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मंगलवार, 20 अगस्त 2013

बाड़मेर मे रिफाइनरी के लिए जमीन अन्तरित नहीं की गई है - केन्द्रीय पेट्रालियम राज्य मंत्री

 रिफायनरी पर सच उगला केंद्र सरकार ने पढ़िए ख़ास  खबर

 बाड़मेर मे रिफाइनरी के लिए जमीन अन्तरित नहीं की गई है - केन्द्रीय पेट्रालियम राज्य मंत्री 

जितेन्द्र जांगिड सिवाना


रिफाइनरी के सभी उत्पादों के निकास व खरीद के विपणन का अधिकार एचपीसीएल का होगा, 


बाड़मेर बीकोनर संासद अर्जुन मेघवाल बाडमेर मे रिफायनरी की स्थापना के बारे मे पूछा प्रश्न नई दिल्ली। 20 अगस्त 2013। लोक सभा मे बीकानेर संासद अर्जुन राम मेघवाल द्वारा राजस्थान के बाड़मेर मे रिफायनरी की स्थापना के संबंध में अतांराकित प्रश्न पूछा गया। सांसद मेघवाल राजस्थान के बाडमेर जिले मे प्रस्तावित तेल शोधनशाला के लिए भूिम अधिग्रहण तथा वाणिज्यिक उत्पादन के आरंभ के बारे मे प्रश्न पूछा गया जिसके जवाब मे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री पनबाका लक्ष्मी ने बताया कि राजस्थान सरकार ने प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए पाचपाद्रा के निकट 4800 एकड सरकारी भूमि की पहचान की है जो अभी जेवी (संयुक्त उद्यम) कम्पनी को अन्तरित की जानी है। रिफायनरी की यंात्रिक पूर्णता शून्य तारीख से 4 वर्ष के भीतर हो जाएगी जो सभी सांविधिक अनुमोदनो की प्राप्ति की तारीख से शुरू होगी। मंत्री ने बताया की एमओयू के अनुसार राजस्थान सरकार को रिफायनरी मे वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के वर्ष से शुरू होने वाले 15 वर्षो की अवधि के लिए 3736 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण देना है। इसके साथ ही राजस्थान सरकार जेवी कम्पनी को निमाणर््ा और उत्पादन दोनो के लिए जल उपलब्ध करवायेगी तथा निजी पावर के लिए प्रदीप्त करने / गैस उपलब्ध कराने का प्रयास करेगी। एचपीसीएल के पास रिफाइनरी द्वारा उत्पादित सभी उत्पादों के निकास और खरीद के संबंध में विपणन अधिकार रहेगा। सांसद अर्जुन मेघवाल ने कहा है कि जब राजस्थान सरकार द्वारा जमीन, पानी, बिजली तथा 15 वर्षों के लिए 3736 करेाड रूपये ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है फिर भी राजस्थान सरकार की हिस्सेदारी मात्र 26 प्रतिशत ही होगी और उत्पादित सभी उत्पादों के निकास व खरीद के विपणन का अधिकार भी नहीं होगा, यह अधिकार एचपीसीएल को होगा। रिफायनरी की स्थापना के लिए प्रदेश के संसाधन व वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने के बाद भी रिफायनरी का लाभ प्रदेश की जनता को उनके हक के बराबर नहीं मिलेगा। सं । 

गुरुवार, 18 अप्रैल 2013

बाड़मेर के लीलाणा में लगेगी रिफाइनरी, जून में होगा शिलान्यास


बाड़मेर के लीलाणा में लगेगी रिफाइनरी, जून में होगा शिलान्यास


बाड़मेर हमारी रिफाइनरी का शिलान्यास बाड़मेर जिले के लीलाणा में जून माह में ही हो जाएगा। इस बीच काम शुरू करने के लिए राज्य सरकार हिंदुस्तान पेट्रोलियम को अधिक से अधिक जमीन अवाप्त करके देगी। किसानों को अवाप्तशुदा जमीन का वाजिब मुआवजा मिले, इसके लिए जोधपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी किसानों से नेगोशिएशन कर रही है। रिफाइनरी में फिलहाल हिंदुस्तान पेट्रोलियम 74 और राज्य सरकार 26 प्रतिशत शेयर रखेगी।
मुख्य सचिव सी.के. मैथ्यू की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में इन बातों पर सहमति बनी। इस दौरान रिफाइनरी के संबंध में हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनी की ओर से प्रजंटेशन भी दिया गया। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि रिफाइनरी लगने के बाद स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर मिलें, इसलिए अभी से स्किल डवलपमेंट पर ध्यान दिया जाना चाहिए।


