भीनमाल।वीर प्रभु का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
भीनमाल। स्थानीय महावीर स्वामी जैन मंदिर परिसर में पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन शुक्रवार को दोपहर में कल्पसूत्र का वांचन करते हुए वीर प्रभु का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ् मनाया गया। जैन साध्वी नयन प्रभा श्रीजी म.सा.,हेतगुणा श्रीजी म.सा. तथा भावित गुणा श्रीजी म.सा ने स्थानीय महावीर स्वामी जैन मंदिर परिसर में पर्युषण महापर्व के पांचवे दिन शुक्रवार को कल्पसूत्र का वांचन करते हुए जैसे ही कहा भगवान का जन्म हुआ। उस समय जैन समाज ने खुशियां मनाते हुए एक दूसरे को गुड़—धाणा तथा अजमा बांटकर प्रसन्नता जाहिर की। भगवान को पालना में विराजमान कर उन्हे झुला दिया गया। चारो ओर से पुष्प वर्षा हुई। जैन साध्वी ने कल्पसूत्र का वांचन करते हुए उस समय का
विस्तृत वर्णन बताया। 24 तीर्थंकरो के गर्भ काल का वर्णन करते हुए चौबीसवें तीर्थंकर के गर्भ काल नौ माह तथा साढे सात दिन पश्चात उनका जन्म हुआ। इससे पूर्व भगवान की माता को रात्रि में आये चौदह स्वप्नों का वर्णन कर उनका सामान्य फल भी बताया गया। चवदवें स्वप्न का दर्शन कराने एवं वीर प्रभु जन्मोत्सव के पश्चात उन्हे झुला झुलाने तथा गुड—धाणा बाटने के चढावे के लाभार्थी परिवार शाह माणकमल सांवतमल भण्डारी द्वारा लाभ लिया गया।
न्यासी माणकमल भण्डारी ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर में मंदिर परिसर में वीर प्रभु का जन्मोत्सव के अवसर पर दर्शन करने एवं झुला झुलाने हेतु श्रद्धालुओ का रेला उमड पड़ा। जन्मोत्सव के बाद वीर प्रभु के पालने को झुलाने हेतु भक्तो की होड लग गयी। इससे पुर्व चोदह स्वप्नो के लाभार्थी परिवार द्वारा उनके दर्शन भी कराये गये। इसके बाद में मंदिर प्रांगण से ही एक भव्य शोभा यात्रा निकाली गयी, जो लाभार्थीयो के घर तक जाकर पुन: मंदिर प्रांगण में आकर समाप्त हो गयी। इस अवसर पर कस्तुरचंद चौपडा, सोमतमल दोसी, किशोरमल मेहता, लब्धीराज भण्डारी, भंवरलाल बोहरा, प्रेमराज बोहरा, हिरालाल बाफना, हेमराज मेहता, श्रवण मोदी सहित सैकडो जैन समाज के गण—मान्य बन्धु उपस्थित थे।