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रविवार, 30 सितंबर 2018

बाड़मेर राज्य विधानसभा चुनावी रणभेरी,राजनीतिक शख्शियत* *बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ,आम आदमी का विधायक*

राज्य विधानसभा चुनावी रणभेरी,राजनीतिक शख्शियत

बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ,आम आदमी का विधायक

बाड़मेर थार की राजनीति में बहुत से चेहरे चुनावी मौसम की तरह होते है।जो चुनाव के साथ गायब हो जाते।कुछ चेहरे लम्बी रेस के घोड़े भी साबित होते है।।अस्सी दे दशक में बाड़मेर दिग्गज राजनीतिग्यो की स्थली था।।बड़े नज़्म अब्दुल हादी,वृद्धि चंद जैन,हेमाराम चौधरी,गंगाराम चौधरी,भगवानदास डोशी, अमीन खान,मदन कौर ,चंपालाल बांठिया सरीखे नेताओ के बीच बालेबा गांव के सरपंच के रूप में मेवाराम जैन का उदय हुआ।।सरपंच के तौर पर अच्छे कार्यो के चलते जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया ।मेवाराम ने शहर का रुख कर कांग्रेस में प्रवेश किया।उस वक़्त के दिग्गज वृद्धि चंद जैन के सानिध्य में अपनी राजनीति पारी शुरू की।।आम परिवार से होने के साथ शहरी लोगो के साथ साथ धीरे धीरे पार्टी में अपनी पकड़ बढ़ाने लगे।।पहले उन्हें 1985 में शिव ब्लॉक का महामंत्री बनाया।।लगातार दस साल 1994 तक महामंत्री पड़ पर रहे।।सेकंडरी तक शिक्षित मेवाराम जैन ने अपने कुशल व्यवहार से पार्टी के साथ साथ सामाजिक संस्थाओं में भी अपनी पकड़ बना उनसे जुड़े।अकाल के वक़्त उनका गौ सेवा का कार्य निसंदेह बेहतर था। प्राणी मित्र संस्थान से जुड़ उन्होंने अकाल राहत के तहत बड़ी तादाद में पशु शिविरों का भी संचालन किया।।इनके माध्यम से उनकी पहचान का दायरा बढ़ गया।।1994 ने कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कोषाध्यक्ष का प्रभार दिया।।2005 तक पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे।।उसके बाद उन्हें पार्टी ने उपाध्यक्ष पद पर बिठाया।।इसी बीच उन्होंने नगर पालिका का चुनाव लड़ा।।बड़ी जीत के साथ नगर पालिका के अध्यक्ष बने।।1999 में अध्यक्ष बनने के बाद शहरी क्षेत्र में विकास के कई कार्य किये।कार्य और व्यवहार के कारण उनकी लोकप्रियता में खासी वृद्धि हुई।।बाड़मेर के विकास के साथ सौन्दर्यकरण ,सभा भवनों सहित असम आदमी के राहत के प्रयास लोगो के बीच लोकप्रिय हुए।।1981 से 1991 तक बालेबा के सरपंच रहे मेवाराम जैन को 2008 में कांग्रेस ने बाड़मेर विधानसभा से अपना प्रत्यासी बनाया।।इस चुनाव में उन्होंने मृदुरेखा चौधरी को बड़े अंतर से हरा कर विधानसभा में प्रवेश किया। पांच साल के कार्यकाल में कई कार्य जनहित के किये।।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीक मानें जाते रहे।।दूसरी बार 2013 मे कांग्रेस ने उन पर पुनः भरोसा जताया।।भाजपा प्रत्यासी डॉ प्रियंका चौधरी को कड़े मुकाबले में हराकर फिर बिधानसभा पहुंचे।।2013 में मारवाड़ में काँग्रेज़ को मात्र तीन सीट मिली थी।जिसमे एक बाड़मेर भी था।।।इस चुनाव में निर्दलीय मृदुरेखा चौधरी उनके लिए तारणहार बनी।।

*विधायक मेवाराम जैन के कार्यकाल की उपलब्धियां*

बाड़मेर में कच्ची बस्तियों सहित आम आदमी के पट्टे बनाने का कार्य आपके कार्यकाल की उपलब्धि रही ।।जैन ने अपने नगरपालिका अध्यक्ष रहते हुए हजारों पटे बनाये जिसके कारण आम शहरवासियों के दिलो में बस गए। जैन मोहन बाल निकेतन शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष भी रहे साथ ही लायंस क्लब बाड़मेर के पहले अध्यक्ष के रूप में कई सेवा कार्य किये।

