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रविवार, 9 अगस्त 2020

जैसलमेर ,गाज़ी फ़क़ीर की चौखट पर पहुंचे सुरजेवाला ,राजनीती और रणनीति का नया केंद्र बना भागू का गांव

जैसलमेर ,गाज़ी फ़क़ीर की चौखट पर पहुंचे सुरजेवाला ,राजनीती और रणनीति का नया केंद्र बना भागू का गांव

जैसलमेर विधानसभा सत्र की तारीखे नजदीक आते आते जैसलमेर भाजपा कांग्रेस की राजनीती का अखाड़ा बन गया,कांग्रेस ने गत दस दिनों से विधायकों और मंत्रियों के साथ सूर्यागढ़ और गोरबंद होटलों में डेरा डाल रखा हैं ,इन दस दिनों में कांग्रेस के दर्जनों राष्ट्रिय नेता जैसलमेर में डेरा जमाये बैठे हैं ,खुद मुख्यमंत्री पिछले पांच दिनों से तीसरी बार आने का कार्यक्रम बना रहे मगर आने में सफल नहीं हो रहे ,कांग्रेस की आलाकमान श्रीमती सोनिया गाँधी के पैगाम लेकर राष्ट्रिय नेता पहुंच रहे हे बिना मुखिया के रणनीति पर विचार विमर्श कर रहे ,कांग्रेस के राष्ट्रिय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला भी जैसलमेर में डटें हे,रविवार सुबह सुरजेवाला सरहद के सुल्तान मुस्लिम धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर की चौखट भागू का गांव पहुँच गए ,सुरजेवाला ने गाज़ी फ़क़ीर से आशीर्वाद लिया,गाज़ी फ़क़ीर के केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद और पूर्व जिला प्रमुख अब्दुलाह फ़क़ीर के साथ उनकी कई राजनितिक बातें हुई ,सुरजेवाला का गाज़ी फ़क़ीर के घर जाना सियासी गलियारें में चर्चा का विषय बन गया ,सुरजेवाला और गाज़ी फ़क़ीर के बीच क्या बात हुई यह तो सामने नहीं आया मगर श्रीमती सोनिआ गाँधी का पैगाम उन तक पहुंच गया,बाड़ेबंदी में चल रही अशोक गहलोत सरकार को बचाने की जुगत में गाज़ी फ़क़ीर क्या करिश्मा करेंगे यह वक़्त के गर्भ में हे मगर सुरजेवाला का उनके घर पहुंचना उनकी ताकतवर राजनितिक शक्शियत  को जरूर बयानं करता हैं ,करीब एक घंटे तक गाज़ी फ़क़ीर और उनके पुत्रों के साथ सुरजेवाला की गुफ्तगू चली ,उसके बाद भोजका गांव भी गए जंहा उनके कृषि फार्म पर लगी खजूर की फसल को देखा ,







शनिवार, 1 अगस्त 2020

जैसलमेर घरो में रह कर अकीदत से ईद मनाई ,गाज़ी फ़क़ीर ने दुआएं बक्शी

 जैसलमेर  घरो में रह कर अकीदत से ईद मनाई ,गाज़ी फ़क़ीर ने दुआएं बक्शी



जैसलमेर कोरोना संक्रमण के चलते ईद का पर्व जिले भर में सादगी पूर्वक मनाया गया।  केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद ने इस बार ईद विधायकों के साथ होटल सूर्यगढ़ में ही मनाई ,होटल में ही ईद की नमाज अदा की ,धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर ने अपने गांव भागू का गांव में ईद के पर्व में आने वाले शुभ चिंतको को भी दिल पर हाथ रख कर मुबारकबाद दी ,इस बार मंत्री के गांव में सोसल डिस्टेंसिंग का खास असर देखा गया , आगंतुक निश्चित दुरी  के साथ फ़क़ीर  परिवार को ईद मुबारक दे रहे थे तो फ़क़ीर उन्हें दुआएं नवाज रहे थे ,शहरी क्षेत्र में भी मस्जिदे वीरान रही ,मुस्लिम भाइयो ने घरो में ही ईद की नमाज अदा की

