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शुक्रवार, 13 मार्च 2020

सरहदी जैसलमेर जिले में बालिकाओं की सेहत रक्षा के नवाचार ने पाया विस्तार, जल सुधा अभियान के द्वितीय चरण में छात्राओं को पानी की बोतलों का वितरण,

सरहदी जैसलमेर जिले में बालिकाओं की सेहत रक्षा के नवाचार ने पाया विस्तार,
जल सुधा अभियान के द्वितीय चरण में छात्राओं को पानी की बोतलों का वितरण,
देवीकोट स्कूल में जिला कलक्टर ने बालिकाओं को भेंट की पानी की बोतलें,
अधिकाधिक पानी पीने की आदत डालें, सेहत सँवारें - नमित मेहता


जैसलमेर, 13 मार्च/बालिकाओं की सेहत सँवारने की दृष्टि से अधिकाधिक पानी पीने की आदत विकसित करने के उद्देश्य से जिला कलक्टर नमित मेहता की पहल पर भामाशाहों के सहयोग से स्कूली छात्राओं को पानी की बोतलों के वितरण का नवाचार जैसलमेर जिले में निरन्तर विस्तार पाता जा रहा है।
इस नवाचारी अभियान ‘जल सुधा’ का दूसरा चरण शुक्रवार को हुआ। जिला कलक्टर नमित मेहता ने देवीकोट के राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय में आयोजित समारोह में छात्राओं को पानी की बोतलों का वितरण कर द्वितीय चरण में छह विद्यालयों मेंं बोतल्स वितरण की शुरूआत की।
समारोह में तहसीलदार तुलछाराम विश्नोई, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सत्येन्द्रकुमार व्यास, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दलपतसिंह सोलंकी, पीओ पद्माराम, प्रधानाध्यापक स्वरूपचन्द सुथार सहित क्षेत्र के जन प्रतिनिधि, समाजसेवी एवं ग्रामीण तथा छात्राएं उपस्थित थीं।
पानी पीने की आदत विकसित करें
इस अवसर पर जिला कलक्टर नमित मेहता ने छात्राओं से सीधा संवाद कायम करते हुए जल के महत्व और शरीर के लिए इसकी जरूरत के बारे में प्रश्नोत्तर किया और विस्तार से फायदे गिनाते हुए कहा कि वे अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्कूल में कुछ-कुछ समय के अन्तराल में पानी पीने की आदत डालें और घर पर भी इस पर विशेष ध्यान दें। इस आदत को विकसित करने के लिए ही स्कूल में हर दो-तीन घण्टे में वाटर ब्रेक निर्धारित किया गया है। उन्होंने शिक्षक-शिक्षिकाओं से भी कहा कि वे बच्चों में पर्याप्त पानी पीने की आदत विकसित करने के प्रति गंभीर रहें।
जिला कलक्टर ने स्थानीय समाजसेवियों और शिक्षाप्रेमियों से भी कहा कि वे अपने क्षेत्र की स्कूलों में बच्चों के लिए पानी की बोतलों की उपलब्धता के लिए भामाशाहों के सहयोग से व्यवस्था करें।
जल सुधा से सामने आए अच्छे परिणाम
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सत्येन्द्रकुमार व्यास ने इस अवसर पर बालिकाओं के स्वास्थ्य की दृष्टि से अधिकाधिक जल की आवश्यकता से जुड़े तमाम पहलुओं पर बच्चों को समझाया और कहा कि वे इस दिशा में पूरी रुचि के साथ जल सुधा अभियान के उद्देश्यों को आत्मसात करें। अब तक जिले के 12 स्कूलों की छात्राओं को इस अभियान में भामाशाहों के सहयोग से पानी की बोतलों का वितरण किया जा चुका है तथा यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।
व्यास ने बताया कि जल सुधा अभियान के शुभारंभ पर पहले चरण में जिन छह स्कूलों में पानी की बोतलों का वितरण किया गया था उनमें बालिकाओं की सेहत में व्यापक सुधार सामने आया है। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में जिन स्कूलों में पानी की बोतलों का वितरण किया गया है उनकी छात्राओं का भी आने वाले 3 माह में हैल्थ सर्वे कराया जाएगा। 
समारोह का संचालन भारती शर्मा, हरिशंकर यादव एवं लालसिंह ने किया। समारोह में नन्हीं बालिका श्रवण कंवर ने पानी के महत्व पर वार्ता दी। विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोहा। इससे पूर्व विद्यालय पहुंचने पर प्रधानाध्यापक स्वरूपचन्द  सुथार एवं ग्रामीणों ने जिला कलक्टर का पुष्पहारों एवं साफे से स्वागत किया गया।
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सोमवार, 6 जनवरी 2020