बाड़मेर में हिमालय का मीठा पानी लाने का वादा किया था और वादे के मुताबिक बाड़मेर शहर में नहर का मीठा पानी लाये तथा बाड़मेर ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल योजनाओं को स्वीकृत करवाया। साथ ही बाड़मेर राजकीय अस्पताल में सिटी स्कीन मशीन,सीवरेज का कार्य,और बाड़मेर शहर में पहली बार दो ओवरब्रिज का निर्माण करवाकर बाड़मेर जो दो भागों में बंटा हुआ था उसमें आमजन को राहत देकर बड़ा कार्य किया।
मेडिकल के क्षेत्र में बाड़मेर जिला मुख्यालय पर मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति, इंजीनियरिंग कॉलेज की स्वीकृति,4 पीएचसी,एक सीएचसी तथा 52 सब सेंटर स्वीकृत करवाये ।इसके साथ साथ मॉडल विद्यालय,नए प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत भी करवाये तथा क्रमोन्नत भी करवाये।आदर्श स्टेडियम में पार्क का निर्माण,सर्किट हाउस सड़क का डबल लेन निर्माण इत्यादि कई महत्वपूर्ण कार्य करवाये।
एक महत्वपूर्ण बात कि विधायक जैन ने अपने 10 वर्षीय कार्यकाल में लगभग 1800 हैंडपम्प स्वीकृत करवाये है जो कि अपने आप मे एक रिकॉर्ड है।
विरधीचन्द केंद्रीय बस स्टैंड का निर्माण करवाया ।राजकीय हॉस्पिटल में 17 करोड़ की लागत से महिला एवम शिशु गृह यूनिट का भी निर्माण करवाया ।साथ ही अपने विधायक मद से करीबन 5 करोड़ रुपये ग्रामीण क्षेत्रो में विद्युतीकरण पर खर्च किये ।

जैन लगातार 10 वर्षो से पीसीसी सदस्य है।जैन विधानसभा में महत्वपूर्ण कमेटी प्राक्कलन समिति क तथा ख में भी सदस्य है।लगातार तीसरी बार बाड़मेर विधानसभा से उनकी दावेदारी है।।

राजनीति के वर्तमान के चाणक्य कहे जाते है मेवाराम जैन।।राजनीतिक गुण और कूटनीति उनकी खासियत है।।

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

थार की राजनीतिक शख्शियत।। मालाणी के सपूत जसवंत सिंह,देश विदेशों में धाक जमाई,

थार की राजनीतिक शख्शियत।।
मालाणी के सपूत जसवंत सिंह,देश विदेशों में धाक जमाई,




जन्म: 3 जनवरी 1938, जसोल, बाड़मेर, राजस्थान

कार्य-क्षेत्र: राजनेता

जसवंत सिंह एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता हैं। वे अपनी नम्रता और नैतिकता के लिए जाने जाते है। जसवंत सिंह उन गिने-चुने नेताओ में से हैं जिन्हें भारत के रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा जिसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया। जसवंत सिंह एक आदर्शवादी व्यक्ति के रूप में जाने जाते है। जब उन्हें विदेश नीति का कार्यभार सौपा गया था तब उन्होंने बड़ी कुशलता से भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को कम किया था। उनकी लेखनी में उनकी परिपक्वता और आदर्शो के प्रति उनका आदर साफ़ झलकता है। जसवंत सिंह को लोगो से घुलना मिलना पसंद है और वे अस्पताल, संग्रहालय और जल संरक्षण जैसी कई परियोजनाओ के ट्रस्टी भी है। 7 अगस्त 2014 को अपने निवास स्थान पर गिरने के कारण जसवंत सिंह कोमा में चले गए जिसके बाद उनका स्वास्थ्य ख़राब ही चल रहा है।

प्रारंभिक जीवन

जसवंत सिंह का जन्म  जनवरी 1938 को ठाकुर सरदार सिंह और श्रीमती कुंवर बिसवास के  घर राजस्थान के बाड़मेर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण मेयो कोलेज अजमेर और इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून से लिया। शिक्षण के अलावा जसवंत सिंह को संगीत सुनना, शतरंज और गोल्फ खेलना पसंद है। जसवंत सिंह एक सफल राजनितिग्य रहे हैं और इसके साथ-साथ उन्होंने पारिवारिक जीवन में भी सामंजस्य बनाये रखा। उनके परिवार में पत्नी शीतल कुमारी और दो बेटे हैं।

