्यक्ष सवाईसिंह गोगली, मण्डल अध्यक्ष कमल ओझा, नरेन्द्रसिंह बेरसियाला, नाथूसिंह गोगली, युवा मोर्चा अध्यक्ष मनोहरसिंह दामोदरा, नवल चैहान, ओम सेवक, कंवरसिंह चैहान, पूनमसिंह दूजासर, महेन्द्रसिंह, संतोष पालीवाल, महेन्द्रसिंह करड़ा, कुनालंिसंह, गिरधरंिसह द्वाड़ा , मनोहरसिंह कुंडा, अमरसिंह देवा, ताराचन्द कुमावत सहित अन्य पदाधिकारी नें 19 नवम्बर की रैली की जिम्मेदारिया संगठन के पदाधिकारियो एवं कार्यकर्ताओ में बांटी । 

जैसलमेर विधानसभा से रूपाराम कांग्रेस प्रत्यासी आज भरेगें पर्चा

जैसलमेर विधानसभा से रूपाराम कांग्रेस प्रत्यासी आज भरेगें पर्चा


जैसलमेर। जैसलमेर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्यासी रूपाराम धनदे आज शनिवार को प्रातः 11 बजे नामाकंन दाखिल करेगें।  जिसमें कांग्रेस के समस्त कार्यकर्ता एवं समर्थक उपस्थित रहेगें । जिलाध्यक्ष गोविन्द भार्गव ने संगठन के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं एवं जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि रूपाराम  के जैसलमेर प्रत्यासी के रुप में आवेदन के समय आवष्यक रुप से हनुमान चैराहे पर उपस्थित होवें। जहां से सभी कार्यकर्ता जिला कलक्टर कार्यालय तक एक जुलुस के रूप मे नामांकन दाखिल करने जायेंगें । जैसलमेंर से संगठन के पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हिस्सा लेगे।  । 

विधानसभा आम चुनाव 2018 राजसमन्द जिले में शुक्रवार को चार अभ्यर्थियों ने दाखिल किए नाम निर्देशन पत्र

विधानसभा आम चुनाव 2018 राजसमन्द जिले में शुक्रवार को चार अभ्यर्थियों ने दाखिल किए नाम निर्देशन पत्र

     राजसमन्द 16 नवम्बर/ विधानसभा आम चुनाव 2018 के तहत नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने के पांचवे दिन राजसमन्द जिले में कुल चार अभ्यर्थियों ने नाम निर्देशन पत्र दाखिल किए।

     जिला निर्वाचन अधिकारी श्यामलाल गुर्जर ने बताया कि भीम विधानसभा क्षेत्र से अजय सोनी तथा रेखा सोनी ने निर्दलीय अभ्यर्थियों  के रूप में एक-एक नामांकन पत्र दाखिल किया है।  कुम्भलगढ़ विधानसभा क्षेत्र से सुरेन्द्र सिंह राठौड़ ने भारतीय जनता पार्र्टी से तीन नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए हैं।

     इसी प्रकार राजसमन्द विधानसभा क्षेत्र से जितेन्द्र कुमार खटीक ने निर्दलीय अभ्यर्थी के रूप में अपना एक नाम निर्देशन पत्र दाखिल किया है। जबकि नाथद्वारा विधानसभा क्षेत्र से शुक्रवार को कोई नाम निर्देशन पत्र दाखिल नहीं हुआ है।

--000--

जैसलमेर विधानसभा चुनाव-2018 शुक्रवार को पोकरण से साले मोहम्मद ने एवं जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में बहादुर खान द्वारा नाम निर्देषन पत्र प्रस्तुत

जैसलमेर विधानसभा चुनाव-2018  शुक्रवार को पोकरण से साले मोहम्मद ने  एवं जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र में

बहादुर खान द्वारा नाम निर्देषन पत्र प्रस्तुत

जैसलमेर, 16 नवंबर। विधानसभा चुनाव-2018 के अन्तर्गत जिले की पोकरण विधानसभा क्षेत्र में नामांकन भरने के पांचवें दिवस शुक्रवार को एक प्रत्याषी द्वारा एक नाम निर्देषन पत्र रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) पोकरण के समक्ष प्रस्तुत किया गया। वहीं जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र से भी एक प्रत्याषी द्वारा एक नाम निर्देषन पत्र प्रस्तुत किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी(कलक्टर) ओम कसेरा ने यह जानकारी दी।

रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) पोकरण अनिल जैन ने बताया कि पोकरण विधानसभा क्षेत्र-133 से शाले मोहम्मद ने 1 नाम निर्देषन पत्र इण्डियन नेषनल कांग्रेस प्रत्याषी के रूप में प्रस्तुत किया।

रिटर्निंग अधिकारी (एसडीएम) जैसलमेर विकास राजपुरोहित ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र जैसलमेर 132 से शुक्रवार को बहादुर खां ने स्वतंत्र अभ्यर्थी के रूप में नाम निर्देषन पत्र प्रस्तुत किया गया है। इस प्रकार अब तक दोनों विधानसभा क्षेत्र में तीन प्रत्याषियों द्वारा 4 नाम निर्देषन पत्र प्रस्तुत किए जा चुके है।

बाड़मेर उदाराम मेघवाल और डॉ राहुल बनमानिया सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे

बाड़मेर उदाराम मेघवाल और डॉ राहुल बनमानिया सोमवार को नामांकन दाखिल करेंगे 

एकता मंच एकता मंच बाड़मेर के उम्मीदवार डॉक्टर राहुल बामणिया व शिव के उम्मीदवार उदाराम मेघवाल सोमवार को नामांकन भरेंगे यह जानकारीअनु जन जाति  एकता मंच बाड़मेर के संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि डॉ राहुल बामणिया बाड़मेर विधानसभा से सोमवार 19 नवंबर को अपना नामांकन भरेगे  संयोजक ने बताया कि एकता मंच के अध्यक्ष उदाराम मेघवाल भी  सोमवार को शिव विधानसभा से नामांकन पर्चा भरेंगे लक्ष्मण वडेरा ने कहां की बाड़मेर विधानसभा के सभी कार्यकर्ता बंधु सोमवार को जिला मुख्यालय बाड़मेर पर डॉ राहुल बामणिया के समर्थन में शामिल हो साथ ही शिव विधानसभा के कार्यकर्ता बंधु शिव मुख्यालय पर एकता मंच के अध्यक्ष उदाराम मेघवाल के समर्थन में शामिल होने की अपील की

गुरुवार, 15 नवंबर 2018

जैसलमेर-पोकरण में भाजपा ने नए चेहरों पर लगाया दांव, फिर खेला हिंदू कार्ड

जैसलमेर-पोकरण में भाजपा ने नए चेहरों पर लगाया दांव, फिर खेला हिंदू कार्ड

जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे जैसलमेर में भाजपा ने जैसलमेर और पोकरण विधानसभा सीटों से नए चेहरों पर दांव लगाया है. भारतीय जनता पार्टी ने जैसलमेर से सांगसिंह भाटी और पोकरण से महंत प्रतापपुरी को मैदान में उतारा है.

जैसलमेर विधानसभा से विधायक छोटूसिंह भाटी और पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड़ का टिकट काट दिया गया है. भाजपा की बुधवार को जारी हुई दूसरी सूची में दोनों विधायकों का पत्ता काटकर नए चेहरों को मौका दिया गया. जैसलमेर विधानसभा से किसान नेता सांगसिंह भाटी पर दाव खेला गया है. किसान नेता सांगसिंह विधानसभा चुनाव 2003 में भारतीय जनता पार्टी को जैसलमेर विधानसभा से जीत दिलवा चुके हैं.
वहीं 2008 और 2013 में जैसलमेर विधानसभा से लगातार दो बार विधायक छोटूसिंह भाटी धोरों में कमल का फूल खिलाने में सफल रहे हैं. लगातार दो बार विधायक रहने के बावजूद टिकट कटने से जैसलमेर में चर्चाओं के बाजार गर्म है. वहीं आरएसएस और भाजपा की प्रतिष्ठित सीट मानी जाने वाली पोकरण विधानसभा पर बाड़मेर के तारातारा मठ के संत प्रतापपुरी को मैदान में उतारा है. पोकरण विधानसभा से कांग्रेस से संभावित उम्मीदवार सालेह मोहम्मद के खिलाफ हिन्दू कार्ड खेलते हुए भाजपा ने महंत प्रतापपुरी को मौका दिया है.

पोकरण से विधायक शैतानसिंह का टिकट काटा गया है. गत चुनावों में शैतानसिंह ने कांग्रेस के सालेह मोहम्मद को करीबन 35 हजार मतों से हराया था. करीबन 35 हजार मतों से जीतने के बावजूद शैतान सिंह राठौड़ का टिकट कटना भी चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं जैसलमेर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दोनों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा का इंतजार है.

