बाड़मेर: पश्चिमी राजस्थान में आगे बढ़ेगा तेल-गैस खोज का काम
केयर्न ऑयल एंड गैस ने खोज अभियान के लिए करार पर हस्ताक्षर किए
बाड़मेर के खोज अनुभव पर आधारित होगी ऊर्जा स्वावलंबन की नई यात्रा
17 जुलाई 2019: केंद्र सरकार की देश को पेट्रोलियम के मामले में स्वावलंबी बनाने और घरेलू तेल भंडारों के समुचित दोहन के उद्देश्य से जारी नई पालिसी के तहत अब राजस्थान में तेल और गैस खोज को आगे बढ़ाया जाएगा। शीघ्र ही बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर कर चुनिंदा क्षेत्रों में सर्वेक्षण और ड्रिलिंग के जरिये ये काम आगे बढ़ेगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड को दिये गये नये एक्सप्लोरेशन ब्लॉक्स के लिये अनुबंध हस्ताक्षरण को आधिकारिक बनाया। ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) राउंड-2 और 3 ऑक्शन के हिस्से के तौर पर सरकार ने नीलाम हुए 32 ऑयल ब्लॉक्स में से 10 केयर्न को आवंटित किये हैं, जो राजस्थान के अलावा आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और ओडिशा में हैं।
केयर्न को मिले 10 नए ब्लॉक्स से इसके पोर्टफोलियो में दस हज़ार वर्ग किलोमीटर का नया क्षेत्र जुड़ जायेगा। इस संकलन से केयर्न देश में सबसे बड़े निजी एकरेज धारकों में से एक बन जाएगा। इसके कुल 58 ब्लॉक्स में सी. 5,000 वर्ग किमी के मौजूदा/उत्पादन ब्लॉक्स का एकरेज दस गुणा से अधिक के उछाल के साथ सी.65,000 वर्ग किमी पहुंच जाएगा।
इस अवसर पर वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम ओएएलपी के तहत नीलामी के तीसरे राउंड्स के सफलतापूर्वक पूरा होने पर सरकार को बधाई देते हैं। इस सरकार का प्रगतिवादी दृष्टिकोण भारत में हाइड्रोकार्बन उद्योग के विकास के लिए प्रमुख है और उन्होंने हम पर जो भरोसा जताया है, उसकी प्रशंसा करते हैं। ब्लॉक्स के बड़े एवं विविधीकृत पोर्टफोलियो के साथ, केयर्न भारत के घरेलू कच्चे तेल का 50 प्रतिशत उत्पादन करने के अपने प्रयासों को तेजी देगा। हमें भारत के हाइड्रोकार्बन सामर्थ्य में पूरा भरोसा है और यह देश को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बढ़ाने में मददगार साबित होगा।”
अजय कुमार दीक्षित, सीईओ,केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड ने कहा, “हम नए ब्लॉक्स में अपना एक्स्प्लोरेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए तत्पर हैं और हमारा मकसद घरेलू उत्पादन को बढ़ाना है। अब हमें प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पार्टनर मिल गया है और कई अन्य साझेदारियों पर बात चल रही है,ऐसे में हम इन ब्लॉक्स में नई खोजों को आक्रामकता से अंजाम देंगे। सरकार ने प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए कई प्रमुख नीतिगत सुधार किये हैं और हम नई खनिज नीति में की गई घोषणा के अनुसार साल सालों में खनिज क्षेत्र का उत्पादन तिगुना करने के सरकार के सपने में हिस्से लेने और इसे पूरा करने के लिए तैयार हैं।”
केयर्न ने मौजूदा/उत्पादन क्षेत्रों में अगले तीन से चार वर्षों में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई है,जिसमें से 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ठेके मिल चुके हैं, ताकि तेज एक्सप्लोरेशन,विस्तृत ऑयल रिकवरी और विकास परियोजनाओं के माध्यम से तेल और गैस का उत्पादन बढ़ सके।
अपने नये क्षेत्रों में, केयर्न की शुरुआती कार्ययोजना के अनुसार अभी 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है, जो खोज के मामले में कई गुना बढ़ जाएगा। नये फील्ड से भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में 50 प्रतिशत योगदान करने की केयर्न की महत्वाकांक्षा मजबूत होगी। वर्तमान में भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में केयर्न की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है।
