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रविवार, 6 नवंबर 2016

बाड़मेर से जकात के लिए विदेश जाने वालों का डाटा नही है सुरक्षा एजेंसियों के पास।।



बाड़मेर से जकात के लिए विदेश जाने वालों का डाटा नही है सुरक्षा एजेंसियों के पास।।



बाड़मेर भारत पाक सरहद पर बसे बाड़मेर जिले के सीमावर्ती गाँवो में करीब सवा दो सो मदरसे संचालित हो रहे हैं। इन मदरसों का रिकार्ड न तो जिला प्रशासन के पास हे न ही सुरक्षा एजेंसियों के पास।इन मदरसों का संचालन जकात से होता हैं।यानी डोनेशन से।यह डोनेशन कहाँ से कैसे आता हैं। गत दिनों दिल्ली में पकडे गए पाक एजेंट बाड़मेर जिले से संबद्ध रखता हैं।।बाड़मेर में सेकड़ो की तादाद में मौलवी निवास कर रहे हैं। जिनका रिकार्ड व्यक्तिगत एजेंसियों के पास नही हैं जिनके मूलनिवास का सत्यापन करने के साथ इनकी गतिविधियों पे नजर रखना भी जरुरी हैं।जब मामला देश की सुरक्षा का हो तो एजेंसियों को कोई समझौता नही करना चाहिए ।।इन मदरसों के संचालन के लिए दर्जनों मदरसा संचालक रमज़ान महीने से पहले विदेश दौरे पे जाते हैं। जिसका कारन होता है कि रमजान माह में जकात (दान) खुलेदिल से दिया जाता हैं। बाड़मेर से प्रतिवर्ष मदरसा संचालक विदेश जाते हैं। जिसका कोई अधिकृत ब्यूरा प्रशासन के पास नही हैं।जिनको मिलने वाले डोनेशन की जानकारी नही हैं।।बाड़मेर की सरहद पर मुस्लिम संस्कृति में आये क्रन्तिकारी बदलाव और कट्टरता के पीछे सोची समझी साजिश होने से इंकार नही किया जा सकता। मदरसा संचालको को भी इस वक़्त राष्ट्रहित में पुलिस और सुरक्षा एजेंसितो को सहयोग कर जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए ।ताकि सरहदी क्षेत्रो के मदरसों पर उंग्लिया न उठे।।




विदेश दौरे के अलावा बाड़मेर जैसलमेर के कई मौलवी देश भर में होने वाली जमातों में शामिल होते हैं।।पोकरण और चुरू जिसका मुख्य केंद्र हैं।।जमात में जाने वालो का भी ब्यूरा प्रशासन और सरकारी एजेंसियों के पास होना चाहिए।।कई मदरसे सरहदी गाँवो में ऐसे हे जिनमे नामांकन नाममात्र होने के बावजूद संचालित हो रहे।एक ही गांव में तीन चार मदरसे संचालन का औचित्य भी नही।।खैर बात विदेशी सहायता प्राप्त करने वाले मदरसों की हैं।।इन मदरसों की गतिविधियों की जानकारी जिला प्रशासन को होनी चाहिए।।

बुधवार, 26 दिसंबर 2012

मुस्लिम बालिकाओं को तालिम से जोड़ने की अनूठी पहल

मुस्लिम बालिकाओं को तालिम से जोड़ने की अनूठी पहल


बाड़मेर/ बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर में शिक्षा से वंचित मुस्लिम बालिकाओं को दुनियावी तालिम से जोड़ने के लिए बाड़मेर जिले में मदरसा गुलशन ए खदीज तूल कूबरा ने अनूठी पहल की है। मुस्लिम समाज के सहयोग से चलाए जा रहे इस मदरसे में प्रदेश के बाड़मेर समेत चार जिलों की 90 बालिकाओं को शिक्षित किया जा रहा है।राजस्थान प्रदेश में यह बालिकाओं का दूसरा आवासीय मदरसा है जहां पर इनको नि:शुल्क अध्ययन कराया जा रहा है। राज्य सरकार से मान्ययता प्राप्त इस मदरसे में अरबी,उर्दू के साथ हिन्दी,फारसी एवं अंग्रेजी का अध्ययन कराया जा रहा है। 


बाड़मेर जिला शिक्षा के लिहाज से बेहद पिछड़ा है। विशेषकर मुस्लिम समुदाय के अधिकतर बच्चे शिक्षा से जुड़ नहीं पाए है। हालांकि कुछ इलाकों में मदरसों में इनको पढाया जा रहा है, लेकिन यह महज धार्मिक शिक्षा तक सिमट कर रह जाता है। ऐसे में बालिकाओं को दुनियावी शिक्षा की कल्पना करना भी बेहद मुश्किल है। बावजूद इसके मुस्लिम समाज के जागरूक लोगों ने इसकी पहल करते हुए बाड़मेर जिला मुख्यालय तिलक नगर में इसके लिए मदरसे की स्थापना की है। इस मदरसे में बाड़मेर जिले के अलावा जोधपुर,जैसलमेर,नागौर,पाली,जालोर जिले की बालिकाओं को शिक्षित करने की पहल की है।


बाड़मेर के इस मदरसे में मुस्लिम धर्म की इन बालिकाओं में शिक्षा के प्रति उत्साह देखते ही बन रहा है। इन बालिकाओं के लिए नि:शुल्क भोजन एवं आवास के साथ पुस्तकों तथा यूनीफार्म की व्यवस्था की गई है। मदरसे के मौलवी मीर मोहम्मद अकबरी के अनुसार जल्दी ही कंप्यूटर शिक्षा प्रारंभ करने की योजना है। उन्होंने बताया की अल्पसंख्यक बालिकाओ के लिए शिक्षा की व्यव्श्था नहीं थी ऐसे में समाज के लोगो से विचार विमर्श कर जन सहयोग से बालिका मदरसा स्थापित करने का निर्णय लेकर इसे साकार किया .मुस्लिम बालिकाओ को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा .उन्होंने बताया की राजस्थान का यह दूसरा बालिका मदरसा हें ,