इस दौरान मुस्लिम भाइयों ने ईद के मौके पर अपने घरों में  नमाज़ अदा कर मुल्क की खुशहाली, अमनों अमान, कोरोना के खात्मे की दुआएं की गई। इस दौरान मस्जिदें व ईदगाह बंद रही। मुस्लिम भाइयों ने इस बार गले मिलकर नहीं, बल्कि दिल पर हाथ रख कर सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए ईद की मुबारकबाद पेश की। वहीं दरगाह शरीफ मे मुस्लिम भाइयों ने दुनिया से रुखसत हुए वालदेन की मगफिरत की  दुआएं मांगी। इस दौरान मुस्लिम भाई पूर्ण इस्लामी लिबास में, मुंह पर मास्क लगाए सोशल दूरी का पालन करते नजर आए।  जैसलमेर से सभापति ,  उप सभापति खीम सिंह राठोड ,गोविन्द भार्गव कई लोगो ने भाग का गांव में पहुँच गाज़ी फ़क़ीर को ईद की शुभकामनाएं दी ,गौतलब हे गाज़ी फ़क़ीर पश्चिमी सरहद के सिंधी मुस्लिमो के धर्म गुरु हे ,ईद के दिन हज़ारो की तादाद में ग्रामीण अंचलो से लोग गाज़ी फ़क़ीर को ईद का नजराना पेश करने पहुँचते हैं मगर इस बार कोरोना संक्रमण  के चलते ग्रामीणों को घरो में ही रहने की अपील गाज़ी फ़क़ीर और शाले मोहम्मद ने की थी , फ़क़ीर परिवार में पूर्व जिला प्रमुख अब्दुल्ला फ़क़ीर ,पूर्व प्रधान अमरदीन फ़क़ीर ,युथ कांग्रेस अध्यक्ष पिराणा खान ,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमिन खान ने लॉक डाउन की पलना करते हुए सादगी से ईद मनाई ,

 फोटो id gazifakir ,id bhagukaganv .,id bhagukaganv1
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गुरुवार, 16 जुलाई 2020

जैसलमेर ,सरहद के सुल्तान पहुंचे होटल फेयर माउंट ,गहलोत को दिया आशीर्वाद

जैसलमेर ,सरहद के सुल्तान पहुंचे होटल फेयर माउंट ,गहलोत को दिया आशीर्वाद 


जैसलमेर पश्चिमी सीमावर्ती जैसलमेर जिले में सरहद के सुल्तान के नाम से विख्यात सिंधी मुस्लिम धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर गुरुवार को अचानक होटल फेयर माउंट पहुंचे ,और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात कर उन्हें आशीर्वाद दिया,गाज़ी फ़क़ीर ने गहलोत से कहा की मजे से पांच साल सरकार चला कोई रोकने वाला नहीं ,सरहद के सुल्तान के रूप में विख्यात धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर के लाखो अनुयाईये हैं ,गाज़ी फ़क़ीर पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के पीर जो गोठ दरगाह के पीर हैं ,पीर पगारो के नाम से मशहूर पीर सबतुलाह  पीर हैं ,गाज़ी फ़क़ीर पश्चिमी राजस्थान में इनके अनुयाई हैं इन्हे फ़क़ीर की पदवी दे राखी हैं ,सीमावर्ती क्षेत्रो में रह रहे लाखो सिंधी मुस्लिम इनके मुरीद हैं ,इनके फतवे के बिना राजनितिक और सामाजिक कार्यो में पत्ता नहीं हिलता,राज्य सरकार में केबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद के पिता हैं ,इनके आशीर्वाद और दुआओं में बड़ी ताकत मानी जाती हे ,वर्तमान में वृद्ध और भारी  कारण चलने फिरने में दिक्क्त होने के बावजूद गहलोत को आशीर्वाद  छोटे पुत्र प्रधान अमरदीन फ़क़ीर के साथ जयपुर पहुंचे ,होटल  माउंटेन में लगभग  मंत्रियों और विधायकों ने इनका आशीर्वाद लिया ,