केयर्न ऑयल एंड गैस ने खोज अभियान के लिए करार पर हस्ताक्षर किए
बाड़मेर के खोज अनुभव पर आधारित होगी ऊर्जा स्वावलंबन की नई यात्रा
17 जुलाई 2019: केंद्र सरकार की देश को पेट्रोलियम के मामले में स्वावलंबी बनाने और घरेलू तेल भंडारों के समुचित दोहन के उद्देश्य से जारी नई पालिसी के तहत अब राजस्थान में तेल और गैस खोज को आगे बढ़ाया जाएगा। शीघ्र ही बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर कर चुनिंदा क्षेत्रों में सर्वेक्षण और ड्रिलिंग के जरिये ये काम आगे बढ़ेगा।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने मंगलवार को केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड को दिये गये नये एक्सप्लोरेशन ब्लॉक्स के लिये अनुबंध हस्ताक्षरण को आधिकारिक बनाया। ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) राउंड-2 और 3 ऑक्शन के हिस्से के तौर पर सरकार ने नीलाम हुए 32 ऑयल ब्लॉक्स में से 10 केयर्न को आवंटित किये हैं, जो राजस्थान के अलावा आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और ओडिशा में हैं।
केयर्न को मिले 10 नए ब्लॉक्स से इसके पोर्टफोलियो में दस हज़ार वर्ग किलोमीटर का नया क्षेत्र जुड़ जायेगा। इस संकलन से केयर्न देश में सबसे बड़े निजी एकरेज धारकों में से एक बन जाएगा। इसके कुल 58 ब्लॉक्स में सी. 5,000 वर्ग किमी के मौजूदा/उत्पादन ब्लॉक्स का एकरेज दस गुणा से अधिक के उछाल के साथ सी.65,000 वर्ग किमी पहुंच जाएगा।
इस अवसर पर वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम ओएएलपी के तहत नीलामी के तीसरे राउंड्स के सफलतापूर्वक पूरा होने पर सरकार को बधाई देते हैं। इस सरकार का प्रगतिवादी दृष्टिकोण भारत में हाइड्रोकार्बन उद्योग के विकास के लिए प्रमुख है और उन्होंने हम पर जो भरोसा जताया है, उसकी प्रशंसा करते हैं। ब्लॉक्स के बड़े एवं विविधीकृत पोर्टफोलियो के साथ, केयर्न भारत के घरेलू कच्चे तेल का 50 प्रतिशत उत्पादन करने के अपने प्रयासों को तेजी देगा। हमें भारत के हाइड्रोकार्बन सामर्थ्य में पूरा भरोसा है और यह देश को ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में बढ़ाने में मददगार साबित होगा।”
अजय कुमार दीक्षित, सीईओ,केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड ने कहा, “हम नए ब्लॉक्स में अपना एक्स्प्लोरेशन प्रोग्राम शुरू करने के लिए तत्पर हैं और हमारा मकसद घरेलू उत्पादन को बढ़ाना है। अब हमें प्रोजेक्ट मैनेजमेंट पार्टनर मिल गया है और कई अन्य साझेदारियों पर बात चल रही है,ऐसे में हम इन ब्लॉक्स में नई खोजों को आक्रामकता से अंजाम देंगे। सरकार ने प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए कई प्रमुख नीतिगत सुधार किये हैं और हम नई खनिज नीति में की गई घोषणा के अनुसार साल सालों में खनिज क्षेत्र का उत्पादन तिगुना करने के सरकार के सपने में हिस्से लेने और इसे पूरा करने के लिए तैयार हैं।”
केयर्न ने मौजूदा/उत्पादन क्षेत्रों में अगले तीन से चार वर्षों में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बनाई है,जिसमें से 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ठेके मिल चुके हैं, ताकि तेज एक्सप्लोरेशन,विस्तृत ऑयल रिकवरी और विकास परियोजनाओं के माध्यम से तेल और गैस का उत्पादन बढ़ सके।
अपने नये क्षेत्रों में, केयर्न की शुरुआती कार्ययोजना के अनुसार अभी 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है, जो खोज के मामले में कई गुना बढ़ जाएगा। नये फील्ड से भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में 50 प्रतिशत योगदान करने की केयर्न की महत्वाकांक्षा मजबूत होगी। वर्तमान में भारत के कच्चे तेल के उत्पादन में केयर्न की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत है।