राजनैतिक जीवन

जसवंत सिंह ने अपना राजनैतिक जीवन खुद बनाया है। वे वाजपेयी सरकार (16 मई 1996 से 1 जून 1996) में वित्त मंत्री रहे। बाद में वे वाजपेयी सरकार में विदेशी मंत्री थे और एक बार फिर वित्त बने। तहलका खुलासे के बाद उन्हें एन.डी.ए सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया। सन 1998 में भारत द्वारा परमाणु परिक्षण किये जाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तो में जो दरार आई, उसे जसवंत सिंह ने अपने कौशल से भरने की कोशिश की। जसवंत सिंह के तत्कालीन अमेरिकन प्रतिरूप स्ट्रोब टैलबोट के मुताबिक वे एक बेहतरीन वार्ताकार और कूटनीतिज्ञ हैं। जसवंत सिंह बीजेपी के सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में से रहे हैं। वे छह बार सांसद रह चुके हैं। संसद में वे आकलन समिति, पर्यावरण- वन समिति और उर्जा समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जसवंत सिंह योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे। सन 1998 और 1999 में जसवंत सिंह को भारत का विदेशी मंत्री नियुक्त किया गया था। सन 2002 में पुनः उनकी नियुक्ति भारत के वित्त मंत्री के पद पर की गई। जसवंत सिंह ने कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और सुरक्षा एवं विकास के मुद्दों पर कई किताबें लिखी हैं।

जब वे विदेश मंत्री थे तब दो आतंकवादियों को कन्धहार, अफ़ग़ानिस्तान, सुरक्षित पहुँचाने के उनके फैसले की विविध राजनैतिक पक्ष द्वारा कड़ी आलोचना भी हुई थी। दो आतंकवादियो को इंडियन एयरलाइन्स के हवाई जहाज को अपहरण कर बंधक बनाये हुए यात्रिओं के बदले भारत सरकार द्वारा छोड़ दिया गया था। सन 2009 में जसवंत सिंह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग सीट से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था। अगस्त 2009 में पार्टी से निष्कासित होने के बाद 25 जून 2010 को जसवंत सिंह बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और लाल कृष्ण अडवाणी की उपस्थिति में फिर से बीजेपी में शामिल कर लिए गए।

हादसे के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे

अगस्त 2014 में दिल्ली स्थित अपने मकान में स्लिप हो गए।इस हादसे में वे कोमा में चले गए।।दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उनका उपचार चला।।नरेंद्र मोदी सहित देश बिदेश के कई हस्तियां उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे।।फिलवक्त दिल्ली में ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

पुरुस्कार और सम्मान

अपने कार्यकाल के दौरान अपरिमित योगदान के लिए, जसवंत सिंह को 2001 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार प्रदान किया गया था

टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)

1938: बाड़मेर, राजस्थान में जन्म

1960: भारतीय सेना में अधिकारी

1996: अटल बिहारी बाजपयी की अल्पकालीन सरकार में वित्त मंत्री रहे

1980: राज्य सभा में प्रवेश किया

1986: राज्यसभा में दूसरी बार चुने गए, लोक लेखा समिति, राज्यसभा सभ्य, विशेषाधिकार

सम्बन्धी समिति, राज्यसभा सदस्य,  लोक कार्य समिति, राज्यसभा

1987: परामर्शक समिति, पंजाब राज्य, के सदस्य

1989: विधायिका कानून, 1987

1990: 9वी लोक सभा में चुनाव जीते

1991:  अनुमान समिति के अध्यक्ष, 10वी लोक सभा में फिर चुनाव जीते (दुसरी अवधि),

पर्यावरण और वन समिति के अध्यक्ष

1992: सुरक्षितता और बैंकिंग लेन-देन में अनियमितता जांचने के लिए बनाई गई संयुक्त

संसदीय समिति के सभ्य बने

1993: उर्जा समिति के अध्यक्ष बने

1996: 11वी लोक सभा में चुनाव जीता (तीसरी अवधि), केन्द्रीय वित्त मंत्री बने

1998: योजना आयोग के उपाध्यक्ष चुने गए

1998: राज्यसभा में तीसरी बार चुने गए

1998: केन्द्रीय केबिनेट में विदेशी मामलो के मंत्री बने

1998: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स (समकालीन अधिकार)