बुधवार, 27 नवंबर 2019

जैसलमेर गाज़ी फ़क़ीर गुट ने परचम लहराया निर्दलीय कल्ला बने सभापति*

 जैसलमेर गाज़ी फ़क़ीर गुट ने परचम लहराया निर्दलीय कल्ला बने सभापति*


*जैसलमेर नगर परिषद जेसलमेर के सभापति के लिए हुए चुनावो में सरहद के सुल्तान के रूप पहचान रखने वाले मुस्लिम धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर गुट के प्रत्यासी हरि वल्लभ कल्ला ने भाजपा कांग्रेस को पटखनी देकर सभापति निर्वाचित हुए।।नगर परिषद चुनाव में विधायक रूपाराम धनदे गुट द्वारा पूर्व सभापति अशोक तंवर  सहित मौजिज लोगो की टिकट काटने से उपजे विवाद ने कांग्रेस का माहौल खराब कर दिया।।चुनावो में गाज़ी फकीर गुट के अधिकांश पार्षद जीत के आये।।इधर पर्याप्त पार्षद न होने के बावजूद विधायक ने सर्व सम्मति को दरकिनार कर कमलेश छंगाणी को उम्मीदवार बनाया जिसका कांग्रेसियों ने विरोध दर्ज करा पूर्व विधायक गोवर्धन कल्ला के भतीजे हरिवल्लभ कल्ला को निर्दलीय मैदान में उतार दिया।।सोची समझी रणनीति को फ़क़ीर परिवार ने धरातल पर उतार हरिवल्लभ कल्ला को जीत दिला दी।।कल्ला को 19 कांग्रेस प्रत्यासी कमलेश छंगाणी को 12 भाजपा के विक्रम सिंह को 13 मत मिले।एक मत खारिज हो गया।।सभापति के चुनाव में विधायक और फकीर परिवार आमने सामने थे।।जजेसलमेर कि राजनीति में वर्चस्व रखने वाले फ़क़ीर परिवार की सशक्त टीम ने सभापति पद की जंग जीत कर विधायक गुट को पटखनी दे दी।।फकीर परिवार से प्रधान अमरदीन फकीर,पूर्व सभापति अशोक तंवर ने कल्ला की कमान संभाल रखी थी।।भाजपा और कांग्रेस के प्रत्यसियो की लाख बाड़ेबंदी के बावजूद फकीर गुट सेंधमारी में कामयाब रहे।।सभापति निर्वाचित होने के बाद हरि वल्लभ कल्ला सीधे केबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद के घर सरहद के सुल्तान गाज़ी फकीर से आशीर्वाद लेने पहुंचे।।कल्ला के सभापति बनने का जश्न शहर वासियो ने जमकर मनाया।।शहर भर में कल्ला का भव्य अभिनन्दन किया गया।।कल्ला ने जीत के तुरंत बाद कांग्रेस जॉइन कर ली।।

रविवार, 1 सितंबर 2019

जैसलमेर केबिनेट मंत्री साले मोहम्मद का बढ़ता प्रभाव,विरोधियों की नींद उड़ी*

जैसलमेर केबिनेट मंत्री साले मोहम्मद का बढ़ता प्रभाव,विरोधियों की नींद उड़ी*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक के लिए खास खबर चन्दन सिंह भाटी*

