राजनैयिक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
राजनैयिक लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 18 सितंबर 2018

थार की राजनीतिक शख्शियत।। मालाणी के सपूत जसवंत सिंह,देश विदेशों में धाक जमाई,

थार की राजनीतिक शख्शियत।।
मालाणी के सपूत जसवंत सिंह,देश विदेशों में धाक जमाई,




जन्म: 3 जनवरी 1938, जसोल, बाड़मेर, राजस्थान

कार्य-क्षेत्र: राजनेता

जसवंत सिंह एक वरिष्ठ भारतीय राजनेता हैं। वे अपनी नम्रता और नैतिकता के लिए जाने जाते है। जसवंत सिंह उन गिने-चुने नेताओ में से हैं जिन्हें भारत के रक्षा मंत्री, वित्तमंत्री और विदेशमंत्री बनने का अवसर मिला। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजस्थान के बाड़मेर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा जिसके बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया। जसवंत सिंह एक आदर्शवादी व्यक्ति के रूप में जाने जाते है। जब उन्हें विदेश नीति का कार्यभार सौपा गया था तब उन्होंने बड़ी कुशलता से भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को कम किया था। उनकी लेखनी में उनकी परिपक्वता और आदर्शो के प्रति उनका आदर साफ़ झलकता है। जसवंत सिंह को लोगो से घुलना मिलना पसंद है और वे अस्पताल, संग्रहालय और जल संरक्षण जैसी कई परियोजनाओ के ट्रस्टी भी है। 7 अगस्त 2014 को अपने निवास स्थान पर गिरने के कारण जसवंत सिंह कोमा में चले गए जिसके बाद उनका स्वास्थ्य ख़राब ही चल रहा है।

प्रारंभिक जीवन

जसवंत सिंह का जन्म  जनवरी 1938 को ठाकुर सरदार सिंह और श्रीमती कुंवर बिसवास के  घर राजस्थान के बाड़मेर में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा और प्रशिक्षण मेयो कोलेज अजमेर और इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून से लिया। शिक्षण के अलावा जसवंत सिंह को संगीत सुनना, शतरंज और गोल्फ खेलना पसंद है। जसवंत सिंह एक सफल राजनितिग्य रहे हैं और इसके साथ-साथ उन्होंने पारिवारिक जीवन में भी सामंजस्य बनाये रखा। उनके परिवार में पत्नी शीतल कुमारी और दो बेटे हैं।

राजनैतिक जीवन

जसवंत सिंह ने अपना राजनैतिक जीवन खुद बनाया है। वे वाजपेयी सरकार (16 मई 1996 से 1 जून 1996) में वित्त मंत्री रहे। बाद में वे वाजपेयी सरकार में विदेशी मंत्री थे और एक बार फिर वित्त बने। तहलका खुलासे के बाद उन्हें एन.डी.ए सरकार में रक्षा मंत्री बनाया गया। सन 1998 में भारत द्वारा परमाणु परिक्षण किये जाने के बाद भारत-अमेरिका के रिश्तो में जो दरार आई, उसे जसवंत सिंह ने अपने कौशल से भरने की कोशिश की। जसवंत सिंह के तत्कालीन अमेरिकन प्रतिरूप स्ट्रोब टैलबोट के मुताबिक वे एक बेहतरीन वार्ताकार और कूटनीतिज्ञ हैं। जसवंत सिंह बीजेपी के सर्वाधिक प्रभावशाली नेताओं में से रहे हैं। वे छह बार सांसद रह चुके हैं। संसद में वे आकलन समिति, पर्यावरण- वन समिति और उर्जा समिति के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जसवंत सिंह योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे। सन 1998 और 1999 में जसवंत सिंह को भारत का विदेशी मंत्री नियुक्त किया गया था। सन 2002 में पुनः उनकी नियुक्ति भारत के वित्त मंत्री के पद पर की गई। जसवंत सिंह ने कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और सुरक्षा एवं विकास के मुद्दों पर कई किताबें लिखी हैं।