बैठक के बाद खान एवं पेट्रोलियम सचिव सुधांश पंत ने बताया कि शिलान्यास की अभी तारीख तय नहीं है, लेकिन प्रयास यही है कि हर हाल में जून में इसका शिलान्यास करवाकर काम शुरू करवा दिया जाए। पहले रिफाइनरी के लिए 25 एमजीपीडी पानी की आवश्यकता महसूस की गई थी, परंतु अब यह बढ़कर 28 एमजीपीडी हो गई है। एचपीसीएल ने प्रजंटेशन के माध्यम से रिफाइनरी के लिए भूमि, पानी सप्लाई, बिजली, पर्यावरण स्वीकृति और एप्रोच रोड आदि के बारे में जानकारी दी। सभी संबंधित अधिकारियों से रिफाइनरी के संबंध में आने वाली परेशानियों को दूर कर इस काम जल्दी आगे बढ़ाने के लिए कहा गया।


बैठक में उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुनील अरोड़ा, प्रमुख वित्त सचिव डॉ. गोविंद शर्मा, प्रमुख ऊर्जा सचिव शैलेंद्र कुमार अग्रवाल, प्रमुख राजस्व सचिव तपेश पंवार, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी जे.सी. मोहंती, उच्च शिक्षा सचिव राजीव स्वरूप, खान सचिव सुधांश पंत, आरएसएलडीसी आयुक्त राजेश यादव, जोधपुर संभागीय आयुक्त, बाड़मेर कलेक्टर, केंद्रीय संयुक्त सचिव (रिफाइनरी) एल.एन. गुप्ता और एचपीसीएल के रिफाइनरी निदेशक मौजूद थे।
<ह्यश्चड्डठ्ठ ह्यह्ल4द्यद्ग="द्घशठ्ठह्ल-2द्गद्बद्दद्धह्ल: ड्ढशद्यस्र;">औद्योगिक क्षेत्र और पार्क विकसित करेगा रीको: स्बैठक में बताया गया कि रिफाइनरी और पेट्रो कैमिकल कॉम्पलेक्स के साथ ही इस क्षेत्र में कई तरह की अन्य यूनिटें भी लगेंगी। इन यूनिटों को जमीन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए रीको वहां औद्योगिक क्षेत्र और पार्क अभी से विकसित करेगा।


स्किल्ड मैनपावर का आकलन होगा: रिफाइनरी और पेट्रो कैमिकल कॉम्प्लेक्स में किस तरह के कितने प्रशिक्षित लोगों की जरूरत होगी। आरएसएलडीसी, तकनीकी शिक्षा विभाग के अधिकारी एचपीसीएल के साथ मिलकर इसका आकलन करेंगे और टास्क फोर्स की अगली बैठक में इसकी जानकारी देंगे।