*जैसलमेर पश्चिमी राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर में 66 साल की राजनीति में पहली बार केबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल कर   अपना खास मुकाम बनाने वाले सरहद के सुल्तान मुस्लिम धर्म गुरु गाज़ी फ़क़ीर के बड़े बेटे साले मोहम्मद ने गाज़ी फकीर की सल्तनत को काफी हद तक न केवल संभाल दिया बल्कि अपनी छवि को भी दमदार बनाया।।देखा जाए तो मंत्री मंडल में शामिल होने के बाद से ही साले मोहम्मद ने अपनी छवि को सर्व समुदाय आधारित बनाने में कोई कसर नही छोड़ी। चाहे शिव मंदिर में महाभिषेक हो या देवी मंदिर में पूजा अर्चना या बाबा रामदेव मन्दिर की पूजा।।साले मोहम्मद आज साम्प्रदायिक सद्भाव के प्रतीक बन गए।।राजस्थान के तमाम जिलो में उनके कार्यक्रमो की बढ़ती मांग उनके बढ़ते कद की और इशारा करती है।।साले मोहम्मद मंत्री बनने के बाद अपने क्षेत्र के लोगो के बीच न केवल सर्वाधिक समय दिया बल्कि जन समस्याओं के निराकरण में भी उन्होंने सकारात्मक कदम उठाए।जन नेता बनने के उनके प्रयास सफल होते दिख रहे है।।अपने लोगो के बीच सर्वाधिक समय निकालना उनकी छवि और कद को राजनीति रूप से काफी मजबूत कर गए।।पिछला चुनाव भाजपा ने उनके खिलाफ धर्म की आड़ में लड़ा मगर सफल नही हुए।साले मोहम्मद ने विरोधियों से साम्प्रदायिक मुद्दा पूरी तरह से छीन लिया।सबसे सकारात्मक पहलू साले मोहम्मद के लिए की उनके व्यवहार और कार्य शैली से युवा प्रभावित है।।अच्छी खासी संख्या में हर जाति धर्म ,समाज के लोग उनके साथ व्यक्तिगत जुड़ रहे। आम आदमी से उनका जुड़ाव उनके लिए राहत की बात है। जजेसलमेर के विकास के लिए उन्होंने जो धरातल पर कार्य किया है उसके परिणाम आने वाले दिनों में दिखेंगे।।अलबत्ता एक मंत्री के रूप में उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय के लिए भी खास योजनाए बनाई है।शिक्षा और रोजगार के साथ उनकी खेलो के विकास को लेकर बनाई योजनाओं के सकारात्मक परिणाम देखने को मिलने की उम्मीद है।।अब तक जो छवि कट्टरता की विरिधियो द्वारा बनाई गई थी उस चक्रव्यू को साले मोहम्मद तोड़ चुके है।सबसे बड़ी बात की उनकी कार्य शैली और व्यवहार प्रसाशनिक अद्धिकारियो को भी भा रहा है। साले मोहम्मद राजस्थान के अल्पसंख्यक समुदाय का प्रतिनिधित्व सरकार में कर रहे है।।निसंदेह उनकी कार्य शैली बेहद सहज और सरल है। उनके पास काम के लिए गया कोई व्यक्ति निराश नही होता ।बिना किसी भेदभाव और पार्टी पॉलिटिक्स के हर व्यक्ति को राहत प्रदान करने का प्रयास करते है।।

शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018

देखे फोटो *थार की राजनीति शख्शियत गाज़ी फकीर* *सरहद की राजनीति का आज भी सुल्तान है गाज़ी फकीर


देखे फोटो *थार की राजनीति शख्शियत गाज़ी फकीर*

*सरहद की राजनीति का आज भी सुल्तान है गाज़ी फकीर*

*चार लाख से अधिक मुस्लिम मतों पर सीधी पकड़,*







*बाड़मेर न्यूज ट्रैक*


सरहदी जिलों बाड़मेर, जैसलमेर के सिन्धी मुस्लिमों के धर्मगुरु के रूप में ख्याति प्राप्त अस्सी वर्षीय गाजी फ़क़ीर सरहदी जिलों की राजनीति के सुल्तान हैं। पूरे सरहदी क्षेत्र की राजनीति उनके रहमो करम पर चलती है, खासकर कांग्रेस की राजनीति में गाजी फ़क़ीर परिवार के बिना कोई। एक तरह से कांग्रेस का रहनुमा हें गाजी फ़क़ीर। जैसलमेर से बीस किलोमीटर दूर भागु का गाँव गाजी फ़क़ीर की राजधानी है। उनके रहबरों ने उन्हें गाजी की पदवी दे राखी हें। सिन्धी मुसलमान उनके आदेश के बगैर कदम नहीं भरते।