गौरतलब है कि प्रदेश में चुनाव 7 दिसम्बर को हैं. भाजपा अपनी दो सूची जारी कर चुकी है. जिसमें पहली सूची में करीब 131 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गई थी. दूसरी सूची में कुल 31 नाम जारी किए गए हैं। 38 सीटों पर अभी भी प्रत्याशियों की घोषणा होना बाकी हैं. वहीं कांग्रेस ने फिलहाल अपनी कोई भी सूची जारी नहीं की है.

सोमवार, 12 नवंबर 2018

बाड़मेर कर्नल को टिकट प्रियंका कोपभवन में ,दो टिकट बाकि

बाड़मेर कर्नल को टिकट प्रियंका कोपभवन में ,दो टिकट बाकि 

बाड़मेर. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 को लेकर भाजपा की ओर से रविवार देर रात्रि पहली सूची 131 नामों की जारी की गई. जिसमें बाड़मेर जिले की 7 विधानसभा सीटों में से 5 विधानसभा सीटों के उम्मीदवार घोषित की गई.




भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद के साथ ही वर्तमान विधायकों पर अपना भरोसा जताते हुए बायतु विधानसभा सीट से जाट कद्दावर नेता कैलाश चौधरी, पचपदरा से वर्तमान में राज्यमंत्री अमराराम चौधरी तो वही सिवाना विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक हमीर सिंह भायल, गुढ़ामालानी सीट से वर्तमान मंत्री लादूराम विश्नोई पर अपना भरोसा जताते हुए फिर से एक बार इन सभी विधायकों को पार्टी ने मौका दिया है.प्रियंका चौधरी की टिकट काटने के बाद वो कोपभवन में हे ,

सोनाराम चौधरी को बाड़मेर से टिकट

बाड़मेर विधानसभा सीट पर पार्टी ने कर्नल सोनाराम चौधरी जो कि वर्तमान में सांसद है. उन पर भरोसा जताया है. जैसे ही टिकटों का नाम की घोषणा हुई तो बाड़मेर जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर वर्तमान विधायक व सांसद के समर्थकों में भारी उत्साह देखने को मिला.वहीं 2 विधानसभा सीटों पर अभी तक माथापच्ची का दौर जारी है. जिसमें एक विधानसभा सीट राजस्थान की सबसे चर्चित विधानसभा सीट से जहां से वर्तमान में भाजपा से मानवेंद्र सिंह विधायक हैं जो कि कांग्रेस के अंदर जा चुके हैं तो वहीं चौहटन विधानसभा सीट पर भी उम्मीदवार का एलान होना बाकी है.

जालोर .दो विधायकों के टिकट कटे...तो कई हो रहे हैं नाराज...उठने लगे हैं बगावत के सुर

जालोर .दो विधायकों के टिकट कटे...तो कई हो रहे हैं नाराज...उठने लगे हैं बगावत के सुर

जालोर। टिकट घोषणा के बाद से राजस्थान भाजपा के कार्यकर्ताओं में कहीं खुशी है तो कही गम का माहौल नजर आ रहा है. कई जगहों पर पटाखे छोड़े जा रहे हैं तो टिकट मिलने पर मिठाइयां भी बांटी जा रही है. ऐसे में टिकट कटने से उम्मीदवारों के बगावती सुर भी सामने आने लगे हैं.




दरअसल जालोर से विधायक अमृता मेघवाल का टिकट काट कर जोगेश्वर गर्ग को दिया गया है. वहीं सांचोर से पूर्व विधायक और भाजपा के कद्दावर नेता जीवाराम चौधरी का टिकट काट कर युवा नेता दानाराम चौधरी को दिया गया है. आहोर से विधायक शंकरसिंह का टिकट काट कर छगनसिंह को टिकट दिया गया है.




ऐसे में जिस उम्मीदवारों का टिकट काटा गया है वो बगावती सुर में अपना राग अलाप रहे हैं. जीवाराम चौधरी का टिकट कटने के बाद ऑफिसयल फेसबुक पेज पर एक पोस्ट की गई है. जिसमें भाजपा का कमल तो दिख रहा है, लेकिन भाजपा नेताओं के फोटो गायब है. वहीं जीवाराम के बंगले के बाहर भी उनके समर्थकों की भीड़ देखी जा रही है. जिससे साफ जाहिर है कि जीवाराम चौधरी निर्दलीय चुनाव की घोषणा कर सकते हैं.
आहोर विधानसभा
आहोर विधानसभा में सिटिंग विधायक शंकर सिंह का टिकट काट कर युवा और स्थानीय छगनसिंह राजपुरोहित को भाजपा ने टिकट देकर भरोसा जताया है. ऐसे में शंकरसिंह अंदरूनी तौर पर भाजपा को डेमेज करने की कोशिश करेंगे.


