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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2019

*मोदी युद्ध करे सिंध के लोग भारतीय सेना का साथ देगी,पाक को सबक सिखाना जरूरी*

*मोदी युद्ध करे सिंध के लोग भारतीय सेना का साथ देगी,पाक को सबक सिखाना जरूरी*

*(1971 में पाक से आये चुतरो जी के साथ बातचीत)*

*चन्दन सिंह भाटी*

*जेसलमेर 1971 भारत पाक युद्ध के दौरान भारतीय सेना की मदद करते अपने परिवार के पत्नी,दो बेटों और एक बेटी के साथ भारत आये 76 वर्षीय चुतरो जी फिलहाल गफ्फूर भट्टा में अपने परिवार के साथ राह रहे है।।वो पाकिस्तान के थारपारकर जिले के जिंजर गांव में निवास करते थे।।पाक आतताइयों से परेशान होकर भारत आ गए।।बाडमेर जिले के निम्बला गांव में स्थापित किये शरणार्थी शिविर में पनाह ली।।भारत सरकार ने उनकी पूरी खैर खबर ली।।अब वो निम्बला से जेसलमेर शिफ्ट हो गए।।उन्हें उन्ही दिनों भारतीय नागरिकता मिली।।

चुतरो जी को जब पुलवामा हमले की जानकारी मिली तो उनका भी खून अन्य भारतीयों की तरह खोल उठा।पाक समर्थित आंतकवाद पर उन्होंने बताया कि पाक हमेशा उग्रवाद को बढ़ावा देते आये।।उन्होंने बताया जब वो सिंध में रहते थे हिन्दू बाहुल्य क्षेत्रो में किसी भी सूरत में गांवो में अन्य समुदाय के लोगो को रहने की इजाजत नही होती थी।।

उन्होंने कहा कि पाक को पुलवामा हमले के बाद नरेंद मोदी सरकार को हमला बोल देना चाहिए।।उन्होंने बताया कि पाकिस्तान युद्ध की भाषा ही समझता है।।सिंध के लोगों का भारत के साथ दिल से जुड़ाव है।।1971 के युद्ध मे भी भारतीय सेनाओं की अंदरूनी मदद की थी। आज भी सिंध के लोग पाक सरकार के रवैये से खफा है।हिंदुओ के साथ अत्याचार हो रहा है तो सिंधी मुस्लिमो को मुस्लिम निहि माना जाता।उन्हें आज भी मुहाजिर बोला जाता है।।सिंध में एम क्यू एम जैसे संगठन पाक से आज़ाद होने के लिए आंदोलन चला रहे है।ऐसे वक्त नरेंद्र मोदी को बिना समय गंवाए पश्चिमी सीमा से पाक पर हमला बोल देना चाहिए।।पाक युद्ध की भाषा ही समझता है।।सिंध के लोग आज़ादी चाहते है। इससे अच्छा मौका भारत को नही मिलेगा।।भारतीय सेना के जवानों पर आन्तकवादी आये दिन हमले करते है।।ये आंतकवादी पाकिस्तान के पाले हुए है।।उन्होंने बताया कि बाडमेर जेसलमेर सहित पश्चिमी सीमा से भारतीय सेना को पाकिस्तान पर हमला बोल देना चाहिए ।भारतीय सेना को सिंध के लोगो का समर्थन मिलेगा।।उन्होंने बताया की पाक से आये उन्हें 48 साल हो गए।मगर पाक वापस जाने की कभी इच्छा नही हुई।।चुतरो जी की संपत्ति आज भी सिंध के जिंजर गांव में है। चुतरो जी जैसे हज़ारो लोग है जो 1965 और 1971 में युद्ध के दौरान या बाद में पाकिस्तान छोड़ भारत आ गए।।ये लोग भी चाहते है कि पाकिस्तान पर बिना समय गंवाए हमला कर देना चाहिए।।

शुक्रवार, 6 दिसंबर 2013

1971 भारत पाक युद्ध। … 10 पैरा कमाण्डो ने जीता था छाछरो

1971 भारत पाक युद्ध। … 10 पैरा कमाण्डो ने जीता था छाछरो 

1971: 'द डेजर्ट स्कॉर्पियो' के डंक से पस्त हुआ था पाकिस्तान!