1998: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, भूतल परिवहन (समकालीन अधिकार)

2004: राज्यसभा में चौथी बार चुने गए

2004: केन्द्रीय केबिनेट रक्षा मंत्री (समकालीन अधिकार)

2004: वित्त मंत्री और कंपनी अफेयर्स मंत्री, भारत सरकार

2004: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, वित्त मंत्रालय

2004: राज्यसभा में पांचवी बार चुने गए

2004: नेता विपक्ष, राज्यसभा

2004: विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण और वन्य समिति के सदस्य

2004: राष्ट्रीय नेताओ और सांसदों के छाया चित्र और स्मारक संसद भवन में प्रतिष्ठापन करने

हेतु बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य

2004: सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य

2004: चौथी बार लोक सभा चुनाव जीते. लोक लेखा समिति के अध्यक्ष,

लोक लेखा समिति के सदस्य बने

शनिवार, 28 सितंबर 2013

बाड़मेर शख्शियत हरदिल अज़ीज़ नरेन्द्र तनसुखानी

बाड़मेर शख्शियत हरदिल अज़ीज़ नरेन्द्र तनसुखानी


बाड़मेर बहुत कम लोग होते हें जो हर एक को अपने प्रभावित करते हो ,बाड़मेर में मिशल हें नरेन्द्र तनसुखानी ,सहज सरल स्वाभाव ,मिलनसार ,म्रदुभाशी ,और हंस मुख व्यक्तित्व हर एक के साथ घुलमिल जाते हें ,मेरे इनसे बहुत पुराने तालुकात हें बिलकुल घरेलु। मेरे बड़े भाई सामान हें ,बहुत आदर करता हूँ ,क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी के पद पर कार्यरत नरेन्द्र जी सेवा भावी हें और दोस्ती के बहुत बड़े कद्रदान ,इस समय दोस्ती तो सब करते हें मगर दोस्ती की क़द्र बहुत कम लोग कर पते हें। भुवनेश जैन के साथ उनकी दोस्ती देखते बनती हें।त्रकार साथियो के बीच नरेन्द्र जी बहुत लोकप्रिय हें। दोस्तों को चाय नास्ते  के बगैर जाने नहीं देते। उन्हें कोटि कोटि नमन। उनके उज्जवल भविष्य की शुभ कामनाए 

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शुक्रवार, 27 सितंबर 2013

थार की शख्शियत। देखिये तस्वीरो में.... जसवंत सिंह का जीवन परिचय ....

थार की शख्शियत। देखिये तस्वीरो में.... जसवंत सिंह का जीवन परिचय ....

मालानी के लाल ने
देश को गौरवान्वित किया 












थार की शख्शियत। देखिये तस्वीरो में.... जसवंत का जीवन परिचय ....मालानी के लाल ने देश को गौरवान्वित किया 

.बाड़मेर रेगिस्तानी इलाके बाड़मेर ने  बड़े और कद्दावर नेता देश और समाज की सेवा के लिए दिए हें। रामदान चौधरी और तन सिंह के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह अन्तराष्ट्रीय स्तर की राजनितिक हस्ती हें जिनका ताल्लिक बाड़मेर की मालानी धरा से हें। जसवंत सिंह को उपराष्ट्रपति पद पर उम्मीदवार घोषित करने के बाद जसवंत सिंह पुरे परिवार में खुशी की लहरथी   राष्ट्रपति पद की दाव्र्दारी तक पहुंचे जसवंत सिंह ने हालांकि सीधे तौर पर बाड़मेर से कभी चुनाव नहीं लड़ा। मगर बाड़मेर की राजनीती में  दखल रखते हें ,बाड़मेर ही नहीं राजस्थान के लोगो से असीम अपणायत इनकी खाशियत रही हें। देश के तीन बड़े पदों रक्षा ,वित् और विदेश विभाग के मंत्री रहने वाले जसवंत एक मात्र देश में नेता हें। 



