बाडमेर सहकारी भण्डार में 1करोड 27 लाख का गबन
मामला दबाने का प्रयास ,केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की
लेखापाल और स्टोरकीपर निलम्बित
बाडमेर बाडमेर जिले के सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार में एक करोड 27 लाख के गबन का मामला सामनें आने के आद विभाग द्धारा मामला विभाग स्तर पर दर्ज करा अपने फर्ज की इति श्री कर ली।जबकि संयुक्त रजिस्टार जोधपूर द्धारा गबन के आरोपियो के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश भी दिऐ थैं।विभाग द्धारा इस मामले की पुष्टि के साथ ही विभाग नें राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम की धारा 57 के तहत दर्ज कर लिया हैं।इस मामलें में विभाग द्धारा तत्कालीन व्यवस्थापक और लेखापाल को गबन का दोषी ठहराया गया था।
जिस पर कार्यवाही करते हुऐ भण्डार ें अध्यक्ष सुरेन्द्र गांग नें लेखापाल पुखराज दवे और स्टोर कीपर ओम प्रकाश को निलम्बित कर उनका मुख्यालयउप रजिस्ट्रार सहकारी समितिया बाडमेर किया गया हैं।
सयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियॉ जोधपुर उमराव सिंह चारण नें बताया कि स्क्रीनिंग कमेटी नें सहकारी दपभोक्ता होलसेल भण्डार बाडमेर की ऑडिट रिपोर्ट में वर्ष 2008-09 के पैरा 19़़ः2;7 (6) के अनुसार कस्टमर चारा लेनदारी के लि लेखापाल पुखराज दवे तथा तत्कालीन व्यवस्थापक प्रेमसिंह चौधरी के विरूद्ध एक करोड सताइस लाख रूप्ये के गबन करने का मामला दर्ज किया गया था।
उनहोने बताया कि इन दोनों नें संस्था के उपनियमों तथा जिला कलेक्टर के निर्देशों के विरूद्ध जाकर स्वयं सेवी संस्थाओं को अपने अधिकार क्षैत्र से बाइर जाकर चारा वितरण किया।जिसकी वसूली के प्रयास तक नही किए गयें।चारण के अनुसार कमटी ने निर्णय लिया कि आडिट रिपोर्ट कें अनुसार वर्ष 2008-09 के पैरा 19,2,7(6) में आऐं तथ्यों के अनुसार भण्डार के इन दोनों कर्मचारियों नें 1,27,14,269 रूप्यें की राशी का गबन होना सपष्ट होता हैं।गौरतलब हैं कि भण्डार द्धारा अकाल राहत के तहत जिला प्रशासन द्धारा पशुओं की सहायतार्थ चलाऐं पशु शिविरों में स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से चारा बडी मात्रा में आपूर्ति किया गया था।सवयं सेवी संस्थाओं द्धारा भंूगतान कर दिया गया,मगर उक्त भुगतान भण्डार में जमा नही कराया।
करोडो रूप्यों की उधारी वसूली कें जब भण्इार नें संस्थाओं के विरूद्ध नोटिस निकाले तब संस्थाओं द्धारा अवगत कराया गया कि वें अपना भुगतान कर चुके हैं।भण्उार के इन कर्मचारियों सक्रीनिंग कमेटी के समक्ष बयान तथा अपना पक्ष रखनें का पूर्ण अवयर दिया गया,जिसमें तत्कालीन व्यवस्थापक नें अपना पक्ष रखा मगर लेखापाल नें अपना कोई पक्ष कमेटी के सामने नहीं रखा।जिससे अपरोक्त राशी का गबन और अनियमितताऐं स्पष्ट सामने आई।इनके खिलाफ विभाग नें मामला दर्ज कर बयाज सहित वसूली की कार्यवाही आरम्भ कर दी हैं।
सहकारी उपभोक्ता होलसेल भण्डार व्यवस्थापक अर्जुन सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की कई एजेसिंया इस मामले की पडताल कर रही हैं।केन्द्र सरकार के पंचायतराज मंत्रालय द्धारा राज्य सरकार से रिपोर्ट मागी गई हैं।
भण्डार के पास चारा आपूर्ति का समस्त रिकार्ड अपलब्ध ही नही हैं।सवयं सेवी संस्थाओं नें स्पष्ट कहा कि इनके द्धारा भुगतान किया जा चुका हैं।विभाग ने तत्कालीन व्यवस्थापक और लेखापाल को गबन का दोषी ठहराया हैं।उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया हैं।दोनो आरोपियों को निलम्बित कर दिया हैं।