जालोर विधानसभा
जिले की आरक्षित विधानसभा सीट जालोर में भी भाजपा से दावेदारी करने वाले काफी नेता थे. जिसमें प्रमुखता से जोगेश्वर गर्ग, विधायक अमृता मेघवाल, शंकर भादरू, मोहन चिवड़ा थे, जिसमें पार्टी ने सभी को दरकिनार करते हुए पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रहे जोगेश्वर गर्ग को वापस मौका दिया है. ऐसे में अन्य लोग नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं.


भीनमाल विधानसभा
भीनमाल में भाजपा ने जातिगत समीकरण बिठाते हुए पूराराम चौधरी को लगातार पांचवी बार टिकट दिया है. वहीं पिछली बार विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने समरजीत सिंह का टिकट काट कर ऊमसिंह को मौका दिया था. जिसके कारण पूराराम आसानी से जीत गए थे, लेकिन इस बार कार्यकर्ताओं में पूराराम को लेकर काफी नाराजगी है. ऐसे में यहां भाजपा को नुकसान हो सकता है.


रानीवाड़ा विधानसभा
रानीवाड़ा में भाजपा ने नारायण सिंह देवल पर वापस भरोसा किया है. नारायणसिंह ने पिछले कार्यकाल में सभी को साथ लेकर चले और विकास कार्य भी काफी करवाये हैं. ऐसे में यहां भाजपा मजबूत स्थिति में हैं. लेकिन रानीवाड़ा में गजापुरा प्रकरण के कारण चौधरी समाज के वोट एन्टी जा सकते हैं. गजापुर प्रकरण में राजपूत समाज के लोगों ने चौधरी समाज के घर पर हमला कर दिया था. ये विवाद काफी लंबा चला. इसमें सांसद देवजी पटेल ने चौधरी समाज की पक्ष ली तो वहीं नारायणसिंह देवल ने राजपूत समाज का पक्ष लिया. जिसकी वजह से यहां चौधरी समाज नारायणसिंह के खिलाफ जा सकता है.


सांचोर विधानसभा
सांचोर विधानसभा में इस बार सबसे रौचक मुकाबला होने की संभावना है. पूर्व विधायक रहे जीवाराम चौधरी सांचोर से दावेदारी कर रहे थे. उन्होंने पार्टी में अपनी ताकत दिखाने के लिए सांचोर में शक्ति प्रदर्शन भी किया था, लेकिन भाजपा ने सभी को दरकिनार कर युवा चेहरा दानाराम चौधरी को मैदान में उतारा है. ऐसे में जीवाराम चौधरी निर्दलीय चुनाव की तैयारी में लगे हैं. कार्यकर्ताओं से रायशुमारी चल रही है. शाम तक शायद निर्दलीय चुनाव की घोषणा कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

नागौर से मोहनराम चौधरी..हिब्बीबुर्रहमानने दिया इस्तीफा ,लड़ेंगे चुनाव

नागौर से मोहनराम चौधरी..हिब्बीबुर्रहमानने दिया इस्तीफा ,लड़ेंगे चुनाव 

नागौर। जिले से मोहनराम चौधरी को भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा से प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है. चौधरी के घर पर रात से ही बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.




टिकट मिलने पर खुशी जताते हुए चौधरी ने कहा कि वे भाजपा वह मोदी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. भाजपा का जो घोषणा पत्र होगा उसी के मुताबिक नागौर में कार्य करवाएंगे. उन्होंने बताया कि हर वर्ग को साथ में लेकर चलने में विश्वास रखते हैं. सभी नाराज कार्यकर्ताओं को एकजुट एक मंच पर लाएंगे.




