बाड़मेर भारत पाक सीमा के गाँवो में जंगली कुत्तो का आंतक।।ग्रामीणों ने कुत्तो को मारने के लिए किराये के आदमी बुलाए।
बाड़मेर भारत पाकिस्तान को बाड़मेर जिले से लगती अंतराष्ट्रीय सरहद पर बसे गाँवो में ग्रामीण और सीमा सुरक्षा बल के जवान जंगली कुत्तो से परेशान हैं।जंगली कुत्ते रात को आकर मवेशियों का शिकार कर रहें।कुछ कुत्तो को ग्रामीणों ने मारने में सफलता भी हासिल की।मगर गांव की सरहद के आगे सीमा सुरक्षा बल की सीमा चौकियां होने के कारण जंगली कुत्तो को खोजने में सफलता हासिल नही हो रही वाही सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो का कहना हे बल के मुख्यालय से कुत्तो को मारने की पर्मीज़हन मांगी हुई हैं।
पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी रोहिडि ,मोती की बेरी,पांचला आदि दर्जनों गाँवो में पिछले कई महीनो से जंगली कुत्तो का आंतक हैं।ये कुत्ते स्थानीय नही हैं।आशंका व्यक्त की जा रही हैं ये कुत्ते सरहद पार से आते हैं।ग्रामीणों ने बताया की देर रात को ये शिकारी कुत्ते गाँव में मवेशियों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं।सेकड़ो मवेशी मारे जा चुके हैं खासकर भेड़ बकरी।।कुत्तो का बढ़ता आंतक देख ग्रामीणों ने बाहर से कुत्तो के शिकारियों को बुलाया ताकि इन जंगली कुत्तो से मुक्ति मिले।।कुछ कुत्तो को मार भी दिया।मगर मवेशियों पर हमले नही रुके।इधर आसपास की सीमा चौकियों पर भी कुत्ते पहुँच जानवरो का शिकर कर रहे हैं ।इसके लिए ग्रामीणों ने सीमा सुरक्षा बल से सहायता मांगी।बल के अधिकारी ने नाम न छापने की एवज में बताया की कुत्तो को मारने ले लिए हमने बल के मुख्यालय से स्वीकृती मांगी हैं।क्योंकि इन जंगली कुत्तो को शिकारियों द्वारा दौड़ा दौड़ा कर मारने से तारबन्दी पार कर सरहद पार चले जाने की संभावना हैं।इतना बड़ा रिस्क परमिशन के बिना हम लेना नही चाहते।।
रोहिडि गांव के पूर्व सरपञ्च तेजमाल सिंह सोढा ने बताया की प्रतिदिन रात्रि को जंगली कुत्तो का झुण्ड देर रत को मवेशियों के बाड़ों पर हमला कर देते हैं।इससे परेशां होकर कुत्तो को मारने के लिए बाहर से आदमी बुलाये गए।बल के अधिकारी भी परेशां हैं।जब तक उन्हें परमिशन नही मिलती इन जंगली कुत्तों से राहत नह मिलेगी।बहार हाल ।।
बाड़मेर भारत पाकिस्तान को बाड़मेर जिले से लगती अंतराष्ट्रीय सरहद पर बसे गाँवो में ग्रामीण और सीमा सुरक्षा बल के जवान जंगली कुत्तो से परेशान हैं।जंगली कुत्ते रात को आकर मवेशियों का शिकार कर रहें।कुछ कुत्तो को ग्रामीणों ने मारने में सफलता भी हासिल की।मगर गांव की सरहद के आगे सीमा सुरक्षा बल की सीमा चौकियां होने के कारण जंगली कुत्तो को खोजने में सफलता हासिल नही हो रही वाही सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो का कहना हे बल के मुख्यालय से कुत्तो को मारने की पर्मीज़हन मांगी हुई हैं।
पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले के सरहदी रोहिडि ,मोती की बेरी,पांचला आदि दर्जनों गाँवो में पिछले कई महीनो से जंगली कुत्तो का आंतक हैं।ये कुत्ते स्थानीय नही हैं।आशंका व्यक्त की जा रही हैं ये कुत्ते सरहद पार से आते हैं।ग्रामीणों ने बताया की देर रात को ये शिकारी कुत्ते गाँव में मवेशियों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतार रहे हैं।सेकड़ो मवेशी मारे जा चुके हैं खासकर भेड़ बकरी।।कुत्तो का बढ़ता आंतक देख ग्रामीणों ने बाहर से कुत्तो के शिकारियों को बुलाया ताकि इन जंगली कुत्तो से मुक्ति मिले।।कुछ कुत्तो को मार भी दिया।मगर मवेशियों पर हमले नही रुके।इधर आसपास की सीमा चौकियों पर भी कुत्ते पहुँच जानवरो का शिकर कर रहे हैं ।इसके लिए ग्रामीणों ने सीमा सुरक्षा बल से सहायता मांगी।बल के अधिकारी ने नाम न छापने की एवज में बताया की कुत्तो को मारने ले लिए हमने बल के मुख्यालय से स्वीकृती मांगी हैं।क्योंकि इन जंगली कुत्तो को शिकारियों द्वारा दौड़ा दौड़ा कर मारने से तारबन्दी पार कर सरहद पार चले जाने की संभावना हैं।इतना बड़ा रिस्क परमिशन के बिना हम लेना नही चाहते।।
रोहिडि गांव के पूर्व सरपञ्च तेजमाल सिंह सोढा ने बताया की प्रतिदिन रात्रि को जंगली कुत्तो का झुण्ड देर रत को मवेशियों के बाड़ों पर हमला कर देते हैं।इससे परेशां होकर कुत्तो को मारने के लिए बाहर से आदमी बुलाये गए।बल के अधिकारी भी परेशां हैं।जब तक उन्हें परमिशन नही मिलती इन जंगली कुत्तों से राहत नह मिलेगी।बहार हाल ।।