बाडमेर सरहदी बाखासर में कुआ ढहने से दो की मौत

बाडमेर  सरहदी बाखासर में कुआ ढहने से दो की मौत

बाडमेर सप्ताह की शुरुआत सरहदी बाखासर इलाके से बड़े हादसे के साथ हुई। सरहदी बाखासर में कुआ ढहने से हुए हादसे के चलते दो लोगो की मौत हो गई। जानकारी के मुताबित पुलिस थाना बाखासर के हल्का क्षेत्र मिठडी़ मे कैशाराम पुत्र कालुराम जाति रेबारी  निवासी मीठड़ी के कच्चा कुआँ मे सोमवार दोपहर ढह गया।  इस कच्चे कुए मे काम कर रहे 2 मजदुर कुए की रेत में दब गए। अचानक हुई इस घटना से इलाके मे सनसनी फैल गई। आनन फानन में लोगो ने अपने स्तर पर रैस्क्यू शुरू किया। घटना की जानकारी मिलते ही बाखासर थाने का जाब्ता मोके पर पहुँचा और जेसीबी की सहायता से मिट्टी को हटाने का काम शुरू किया गया। लोगों ने अपने अपने जेसीबी और टेक्टरों से रैस्क्यू ऑपरेशन चलाया। घण्टों भर की मेहनत के बाद रैस्क्यू दुःखद परिणीति के बाद समाप्त हुआ। दोनों मजदूरों का शव बाहर निकाला गया। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबित कादरा पुत्र सालम जाति मूसलमान निवासी मिठडी़ ,काबल पुत्र मोहीब मुसलमान निवासी मिठडी़  की इस हादसे में मौत हो गई।

पुलिस ने दोनो को बाहर निकाल कर पास के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहाँ दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजन को सुपुर्द किया गया। घटना की जानकारी के बाद घटनास्थल पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस औऱ प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुँचे।

सोमवार, 30 मई 2016

बाड़मेर सरहदी गाँवो में पानी पर खिंची तलवारें,जाति और गांव आधारित पानी का हुआ बंटवारा

बाड़मेर सरहदी गाँवो में पानी पर खिंची तलवारें,जाति और गांव आधारित पानी का हुआ बंटवारा



चंदन सिंह भाटी
बाडमेर भारत पाकिस्तान की सरहद पर बसें सबसे दुर्गम ग्राम पंचायत खबडाला में गतपांच  सालों से पानी की भारी किल्लत झेलनें के बाद गांव में पानी को लेकर खिंचने वाली तलवारों पर लगाम कसकर ग्रामीणों ने आपसी सहमती बना कर प्रत्येक गांव में पानी का बंटवारा कर अनुकरणीय उदाहरण पो किया।यह अलग बात हैं कि गांव में पानी एक माह में दो  बार ही आता हैं।

