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सोमवार, 16 दिसंबर 2019

जैसलमेर में मनाया विजय दिवस, शहीदों को श्रद्धासुमन किया अर्पित

जैसलमेर में मनाया विजय दिवस, शहीदों को श्रद्धासुमन किया अर्पित




जैसलमेर: भारत-पाक युद्ध 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में आज जैसलमेर मिलिट्री स्टेशन में स्थित वार म्यूजियम में विजय दिवस समारोह आयोजित किया गया। समारोह में देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए वीर सैनिकों की विरांगनाओं तथा शौर्य चक्र विजेताओं सहित युद्ध के साक्षी रहे वीर सैनिकों का सम्मान किया गया।


समारोह के दौरान जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग मेजर जनरल राकेश कपूर, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी भोजराजसिंह राठौड़ सहित सेना के कई अधिकारी व भूतपूर्व सैनिक उपस्थित रहे।


इस अवसर पर समारोह के अतिथियों ने शहीद विरांगनाओं व पूर्व गौरव सैनानियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मान किया गया, वहीं सेना मैण्डल प्राप्त करने वाले एवं युद्ध के दौरान अदम्य साहस दिखाने वाले गौरव सैनिकों का भी विजय दिवस समारोह में सम्मान किया गया।


इस अवसर पर भारतीय सेना की विभिन्न टुकड़ियों ने बैण्ड वादन कर देशभक्ति के गीतों की धुनों से माहौल को और अधिक देशभक्तिमय बना दिया।


मेजर जनरल राकेश कपूर ने थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत समेत सेना के उच्च अधिकारियों की ओर से वहां उपस्थित सभी मेहमानों को विजय दिवस की शुभकामनाएं देते हुए भारतीय सेना के गौरव के बारे में बताया, साथ ही कपूर ने समारोह में शामिल हुए एनसीसी कैडेट्स से मुलाकात कर उन्हें सेना में भर्ती होकर देश सेवा के लिए प्रेरित किया।

रविवार, 15 दिसंबर 2019

जैसलमेर ,विजय दिवस पर मैराथन आयोजित,लोंगोवाला स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि*

जैसलमेर  ,विजय दिवस पर मैराथन आयोजित,लोंगोवाला स्मारक पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि*

जैसलमेर  जैसलमेर सैन्य छावनी में भारतीय सेना की बैटल एक्स डिविजन द्वारा 14 से 16 दिसम्बर को 1971 के भारत – पाक युद्व में भारत की पाकिस्तान पर निर्णायक व ऐतिहासिक विजय तथा लौंगेवाला युद्ध की याद में विजय दिवस मनाया जा रहा है। गौरतलब है कि गत 2 व 4 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तान की इन्फेन्ट्री ब्रिगेड ने टी-59 टैंकों की एक रेजिमेंन्ट एवं एम-4 शेरेमन टैंकों की एक टुकड़ी के साथ राजस्थान सेक्टर में एक बड़े हमले की शुरुआत की थी।

उल्लेखनीय है कि दुश्मन का इरादा लौंगेवाला पर कब्जा करके रामगढ़ व जैसलमेर की तरफ प्रस्थान करने का था लेकिन मेजर कुलदीप सिंह चॉंदपुरी की कमान में भारतीय सेना की 23 पंजाब रेजिमेंन्ट की अल्फा कम्पनी ने लौंगेवाला में तैनात रहते हुए दुश्मन से संख्या में कई गुना कम होने के बावजूद पोस्ट पर तैनात रही और अंतिम जवान – अंतिम गोली तक दुश्मन का डटकर सामना किया। उसके बाद 5 दिसम्बर 1971 की सुबह वायुसेना के हन्टर लड़ाकू विमानों ने जैसलमेर एयरफोर्स से उड़ान भरकर विंग कमाण्डर एल. एस. बावा की अगुवाई में बमबारी कर पाकिस्तानी टैंकों को तहस नहस कर दिया । युद्ध के इतिहास में 23 पंजाब रेजिमेंन्ट और भारतीय वायु सेना की ऐसी बहादुरी का कोई और मुकाबला नहीं है।


