*गडरारोड शहीद मेला 9 सितंबर विशेष*
*शहीदों की चिताओं पे लगेंगे हर वर्ष मेले,यही उनका आखरी निशाँ होगा*
*बाड़मेर 1965 के रेलवे के युद्ध वीर शहीदों के नाम रिकार्ड में 53 बाद भी सम्मानजनक नाम दर्ज नहीं*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक खास खबर*
बाड़मेर भारत पाकिस्तान के मध्य 1965 और 1971 में हुए युद्ध के दौरान शहीद हुए 17 रेलवे कार्मिक शहीदों के नाम रिकॉर्ड में 53 साल बाद भी सम्मानजनक नाम दर्ज नही।।शहीदों के नाम रिकॉर्ड में अब भी अपमानजनक रूप से दर्ज है।शहीदों के नामो को सम्मानजनक करने को लेकर ग्रुप फ़ॉर पीपल ने दो साल पहले मुहिम चलाई थी मगर कोई नतीजा नही निकल।।एक बार फिर ग्रुप फ़ॉर पीपल शहीदों के नामो के संसोधन कर सम्मानजनक नाम दर्ज करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखेगा तथा स्थानीय प्रतिनिधि सांसद मंत्री कैलाश चौधरी को भी ज्ञापन सौंपेगा।
ग्रुप द्वारा देश के प्रधानमंत्री को इस बारे में अवगत कराने के साथ मुद्दा उच्च स्तर पर उठाया जाएगा।
ग्रुप फ़ॉर पीपल अध्यक्ष आज़ाद सिंह राठौड़ ने बतायाकि देश की रक्षार्थ अपने प्राण न्योछावर करने वाले बाड़मेर जिले के शहीदों के नाम रिकॉर्ड में अपमानजनक रूप से दर्ज हैं।उन्होंने बताया कि देश की रक्षा करते हुए शहीदों को भी अगर हम सम्मान नही दे सकते तो यह दुर्भाग्यपूर्ण ह्योग।उन्होंने बताया कि बाड़मेर जिले में भारत पाक युद्ध के दौरान बम बारी और रेल पटरियां ठीक करते शहीद हुए 17 शहीदों के नाम रिकॉर्ड में सम्मानजनक रूप से दर्ज नही हैं।
: युद्ध मे पाकिस्तानी बमबारी से शहीद हुए शहीदों के नाम निम्न प्रकार अपमानजनक रूप से दर्ज है।इनमे शहीद माला पुत्र रूपा, भंवरिया पुत्र जोरा, मघा पुत्र उम्मेदा,हुकमा पुत्र जगमाल,चीमा पुत्र प्रह्लाद,करना पुत्र गुल्ला,रावत पुत्र हिमता, लाला पुत्र अनदा ,जेहा पुत्र खंगार इन नामो का दुरुस्तीकरण कर सम्मानजनक रूप से दर्ज करने तथा शहीद चुन्नीलाल,माधो सिंह,चिमन सिंह के पिता का नाम साथ दर्ज नही है।उन्होंने बताया कि शहीद के प्रति आमजन की आस्था और श्रद्धा जुड़ी हैं।लम्बे समय से शहीदों के परिजन शहीदों के नामो के दुरुस्तीकरण की मांग कर रहे हैं। शहीदों का अपमान सहन नही होगा।
*बाडमेर मुख्यालय पर शहीदों की याद में स्मृति वन*
ग्रुप द्वारा रेलवे के 17 शहीदों की यादों को सहेजने के लिए जिला मुख्यालय पर स्मृति वन और एक चौराहे के नाम इन शहीदों की याद में रखने की मांग करेगा।।
*शहीद दर्जा और आश्रितों को सुविधाए उपलब्ध कराने की मांग*
सरकारी रिकॉर्ड में रेलवे के इन 17 युद्ध वीरों को शहीद का दर्जा प्राप्त नही है।नही इनके आश्रितों को कोई सरकारी सुविधाए मिली।।इन युद्धवीरों को शहीद का दर्जा देने और आश्रितों को शहीद परिवारों को मिलने वाली समस्त सुविधाए उपलब्ध कराने की मांग भी रखी जायेगी।
ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि जल्द प्रधानमंत्री,रक्षा मंत्री,ग्रह मंत्री सहित मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराया जाएगा।ग्रुप सदस्य शहीदों के नामो के दुरुस्तीकरण को लेकर प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सुपुर्द करेगा।