सोमवार, 11 मार्च 2013

बाड़मेर (राजस्थान) में रिफाइनरी लगने पर विश्व पटल पर उभरता बाड़मेर


बाड़मेर (राजस्थान) में रिफाइनरी लगने पर

विश्व पटल पर उभरता बाड़मेर


- भूरचन्द जैन, बाड़मेर

अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटा पशिचमी राजस्थान का बिहड़ रेगिस्तानी बाड़मेर जिला आजादी से पूर्व जोधपुर रिसायत का भाग रहते हुए आजादी के बाद प्राकृतिक प्रकोप अकाल आदि से पीडि़त कर्इ प्रकार के अभाव अभियोग से ग्रस्त बना रहा । पीने के पानी की किल्लत के कारण किसी सरकारी कर्मी को सजा के तौर पर बाड़मेर भेजा जाता था, तब उसे काले पानी की सजा समझी जाती थी । लेकिन जब से इस धरती की गोद से प्राकृतिक खनिज सम्पदा के रूप में पेट्रोल (काला सोना) मिला है तबसे यहां आने के लिये हर कोर्इ आतुर रहने लगता है । इतना ही नहीं सदियों से मीठे पानी की आस लगाये बाड़मेर जिले को जबसे इनिदरा गांधी केनाल, नर्मदा नहर का जल मिलने लगा तब से इस जिले के चहुमुंखी विकास के पंख लग गये है । पीने के पानी की सुविधा और यहां के भूगर्भ से निकलने वाले कोयले से बिजली पैदा करने की मुहिम ने तो देश की गम्भीर विधुत उत्पादन समस्या को हल करने में अपनी अनोखी भागीदारी निभार्इ है । इस रेगिस्तान धरा पर सन 1965 एवं 1971 के भारत-पाक युद्ध में विजय हासिल करने वाले भारतीय सैनिकों एवं सीमा सुरक्षा बल ने असामाजिक गतिविधियों, तस्करी, देशद्रोही हरकतों, आंतकियों का सीमा उल्लघंन पर रोक लगाकर विश्व स्तर पर अपनी देशभकित की छाप छोड़ दी है ।

बाड़मेर जिले के थार-मरू स्थल वाली कंटिली झाडि़यों और पानी के अभाव में वृक्षहीन धोराें वाली घरती की गोद में अथाह पेट्रोल निकलने पर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कोरपोरेशन लिमिटेड ने रिफाइनरी लगाने का निर्णय लेकर बाड़मेर का नाम विश्व स्तर के आर्थिक बाजार में अनोखी पहचान करवा दी है । पेट्रोल एवं कोयला के अथाह भंडार को अपने आंचल में छिपाये रखने वाली रेगिस्तानी बाड़मेर की धरा पर खनिज सम्पदा के रूप में जिप्सम, मुल्तानी मिटटी, ग्रेनार्इट, नमक ने तो पूर्व में ही बाड़मेर का परिचय विश्व के बाजार में करवा रखा था । वहां यहां के श्रमशील लोगों के हाथों के हुनर ने रंगार्इ छपार्इ, कांच कशीदाकारी, बंधेज, जटट पटटी, ऊनी वस्त्र कम्बल - पटू, पोपलीन रंगार्इ आदि के कारण विश्व बाजार में अपनी धाक जमा रखी थी । कला संस्कृति क्षेत्र में यहां के लोक कलाकारों ने अपने लोक वाधयंत्रों के माध्यम से अपने संगीत से संसार भर के लोगों को लुभा रखा है । यहां के कला संस्कृति, पुरातत्व, पर्यटन आदि को देखने विश्व भर के लोग कानाना की गैर, तिलवाड़ा पशु मेला, सार्इयों का चौहटन मेला के साथ किराडू के भग्नावशेषों की प्राचीन शिल्पकला, नाकोड़ा के जैन मनिदरों आदि को देखकर अभिभूत हो जाते हैं ।

विश्व भर के लोग भारत की लोक तंत्रीय व्यवस्था के कायल तो है ही वहां जब देश के सबसे बड़े लोकसभा चुनाव क्षेत्र की सुव्यसिथत चुनावी व्यवस्थाओं की तरफ आंख उठाकर देखते है तब भी बाड़मेर लोकसभा चुनाव क्षेत्र दिखार्इ देता है । इतना ही नहीं भारत और सम्भवत: विश्व के सभी जिलों में राजस्थान के जैसलमेर जिले को छोड़ बाड़मेर जिला क्षेत्रफल की दृषिट से सबसे बड़ा है । जिसकी अपनी विश्व स्तर पर पहचान बनाने में यहां पेट्रोल निकलने के बाद विकसित क्षेत्र के रूप में बनती जा रही है । विश्व भर में पेट्रोल की आवश्यकता होने के कारण पेट्रोल उत्पादक अरब आदि देशों की प्रसिद्धि की भांति अब भारत के राजस्थान प्रदेश के बाड़मेर क्षेत्र की होगी । जबसे बाड़मेर जिले के भूगर्भ से पेट्रोल निकलना आरम्भ हुआ तबसे इस अविकसित एवं पिछड़े जिले ने करवट बदल ली है और अब विकास की दौड़ में निरन्तर आगे बढ़ता हुआ सबको पीछे छोड़ कर विश्व के आर्थिक दृषिट से सबल क्षेत्र बनता जा रहा है । जिसके सुखद परिणाम आजादी के 65 वर्षों में जितना विकास देखने को नहीं मिला अब चंद वर्षो में हुआ है । विकास की चाल को तेजगति से बढ़ाना आरम्भ कर दिया है । कुछ वर्ष बाद विश्व में दुबर्इ की भांति बाड़मेर का नाम भी गर्व से लिया जायेगा ।