इसी ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए जैसलमेर सैन्य छावनी व लोंगेवाला युद्ध स्थल पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें युद्ध स्मारक पर श्रद्वांजलि अर्पण समारोह, वीर नारियों का अभिनन्दन, मैराथन दौड़ सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं। इस अवसर पर बैटल एक्स डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडर मेजर जनरल राकेश कपूर (विशिष्ट सेवा मेडल) ने जैसलमेर के लोंगेवाला युद्ध स्थल पर 1971 के भारत – पाक युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान बड़ी संख्या में वरिष्ठ अनुभवी सेवानिवृत सैनिक, सेवारत सैनिक सहित आमजन ने लौंगेवाला युद्ध के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

रविवार, 16 दिसंबर 2018

विजय दिवस 93 हज़ार पाक सैनिकों का आत्मसमर्पण,बांग्लादेश का उदय

विजय दिवस 93 हज़ार पाक सैनिकों का आत्मसमर्पण,बांग्लादेश का उदय


साल 1971 के बाद से हर साल 16 दिसंबर को हिन्दुस्तान विजय दिवस मनाता है. बता दें कि आज ही के दिन साल 1971 में हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को शर्मनाक पराजय देकर विजय प्राप्त की थी. इसी कारण विजय दिवस 16 दिसम्बर को मनाया जाता है. भारतीय सेना का सीना गर्व से उस समय और भी चौड़ा हो गया था, जब युद्ध में भारत के सामने पाकिस्तान की पूरी सेना बेबस हो गई थी. युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने हिंदुस्तान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. 
ख़ास बात यह है कि साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्‍तान को करारी शिकस्‍त दी थी और इसक बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया. जिसे आज दुनिया बांग्लादेश के नाम से जानती है. बता दें कि इस युद्ध की शुरुआत 25 मार्च 1971 को शुरू हुई थी और इसका समापन 16 दिसंबर 1971 को हुआ था. बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम 1971 में हुआ था, इसे 'मुक्ति संग्राम' भी कहते हैं. इससे पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का ही हिस्सा था.
भारत के लिए पाकिस्तान पर यह विशाल जीत कई मायनों में ऐतिहासिक थी. आज भी उन जीत की यादों के साथ पूरा देश गर्व से रोमांचित हो उठता है. बता दें कि बांग्लादेश अपने उदय से पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था. जबकि आज के पाकिस्तान को पश्चिमी पाकिस्तान कहा जाता था. पाकिस्तान की सेना लगातार बांग्लाभाषियों पर अत्याचार करती थी और धीरे-धीरे इसने एक विकराल रुप धारण किया. इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान के लोग वर्तमान पाकिस्तान के खिलाफ सड़कों पर उतर गए. यहां आपस में खूब खूनी संहार हुआ. लाखों लोगों की जान गई और महिलों की इज्जत लूटी गई. इसके बाद भारत ने पड़ोसी होने के नाते अपना बड़ा दिल दिखाते हुए क्रांतिकारियों की मदद की. इसके बाद भारत और पाक में प्रत्यक्ष रूप से मुकाबला हुआ. जहां अंततः पाकिस्तान की हार, हिंदुस्तान की जीत और बांग्लादेश का उदय हुआ. 

बुधवार, 20 जुलाई 2016

बाड़मेर की रग रग में देशभक्ति की भावना जागृत ,ग्रुप फॉर पिपल का माँ तुझे सलाम विजय दिवस केंडल मार्च निकाला


बाड़मेर की रग रग में देशभक्ति की भावना जागृत ,ग्रुप फॉर पिपल का माँ तुझे सलाम विजय दिवस केंडल मार्च निकाला

बाड़मेर की रग रग में देशभक्ति की भावना जागृत









बाड़मेर भारतीय सेना की होसला अफ़ज़ाई और शहीदों को श्रद्धांजलि के लिए ग्रुप फॉर पीपुल्स ने मंगलवार शाम आठ बजे माँ तुझे सलाम विजय दिवस कार्यक्रम स्थानीय गांधी चौक में आयोजित किया , उलेखनीय हे पाकिस्तान बेशर्मी की हदे पार करते हुए मंगलवार को ही काल दिवस मना रहा हैं अगर पाकिस्तान 19 जुलाई को काला दिवस मनाएगा तो हम विजय दिवस मनाएंगे. इसके बाद हर रोज एक आतंकी मारा जाएगा और हम रोजाना विजय दिवस मनाएंगे. क्या पाकिस्तान इतने काला दिवस मनाने के लिए तैयार है?




ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया की कश्मीर घाटी में सेना से मुठभेड़ में ढेर हिजबुल कमांडर बुरहान वानी और उसके बाद विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद पाकिस्तान के इस रवैए का भारत में कड़े विरोध की कड़ी में सरहदी जिले बाड़मेर में माँ तुझे सलाम विजय दिवस के रूप में मना कर पाकिस्तान को चेतावनी दी गयी ,कार्यक्रम के शुरुआत में वरिष्ठ पत्रकार शंकर लाल गोली और शाही जामा मस्जिद के इमाम साब ने मशाल प्रजवलित कर सांप्रदायिक सद्भाव का सन्देश देने के साथ दुश्मन देश को ललकारा की माँ भारती की रक्षा के लिए भारतीय आज भी शीश कटाने को तत्पर हैं ,राष्ट्र प्रेम और देश भक्ति से ओतप्रोत युवाओं का जोश हिलोरे मार रहा था ,युवाओं ने अब तक भारतीय शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ भारतीय सेना के समर्थन में नारे लगा पाकिस्तान को खुली चुनौती दे डाली की सरहद का बच्चा देश की रक्षा में काम आने को तैयार हैं ,

ग्रुप सदस्यों के साथ बाड़मेर के वरिष्ठ नागरिकों ने केंडल मार्च गांधी चौक से अहिंसा सर्किल तक निकाल राष्ट्र प्रेम का सन्देश दिया व्ही भारतीय सेना को समर्थन दिया ,सेकड़ो लोग देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास करा रहे थे ,मशाल थामे महेंद्र सिंह तेजमालता और रमेश कड़वासरा अगुवाई कर रहे थे ,अहिंसा सर्किल पर देश प्रेमियों को सम्बोधित करते हुए सीमा प्रहरी वरिष्ठ पत्रकार शंकर लाल गोली ने कहा की कश्मीर में आंतक फैला कर अपने मंसूबो में पाकिस्तान कभी कामयाब नहीं होगा ,माँ भारती की रक्षा बच्चा बच्चा करने को तैयार हे ,पाक अपनी नापाक हरकतों से बाज़ आये नहीं तो नेस्तनाबुं कर देंगे। उन्होंने कहा की भारत के अंतिम छोर की सरहद का युवा सेना के समर्थन में सड़कों पर आ गया हैं यह पाकिस्तान के लिए चेतावनी हैं।

ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने कहा की पश्चिमी उठी युवाओं हुंकार पाकिस्तान तक पहुँच गयी हैं ,पाकिस्तान युवाओं को दिग्भ्रमित कर कुछ हासिल नहीं कर पाएगा ,युवाओं ने मशाल जला अपने इरादे जता दिए। इस अभियान में ग्रुप के वरिष्ठ सदस्य डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी ,शंकर लाल गोली ,संजय शर्मा , रणवीर सिंह भादू ,अमित बोहरा ,रमेश सिंह इंदा ,रमेश कड़वासरा ,मदन बारूपाल ,दर्जन सिंह गड़ीसर ,नरेश देव सारण ,ललित छाजेड़ ,हितेश मूंदड़ा ,स्वरुप सिंह भाटी ,महेंद्र सिंह तेजमालता ,अशोक राजपुरोहित ,जसवंत सिंह चौहान ,दिग्विजय सिंह चुली ,मनीष शर्मा , छोटू सिंह पंवार ,अबरार मोहम्मद ,शाहिद हुसैन ,जय माली ,मगाराम माली ,महेंद्र सिंह भाटी ,लूणकरण नाहटा ,चंद्रवीर सिंह रोहिली ,सहित किशोर शर्मा ,महेश पनपालिया ,ने भी अपनी भागीदारी निभाई ,केंडल मार्च भक्ति के गीतों ने वातावरण देश भक्तिमय बना दिया ,युवाओं ने भारत माता की जय ,भारतीय सेना जिंदाबाद ,वन्देमातरम के नारो से बाड़मेर की रग रग में देश भक्ति की भावना जागृत कर दी ,