सरहद पार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सरहद पार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शनिवार, 26 सितंबर 2015

सरहद पार से ख़ास रिपोर्ट।बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक। . भारतीय लड़के जितेंद्र को न्याय दिलाने के लिए आगे आया पाकिस्तानी वकील।।

सरहद पार से ख़ास रिपोर्ट।बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक।  . भारतीय लड़के जितेंद्र को न्याय दिलाने के लिए आगे आया पाकिस्तानी वकील।।

सरहद पार से

12 अगस्त 2013 को खोखरापार सरहद में पकड़ा गया भारतीय बालक जितेंद्र अर्जुनवार निवासी सिवनी मध्यप्रदेश बारघाट पुलिस थाना क्षेत्र पाकिस्तान में विदेशी अधिनियम के तहत अपनी सजा पूरी करने के बाद भी पिछले दो माह से किशोर जेल हैदराबाद में भुगत रहा हैं।।पाकिस्तान के उच्च न्यायलय के वकील मुहम्मद अली ने जितेंद्र के केश को जिला सत्र न्यायलय से अतिरिक्त सत्र न्यायलय उमरकोट में स्थानांतरित करवाने के बाद उसे रिहा कर परिजनों को सौंपने के लिए वाद दायर किया।।उन्होंने यूनाइटेड नेशन हायर कमिशनर से हस्तक्षेप की भी मांग की।।

अली द्वारा दायर वाद में कहा गया की जितेंद्र मानवीय भूल और मानसिक विक्षिप्त के चलते भारतीय सरहद पार पर पाकिस्तान की खोखरापार सरहद में तारबंदी पार कर पहुंच था।।इस दौरान उसे प्यास लगने के कारण पास की पाक सीमा चोकी पर रेंजर के पास पानी पीने पहुँच गया था।इसी दौरान उसे पकड़ लिया।दो महीने की पूछताछ के बाद उसे किशोर जेल हैदराबाद भेज दिया।।उससे एजेंसियों द्वारा संयुक्त पुछताछ भी की गयी।मेडिकलजांच में वह मानसिक रूप से विक्षिप्त पाया गया साथ ही सिकल्स एनीमिया का रोगी भी।।उसका उपचार भी रेंजर द्वारा कराया गया।चार बार उसे सेना द्वारा खून चढ़ाया गया।

उसके मस्तिष्क मे रक्त विकार हे।उसका अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के लिए भी चिकित्सको द्वारा लिखा गया हैं।।अली ने न्यायलय में जितेंद्र के भौतिक सुरक्षा उसकी मेडिकल जांच की निगरानी और पारदर्शी रूप से उसे अपने परिवार से मिलाने की गुहार की गयी हैं।।उन्होंने बताया की जितेंद्र बिदेशी अधिनियम के तहत निर्धारित सज़ा से दो माह अधिक जेल में हैं ।मानवीय पहलु की और गौर कर इस पीड़ित बालक को परिजनों को सौंपने का लिखा हैं।।न्यायलय ने अगली सुनवाई की तारिख मुक़र्रर की हैं।तब तक जितेंद्र किशोर बोर्ड जेल हैदराबाद में रहेगा।।

रविवार, 30 मार्च 2014

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?


जसवंत के पीर पगारो से बेहतर रिश्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे चुनावो में ?

बाड़मेर चुनाव तो भारत में हो रहे हैं लेकिन बॉर्डर के निकट एक लोकसभा क्षेत्र में पाकिस्तान से भी उम्मीद हैं। धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी का जसवंत सिंह के साथ गनिष्ठ सम्बन्ध रहे हें। जसवंत सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सर्वाधिक लोकप्रिय एक मात्र भारतीय नेता हें ,2004 के लोक सभा चुनावो में पीर पगारो ने जसवंत सिंह के बाड़मेर से भाजपा प्रत्यासी उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह को खलकर समर्थन दिया था जिसके चलते सरहदी मुस्लिमो ने मानवेन्द्र के पक्ष में खुलकर वोटिंग कर बड़ी जीत दिलाई थी। जसवंत सिंह ने साथ सालो से बंद भारत पाकिस्तान पश्चिमी राजस्थान मुनाबाव खोखरापार सड़कमार्ग खुलवा कर धार्मिक जत्थे के साथ माता हिंगलाज के दर्शन करने गए थे जहा जसवंत सिंह का जोरदार स्वागत सिंध वासियो द्वारा किया गया था ,जसवंत सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान पीर जोगोठ में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी से भी मुलाकात कि थी ,धर्मगुरु द्वारा जसवंत सिंह को दावते खास भी दी गयी थी। बाड़मेर जैसलमेर जिलो कि सरहद पर रह रह लाखों सिंधी मुस्लिम पीर पगारो के मुरीद हें ,वर्त्तमान समय में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी के पुत्र सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद पीर पगारो हें ,इनके जसवंत के साथ बेहतर तालुकात हें।

लोक सभा चुनावो में पीर पगारो का फ़तवा या चिट्ठी आने कि आहात के साथ चुनावी सरगर्मिया तेज हो गयी हें। चूँकि बाड़मेर से इस बार जसवंत सिंह खुद चुनाव लड़ रहे हेनन ,जसवंत सिंह के प्रति सिंधी मुसलमानो में गज़ब का उत्साह हें।

यह उम्मीद वहां बैठे एक धार्मिक नेता से है। उनके मुरीद बॉर्डर के दोनों तरफ हैं। माना जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र के धार्मिक नेता पीर पागारो के प्रति कुछ लोगों में भारी आस्था है।