बाड़मेर नगर के निकट अतुल्य मात्रा में पेट्रोल के साथ विशाल मात्रा में कोयला निकलने के कारण उस क्षेत्र की जमीन का मूल्य सोने की भांति बढ़ने लगा है। यहां के भूमालिकों को अपनी भूमि की कीमत लाखों करोड़ों रूपये मुआवले के तौर पर मिला हैं। जिसके कारण उनकी आर्थिक सबलता ने इन्हें उधमी, व्यवसायिक बनाते हुए पेट्रोल एवं विधुत उत्पादन से सम्बन्धी उधोग लगाने को प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया है। इसके अतिरिक्त पेट्रोल एवं कोयला पर आधारित बिजली घर लगने से इससे सम्बधित छोटे बड़े कर्इ उधोग बाड़मेर की धरा पर लगने के लिये देश भर के उधमियों के साथ बाड़मेर के लोगों को आर्थिक लाभ होने लगा हैं। जिससे उनके पारिवारिक सामाजिक जीवन में बदलाव झलकने लगा हैं । जिनके पास सार्इकिल खरीदने को पैसा नहीं था, अब वे शानदार बहु मूल्यवान चमचमाती कारों-वाहनों में सफर करते दृषिटगोचर हो रहे हैं । जिनके रखरखाव के लिये बाड़मेर नगर सहित पेट्रोल निकलने वाले क्षेत्रों में गम्भीर पार्किग समस्या उत्पन्न होने लगी हैं । बाड़मेर में बनने वाले आलीशान बंगले भारत के महानगारों के बंगलों को भी पीछे छोड़ रहे हंै । बाड़मेर नगर में ही नहीं आस पास के क्षेत्रों में भूमि की कीमते आसमान को छूने लगी है । वहां जिले के साथ देश भर से आने वाले उधमियों आदि के लिये अस्थार्इ आवास हेतु कभी यहां एक होटल का अभाव था अब यहां आलीशान अनेक बहुमंजिले होटलों आदि के निर्माण ने तो शहर की रोनक ही बदल दी है ।

बाड़मेर जिले में रिफाइनरी लगने सेे एक लाख डेढ़ लाख की आबादी वाले बाड़मेर नगर जैसे कर्इ नगर यहां विकसित होंगे । असंख्य पेट्रोल, बिजली, खनिज आधारित उधोग धंधों की भरमार स्वत: ही पनप जायेगी । ऐसी सिथति में पैसों से भी आवश्यक एवं उपयोगी भूमि मिलना मुश्कील हो जावेगा । इससे भारत व राजस्थान सरकार को अरबों - खरबों रूपयों की प्रतिवर्ष आय होगी जो विकास का प्रतीक बन जायेगी । विकास की दौड़ में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाना वाला बाड़मेर जिले का नाम विश्व प्रसिद्ध हो जाय इसमें तनिक भी अतिश्योकित नहीं होगी । पेट्रोल कें कारण विकास के साथ असामाजिक तत्वों के बढ़ने की सम्भावनाओं को भी नकारा नहीं जा सकता । ऐसी सिथति में सुरक्षा एजेनिसयों की जिम्मेदारी बढ़ जावेगी । अब तो राजस्थान सरकार ने भी बाड़मेर नगर के तेजगति से विकास को ध्यान में रखते हुए बाड़मेर नगरपालिका को नगर परिषद का दर्जा दे दिया है । नगर परिषद अपने क्षेत्र में भी कर्इ विकास के महत्वपूर्ण कार्य करवा रही है । जिसमें नगर की सिवरेज लार्इन, रेल पुलिया, नर्इ कोलानियों बसाने, बस स्टेण्ड का निर्माण , नगर विस्तार के साथ कर्इ धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के निर्माण आदि के साथ नगर सौन्दर्यकरण में विस्तार करने लगी हैं ताकि विश्व भर के लोग बाड़मेर की विकसित छटा को देखकर अभिभूत हो सकें ।

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(भूरचन्द जैन)

जूनी चौकी का बास, बाड़मेर (राज.)