जब वे विदेश मंत्री थे तब दो आतंकवादियों को कन्धहार, अफ़ग़ानिस्तान, सुरक्षित पहुँचाने के उनके फैसले की विविध राजनैतिक पक्ष द्वारा कड़ी आलोचना भी हुई थी। दो आतंकवादियो को इंडियन एयरलाइन्स के हवाई जहाज को अपहरण कर बंधक बनाये हुए यात्रिओं के बदले भारत सरकार द्वारा छोड़ दिया गया था। सन 2009 में जसवंत सिंह ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग सीट से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था। अगस्त 2009 में पार्टी से निष्कासित होने के बाद 25 जून 2010 को जसवंत सिंह बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी और लाल कृष्ण अडवाणी की उपस्थिति में फिर से बीजेपी में शामिल कर लिए गए।

हादसे के बाद से स्वास्थ्य लाभ ले रहे

अगस्त 2014 में दिल्ली स्थित अपने मकान में स्लिप हो गए।इस हादसे में वे कोमा में चले गए।।दिल्ली के आर्मी अस्पताल में उनका उपचार चला।।नरेंद्र मोदी सहित देश बिदेश के कई हस्तियां उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने अस्पताल पहुंचे।।फिलवक्त दिल्ली में ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

पुरुस्कार और सम्मान

अपने कार्यकाल के दौरान अपरिमित योगदान के लिए, जसवंत सिंह को 2001 में उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार प्रदान किया गया था

टाइम लाइन (जीवन घटनाक्रम)

1938: बाड़मेर, राजस्थान में जन्म

1960: भारतीय सेना में अधिकारी

1996: अटल बिहारी बाजपयी की अल्पकालीन सरकार में वित्त मंत्री रहे

1980: राज्य सभा में प्रवेश किया

1986: राज्यसभा में दूसरी बार चुने गए, लोक लेखा समिति, राज्यसभा सभ्य, विशेषाधिकार

सम्बन्धी समिति, राज्यसभा सदस्य,  लोक कार्य समिति, राज्यसभा

1987: परामर्शक समिति, पंजाब राज्य, के सदस्य

1989: विधायिका कानून, 1987

1990: 9वी लोक सभा में चुनाव जीते

1991:  अनुमान समिति के अध्यक्ष, 10वी लोक सभा में फिर चुनाव जीते (दुसरी अवधि),

पर्यावरण और वन समिति के अध्यक्ष

1992: सुरक्षितता और बैंकिंग लेन-देन में अनियमितता जांचने के लिए बनाई गई संयुक्त

संसदीय समिति के सभ्य बने

1993: उर्जा समिति के अध्यक्ष बने

1996: 11वी लोक सभा में चुनाव जीता (तीसरी अवधि), केन्द्रीय वित्त मंत्री बने

1998: योजना आयोग के उपाध्यक्ष चुने गए

1998: राज्यसभा में तीसरी बार चुने गए

1998: केन्द्रीय केबिनेट में विदेशी मामलो के मंत्री बने

1998: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स (समकालीन अधिकार)



1998: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, भूतल परिवहन (समकालीन अधिकार)

2004: राज्यसभा में चौथी बार चुने गए

2004: केन्द्रीय केबिनेट रक्षा मंत्री (समकालीन अधिकार)

2004: वित्त मंत्री और कंपनी अफेयर्स मंत्री, भारत सरकार

2004: केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, वित्त मंत्रालय

2004: राज्यसभा में पांचवी बार चुने गए

2004: नेता विपक्ष, राज्यसभा

2004: विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण और वन्य समिति के सदस्य

2004: राष्ट्रीय नेताओ और सांसदों के छाया चित्र और स्मारक संसद भवन में प्रतिष्ठापन करने

हेतु बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य

2004: सामान्य प्रयोजन समिति के सदस्य

2004: चौथी बार लोक सभा चुनाव जीते. लोक लेखा समिति के अध्यक्ष,

लोक लेखा समिति के सदस्य बने