जब जब गाज़ी फकीर कांग्रेस से नाराज हुए कांग्रेस को मात खानी पड़ी।।चुनाव में टिकट वितरण भी फकीर की मर्जी से चलता था।उनकी मर्जी के खिलाफ किसी को टिकट दे दिया तो उसे हारना पड़ा।।

*राजनीति में फकीर की पकड़*

गाजी फ़क़ीर सरहदी क्षेत्र की राजनीति में सक्रिय हैं। उनका एक पुत्र पोकरण से पूर्व विधायक है तो दूसरा जैसलमेर पूर्व जिला प्रमुख राह चुके है। उनका भाई फतेह मोहम्मद भी जिला प्रमुख रहे है।।उनके परिवार से आधा दर्जन लोग जिला परिषद् और पंचायत समितियों के सदस्य भी हैं।अमरदीन फकीर फिल वक़्त जेसलमेर पंचायत समिति के प्रधान है।।तो साले मोहम्मद को इस बार चुनाव कैम्पियन का संयोजक बनाया गया है। सरहदी इलाके के इन दो जिलों में कांग्रेस की राजनीति गाजी फकीर से शुरू होकर उन्हीं के परिवार पर खत्म हो जाती है।

*गाज़ी फ़क़ीर चार  जिलों में प्रभावी ,सिंध के पीर पगारो के अनुयाई हे*

धर्मगुरु गाज़ी फ़क़ीर अल्पसंख्यक मुस्लिम वर्ग के धर्मगुरु हे ,पाकिस्तान के पीर पागारो सबगतुल्लाह और उनके वालिद से उनके बेहतरीन , गाज़ी फ़क़ीर अपना फ़तवा किसी उम्मीदवार के पक्ष में तब तक नहीं देते जब तक पीर जो गाथ के पगारो की सहमति नहीं आती ,चुनावो में पीर पगारो की समर्थन चिट्ठी हमेशा चर्चा में रही हे ,सरहदी इलाको में उनकी राजनितिक और सामाजिक क्षेत्र में तूती बोलती हे ,सामाजिक पर्वो के समय हर छोटा बड़ा नेता किसी भी दल का हो उनकी चौखट चूमने जरूर पहुंचता हैं,गाज़ी फकीर क्षेत्र की सियासत की डोर अपने हाथ में रखे हे,कांग्रेस में उनकी मर्जी के बिना पत्ता नहीं हिलता ,जब जब कांग्रेस उनकी मर्जी के खिलाफ गयी तब तब कांग्रेस को रुखसत होना पड़ा ,१९६२ के चुनावो से फ़क़ीर की कांग्रेस में दखल शुरू हुई जो आज तक चल रही ,कांग्रेस हुकुम सिंह और स्वतंत्र पार्टी से भोपाल सिंह के बीच मुकाबल में हुकुम सिंह को जितने में भूमिका निभाई तो अगले चुनावो में कांग्रेस को मजबूती प्रदान करते रहे क्षेत्र में राजपूत मुस्लिम मेघवाल का गठबंधन बन गया ,1985 में गाज़ी फ़क़ीर ने अपने भाई फ़तेह मोहम्मद के लिए टिकट मांगी कांग्रेस ने टिकट भोपाल सिंह भाटी को दी तो गाज़ी फ़क़ीर ने बगावत कर मेघवाल समाज के मुल्तानाराम को मैदान में उतार दिया मुस्लिम मेघवाल गठबंधन गाज़ी फ़क़ीर की रहनुमाई में जीत गया ,यही से फ़क़ीर परिवार का वर्चस्व जैसलमेर की राजनीती में बढ़ने लगा ,अगले मध्यावधि चुनावो 1993 में कांग्रेस ने राजपरिवार के जीतेन्द्र सिंह को टिकट दिया तो गाज़ी फकीर ने विद्रोह कर छोटे फ़क़ीर फ़तेह मोहम्मद को निर्दलीय चुनाव में उतार  दिया क्षेत्र में पहली बार हिन्दू मुस्लिम के नारे लगे कमज़ोर स्थति में आये कांग्रेस के जीतेन्द्र सिंह ने भाजपा के गुलाब सिंह को समर्थन दे दिया जिसके  भाजपा मजबूत हो गई ,गाज़ी फकीर के भाई फ़तेह मोहम्मद को त्यालीस हज़ार वोट मिले ,गाज़ी फ़क़ीर ने अपनी मुस्लिम मतदाताओं पर पकड़ एक बार फिर साबित की ,अगले चुनावो में भाजपा ने जीतेन्द्र सिंह को मैदान में उतर दिया कांग्रेस ने गोवर्धन कल्ला को टिकट दिया फ़क़ीर ने कल्ला के साथ रहकर जीता कर जीतेन्द्र सिंह को बुरीतरह से हरा दिया,गोरधन कल्ला विधायक बने। फतेह मोहम्मद लगातार जिला प्रमुख रहे ,फ़तेह मोहम्मद के बाद साले मोहम्मद और अब्दुलाह फ़क़ीर जिला प्रमुख रहे ,छोटे पंचायत और जिला परिषद चुनावो में फ़क़ीर परिवार आज भी प्रभावी हे ,बहार हल गाज़ी फ़क़ीर आज भी बाड़मेर जैसलमेर पोकरण ,और बीकानेर फलोदी तक प्रभावी हैं,इसलिये इन्हे सरहद का सुल्तान कहा जाता हैं ,