खबडाला गांव के पूर्व सरपंच रतन सिंह सोढ़ा  नें बताया कि विगत पांच  सालों से खबडाला ग्राम पंचायत सहित बंधडा,बचिया,पूंजराज का पार,सगरानी,पिपरली,द्राभा,गारी,मणिहारी सहित 94 गांवों में पेयजल की जबरदस्त किल्लत के चलतें ग्रामीणें के सामने बडी समस्या खडी हो गई।खबडाला गांव में पानी के दो होज सरकारी योजना में बने हुऐ हैं।एक 20 साल पुराना हैं।दूसरा तीन साल पहलें बना जिसे आज तक पाईप लाईन से जोडा ही नही गया।लाखों रूप्यें खर्च कर हौज के पास ही पशुओं  कें लियें पानी की खेली भी बनाई गई थी।जो आज भी सूखी पडी हैं।पुराने होज में एक माह में महज दो  दिन पानी की आपूर्ति होती हैं।आपूर्ति के समय आसपास के गांवों के ग्रामीण भी पानी भरने आते हैं।इतना कम पानी हमारे एक गांव की भी प्यास नहीं बुझा पाता ऐसे में दूसरे गांवों के लोगों को कैसे पानी भरने दे।इसी बात को लेकर गांवों के बीच झगडे भी होने लगे।कई बार तलवारें भी खींची।  पानी भरने को लेकर आपसी संर्धश होनें के कारण गिराब थानें में मुकदमा भी दर्ज हुआ।रोज रोज की परोानी सें निपटने के लिऐं ग्रामीणों नें सर्व सम्मति से ग्राम पंचायत के आठों गांवों की समझौता बैठक बुला कर पानी का बंअवारा करने का निर्णय लिया गया।गांव के ही टीकमारीम मेघवाल नें बताया कि पानी के बंटवारे के तहत दो दो गांवों की बारी तय की कि पानी आपूर्ति के दिन निर्णित गांव के लोग ही पानी भरेंगे। उन्होने बताया कि गावों में पेयजल की आपूर्ति नाम मात्र ही होती हैं,गांव में परम्परागत पानी के स्त्रोत बेरिया हैं। जिसके कारण आम आदमी की जरुरत  तों जैसे तैसे पूरी जाती हैं मगर पशुओं  को पानी कहॉ से पिलाऐं,गांव में लगभग एक हजार गायें,30 हजार भेड बकरीयॉ हैं।जिन्हें पीने के लिऐ पानी चाहियें।पशुधन के लिऐ पानी की वयवस्था के लियें 15 किलोमीटर दूर तक के गांवों में जाना पडता हैं।गांव की बेरियों का जीर्णेद्घार सरकारी योजलाओं में किया जाऐ तो ग्रामीणे के समक्ष पेयजल की किललत कुछ हद तक हल हो जाऐंगी।
 इस साल पड़ी भीषण गर्मी के चलते बेरियो का पानी भी रीत गया जिससे परेशानी और  बढ़ गयी ,बेरियो का भी बंटवारा जातिगत आधार पर हो रख हैं ,स्वर्ण जातियों के लिए अलग और अनुसूचित जाति के लिए अलग बेरियां हैं


पेयजल स्रोत पाइप लाइन दुरुस्त कराने के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और जलदाय विभाग को सेकड़ो स्मरण ज्ञापन और लिखित शिकायतें दी मगर कोई कार्यवाही अम्ल में नहीं ली गयी


जिला प्रशासन  को कई बार लिखित और मौखिक बताया गया मगर किसी प्रकार की मदद नही हुई।गांव की महिला श्रीमति गोमती मेगवाल नें बताया कि मणिहारी गांव की होदी में वाल्व खराब होने के कारण पानी फालतू बह जाहैं ,वाल्व को ठीक कर दे तो हमारे गांव को पानी आपूर्ति हो सकती हें।गडरा रोड कें अधिशाषी अभियंता   नें बताया कि खबउाला में पेयजल की समस्या हैं।पाईप लाईन खराब हैं इसे से जल्द दुरूस्त कर दिया जाऐगा।एक सप्ताह में पानी की समस्या का कुछ हद तक समाधान कर दिया जाऐगा।बहरहाल ग्रामीणों ने रोज के झगडों सें परोान होकर पानी का बंटवाडा तो कर दिया मगर पानी आता ही नही तों बांटे क्या।दो बून्द पानी हलक में उतारनें की ग्रामीणो की तमाम कोशिशी  जिलाप्रशासन कें ढुलमुल  रवैयें कारण बेकार हो रही हैं।

