बाड़मेर|घर से गायब हुए भाई-बहन के शव खेत में पेड़ से झूलते मिले
बाड़मेर| तीन दिन पहले घर से फरार हुए प्रेमी युगल के शव रविवार को सुनसान खेत में जाल के पेड़ से लटके हुए मिले। रविवार को अवकाश का दिन होने से स्कूली बच्चे खुंभी की तलाश में भटक रहे थे, तभी एक जाल के पेड़ से शव झूलते दिखाई दिए। इसके बाद बच्चों ने घर जाकर खेत में जाल के पेड़ पर झूलते शवों की सूचना दी। दोनों की पहचान बाड़मेर जिले के जैताणियों की ढाणी निवासी चचेरे-भाई बहन के रूप में की गई है। शव तीन दिन पुराने होने से पूरे शरीर से खून फूट चुका था। हाथ-पैर और पूरा शरीर फूल गया। शरीर पर खून फूटने से फाळे निकल आए। शव बदबू भी दे रहे थे। सदर थाना पुलिस ने मौके पर शवों को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द किए गए। दो दिन पहले ही सदर थाने में दोनों मृतकों के भाइयों ने गुमशुदगी की अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
सदर थानाधिकारी किशनलाल विश्नोई ने बताया कि 13 जुलाई को जेताणियों की ढाणी खुडासा निवासी चीमाराम व मूलाराम ने गुमशुदगी की दो अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। चीमाराम ने बताया कि उसकी बहन लीला पुत्री पुरखाराम भील 12 जुलाई को सुबह घर से गायब हुई है, जो नहीं लौटी। इसी तरह मूलाराम ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसका भाई मघाराम पुत्र भारूराम घर से कहीं गायब हो गया, जो नहीं लौटा है। पुलिस तलाश कर सुपुर्द करे। इसके दो दिन बाद नोखड़ा के अणखिया गांव में एक जाल के पेड़ से दोनों के शव देखे जाने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दोनों की पहचान लीला और मघाराम के रूप में की। परिजनों को मौके पर बुलाकर शवों को नीचे उतार नोखड़ा पीएचसी में रखवाया, जहां पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द किए गए।
खुंभी की तलाश में गए थे बच्चे
रविवार को छुट्टी का दिन था। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद सुबह के समय खुंभी चुगने के लिए स्कूली बच्चे खेत में भटक रहे थे, तभी एक जाल के पेड़ से दो लाशें झूलती दिखाई दीं। सुनसान इलाका और दो धोरों के बीच की जगह होने से बच्चे शव देख डर गए और घर भागकर सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो खून से सने हुए युवक-युवती के शव दिखाई थे।
50 घंटे पुराने हैं शव
18 वर्षीया लीला पुत्री पुरखाराम और 20 वर्षीय मघाराम पुत्र भारूराम भील दोनों रिश्ते में चचेरे भाई-बहन हैं। पिछले काफी समय से दोनों के बीच अफेयर चल रहा था। 12 जुलाई को घर से गायब होने के बाद दोनों नोखड़ा की तरफ निकल गए, जहां सुनसान खेत में जाकर जाल के पेड़ से फंदा लगाया और झूल गए। ऐसे में घटना 12 जुलाई की है और शव 14 जुलाई दोपहर बाद मिले। करीब 50 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने और गर्मी के कारण शरीर खून फूट गया। पूरे शरीर पर जगह-जगह फाळे निकल आए।
बाड़मेर में थम नहीं आत्महत्या
बाड़मेर जिले में पिछले एक-दो साल से लगातार बढ़ रही आत्महत्या की खबरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। हर माह कई परिवार आत्महत्या की वजह से बर्बाद हो जाते हैं। पिछले एक-दो माह में तो यह सिलसिला और भी तेजी से बढ़ा है। चौहटन, गिड़ा और बाड़मेर इलाके में ऐसी घटना हर दूसरे दिन हो रही है। बढ़ती आत्महत्याओं को रोकने के लिए BNTअपील करता है कि यह जिंदगी कीमती है, इसे यूं ही व्यर्थ न गंवाए। भास्कर आमजन और विभिन्न समाजों, पुलिस, जिला प्रशासन, एनजीओ, वकील और अन्य लोगों से भी अपील करता है कि आत्महत्या को रोकने के लिए समाजों में जागृति लाएं । प्रशासन भी आगे आए।