सन् 1971 के युद्ध में पश्चिमी क्षेत्र में भी पाकिस्तान को धूल चटाने वाली भारतीय फौज के जलवे शुक्रवार को साकार हो उठे। मौका था 'छाछरो दिवस' का। थल सेना के 10 पैरा स्पेशल कमांडो ने इस अवसर पर 42  साल पुराने सुनहरे अतीत की यादें ताजा की और एक दूसरे को बधाई दी।


12 कोर के सैन्य क्षेत्र में इस अवसर पर विशेष सैनिक सम्मेलन तथा बड़ा खाना का आयोजन किया गया। इसमें सैन्य अफसरों व उनके परिजनों के अलावा 1971 के युद्ध में भाग ले चुके गौरव सैनानी भी मौजूद थे।


पाकिस्तान की 80 किमी इलाके पर कब्जा: थल सेना स्पेशल फोर्स 10 पैरा कमांडों 'द डेजर्ट स्कॉर्पियो' की स्थापना 1 जून, 1967 को लेफ्टिनेंट कर्नल एनएस उथाया के नेतृत्व में थार में विशेष ऑपरेशन के लिए की गई थी।


वर्ष 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में 'ऑपरेशन कैक्टस लिली' के दौरान 10 पैरा को पाकिस्तान के अंदर घुसकर 80 किमी से ज्यादा के क्षेत्र में सिंध क्षेत्र के छाछरों तक हमला की टास्क दी गई थी।
10 पैरा कमाण्डो ने युद्ध सम्मान दिवस मनाया 10 पैरा कमाण्डो स्पेशल प ाsर्सेज `द् डेजक्वर्ट स्कोर्पियो' ने शुक्रवार को एक खास समारोह में `छाछरो दिवस' मनाया। समारोह में बडक्वी संख्या में पूर्व सैनिक और उनके परिजन शामिल हुए। 10 पैरा कमाण्डो स्पेशल प ाsर्सेज की स्थापना 1 जून 1967 को ले. कर्नल एन.एस. उथाया के नेतृत्व में रेगिस्तान में स्पेशल ऑपरेशन करने के लिए हुई थी। 1971 के भारत-पाक युद्ध `ऑपरेशन कैक्टस लिली' के दौरान पल्टन को पाकिस्तानी सीमा के 80 किलोमीटर भीतर छाछरो-सिध पर हमला करने का आदेश मिला। पल्टन ने युद्ध के दौरान दुश्मन धरती छाछरो, वीरवाह, नागरपरकार, इस्लाम कोट पर 6-7 दिसम्बर 1971 की रात कई हमले किए। इन सप ल हमलों के कारण भारतीय सेनाओं को दुश्मन के भीतरी क्षेत्रों में जाकर बडक्वे क्षेत्रों पर कब्जा करने का मौका मिला। इस अदम्य साहस से, पल्टन को युद्ध सम्मान छाछरो तथा थियेटर ऑनर सिंध पदान किए गए। इस साहसिक नेतृत्व, दूरदर्शिता के प लस्वरूप 10 पैरा कमाण्डो स्पेशल प ाsर्सेज `द् डेजक्वर्ट स्कोर्पियो' के तत्कालीन कमान अधिकारी ब्रिगेडियर सेवानिवृत्त सवाई भवानी सिंह को महावीर चक पदान किया गया। इसके अतिरिक्प, यूनिट को भी दो वीर चक, 3 सेना मेडल और एक मेन्शन-इन-डिस्पेच पदान किया गया।