जीवन परिचय -- 
जसवंत सिंह(जनवरी 3, 1938) [[दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र]] से सांसद हैं. वे राजस्थान के बाड़मेर के जसोल गांव के निवासी है और 1960 के दशक में वे भारतीय सेनामें अधिकारी थे. पंद्रह साल की उम्र में वे भारतीय सेना में शामिल हुए थे. वे जोधपुर के पूर्व महाराजा गज सिंह के करीबी माने जाते हैं. जसवंत सिंह मेयो कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवास्ला के छात्र रह चुके हैं. वे मई 16, 1996 से जून 1, 1996 के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्तमंत्री रह चुके हैं. दो साल बाद दिसंबर 5, 1998 से जुलाई 1, 2002 के दौरान वे वाजपेयी की सरकार में विदेशमंत्री बने. विदेशमंत्री के रूप में उन्होंने भारत-पाकिस्तान के कड़वे रिश्ते को सुधारने की कोशिश की. फिर साल 2002 में यशवंत सिन्हा की जगह वे एकबार फिर वित्तमंत्री बने और मई 2004 में वाजपेयी सरकार की हार तक वे वित्तमंत्री बने रहे. वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बाजार-हितकारी सुधारों को बढ़ावा दिया. भारतीय जनता पार्टी में रहते हुए वे स्वयं को उदारवादी नेता मानते थे. 2001 में उन्हें सर्वश्रेष्ट संसद का सम्मान मिला. अगस्त 19, 2009 को भारत विभाजन पर उनकी किताब जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडेपेंडेंस में नेहरू-पटेल की आलोचना और जिन्ना की प्रशंसा के लिए उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया.

करियरजसवंत सिंह भारतीय राजनीति के उन थोड़े से राजनीतिज्ञों में से हैं जिन्हें रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला. वे वाजपेयी सरकार में विदेशमंत्री बने, बाद में यशवंत सिन्हा की जगह उन्हें वित्तमंत्री बनाया गया.

मंगलवार, 30 अप्रैल 2013

बाड़मेर शख्शियत मदन बारुपाल ...हर दिल अज़ीज़

बाड़मेर शख्शियत मदन बारुपाल ...हर दिल अज़ीज़


लेखन की दुनिया में अपना नाम


बाड़मेर बाड़मेर जिले के युवा वर्ग में कई चहरे हें जिन्होंने अपने दम पर पहचान बने .इनमे मदन बारुपाल का नाम प्रमुखता से आता हें .मदन बारुपाल को लिखने का बड़ा शौक था जिसके चलते पढाई के दौरान छोटी बड़ी पत्र पत्रिकाओ में लिखते रहते थे ,ऊर्जा टाइम्स जैसी पत्रिका में उन्होंने प्रयावरण को लेकर खूब लिखा ,बाद में उहे प्रतिभा के बल पर दैनिक भास्कर में रिपोर्टर से ब्यूरो प्रमुख तक पहुंचे .सरहदी सुरक्षा को लेकर उन्होंने खूब लिखा .सुरक्षा और बॉर्डर उनका प्रिय विषय रहा हें ,बाड़मेर के पत्रकारों में इस विषय पर उनके मुकाबले कोई नहीं हें ,प्रयावरण के उनके प्रति समर्पण को सलाम करता हूँ ,उन्होंने प्रयावरण सरंक्षण के लिए कई सायकिल यात्राए अपने साथियो के साथ की ,जिनमे बाड़मेर से मुनाबाव तक प्रयावरण जागरूकता सायकिल यात्रा यादगार बन पडी थी ,बारुपाल की प्रतिभा से समाज के लोग भी समय समय पर लाभान्वित हुए ,अभी वो महन्रेग में आई ई सी के मनेजर पद पर कार्यरत हें ,जन्हा उन्होंने कई पुसते लिखी ,दोकुमेंत्रियो का निर्देशन किया ,उनका प्रस्तुतिकरण लाजवाब हें इसी की बदौलत बाड़मेर को नरेगा में राष्ट्रीय स्तर पर सामान मिला ,उन्हें अक्सर राष्ट्रीय स्तर के सेमिनारो में आमंत्रित किया जाता हें ,अपनी प्रतिभा कदम पर अपना अलज मुकाम बनाया वही अपने दोस्तों में बेहद लोक प्रिय भी हे ,हर जरूरतमंद की मदद करना उनकी फितरत में शामिल हें .मेरे अज़ीज़ मित्रो में शुमार मदन बारुपाल की प्रतिभा का मैं पूरा सम्मान करता हूँ ,आकाशवाणी और दूरदर्शन के लिए वे काम करते हें .रडवा गाँव के रहने वाले बारुपाल जिला प्रशासन से कई बार समानित हुए .उनके उज्जवल भविष्य की कामनाए

