जनता के प्रति जवाबदेही संवेदनशील और पारदर्शी सरकार का वायदा-जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री शालेह मोहम्मद
जयपुर 24 जुलाई। जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री श्री शालेह मोहम्मद ने बुधवार को राज्य विधानसभा में बताया कि मुख्यमंत्री ने और जन घोषणा पत्र में जनता के प्रति जवाबदेही, संवेदनशील और पारदर्शी सरकार के लिए गुड गवर्नेंस लाने का वादा किया गया है। उसके तहत कोई भी व्यक्ति 181 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाता है, तो उस व्यक्ति को पूरी तरह सुना जाता और जब तक वो संतुष्ट न हो जाता, उसकी शिकायत को ड्रॉप नहीं किया जाता है। यदि शिकायत ड्रॉप हो भी जाती है तो उसकी शिकायत को री-ओपन किया जा सकता है।
श्री शालेह मोहम्मद ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि कोई भी शिकायत जब 181 पर दर्ज हो जाती है, तो जब तक शिकायतकर्ता पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होता है तब तक शिकायत ड्रॉप नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को वापस कॉल किया जाता है और मैसेज किया जाता है और शिकायतकर्ता संतुष्ट होने पर ही शिकायत ड्रॉप की जाती है।
इससे पहले विधायक श्री गोपी चन्द मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि जन समस्या्ओं के निराकरण के लिए राजस्थान सम्पंर्क के नाम से पोर्टल में कोई भी नागरिक अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। सेन्टर फॉर गुड गवर्नेंस द्वारा जारी निर्देशों के द्वारा अगर शिकायत कार्मिक/सेवा से संबंधी प्रकरण (जिसमें राज्य बीमा, भविष्य निधि एवं पेंशन प्रकरण सम्मिलित नहीं होंगे) और न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण की श्रेणी से होती है तो कॉल सेन्टर द्वारा वह सीधे लेवल 2 अधिकारी के पास निस्तारण के लिए भिजवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि सेन्टर फॉर गुड गवर्नेस द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में विभागाध्यक्ष के पास सम्पर्क हेल्प लाईन पर परिवेदना मैपिंग का अधिकार होता है।
जयपुर 24 जुलाई। जन अभाव अभियोग निराकरण मंत्री श्री शालेह मोहम्मद ने बुधवार को राज्य विधानसभा में बताया कि मुख्यमंत्री ने और जन घोषणा पत्र में जनता के प्रति जवाबदेही, संवेदनशील और पारदर्शी सरकार के लिए गुड गवर्नेंस लाने का वादा किया गया है। उसके तहत कोई भी व्यक्ति 181 पर अपनी शिकायत दर्ज करवाता है, तो उस व्यक्ति को पूरी तरह सुना जाता और जब तक वो संतुष्ट न हो जाता, उसकी शिकायत को ड्रॉप नहीं किया जाता है। यदि शिकायत ड्रॉप हो भी जाती है तो उसकी शिकायत को री-ओपन किया जा सकता है।
श्री शालेह मोहम्मद ने प्रश्नकाल के दौरान विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए बताया कि कोई भी शिकायत जब 181 पर दर्ज हो जाती है, तो जब तक शिकायतकर्ता पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होता है तब तक शिकायत ड्रॉप नहीं की जाती है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता को वापस कॉल किया जाता है और मैसेज किया जाता है और शिकायतकर्ता संतुष्ट होने पर ही शिकायत ड्रॉप की जाती है।
इससे पहले विधायक श्री गोपी चन्द मीणा के मूल प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि जन समस्या्ओं के निराकरण के लिए राजस्थान सम्पंर्क के नाम से पोर्टल में कोई भी नागरिक अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। सेन्टर फॉर गुड गवर्नेंस द्वारा जारी निर्देशों के द्वारा अगर शिकायत कार्मिक/सेवा से संबंधी प्रकरण (जिसमें राज्य बीमा, भविष्य निधि एवं पेंशन प्रकरण सम्मिलित नहीं होंगे) और न्यायालय में विचाराधीन प्रकरण की श्रेणी से होती है तो कॉल सेन्टर द्वारा वह सीधे लेवल 2 अधिकारी के पास निस्तारण के लिए भिजवा दी जाती है। उन्होंने बताया कि सेन्टर फॉर गुड गवर्नेस द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में विभागाध्यक्ष के पास सम्पर्क हेल्प लाईन पर परिवेदना मैपिंग का अधिकार होता है।