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सोमवार, 27 जून 2016

उदयपुर.उदयपुर की महिला सीआई बोली, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारा मेरा



उदयपुर.उदयपुर की महिला सीआई बोली, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारा मेरा
उदयपुर की महिला सीआई बोली, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ नारा मेरा

जैसलमेर के धोरों में पल-बढ़ कर पुलिस सेवा में आई चेतना भाटी ने अपने गांव की बेटियों को आगे बढ़ाने व पढ़ाने के लिए खूब जी-तोड़ मेहनत की, कविताओं व लेखनी के जरिए 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÓ का नारा भी बुलंद किया। इस नारे को पहले राज्य सरकार व बाद में केन्द्र सरकार ने काम में लेते हुए इस पर योजना बना डाली।



आज यह नारा पूरे देश में अपना अहम स्थान रखता है लेकिन इसे बुलंद करने वाली भाटी का नाम गुमनामी के अंधेरे में खो गया। भाटी ने इस नारे को लिखने का दावा करते हुए केन्द्र सरकार को दस्तावेज भिजवाए हैं।

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उदयपुर में महिला थानाधिकारी पद पर सेवा दे रही चेतना भाटी का कहना है कि मुझे पद, पैसा व प्रमोशन नहीं चाहिए। आप तो सिर्फ इसे राजस्थान की बेटी को समर्पित कर राज्य का गौरव बढ़ा दीजिए। यह सम्मान किसी को भी मिले, मेरे राज्य का नाम होना चाहिए।

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भाटी का कहना है कि जैसलमेर में कन्या भ्रूण हत्या रोक बेटियां बचाने के लिए उन्होंने कविताएं लिखकर पोस्टर बनाए थे। अगस्त 2012 में नागौर पुलिस लाइन में निरीक्षक थी, तब इस पोस्टर को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था और पोस्टर विमोचन का निवेदन किया था। पोस्टर कन्या भू्रण हत्या को रोकने के लिए जागृति के लिए था। इस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ लिखा गया था। तत्कालीन सरकार से कोई जवाब नहीं मिला।

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जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री व केन्द्र सरकार की ओर से इसे राष्ट्रीय योजना में शामिल किया गया। भाटी ने इस नारे के रचियता के संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी को पत्र लिखकर सूचना चाही। सभी ने योजना के बारे में जानकारी दे दी लेकिन रचियता के बारे में किसी ने नहीं बताया। भाटी ने इस नारे को रचने का दावा किया है।