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शनिवार, 22 दिसंबर 2012

मिनी पाकिस्तान के रूप में कुख्यात है,बाड़मेर का गागरिया गांव


मिनी पाकिस्तान के रूप में कुख्यात है,बाड़मेर का गागरिया  गांव

आईएसआई और पाकिस्‍तानी घुसपैठियों का अड्डा बना बाड़मेर का गागरिया  गांव






बाड़मेर : सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी गाँव गागरिया , जो मिनी पाकिस्तान के रूप में कुख्यात है, पर पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई की मेहरबरनी बनी हुई है, भारतीय ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियां गगरिया पर नज़रें गडाए हुए हैं. गगरिया की प्रत्‍येक हरकत पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है. सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि सरहद पर पकडे़ गए सभी संदिग्ध घुसपैठियों को अजमेर से रवाना कर बाड़मेर के गगरिया गाँव में उतरने का कहा गया. पिछले ,साल में पकडे़ गए पाकिस्तानी नागरिक नूर आलम शेख, बंग्‍लादेशी नागरिक को अजमेर से रवाना कर गगरिया गाँव में एक व्यक्ति का नाम बता कर उससे मिलने को कहा गया था. यह खुलासा पकडे़ गए घुसपैठियों ने सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ में किया था.

इसके बाद से बाड़मेर की पुलिस, सुरक्षा एजेंसियां गगरिया में उस व्यक्ति को तलाश रही हैं, जिसका नाम घुसपैठियों को बताया गया था. गगरिया गडरा रोड गाँव से सात किलोमीटर पहले आता है, जो मुख्य सड़क पर आबाद है. इस गाँव से से सटे सज्जन का पार, चांदे का पार, लकदियाली, कंटाल का पार, नवा टला जैसे सरहदी गाँव आते हैं, जिसके सामने पाकिस्तान का गोगासर गाँव है. गोगासर पाकिस्तान के कुख्यात तस्करों का मुख्य अड्डा है, इस गोगासर के तस्करों के सीधे संबंध गडरा तहसील के तस्करी के मुख्य केंद्र मापुरी, खालिफे की बावड़ी, बुथिया, गगरिया, सज्जन का पार, देतानी, तामलोर, हमिरानी के स्थानीय तस्करों से है.पाकिस्तानी तस्करों के माध्यम से आईएसआई ने गडरा क्षेत्र के तस्करों को पुनः सक्रिय कर दिया है. हाल ही में पकडे़ गए इनामी कुख्यात तस्कर कल्ला खान, नवाब खान इसी मपुरी गाँव से है. मापुरी गाँव के अंतरराष्‍ट्रीय कुख्यात तस्कर बाबला के गैंग से जुड़े तस्करों ने अपना नेटवर्क पुनः स्थापित कर दिया है. इस नेटवर्क में कई नए युवा भी जुड़े हैं. सुरक्षा एजेंसियां गगरिया गाँव की समस्त हरकतों पर नज़र रखे हें. गगार्य गाँव में तबलीग जमात का बहुत बड़ा नेटवर्क पिछले दस सालो में काम कर रहा है.

गगरिया तथा आसपास के गाँवों में इस वक्त लगभग 80 से अधिक मदरसे चल रहे है. गगरिया के साथ हमिरानी और तमालियर शुरू से एजेंसियों के लिए संदिग्ध रहे हैं, इन गाँवों के तस्कर कई बार माल के साथ पकडे़ गए हैं. चिंताजनक बात है कि इन गाँवों पर तबलीग जमात के लोगों की पूरी पकड़ है. गगरिया गाँव इसका मुख्य केंद्र है. इस गाँव में प्रतिदिन सुबह आठ बजे से ही संदिग्ध लोगों का जमावड़ा शुरू हो जाता है. सैकड़ों लोग किसी भी वक्त इस गाँव में मिल जायेंगे. इस क्षेत्र के मदरसे भी हमेशा संदिग्ध रहे हैं. एजेंसियों की हमेशा से इन मदरसों पर नज़रें रहती हैं. घुसपैठियों द्वारा बार-बार गगरिया आकर उतरने से एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं. एजेंसियां उन लोगों तक पहुंचने का प्रयास तेज़ी से कर रही है. गडरा थाना के अधिकारी लक्ष्मी नारायण केवलिया ने बताया कि गत माह दो बंगलादेशी तथा एक पाकिस्तानी नागरिक को गगरिया के आसपास से ही पकड़ा था. यह लोग गगरिया से आगे वाले बॉर्डर को पार कर पाकिस्तान जाने की फ़िराक में आये थे. बाकायदा इन घुसपैठियों को आईएसआई द्वारा गगरिया के किसी व्यक्ति के संपर्क नंबर तक दिए गए थे.

सुरक्षा एजेंसियां तथा पुलिस दल नियमित रूप से इस क्षेत्र पर निगाह रख रही हैं. आईएसआई द्वारा गगरिया के किन लोगों से संपर्क किया जाता है, कौन आईएसआई के संपर्क में है, इसका पता लगाया जा रहा है. बहरहाल आईएसआई ने पूर्व नियोजित तरीके से इस पूरे क्षेत्र में तबलीग जमात जैसे कट्टरपंथी लोगों को बड़ी तादाद में बसा दिया है. सुरक्षा एजेंसियों ने भी कभी इस क्षेत्र में बस रहे बाहरी लोगों का न तो विरोध किया न ही रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी. इन गाँवों के मूल निवासी लम्बे समय से विशेष कर युवा लोग पडोसी राज्य गुजरात में रहकर कम्बले बेचने का कार्य कर रहे हैं, इसके बावजूद गाँवों की जनसँख्या में कभी कमी दर्ज नहीं की गई. बाहरी लोगों के इस क्षेत्र में आकर बसने से बाड़मेर जिले की सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है.