पति ने पहले पत्नी से मारपीट कर घर से निकाला, फिर वापस लाने के बाद कर दी हत्या
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने दहेज के लालच में अपनी पत्नी व मासूम पुत्र की हत्या करने के आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है। यह आदेश न्यायाधीश कैलाश चन्द्र जोशी ने प्रार्थी आरोपी जोगा राम की जमानत याचिका की सुनवाई में दिए।
मामले के अनुसार जालोर जिले के तहत झाब पुलिस थाना में शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने 9 दिसंबर 2010 को यह शिकायत दर्ज करवाई कि उसकी बहन नेनू देवी का विवाह करीब दो वर्ष पूर्व जोगा राम के साथ हुआ था, लेकिन उसने थोड़े दिन बाद ही नेनू देवी के साथ मारपीट शुरू कर दी। उसने 20 अक्टूबर 2010 को उसकी बहन को मारपीट कर घर से निकाल दिया।
लेकिन बाद में वह उसके घर आया और स्टॉम्प पर लिखकर समझौता करते हुए मेरी बहन को वापस ले गया। लेकिन 8 दिसंबर 2010 को मेरी बहन और उसका डेढ़ वर्षीय मासूम पुत्र की ससुराल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
राजकीय अधिवक्ता अनिल जोशी ने आरोपी की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि विवाह के 2 वर्ष बाद विवाहिता की ससुराल में हत्या होना साबित करता की यह दहेज हत्या का मामला है। आरोपी पत्नी को पैसों के लिए तंग करता था तथा अनुसंधान में ज्ञात हुआ कि उसकी सास भी अपनी पेंशन की रकम हर माह जंवाई को भेजती थी।