धार्मिक स्थल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
धार्मिक स्थल लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 20 मार्च 2020

कोरोना संक्रमण *जैसलमेर में कोरोनाबन्दी, किले सहित पर्यटन स्थल,धार्मिक स्थल 31 तक किये बन्द*

कोरोना संक्रमण 

*जैसलमेर में कोरोनाबन्दी, किले सहित पर्यटन स्थल,धार्मिक स्थल 31 तक किये बन्द*

*जेसलमेर सीमावर्ती पर्यटन नगरी जेसलमेर में कोरोनाबन्दी लागू हो गई है।जिला प्रशासन की सख्ती के बाद पर्यटन नगरी में अघोषित कर्फ्यू की स्थति बन गई।।पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल बन्द होने के बाद पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग अपने घरों में कैद हो गए।सदैव भीड़ से घिरा रहने वाला जेसलमेर फोर्ट एकदम सुना हो गया।।किले में रहने वाले लोगो के अलावा पर्यटकों के ये इसे बन्द कर दिया है।।साथ ही शहर और जिले के समस्त टूरिस्ट पॉइंट भी बन्द कर दिए।यहां तक कि होटल रेस्टोरेंट पर सख्ती के चलते बन्द से हो गए।।जेसलमेर का ह्रदय स्थल गोपा चौक, गांधी चौक सुने नजर आ रहे।।कोरोना के चलते ग्रामीण इलाकों से लोगो का आना बंद हो चुका है जिससे बाजार सुने ही गए।।पर्यटन स्थान गड़ीसर लेक,सालम सिंह की हवेली,पटवा हवेली,कुलधरा,सैंड ड्यून सम, बादल विलास सहित समस्त स्थलों पर तालाबंदी कर दी गई है।इसके साथ ही जेसलमेर के विख्यात धार्मिक स्थल रामदेवरा का बाबा रामदेव मंदिर और सरहद पर माता रानी तनोट मंदिर सहित छोटे बड़े मंदिर श्रद्धालुओ के लिए 31 मार्च तक बन्द कर दिए। वही ट्रेवल एजेंसियों ने बाहरी जिलो की बसों के आवागमन में भी कटौतियां कर ली।।जिला कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि करोना के संक्रमण को लेकर एडवाइजरी जारी की थी उसकी पालना में पर्यटन स्थल और धार्मिक स्थल बन्द किये गए है।।होटलों की नियमित जांच की जा रही है।वही रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर रोक लगा दी है।।प्रशासन पूर्ण अलर्ट है।।

रविवार, 8 नवंबर 2015


भारत के 7 धार्मिक स्थल जहाँ महिलाओं के प्रवेश पर है पाबंदी

स्त्री-पुरुष समानता की जोर-शोर से बात करने वाले हम भारतीयों की इससे बड़ी विडंबना क्या होगी की हमारे भारत में स्त्री-पुरुषों में भेदभाव धार्मिक स्थलों पर भी होता है। प्रत्येक इंसान उस भगवान की संतान है फिर भी हमारे देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहाँ स्त्रियों के प्रवेश पर पाबंदी है। आज इन लेख में हम आपको भारत के 7 ऐसे ही धार्मिक स्थलों के बारे में बता रहे है।

1. पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल (Padmanabhaswamy Temple, Kerala) -


पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनंतपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध मंदिर है। भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर तिरुअनंतपुरम के अनेक पर्यटन स्थलों में से एक है। पद्मनाभ स्वामी मंदिर विष्णु-भक्तों की महत्वपूर्ण आराधना-स्थली है। मान्यता है कि सबसे पहले इस स्थान से विष्णु भगवान की प्रतिमा प्राप्त हुई थी। जिसके बाद उसी स्थान पर इस मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। इस मंदिर की एक अन्य विशेषता यह है की यह भारत का सबसे अमीर मंदिर है।




2. सबरीमला श्री अयप्पा केरल (Sabarimala Sri Ayyappa Temple)-



सबरीमला श्री अयप्पा केरल के सबसे प्राचीन और भव्य मंदिरों में से एक है। अयप्पा मंदिर में देश ही नहीं विदेशों से भी हर साल भारी संख्या में श्रृद्धालु आते हैं, लेकिन इस मंदिर के भीतर 10 से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

3. कार्तिकेय मंदिर, पुष्कर, राजस्थान (Kartikaye Temple, Pushkar, Rajastahn) -


राजस्थान का प्रसिद्ध तीर्थस्थल पुष्कर शहर वैसे तो ब्रह्माजी के एक मात्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यहां का कार्तिकेय मंदिर भी बहुत दर्शनीय है। इस मंदिर में भी महिलाओं का प्रवेश वर्जित है।

 
4. मुक्तागिरी जैन मंदिर, मध्यप्रदेश (Muktagiri Jain Temple, Madhy Pradesh)-


मुक्तागिरी तीर्थ मध्यप्रदेश राज्य के गुना शहर में स्थित है। यह जैनों का एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इस मंदिर में कोई भी महिला पाश्चात्य परिधान पहनकर प्रवेश नहीं कर सकती। मंदिर परिसर में ऐसे पहनावे पर पूर्ण प्रतिबंध है।

5. हाजी अली दरगाह, मुंबई (Haji Ali Dargah, Mumbai)-


बाबा हाजी अली शाह बुखारी की दरगाह पूरे विश्व के श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। इस दरगाह पर सभी धर्मों के लोग अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए बाबा से मन्नते मांगते हैं। ये दरगाह सांप्रदायिक सद्भाव के लिए प्रसिद्ध है। दरगाह से युक्त ये मस्जिद मुंबई के वर्ली समुद्र तट के छोटे द्वीप पर स्थित है। हाजी अली दरगाह का सबसे भीतरी हिस्से में औरतों का प्रवेश वर्जित है। दरगाह श्राइन बोर्ड की मानें तो इस्लाम शरीयत कानून के अनुसार किसी भी पवित्र कब्र के निकट महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। हाजी अली ट्रस्ट की स्थापना 1916 में कुट्ची मेमन समुदाय के सदस्यों द्वारा की गई। यह ट्रस्ट ही दरगाह के रखरखाव का कार्य करता है।

6. हजरत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह, दिल्ली (Hazrat Nizamuddin Auliya Dargah, Delhi)-


दक्षिणी दिल्ली में स्थित हजरत निज़ामुद्दीन औलिया (1236-1325) का मकबरा सूफी काल का एक पवित्र दरगाह है। इस दरगाह में औरतों का प्रवेश निषेध है। हजरत निज़ामुद्दीन चिश्ती घराने के चौथे संत थे। इस सूफी संत ने वैराग्य और सहनशीलता की मिसाल पेश की। कहा जाता है कि 1303 में इनके कहने पर मुगल सेना ने हमला रोक दिया था, इस प्रकार ये सभी धर्मों के लोगों में लोकप्रिय बन गए।

7. जामा मस्जिद, दिल्ली (Jama Masjid, Delhi)-


भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद में भी सूर्यास्त के बाद महिलाओं का प्रवेश निषेध है।