नागौर से पर मौजूदा विधायक हबीबुर्रहमान के टिकट कटने के बारे में बात करें तो संघ से जुड़े सूत्रों के फीडबैक के बाद भी जिन कमजोर विधायकों को दोबारा मैदान में नही उतरने के लिए कहां गया था. मुस्लिम बहुल्य इलाके मे एक बार फिर अब संघ और बीजेपी को बहुत ज्यादा मेहनत के साथ मैदान मे उतरना पडेगा. नागौर जिले के 7 उम्मीदवारों की पहली सूची में कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है. इससे साफ लग रहा है कि टिकटों के चयन में संघ का दखल रहा है. गौरतलब है कि कई मुद्दों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता विधायक हबीबुर्रहमान से नाराज चल रहे थे, लेकिन कोई विकल्प नहीं होने पर नागौर से हबीबुर्रहमान का टिकट तय माना जा रहा था. तमाम अटकलों को दर किनार करते हुए भाजपा ने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर संघ पृष्ठभूमि के मोहनराम चौधरी को टिकट दिया गया है.




चौधरी को हाल ही भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली थी और वे पूर्व में जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. बीजेपी की पहली लिस्ट से साफ समझा जा सकता है कि इस बार संध और सीएम राजें की पसंद के नेताओं को तरजीह दी गई है. जबकि बीजेपी में सीएम राजें के खास माने जाने वाले नागौर विधायक हबीबूरहमान व दलित नेता सुखराम के टिकट काटे गए हैं. अभी डीडवाना मकराना खिंवसर के प्रत्याशियों की घोषणा और होनी है. अब बीजेपी संगठन में लगातार नेता दावा कर रहे थे कि इस बार टिकट बंटवारे की बागडौर अमित शाह के हाथों में है.दूसरी लिस्ट में अब जाट बहुल्य क्षेत्र मकराना खिंवसर मे किसके नाम पर पार्टी अब मोहर लगती है अब देखना बाकी है. लेकिन उम्मीदवार सीएम राजे के खास रहे मंत्री युनुस खान का पहली सूची मे नाम नहीं आना भी चर्चा का विषय बन गया है. यह इस बात का सीधा संकेत है कि पार्टी अब संघ की विचारधारा वाले नेताओं को मैदान मे उतार कर नई बीजेपी की बात को आगे बढा रही है.  संघ ने टिकट बंटवारे मे इस बार हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन संघ के खास लोगों को टिकट दे दिया गया.

कांग्रेस पहली लिस्ट सीईसी की बैठक खत्म...140 से ऊपर की हो सकती है पहली सूची,कल जारी होगी

कांग्रेस पहली लिस्ट सीईसी की बैठक खत्म...140 से ऊपर की हो सकती है पहली सूची,कल जारी होगी 
नई दिल्ली : राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के नामों पर कांग्रेस आलाकमान अंतिम मुहर लग चुकी है. कई दिनों तक चली स्क्रीनिंग कमेटी की दनादन बैठकों के बाद सोमवार शाम दिल्ली में 10 जनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर केन्द्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में कांग्रेस के प्रदेश और केन्द्र के कई आला नेता पहुंच चुके हैं. स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरपर्सन कुमारी शैलजा, संगठन महासचिव अशोक गहलोत, रामेश्वर डूडी, पीसीसी चीफ सचिन पायलट, ललितेश त्रिपाठी और शाकिर सनादी समेत प्रमुख नेता 10 जनपथ में पहुंचे.करीब पौने तीन घंटे चली इस बैठक में सोनिया गांधी के आवास पर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की गई. सूत्रों की मानें तो बैठक में कई उम्मीदवारों को लेकर नेताओं की अलग-अलग राय दिखी और आपसी खींचतान देखने को मिली. भाजपा की सूची जारी होने के बाद कई सीटों पर दोबारा मंथन हुआ. हालांकि अभी तक लिस्ट जारी करने के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. बैठक में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली, मोहसिना किदवी और अंबिका सोनी जैसे बड़े नेता अभी बाहर आ चुके हैं. सूत्रों के अनुसार पहली सूची में कांग्रेस 140 से ज्यादा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर सकती है.शाम को होने वाली सीईसी की बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंचे हैं. दरअसल सीटों को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी की रविवार को हुई बैठक में कुछ सीटों को लेकर आपसी खींचतान नजर आई थी. इसी के चलते गहलोत ने राहुल से मिलकर इस पर मंत्रणा की.




सूत्रों की मानें तो कांग्रेस में राजस्थान की 200 में से 160 सीटों पर सहमति बना ली गई है. जबकि 40 सीटों अभी भी रस्साकशी जारी है. बताया जा रहा है कि खासकर 10 सीटों पर युवाओं को टिकट देने को लेकर पेंच अटका हुआ है. टिकटों को लेकर कुमारी शैलजा, सचिन पायलट के सामने अशोक गहलोत और रामेश्वर डूडी अड़े हुए हैं.