गाजी फकीर का राजनीतिक रसूख कितना अधिक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर चुनाव से पहले इलाके के उनके समर्पित अनुयाई उनके फतवे का इंतजार करते हैं। गाजी फकीर का दावा है कि उन्हें सरहद पार से संदेश आता है जिसके बाद ही वे फतवा जारी करते हैं। उनके समर्थक गाजी के फतवे के अनुरूप ही किसी पार्टी के पक्ष में एकमुश्त मत डालते हें। गाजी फकीर की यही राजनीतिक ताकत उनके दुश्मन भी पैदा कर चुकी है।

गत विधानसभा चुनावों से पूर्व में एक गुट ने गाजी फकीर की ताकत को खत्म करने की कोशिश शुरू की है, और समझा जा रहा है कि गाजी फकीर की बंद पड़ी हिस्ट्रीशीट खोलना भी उसी कोशिश का हिस्सा है। नहीं तो इलाके में रहनेवाले लोग जानते हैं कि नेता ही नहीं अधिकारी भी गाजी के दर पर सलाम बजाने पहुंचते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि सरहदी इलाके के पांच लाख सिन्धी मुसलमानों के मन पर गाजी की सल्तनत चलती है।

पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने यह आरोप लगाते हुए उनकी हिस्ट्रीशीट खोली की गाजी फ़क़ीर राष्ट्रविरोधी गतिविधिओं में शामिल रहे हें .उनके पाकिस्तान के तस्करों के साथ तालुकात रहे हें . उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश उच्च अधिकारियो द्वारा ही दिए गए थे . बावजूद इसके गाज़ी फकीर के खिलाफ कोई सबूत नही मिले।।जो मुकदमे फकीर के खिलाफ थे उनमें एफ आर लगी तो कईयों में आरोप मुक्त भी हुए।।

*।।गाजी फ़क़ीर धर्मगुरु  हें ।।*

 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर श्रीमती सोनिया गाँधी तक उनके रसूखात हें .कांग्रेस के साथ साथ उनकी चौखट पर भाजपा के नेता भी जाते रहे हें .तत्कालीन पंकज चौधरी  ने गाजी फ़क़ीर की आज़ादी के बाद सरहद पर निर्विवाद चली आरही सल्तनत को चुनौती दे डाली .जिसके बाद से पंकज चौधरी प्रशासनिक अमले में कहां है कहने की जरूरत नही।।

*धर्म गुरु गाजी फ़क़ीर के राजनितिक रसूख किसी राष्ट्राध्यक्ष से कम नहीं हें*.