ऎसे में उस तरफ से एक इशारे पर ही वोट दिए जाते हैं। हालांकि प्रकट तौर कोई इसे स्वीकार नहीं करता है लेकिन इन वोटों के लिए तगड़े प्रयास किए जाते हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा के बागी उम्मीदवार जसवंत सिंह की इन वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।

कौन है पीर पागारो

पीर पागरो एक धार्मिक पद है। ब्रिटिश काल में इनके नेतृत्व में हुर आंदोलन चला था। विभाजन के बाद इनके हजारों अनुयायी इधर रह गए। सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद मौजूदा पीर पागारो हैं। -
chandan singh bhati

सोमवार, 10 फ़रवरी 2014

जैसलमेर सरहद पार कर पाकिस्तान भागा अज्ञात व्यक्ति ,


जैसलमेर सरहद पार कर पाकिस्तान भागा अज्ञात व्यक्ति ,

जैसलमेर एक फ़िल्मी घटनाक्रम में जैसलमेर जिले कि पाकिस्तान से सटी बबलियां सीमा चौकी से एक अज्ञात व्यक्ति सीमा चौकी पार कर सरहद पार पाकिस्तान चला गया। जब तलाक सीमा सुरक्षा बल को भनक लगती काफी चुकी थी। जानकारी के अनुसार जैसलमेर जिले कि सबसे महत्वपूर्ण सीमा सुरक्षा चौकी बबलियां जहा सीमा सुरक्षा बल के जवान राउंड दा क्लॉक मुस्तैद रहते हें से एक अज्ञात युवक ने अंतराष्ट्रीय तारबंदी के नीचे मिटटी खोद निचे से निकल सरहद पार कर पाकिस्तान चला गया। सुरक्षा बल को भनक तक नहीं लगी जब लगी तब तलाक बहुत चुकी थी। खुर्रा चेकिंग के दौरान सरहद पर खाई खुदी देख सुरक्षा बल के जवानो को माजरा समझ में आया। जवानो ने उच्च अधिकारियो को घटना कि जानकारी दी। बल के अधिकारी मौके पात्र पहुँच घटना कि जानकारी जुटा रहे हें। आखिरकार कौन था संदिग्ध व्यक्ति जो पाकिस्तान भागा।


--

मंगलवार, 21 जून 2011

बारह सौ रुपये में करते हे दलाल पाक सीमा पार




















बारह सौ रुपये में करते हे दलाल पाक सीमा पार

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले में रविवार को गडरा सरहद पार पकडे गए पाकिस्तानी नागरिक नूर आलम शेख ने खुलासा किया हे की पाकिस्तान की सरहद पार करने के लिए पाक सरहद पार कई दलाल सक्रीय हे,उसे जफ़र नमक दलाल ने बारह सौ रूपये में अमृतसर फिरोजपुर के बीच से अवैध रूप से सर्घाद पार कर भारतीय सीमा में प्रवेश कराया .नूर आलम शेख को रविवार को ७८ बटालियन सीमा सुरक्षा बल के गस्ती दल ने मपुरी गगरिया फांटे से गिरफ्तार किया था.सीमा सुरक्षा बल ने नूर आलम से प्रारंभिक पूछताछ के बाद सोमवार शाम को गडरा पुलिस को सुपुर्द कर दिया .गडरा पुलिस थाना अधिकारी लक्ष्मी नारायण केवलिया ने बताया की नूर आलम पाकिस्तान के मलेर जिले के चास्मगोल गाँव का रहने वाला हे .वह मच्छली पकड़ने का कम करता हे .दो माह पूर्व वह पंजाब पाक सीमा से अवैध रूप से सरहद पार कर भारत में घूसा था.इस दरमियाँ उसके साथ फ़िरोज़ खान नमक व्यक्ति भी उसके साथ था.नूर आलम और फ़िरोज़ दो दिन अमृतसर रहने के बाद अजमेर ख्वाजा सब की दरगाह पार जियारत करने आ गए .लगभग एक माह अजमेर रहने के बाद फ़िरोज़ आलम को छोड़कर भाग गया .नूर आलम ने बाड़मेर पाकिस्तान की सरहद के बारे में अजमेर में लोगो से पता किया तथा नूर आलम १७ जून को अजमेर से बाड़मेर रेल से आया.१८ को रत भर बाड़मेर रेलवे स्टेशन पार रहा .१९ को सुबह बस के द्वारा एः गगरिया पंहुचा जन्हा दिन भर रहने के बाद दोपहर बाद वह गडरा के लिए पैदल रवाना हुआ..इशी बीच पुलिस तथा सीमा सुरक्षा बल को सूचना मिली की मपुरी फांटे के पास एक संदिग्ध व्यक्ति गडरा की तरफ जा रहा हे.सीमा सुरक्षा बल के गस्ती दल ने उसे दबोच लिया.प्रारम्भिक पूछताछ में उसने बताया की वह ख्वाजा सब की जियारत करने के लिए आया था.इसमें जफ़र ने उसकी १२०० सौ रुपये लेकर मदद की तथा सरहद पार कराइ.नूर आलम के पास मात्र साथ रुपये के नोट बरामद हुए हे.नूर आलम ने यह भी बताया की सरहद पार दलालों का गिरोह सक्रीय हे जो अवैध रूप से सीमा पार करा भारतीय सीमा में पाकिस्तानियों को सरहद पार कर घुसते हे.