रिपोर्ट कार्ड सांसद हरीश चौधरी विकास के खोखले दावे ,जनता मांगेगी हिसाब
बाड़मेर कभी विश्व के सबसे बड़े रहे संसदीय क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर के वर्तमान सांसद हरीश चौधरी के कार्यकाल पूर्ण हो गए. इस साढ़े तीन सालो में सांसद द्वारा बाड़मेर जैसलमेर के विकास के लिए कोई ख़ास विकास कार्य कराये गए हो ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आये. बाड़मेर में श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बाड़मेर यात्रा को छोड़ दिया जाए तो कोई खास उपलब्धि नहीं रही.
थार एक्सप्रेस का ठहराव बाड़मेर में नहीं
सांसद ने चुनाव के समय जो घोषनाएँ जनता के सामने की उसमे कोई पूरी नहीं हुई. एक एक घोषणा की समीक्षा. सांसद ने भारत पाकिस्तान के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस के बाड़मेर ठहराव की घोषणा की थी, राज्य और केंद्र में सांसद के पार्टी की सराकारे होने तथा कड़ी से कड़ी जुडी होने के बावजूद थार एक्सप्रेस के बाड़मेर ठहराव को लेकर कोई अंतिम निर्णय अब तक नहीं हुआ. सांसद द्वारा बाड़मेर जिले को मीठा पानी एक साल में उपलब्ध करने की घोषणा की गयी थी. मौजूदा वक़्त में वसुंधरा राजे कार्यकाल की स्वीकृत चार बड़ी योजनाओ पर काम चल रहा हें,
एन एच पन्द्रह के पश्चिमी क्षेत्र में पाक नागरिको को आने की छूट नहीं
बाड़मेर में एन एच पन्द्रह के पश्चिम में पाकिस्तानी नागरिको की आवा जाही पर लम्बे समय से प्रतिबन्ध लगा हुआ हें, क्षेत्रीय सांसद ने इस नियम में छूट दिलाने की घोषणा की थी, चूँकि बाड़मेर जिले के सरहदी क्षेत्रो में बसे नागरिको की बड़ी संख्या में पाकिस्तान में रिश्तेदारिया हें, पाकिस्तान से उनके रिश्तेदार बाड़मेर आना चाहते हें मगर केंद्र सरकार के नियमो के चलते पाक नागरिको को बाड़मेर का वीजा नहीं मिलता. जिसके चलते उन्हें जोधपुर या अन्य शहरों में रुकना पड़ता हें, सरहदी क्षेत्रों के निवासियों के लिए यह एक बहूत बड़ा मुद्दा था जिसका समाधान करने का वादा सांसद ने किया था मगर वो आज भी पूरा नहीं हो पाया.
बाड़मेर वीजा केंद्र खोलने कि पैरवी नहीं
सरहदी जिले के तमाम उन लोगो के लिए जिनकी रिश्तेदारियां पाकिस्तान में हें वीजा लेना दुष्कर कार्य हो गया हें ऐसे में सांसद द्वारा चुनावो में बाड़मेर मुनाबाव में वीजा केंद्र खोलने कि घोषणा कि थी मगर पांच साल में सांसद कार्य किया वाही बता सकते हें।
रिफायनरी अधरझूल में
बाड़मेर संसद द्वारा बाड़मेर में रिफायनरी लगाने का वादा किया गया था मगर उनका कार्यकाल साढ़े तीन साल का बीत जाने के बावजूद रिफायनरी लगाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये जिसके कारन रिफायनरी उनके अपने क्षेत्र बायतु से पचपदरा शिफ्ट हो गयी। स्थानीय नागरिको द्वारा रिफायनरी बचने के लिए जो आंदोलन किया उस आंदोलन का हिस्सा सांसद बने। राज्य और केंद्र सरकार कांग्रेस कि होने के बावजूद सांसद कोई ख़ास काम बाड़मेर के लिए नहीं करा पाये।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना पर लगा पलीता
बाड़मेर हर गाँव ढाणी को राजीव गांधी विद्युत् योजना में बिजली पहुँचाने का कार्य 2010 के अंत में पूरा होना था मगर योजना में चल रहे भरष्टाचार के कारन अभी योजना का काम पूरा नहीं हुआ, स्याम जन प्रतिनिधि विभाग पर कनेक्सन के बदले पैसे लेने तथा प्राथमिकता ख़त्म करने के आरोप जिला परिषद् की बेथाको में लगा चुके हें
मीठे पानी की सौगात, दूर की कौड़ी
बाड़मेर की जनता की प्रखर समस्या पेयजल की थी जिसे ना तो राज्य सरकार पूरा कर पी न ही केंद्र सरकार बाड़मेर लिफ्ट केनाल की अद्शिरी योजना का उद्घाटन सिर्फ क्रेडिट के लिए कराया वरना इस योजना में नब्बे फीसदी कार्य अधूरा पडा हें, सम्बंधित विभाग का भी दावा हें की इस योजना का काम अभी प्रथम चरण को पूरा करने में तीन साल का समय लगेगा, बाड़मेर शहर को मीठा पानी देना शुरू किया था वो जल्दी विभाग की पुरानी योजना से जोड़कर, जबकि लिफ्ट केनाल का कार्य शहर में नब्बे फीसदी बाकी हें, बाड़मेर जैसलमेर के बीच करीब सात सौ गाँवो को इस योजना से जोड़ना था मगर एक भी गाँव इस योजना से नहीं जुदा.