मो. : 09530249662

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने

रिफाइनरी पर अशोक गहलोत का खेल ख़त्म किया बजट ने


रिफायनरी की घोषणा नहीं होने से निराश राजस्थान

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में रिफायारी लगाने की उमीदे आज केन्द्रीय बजट में ख़तम हो गयी ,राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चुनावी रणनीति उनके ही वित् मंत्री ने फेल कर दी .पिछले दो सालो से गहलोत रिफायारी पर बयानबाजी कर लोगो की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर रहे थे ,गहलोत इसे अपने चुनावी हथियार बनाना चाहते थे .पिछले दो महीनो में तो गहलोत जहां भी जाते रिफायारी की ही बात करते .गहलोत की मुहीम को वित् मंत्री ने करत्रा झटका दे दिया ,बाड़मेर के लोग ही नहीं राजस्थान के लोग इससे निराश हुए हें ,बाड़मेर के लोगो को कोंग्रेस के नेता रिफायारी लगाने की बात पर हर बार बरगला रहे थे ,वास्तविकता सामने अब आ ही गई .हालांकि विशेषज्ञ जानते थे की रिफायनरी राजस्थान में किसी सूरत में लगनी नहीं .खैर बजट ने गहलोत का खेल ख़त्म कर दिया . वित्त मंत्री पी. चिदंबरम गुरूवार को जब संसद में आम बजट पेश कर रहे थे,राजस्थान तेल रिफाइनरी की घोषणा पर टकटकी लगाए ब्ौठा था। लेकिन प्रदेश को इस बहुप्रतिक्षित रिफाइनरी को लेकर मायूसी के अलावा कुछ हाथ नहीं लगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान वर्ष में राज्य के चुनाव के मद्देनजर आम बजट में राज्य सरकार प्रदेश में रिफाइनरी की मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन अब माना जा रहा है कि यूपीए सरकार ने आने वालो चुनावों को ध्यान में रखते हुए ही रिफाइनरी की घोषणा को अपने पिटारे में ही रखा। और राजनीतिक फायदा देखते हुए इसकी घोषणा अब चुनावों से पहले कभी भी की जा सकती है।


ज्ञात हो कि राजस्थान में 9 मिलियन टन की तेल रिफाइनरी लगाने की तैयारी है। वर्तमान में प्रदेश में उत्पादन भी सालाना 9 मिलियन टन हो रहा है। वहीं डायरेक्टर जनरल हाइड्रो कार्बन का आकलन है कि प्रदेश में 2020 के बाद कच्चे तेल के उत्पादन में गिरावट आ सकती है। इन हालात में प्रदेश में करीब 40 हजार करोड़ रूपए से लगाई जा रही रिफाइनरी के लिए कच्चा तेल आयात करना पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही रिफाइनरी लगाने को लेकर हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (एचपीसीएल) के अधिकारियों से वार्ता के लिए मुम्बई गए अधिकारियों की इस मुद्दे पर उनसे मंथन हुआ था।


केयर्न ने तैयारी शुरू की

केयर्न इंडिया ने 1.25 लाख बैरल और तेल उत्पादन बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। कम्पनी सूत्रों के अनुसार दो-तीन महीने में तेल का उत्पादन बढ़ने लगेगा। इसे पहले 1.90 लाख बैरल,फिर 2.40 लाख बैरल व अन्त मे तीन लाख बैरल के लक्ष्य को छु लिया जाएगा। इसमें करीब एक साल लगेगा।

कम्पनी राज्य के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला का उत्पादन बढ़ाएगी। इसके लिए मंगला से जुड़े छोटे-छोटे तेल कुओं को मुख्य लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ऎश्वर्या,शक्ति,कामेश्वरी व तुगाराम तेल क्षेत्रों से तेल का उत्पादन शुरू किया जाएगा। अभी मंगला से 1.50 लाख व भाग्यम व सरस्वती से 25 हजार बैरल तेल का खनन किया जा रहा है।

गुजरात के रास्ते आएगा अरब का तेल !

पेट्रोलियम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक वहां यह बात भी रखी गई थी कि राजस्थान में तेल उत्पादन में गिरावट पर अरब देशों से गुजरात होते हुए बाड़मेर पाइपलाइन के जरिए कच्चे तेल का का आयात किया जा सकता है।