मंगलवार, 23 अप्रैल 2013

बाड़मेर शख्शियत ...इन्दर प्रकाश पुरोहित धार्मिक और सामाजिक कार्यो के प्रेरणापुंज

बाड़मेर शख्शियत ...इन्दर प्रकाश पुरोहित

धार्मिक और सामाजिक कार्यो के प्रेरणापुंज


बाड़मेर बाड़मेर में इन्दर प्रकाश पुरोहित को कौन नहीं जनता .बाड़मेर के पहले मिस्टर थार .सुन्दर काण्ड करवाना हो तो जेहन में सीधे इंदु भा का नाम आता हें ..राजस्थानी भाषा के लिए एक पल में हाज़िर होते हें .इन्दर प्रकाश बाड़मेर के युवाओं के लिए वाकई प्रेरणापुंज बने हुए हें ,दर्जन भर धार्मिक और सामाजिक संगठनो से जुड़कर इन्दर जी बाड़मेर के लोगो की सेवा कर रहे हें ,बजरंग सत्संग समिति के माध्यम से छह सौ से अधिक सुन्दर काण्ड पाठ कर चुके हें ,गोपाल गौ शाला के माध्यम से गौ सेवा में जुटे हें तो पतंजलि योगपीठ से जुड़कर समाज में योग ज्ञान की शिक्षा देते हें ,राजस्थानी भाषा समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश जी अपने पाँव की समस्या के बावजूद कही भी बुलाओ हाज़िर रहते हें ,सार्वजनित निर्माण विभाग में कार्यरत इन्दर प्रकाश ने फिल्म अल्बम में भी काम किया थुं कांई बोली ...में कम किया था .बाड़मेर के पर्यटन को नै पहचान दी वही थार महोत्सव के आयोजनों से सदा दिल से जुड़ कर बाड़मेर की सेवा की .इन्दर प्रकाश का प्रभावशाली व्यक्तित्व ,सहज ,सरल स्वाभाव और म्रदुभाशी होने के कारन हर एक को अपना बना लेते हें , पुरोहित मंझे हुए रंग और नाट्यकर्मी भी हें .मेरे बड़े भाई की तरह हें उनका स्नेह मुझे निरंतर मिल रहा हें ,वहीं उनका मार्गदर्शन भी राजस्थानी भाषा समिति को मिल रहा हें ,युवाओं के लिए एक आदर्श हें इन्दर प्रकाश पुरोहित .उनकी फेसबुक आई डी ....


मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

बाड़मेर शख्शियत ६ ....फोटोग्राफ़र ओम माली जिनके फोटो बोलते हें

बाड़मेर शख्शियत ६ ....फोटोग्राफ़र ओम माली जिनके फोटो बोलते हें


बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में प्रतिभाओ की कमी नै हें .हर क्षेत्र में प्रतिभाए निखर कर सामने आ रही हें ,आपको मिलता हूँ राजस्थान पत्रिका के फोटोग्राफर ओम माली से .फोटोग्राफी में इनकी जान बस्ती हें ,बाड़मेर जिले की लोक कला ,संस्कृति ,परंपरा ,पर्यटन स्थलों .धार्मिक स्थलों ,सहित विभिन कार्यक्रमों की फोटो जिस एंगल से ओम खेंचते हे वो इतना खूब सूरत बन पड़ता हे की बस देखते रहे .जसदेर धाम के जितने खूबसूरत फोटो उन्होंने लिए वही धाम की पहचान बन गई छोटी उम्र में उन्होंने राज्य स्तर पर नाम कमाया फोटोग्राफी में .उन्हें पत्रिका की तरफ से रेत का झरना फोटो पर विशेष पुरस्कार के साथ विशेष पदोनति और वेतन वरदी दी गई थी वाही श्रेश फोटोग्राफर का सम्मान कई बार मिला ,इस साल उन्हें प्रतिष्ठित मानक फोटो अवार्ड भी मिला ,बेहद सरल स्वाभाव ,और हंस मुख ओम माली ने बाड़मेर के लोगो के दिलो में अपनी खास पहचान बनाई हें .उनकी प्रतिभा का लोहा हर कोई मानता हें ,वो फोटोग्राफी क्षेत्र ने कुछ नया करना चाहते हें बस एक बड़े अवसर की तलास में हें ,भगवान् उन्हें कामयाबी दे ..आप भी सहयोग करे उन्हें अवसर दिलाने में ....
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मंगलवार, 9 अप्रैल 2013