उम्मेद सागर धवा समदडी पेयजल योजना आज भी अधूरी
इस योजना के लिए गत भाजपा की वसुंधरा राजे की सरकार ने बजट दिया था उसके बाद से इस योजना का काम ठप्प पडा है. एक भी गाँव लाभान्वित नहीं यही हाल पोकरण फलसुंड पेयजल योजना का है.
डी एन पी क्षेत्र को कोई राहत नहीं
बाड़मेर जैसलमेर जिलो के पाकिस्तान के सरहद पर बसे लगभग 55 गाँव राष्ट्रीय मरू उद्यान की जड़ में आने से पिछले कई सालो से विकास से वंचित हें, इस क्षेत्र को डी एन पी से मुक्त करने और विकास कार्य करने का दावा खोखला साबित हुआ, आज भी इस क्षेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं हो रहा ग्रामीणों को कोई राहत नहीं.
शहरी विकास गौरव गोयल के खाते में
बाड़मेर शहर में विकास के कई कार्य चल रहे हें. रेलवे ओवेरब्रिज का काम अभी काफी अधीरा हें जहां अन्य प्रान्तों में ब्रज का कार्य छह माह में पूरा कर लिया जाता हें वहीं बाड़मेर में गत तीन सालो से कछुआ चाल से चल रहा हें, इस योजना के अलावा शहर में आधुनिक बस स्टैंड, म्यूजिकल फाउन्डेसन, जोगिंग ग्राउंड, मेरिज गार्डन जैसी योजनाओ पर काम चल रहा हें यह सरे काम तत्कालीन जिला कलेक्टर गौरव गोयल के खाते में जाते हें
बाड़मेर कांडला रेलवे सर्वे
बाड़मेर कांडला रेलवे लाइन के सर्वे काम तत्कालीन सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी के कार्यकाल में संपन हो गया था, इस योजना का काम इससे आगे नहीं बढ़ा,
सांसद राशि का उपयोग पूर्ण नहीं
क्षेत्रीय सांसद निधि कोष की राशि का भी उपयोग आम जनता के काम नहीं आया. यह बजट कुछ ख़ास लोगो तक सिमट कर रह गया.पांच साल में सांसद द्वारा मात्र साढ़े नौ करोड़ रुपये के विकास कार्य ही करा पाये। संसद निधि कोष का भी पूरा उपयोग जिले के विकास के लिए नहीं हुआ
जसवंतपुरा रेल सांसद का सफ़ेद झूठ
गत साल रेल बजट में केंद्र सरकार द्वारा बाड़मेर जिले को को रेल या लाइन नहीं दी। बजट के तुरंत बाद क्षेत्रीय सांसद द्वारा बमेर से जसवंत पूरा रेल कि स्वीकृति के बयान समाचार पत्रो में प्रकाशित करवाए थे। डेढ़ साल गुजर जाने के बाद कथित स्वीकृत रेल का कोई अता पता नहीं। अब फिर टीम मई से रेल चलने का दवा सांसद कर रहे हें
संसद में पैरवी
बाड़मेर कभी विश्व के सबसे बड़े रहे संसदीय क्षेत्र बाड़मेर जैसलमेर के वर्तमान सांसद हरीश चौधरी के कार्यकाल पूर्ण हो गए. इस साढ़े तीन सालो में सांसद द्वारा बाड़मेर जैसलमेर के विकास के लिए कोई ख़ास विकास कार्य कराये गए हो ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आये. बाड़मेर में श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी की बाड़मेर यात्रा को छोड़ दिया जाए तो कोई खास उपलब्धि नहीं रही.
