जैसलमेर विश्व पर्यटन दिवस पर देशी रंग बिखेरे विदेशी सैलानियों ने
जैसलमेर शहरी क्षेत्र की तंग गलियों में सैकडों देशी-विदेशी पावणो का शहरवासियों ने पलक-पावड़े बिछाकर स्वागत किया, तो यहां की अनूठी स्वागत परम्परा, साम्प्रदायकि सौहार्द और बहुरंगी संस्कृति देखकर विदेशी भी अभिभूत हो गए और उनके मुंह से अनायास ही निकल पड़ा, 'वाओ! इट्स ग्रेट'। ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला रविवार को ऐतिहासिक सोनार किले की प्राचीर और हवेलियों से शुरू विश्व पर्यटन दिवस के जश्न के दौरान।
शुक्रवार को सुबह 8 बजे से ही हवेलियों के आसपास देशी-विदेशी पर्यटक एकत्रित होने लगे। हवेलियों की सूक्ष्म नक्काशी देखकर वे खुद को रोक नहीं पाए और अपने कैमरों में इन दृश्यों को कैद करने की हौड़ सी देखने को मिली। कमायचा,खड़ताल और नड़ वादक के कलाकारों ने जब स्वरलहरियां बिखेरनी शुरू की तो देशी-विदेशी पर्यटकों ने जमकर ठुमके लगाए। नगाड़ों और चंग की थाप पर थिरकते लोगों का कारवां आगे बढ़ा। पर्यटन विभाग, और स्थानीय लोगो ने विश्व पर्यटन दिवस पर आये पर्यटकों का शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
अंदरूनी शहर के बच्चों ने विदेशी मेहमानों को देखकर 'हैलो, हाउ आर यू' से अभिवादन किया तो विदेशी पर्यटकों ने 'नमस्कार', 'पगेलागूं सा' और 'खम्मा घणी सा' कह जवाब दिया। सजे-संवेरे ऊंटों और ढोल की थाप के बीच मोहता चौक पहुंचे पर्यटकों ने यहां की पाटा संस्कृति के बारे में जानकारी दी तोकुछ मांगणियार लोक कलाकारों ने रावणहत्थे की लय के साथ 'केसरिया बालम' गीत सुनाई।
पर्यटन दिवस पर आये देशी विदेशी सैलानी स्थानीय पारम्परिक राजस्थानी वेशभूषा में नजर आए तथा नगाड़ों की थाप पर अनेक स्थानों पर ठुमके लगाए।
जैसलमेर शहरी क्षेत्र की तंग गलियों में सैकडों देशी-विदेशी पावणो का शहरवासियों ने पलक-पावड़े बिछाकर स्वागत किया, तो यहां की अनूठी स्वागत परम्परा, साम्प्रदायकि सौहार्द और बहुरंगी संस्कृति देखकर विदेशी भी अभिभूत हो गए और उनके मुंह से अनायास ही निकल पड़ा, 'वाओ! इट्स ग्रेट'। ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला रविवार को ऐतिहासिक सोनार किले की प्राचीर और हवेलियों से शुरू विश्व पर्यटन दिवस के जश्न के दौरान।
शुक्रवार को सुबह 8 बजे से ही हवेलियों के आसपास देशी-विदेशी पर्यटक एकत्रित होने लगे। हवेलियों की सूक्ष्म नक्काशी देखकर वे खुद को रोक नहीं पाए और अपने कैमरों में इन दृश्यों को कैद करने की हौड़ सी देखने को मिली। कमायचा,खड़ताल और नड़ वादक के कलाकारों ने जब स्वरलहरियां बिखेरनी शुरू की तो देशी-विदेशी पर्यटकों ने जमकर ठुमके लगाए। नगाड़ों और चंग की थाप पर थिरकते लोगों का कारवां आगे बढ़ा। पर्यटन विभाग, और स्थानीय लोगो ने विश्व पर्यटन दिवस पर आये पर्यटकों का शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।
अंदरूनी शहर के बच्चों ने विदेशी मेहमानों को देखकर 'हैलो, हाउ आर यू' से अभिवादन किया तो विदेशी पर्यटकों ने 'नमस्कार', 'पगेलागूं सा' और 'खम्मा घणी सा' कह जवाब दिया। सजे-संवेरे ऊंटों और ढोल की थाप के बीच मोहता चौक पहुंचे पर्यटकों ने यहां की पाटा संस्कृति के बारे में जानकारी दी तोकुछ मांगणियार लोक कलाकारों ने रावणहत्थे की लय के साथ 'केसरिया बालम' गीत सुनाई।
पर्यटन दिवस पर आये देशी विदेशी सैलानी स्थानीय पारम्परिक राजस्थानी वेशभूषा में नजर आए तथा नगाड़ों की थाप पर अनेक स्थानों पर ठुमके लगाए।