शख्शियत ...भाग ५…श्री यज्ञ दत्त जोशी

शख्शियत ...भाग ५…श्री यज्ञ दत्त जोशी
समाननीय व्यक्तित्व ....समाज सेवा के अग्रणी
बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में कई व्यक्तित्व हें जो पिछले कई दशको से सेवा कर रहे हें इनमे नाम शुमार हें आदरणीय श्री यज्ञ दत्त जोशी जी का .राजनीती का क्षेत्र हो या समाज सेवा का या वकालत का हर क्षेत्र के माध्यम से गरीबो और मजलूमों की सेवा की .कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हें .सेवादल से लेकर विभिन संगठनो के साथ कांग्रेस के कई पदों पर कम कर सेवा कर रहे हें ,रेड क्रोस सोसायटी के माध्यम से वे पिछले तीस सालो से गरीबो की सहायता कर रहे हें ,मिलनसार र और म्रदु भाषी होने के साथ उनकी खाशियत हें की सच्ची बात मुंह पह कह देते हें बिना किसी लाग लपेट के .खरी खरी कहना इनकी फितरत हें ,मेरे गुरु हें ,आदरणीय हें .इनसे प्रेरणा लेते रहता हूँ ,कोई महत्व्कक्षा नहीं ,राजनीती में बहूत कम लोग होते हें जिनमे कोई महत्वकांक्षा न हो ,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सहपाठी रह चुके जोशी जी उनके चुनिन्दा मित्रो में से एक हें ,भगवान् उन्हें दीर्घायु दे ताकि बाड़मेर की जनता की सेवा करते रहे ,जन सेवा उनका लक्ष्य हें .बाड़मेर के समानित लोगो में जिन्होंने बाड़मेर की सेवा की हें ,साथ ही शिव मंदिर सब्जी मंडी में पूजा भी करते हें ,

शुक्रवार, 29 मार्च 2013

शख्शियत 4 ..मिलिए आज ...डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी एक आदर्श युवाओं के लिए

शख्शियत 4 ..मिलिए आज ...डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी एक आदर्श युवाओं के लिए

बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर ने समाज को प्रतिभारुपी कई रत्न दिए हें जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर समाज को नै सोच और दिशा दी .क्षेत्र चाहे कोई हो एक आदर्श स्थापित करना महत्वपूर्ण उपलब्धि होती हें .बाड़मेर की युवा पीढ़ी में आज डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी का नाम पूर्ण सम्मान और आदर के साथ लिया जाता हें .डॉ जोशी हाल में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हें ,आपने बाड़मेर को खेल जगत में नै दिशा दी ,वाही समाज के विभिन विकास की गतिविधियों में आज भी सक्रीय भागीदारी निभा रहे हें ,डॉ जोशी ने बाड़मेर जिले को शतरंज ,क्रिकेट ,जिम्नास्टिक ,बास्केट बल में नै उन्चैया दी .आज वो खेलो की राज्य स्तरीय कमेटियो में ,पदाधिकारी हें
आर सी ऐ के सक्रीय और पदाधिकारी हें ,उन्होंने बाड़मेर को खेल जगत से उस वक्त रूबरू कराया जब बाड़मेर में खेलो का प्रचलन ना के बराबर था .डॉ जोशी राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए चलाये जा रहे अभियान में सक्रीय रूप से जुड़े हें ,अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर उनके मार्गदर्शन में राजस्थानी को मान्यता के प्रयास कर रही हें ,सहज स्वभाव और सादगी उनकी विशेषता हें ,म्रदुभाशी डॉ जोशी ने अपनी अलग पहचान हर समाज में बना रखी .हर वर्ग के लोगो से उनके मधुर रिश्ते उनकी शख्शियत को खुद बयान करते हें ,मूलतः जैसलमेर के निवासी डॉ जोशी ने बाड़मेर को अपनी कर्मभूमि बनाई हें ,एक शिक्षक के टूर पर उन्होंने आदर्श स्थापित किये .बाड़मेर के विकास में ,खेल ,लोक कला ,संस्कृति ,के विकास के लिए उनके द्वारा किये प्रयासों को सलाम .