थार एक्सप्रेस का ठहराव बाड़मेर में नहीं
सांसद ने चुनाव के समय जो घोषनाएँ जनता के सामने की उसमे कोई पूरी नहीं हुई. एक एक घोषणा की समीक्षा. सांसद ने भारत पाकिस्तान के मध्य चलने वाली थार एक्सप्रेस के बाड़मेर ठहराव की घोषणा की थी, राज्य और केंद्र में सांसद के पार्टी की सराकारे होने तथा कड़ी से कड़ी जुडी होने के बावजूद थार एक्सप्रेस के बाड़मेर ठहराव को लेकर कोई अंतिम निर्णय अब तक नहीं हुआ. सांसद द्वारा बाड़मेर जिले को मीठा पानी एक साल में उपलब्ध करने की घोषणा की गयी थी. मौजूदा वक़्त में वसुंधरा राजे कार्यकाल की स्वीकृत चार बड़ी योजनाओ पर काम चल रहा हें,
एन एच पन्द्रह के पश्चिमी क्षेत्र में पाक नागरिको को आने की छूट नहीं
बाड़मेर में एन एच पन्द्रह के पश्चिम में पाकिस्तानी नागरिको की आवा जाही पर लम्बे समय से प्रतिबन्ध लगा हुआ हें, क्षेत्रीय सांसद ने इस नियम में छूट दिलाने की घोषणा की थी, चूँकि बाड़मेर जिले के सरहदी क्षेत्रो में बसे नागरिको की बड़ी संख्या में पाकिस्तान में रिश्तेदारिया हें, पाकिस्तान से उनके रिश्तेदार बाड़मेर आना चाहते हें मगर केंद्र सरकार के नियमो के चलते पाक नागरिको को बाड़मेर का वीजा नहीं मिलता. जिसके चलते उन्हें जोधपुर या अन्य शहरों में रुकना पड़ता हें, सरहदी क्षेत्रों के निवासियों के लिए यह एक बहूत बड़ा मुद्दा था जिसका समाधान करने का वादा सांसद ने किया था मगर वो आज भी पूरा नहीं हो पाया.
बाड़मेर वीजा केंद्र खोलने कि पैरवी नहीं
सरहदी जिले के तमाम उन लोगो के लिए जिनकी रिश्तेदारियां पाकिस्तान में हें वीजा लेना दुष्कर कार्य हो गया हें ऐसे में सांसद द्वारा चुनावो में बाड़मेर मुनाबाव में वीजा केंद्र खोलने कि घोषणा कि थी मगर पांच साल में सांसद कार्य किया वाही बता सकते हें।
रिफायनरी अधरझूल में
बाड़मेर संसद द्वारा बाड़मेर में रिफायनरी लगाने का वादा किया गया था मगर उनका कार्यकाल साढ़े तीन साल का बीत जाने के बावजूद रिफायनरी लगाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाये जिसके कारन रिफायनरी उनके अपने क्षेत्र बायतु से पचपदरा शिफ्ट हो गयी। स्थानीय नागरिको द्वारा रिफायनरी बचने के लिए जो आंदोलन किया उस आंदोलन का हिस्सा सांसद बने। राज्य और केंद्र सरकार कांग्रेस कि होने के बावजूद सांसद कोई ख़ास काम बाड़मेर के लिए नहीं करा पाये।
राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना पर लगा पलीता
बाड़मेर हर गाँव ढाणी को राजीव गांधी विद्युत् योजना में बिजली पहुँचाने का कार्य 2010 के अंत में पूरा होना था मगर योजना में चल रहे भरष्टाचार के कारन अभी योजना का काम पूरा नहीं हुआ, स्याम जन प्रतिनिधि विभाग पर कनेक्सन के बदले पैसे लेने तथा प्राथमिकता ख़त्म करने के आरोप जिला परिषद् की बेथाको में लगा चुके हें
मीठे पानी की सौगात, दूर की कौड़ी
बाड़मेर की जनता की प्रखर समस्या पेयजल की थी जिसे ना तो राज्य सरकार पूरा कर पी न ही केंद्र सरकार बाड़मेर लिफ्ट केनाल की अद्शिरी योजना का उद्घाटन सिर्फ क्रेडिट के लिए कराया वरना इस योजना में नब्बे फीसदी कार्य अधूरा पडा हें, सम्बंधित विभाग का भी दावा हें की इस योजना का काम अभी प्रथम चरण को पूरा करने में तीन साल का समय लगेगा, बाड़मेर शहर को मीठा पानी देना शुरू किया था वो जल्दी विभाग की पुरानी योजना से जोड़कर, जबकि लिफ्ट केनाल का कार्य शहर में नब्बे फीसदी बाकी हें, बाड़मेर जैसलमेर के बीच करीब सात सौ गाँवो को इस योजना से जोड़ना था मगर एक भी गाँव इस योजना से नहीं जुदा.
