गृहमंत्री का कहना है कि सरेंडर करने के लिए आनंदपाल के सामने हमने भी हाथ जोड़े थे।
आनंदपाल एनकाउंटर के बाद सरकार और उसके परिजन अब आमने—सामने हो चुके है।आनंदपाल की मां की ओर से उठाए सवालों के जबाव में राज्य के गृहमंत्री का कहना है कि सरेंडर करने के लिए आनंदपाल के सामने हमने भी हाथ जोड़े थे।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सोमवार को उदयपुर में मीडिया से कहा कि दो साल से फरार चल रहे आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए हमने कई बार कहा। हाथ भी जोड़े, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। एनकाउंटर से पहले भी पुलिस टीम ने उसे पूरा मौका दिया, लेकिन उसने फायर खोल दिया।
उन्होंने परिजनों से आनंदपाल का दाह संस्कार होने देने की अपील की। कटारिया ने कहा कि हिन्दू धर्म मरने के बाद शव को पवित्र मानने की परम्परा है और आनंदपाल के शव का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करवाना चाहते है। इसके लिए हमने परिजनों और समाज के लोगों से आग्रह किया है कि वे आनंदपाल का अंतिम संस्कार होने दे। अगर वो नहीं कर रहे है तो उस शव के साथ अन्याय कर रहे है।
आनंदपाल एनकाउंटर के बाद सरकार और उसके परिजन अब आमने—सामने हो चुके है।आनंदपाल की मां की ओर से उठाए सवालों के जबाव में राज्य के गृहमंत्री का कहना है कि सरेंडर करने के लिए आनंदपाल के सामने हमने भी हाथ जोड़े थे।
गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने सोमवार को उदयपुर में मीडिया से कहा कि दो साल से फरार चल रहे आनंदपाल को सरेंडर करने के लिए हमने कई बार कहा। हाथ भी जोड़े, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। एनकाउंटर से पहले भी पुलिस टीम ने उसे पूरा मौका दिया, लेकिन उसने फायर खोल दिया।
उन्होंने परिजनों से आनंदपाल का दाह संस्कार होने देने की अपील की। कटारिया ने कहा कि हिन्दू धर्म मरने के बाद शव को पवित्र मानने की परम्परा है और आनंदपाल के शव का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार करवाना चाहते है। इसके लिए हमने परिजनों और समाज के लोगों से आग्रह किया है कि वे आनंदपाल का अंतिम संस्कार होने दे। अगर वो नहीं कर रहे है तो उस शव के साथ अन्याय कर रहे है।