जैसलमेर माता तनोट का मेला सम्पन्न
जैसलमेर भारत पाक सीमा पर स्थित 1200 साल पुराने विश्व विख्यात शक्तिपीठ मातेश्वरी तनोटराॅय मंदिर में हुए हवन में पूर्णाहूति के साथ ही नौ दिनों से चल रहा माता तनोट का मेला सम्पन्न हुआ। राम नवमी के अवसर पर तनोट माता मंदिर में हुए हवन में 135 वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी गजराजसिंह, डिप्टी कमाण्डेंट शेर सिंह मीणा सहित कई अधिकारियों, जवानो व श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तथा देष में शान्ति व खुशहाली की कामना की। हवन के पश्चात हुई आरती के दौरान समूचा मंदिर परिसर खचाखच भर गया। आरती के पष्चात् माता के दर्षनों हेतु लम्बी कतार लग गई। माता के भण्डारे में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया। दोपहर में हुई आरती में दूर दराज से आए भारी संख्या में श्रद्धालु शरीक हुए। घण्टियाली माता मंदिर व 17 किलोमीटर दूर स्थित तनोट माता मंदिर में हवन किया गया जिसमें श्रद्धालुओं ने आहुतियां दी तथा आरती में षरीक हुए। साथ ही सैंकड़ों पैदल यात्रीयों ने माता के दरवार में मत्था टेका। इन 9 दिनो के दौरान हजारो श्रृद्धालुओं ने तनोट माता पहुंच कर माता के दर्षन किये व सुख शान्ति की कामना की। इस दौरान 135 बी.एस.एफ के जवानो ने आने वाले श्रृद्धालुओं के लिए ना केवल भंडारे का आयोजन किया वरन उनके लिए हर सुख सुविधा मुहैया करवाई।
मातेष्वरी तनोटराॅय के मेले के अंतिम दिन तनोट में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। माता के जयकारों से गुंजायमान बातावरण के बीच दूर दराज से आए हजारों श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मत्था टेका। पूरे दिन मंदिर के बाहर तक भक्तों की लम्बी लाईन लगी रही। व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस कर्मीयों व जवानों को काफी मषक्कत करनी पड़ी। सांयकालीन आरती में बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।
इससे पूर्व मातेष्वरी तनोटराॅय मंदिर प्रांगण में दुर्गाष्टमी के अवसर पर रात्रि में भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया। भजन संध्या में जयपुर की प्रसिद्ध गायिका अनामिका के साथ स्थानिय कलाकार माधव प्राकष, सुमेरसिंह के साथ जैसलमेर के रमेष कुमार, पाली के विनायक, रामगढ़ के कृष्णा चैहान व सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थ्ति थे। इसके आयोजन में जोधपुर की आर्केस्ट्रा के साथ सीमा सुरक्षा बल व ग्रामीणों का सहयोग रहा। देर रात दो बजे तक चली भजन संध्या में स्थानिय गायक माधव प्रकाष व सुमेरसिंह जाम ने षिरडी वाले सांई बाबा भजन को संयुक्त रूप से प्रस्तुत किया। इसके अलावा तूने मुझे बुलाया षेरावालिए, रामजी की निकली सवारी, अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो, बम बम भोले सहित कई भजन प्रस्तुत किए गए।