उम्मेद सागर धवा समदडी पेयजल योजना आज भी अधूरी
इस योजना के लिए गत भाजपा की वसुंधरा राजे की सरकार ने बजट दिया था उसके बाद से इस योजना का काम ठप्प पडा है. एक भी गाँव लाभान्वित नहीं यही हाल पोकरण फलसुंड पेयजल योजना का है.
डी एन पी क्षेत्र को कोई राहत नहीं
बाड़मेर जैसलमेर जिलो के पाकिस्तान के सरहद पर बसे लगभग 55 गाँव राष्ट्रीय मरू उद्यान की जड़ में आने से पिछले कई सालो से विकास से वंचित हें, इस क्षेत्र को डी एन पी से मुक्त करने और विकास कार्य करने का दावा खोखला साबित हुआ, आज भी इस क्षेत्र में विकास का कोई कार्य नहीं हो रहा ग्रामीणों को कोई राहत नहीं.
शहरी विकास गौरव गोयल के खाते में
बाड़मेर शहर में विकास के कई कार्य चल रहे हें. रेलवे ओवेरब्रिज का काम अभी काफी अधीरा हें जहां अन्य प्रान्तों में ब्रज का कार्य छह माह में पूरा कर लिया जाता हें वहीं बाड़मेर में गत तीन सालो से कछुआ चाल से चल रहा हें, इस योजना के अलावा शहर में आधुनिक बस स्टैंड, म्यूजिकल फाउन्डेसन, जोगिंग ग्राउंड, मेरिज गार्डन जैसी योजनाओ पर काम चल रहा हें यह सरे काम तत्कालीन जिला कलेक्टर गौरव गोयल के खाते में जाते हें
बाड़मेर कांडला रेलवे सर्वे
बाड़मेर कांडला रेलवे लाइन के सर्वे काम तत्कालीन सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी के कार्यकाल में संपन हो गया था, इस योजना का काम इससे आगे नहीं बढ़ा,
सांसद राशि का उपयोग पूर्ण नहीं
क्षेत्रीय सांसद निधि कोष की राशि का भी उपयोग आम जनता के काम नहीं आया. यह बजट कुछ ख़ास लोगो तक सिमट कर रह गया.पांच साल में सांसद द्वारा मात्र साढ़े नौ करोड़ रुपये के विकास कार्य ही करा पाये। संसद निधि कोष का भी पूरा उपयोग जिले के विकास के लिए नहीं हुआ
जसवंतपुरा रेल सांसद का सफ़ेद झूठ
गत साल रेल बजट में केंद्र सरकार द्वारा बाड़मेर जिले को को रेल या लाइन नहीं दी। बजट के तुरंत बाद क्षेत्रीय सांसद द्वारा बमेर से जसवंत पूरा रेल कि स्वीकृति के बयान समाचार पत्रो में प्रकाशित करवाए थे। डेढ़ साल गुजर जाने के बाद कथित स्वीकृत रेल का कोई अता पता नहीं। अब फिर टीम मई से रेल चलने का दवा सांसद कर रहे हें
संसद में पैरवी
क्षेत्री सांसद द्वारा संसद में बहस में भाग लेने तथानिजी विधयेक प्रस्तुत करने मे भी फिसड्डी साबित हुए उनके द्वारा छियासी फीसदी उपस्थिति के बावजूद मात्र सेंतालिस बहसों में ही भाग लिया जबकि एक भी निजी विधेयक प्रस्तुत नहीं कर पाए अलबता प्रश्न पूछने में उनका प्रदर्शन बेहतर रहा उन्होंने अपने कार्यकाल में संसद में चार सौ तिरानवे प्रश्न पूछे.