*शहीदों की चिताओं पे लगेंगे हर वर्ष मेले,यही उनका आखरी निशाँ होगा*
*बाड़मेर 1965 के रेलवे के युद्ध वीर शहीदों के नाम रिकार्ड में 53 बाद भी सम्मानजनक नाम दर्ज नहीं*
*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक खास खबर*
बाड़मेर भारत पाकिस्तान के मध्य 1965 और 1971 में हुए युद्ध के दौरान शहीद हुए 17 रेलवे कार्मिक शहीदों के नाम रिकॉर्ड में 53 साल बाद भी सम्मानजनक नाम दर्ज नही।।शहीदों के नाम रिकॉर्ड में अब भी अपमानजनक रूप से दर्ज है।शहीदों के नामो को सम्मानजनक करने को लेकर ग्रुप फ़ॉर पीपल ने दो साल पहले मुहिम चलाई थी मगर कोई नतीजा नही निकल।।एक बार फिर ग्रुप फ़ॉर पीपल शहीदों के नामो के संसोधन कर सम्मानजनक नाम दर्ज करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखेगा तथा स्थानीय प्रतिनिधि सांसद मंत्री कैलाश चौधरी को भी ज्ञापन सौंपेगा।
ग्रुप द्वारा देश के प्रधानमंत्री को इस बारे में अवगत कराने के साथ मुद्दा उच्च स्तर पर उठाया जाएगा।
ग्रुप फ़ॉर पीपल अध्यक्ष आज़ाद सिंह राठौड़ ने बतायाकि देश की रक्षार्थ अपने प्राण न्योछावर करने वाले बाड़मेर जिले के शहीदों के नाम रिकॉर्ड में अपमानजनक रूप से दर्ज हैं।उन्होंने बताया कि देश की रक्षा करते हुए शहीदों को भी अगर हम सम्मान नही दे सकते तो यह दुर्भाग्यपूर्ण ह्योग।उन्होंने बताया कि बाड़मेर जिले में भारत पाक युद्ध के दौरान बम बारी और रेल पटरियां ठीक करते शहीद हुए 17 शहीदों के नाम रिकॉर्ड में सम्मानजनक रूप से दर्ज नही हैं।
: युद्ध मे पाकिस्तानी बमबारी से शहीद हुए शहीदों के नाम निम्न प्रकार अपमानजनक रूप से दर्ज है।इनमे शहीद माला पुत्र रूपा, भंवरिया पुत्र जोरा, मघा पुत्र उम्मेदा,हुकमा पुत्र जगमाल,चीमा पुत्र प्रह्लाद,करना पुत्र गुल्ला,रावत पुत्र हिमता, लाला पुत्र अनदा ,जेहा पुत्र खंगार इन नामो का दुरुस्तीकरण कर सम्मानजनक रूप से दर्ज करने तथा शहीद चुन्नीलाल,माधो सिंह,चिमन सिंह के पिता का नाम साथ दर्ज नही है।उन्होंने बताया कि शहीद के प्रति आमजन की आस्था और श्रद्धा जुड़ी हैं।लम्बे समय से शहीदों के परिजन शहीदों के नामो के दुरुस्तीकरण की मांग कर रहे हैं। शहीदों का अपमान सहन नही होगा।
*बाडमेर मुख्यालय पर शहीदों की याद में स्मृति वन*
ग्रुप द्वारा रेलवे के 17 शहीदों की यादों को सहेजने के लिए जिला मुख्यालय पर स्मृति वन और एक चौराहे के नाम इन शहीदों की याद में रखने की मांग करेगा।।
*शहीद दर्जा और आश्रितों को सुविधाए उपलब्ध कराने की मांग*
सरकारी रिकॉर्ड में रेलवे के इन 17 युद्ध वीरों को शहीद का दर्जा प्राप्त नही है।नही इनके आश्रितों को कोई सरकारी सुविधाए मिली।।इन युद्धवीरों को शहीद का दर्जा देने और आश्रितों को शहीद परिवारों को मिलने वाली समस्त सुविधाए उपलब्ध कराने की मांग भी रखी जायेगी।
ग्रुप संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया कि जल्द प्रधानमंत्री,रक्षा मंत्री,ग्रह मंत्री सहित मुख्यमंत्री को इस बारे में अवगत कराया जाएगा।ग्रुप सदस्य शहीदों के नामो के दुरुस्तीकरण को लेकर प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सुपुर्द करेगा।