शनिवार, 22 फ़रवरी 2014

सरहदी मुस्लिम समाज कि जमात में समाज सुधर कि हुई अनूठी पहल

सरहदी मुस्लिम समाज कि जमात में समाज सुधर कि हुई अनूठी पहल


बाड़मेर भारत पाकिस्तान कि बाड़मेर जिले कि सरहद पर बसे सिंधी मुस्लिमो ने समाज सुधार के लिउए कई अहम् निर्णय कर अनूठी पहल कि हें। सरहद पर गागरिया गांव में आयोजित समाज के मौजिज लोगो कि उपस्थियति में समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीतियो को दूर करने के साथ समाज में शिक्षा का उजियारा फैलाने ,शादी ब्याह ,और मौत पर होने वाले अनावश्यकल खर्चो को कम करने का निर्णय लिया गया। मुस्लिम समाज कि बैठक में सरहदी गाँवों के हाज़ी गुमाना खान ,मुराद शेर खान ,इमाम डब्बे का पार ,हाज़ी बच्चू खान ,हाजी सरादिन ,मौलवी नूर मोहम्मद काज़ी खान और मौलवी हब्बीबुल;लह खान सहित सेकड़ो लोग उपस्थित थे। मौलवी हब्बीबुल्लाह ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि शादी कि दावत एक ही कि जाये जिसे वलीमा नाम दिया जायेगा ताकि इसी दावत में सुन्नत भी अदा हो जाये ,साथ ही महारत कि दावत बंद करने का अहम् निणय लिया गया। उन्होंने बताया कि दावत में एक तरह का सादा खाना ही करने कानिर्णय लिया। दावतो में मांसाहारी खाना नहीं करने का निर्णय लिया गया।


उन्होंने बताया कि शादी ब्याह में फोटोग्राफी ,विडफिओग्राफी ,गाना बजाना नहीं करने का निर्णय लिया। शादियों में नेत्र सिर्फ डॉ सौ रुपये और रिश्तेदारो से एक हज़ार रुपये कानिर्णय लिया गय़ा जबकि पूर्व में नेतरे में पचास हज़ार से लाख लाख रुपये तक देने कि परंपरा थी ,उन्होंने बताया कि बारात में सिर्फ चार या पांच व्यक्ति ही जाए ,शादी समारोह में बीड़ी ,गुटखा ,पान ,सुपारी ,अफीम ,डोडा ,आदि का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया गया ,.स ही मौत मय्यत में भी खाट पर रुपये या कफ़न के अलावा कोई चीज़ न रखने ,मृतक को दफनाने के बाद काँधियो को दी जाने वाली माँसाहारी दावत बंद करने फातेहा में ख़ास खाना नहीं करने का निर्णय लिया वाही चालीसवे पर औसर का बभोज बंद करने का निर्णय लिया गया। दहेज़ प्रथा को पूरी तरह प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया गया। वाही समाज के बच्चो को स्कूल शिक्षा से निर्णय लिया गया। दिनी तालीम के साथ स्कूल शिक्षा को भी जरुरी करने कानिर्णय लिया गया।


यह पहला मौका था जब सरहदी गाँवों के मुस्लिमो ने कटटरता का दामन छोड़ समाज कि मुख्यधारा में जुड़ने के लिए समाज सुधार के अहम् फैसले लिए। मौलवी नूर महम्मद ने बताया कि सरहदी गाँवो में समाज के लोगो का आर्थिक और सामाजिक स्तर लगातार निचे जा रहा था जो चिंता का विषय था ऐसे में ठोश निर्णय समाज के हित में लुए गए