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सोमवार, 16 दिसंबर 2013

"हवस" की "हैवानियत"?

बाड़मेर। शहर में घूम रही एक मानसिक विक्षिप्त महिला को सब हिकारत की नजर से देखते हैं। उसके मैले कुचैले कपड़ो को देख कोई नजदीक नहीं आने देता। किसी दुकान की डयोढ़ी चढ़ती है तो पशुवत दुत्कार दिया जाता है।हैवानों ने इसे भी नहीं छोड़ा। यह महिला भी "मां" बनने वाली है। इसकी जानकारी भी तब लगी जब ऎसे मामलों का जिक्र सामने आया।
दरिंदों की गिद्ध दृष्टि
मानसिक विक्षिप्तों को शहर में हिकारत के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा। महिला-पुरूष अर्द्ध नग्न हालत में इधर उधर घूमते नजर आते हैं। दिमागी रूप से जिनमें दरिंदगी हद पार कर गईहै ऎसे "वहशी दरिंदे"इन लाचार महिलाओं पर अपनी गंदी नजर रखते हंै।इसी का नतीजा है कि एक सुध बुध खो चुकी महिला मां बन गईहै और दूसरी की कोख में बच्चा है।

सिहर जाते हैं कल्पना से
जिन दो विक्षिप्त महिलाओं के साथ यह घटना हुई वो दोनो न सुख समझती हैं न दु:ख। मां बनने की पीड़ा और गोद में आई ममता की खुशी दोनो से अनजान हैं। उनका खुद का न कोईभविष्य है और न ही उन्हें यह पता है कि उनके साथ क्या हुआ?

सुविधा भी है
राज्य सरकार ने मानसिक विक्षिप्तों के पुनर्वास के लिए जिला मुख्यालय पर केन्द्र प्रारंभ किया है। बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ पांच-सात कमरों का आलीशान मकान लिया हुआ है। शहर से एकदम बाहर इस मकान में एक किशोर को रखा हुआ है। इसके अलावा कुछ नहीं। सड़क पर घूम रहे मानसिक विक्षिप्तों को भी यहां रखने का नियम है। विशेषकर महिलाओं को लेकर संवेदना होनी ही चाहिए ताकि समाजकंटक हैवानों से बचाया जा सके लेकिन यहां ऎसा कुछ नहीं है।

चाइल्ड लाइन पर सवाल
जिले में लावारिस और असहाय बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 1098 की सुविधा है। इस नंबर को डायल करते ही संबंधित संस्थान बच्चों को ले जाने का प्रबंध कर देती है।

दे सकते हैं सूचना
1098 नंबर काम कर रहा है और इसका प्रचार किया जा रहा है। महेश पनपालिया, प्रभारी संबंधित संस्थान
सभी को ले जाएंगे विक्षिप्त पुनर्वास केन्द्र नवंबर माह में ही प्रारंभ किया है। यहां मनोचिकित्सक की जरूरत है। इसके अलावा खाने,रहने और उनकी देखभाल की व्यवस्था रहेगी।

सुश्री लता कच्छवाह, प्रभारी संबंधित संस्थान

हमारी देखरेख में
विक्षिप्त महिला के एक महीने में ही बच्चा होने वाला है।जानकारी मिलने के बाद उसकी देखरेख करने लगे हैं।सवाल यह है कि इन बच्चों का भविष्य क्या होगा? इनकी नियमित देखभाल कैसे संभव होगी?
पुरूषोत्तम सोलंकी, अध्यक्ष मानव सेवा धर्म ट्रस्ट

प्राणहीन व्यक्ति का कृत्य
मानसिक विक्षिप्त महिलाओं के सुधार गृह हैं। उन्हें दवा दी जाए तो ठीक हो जाती है। ऎसी महिलाएं दिखते ही सुधार गृह में भेजा जाए। यहां तो और भी संवेदनशीलता दिखाई जाए ताकि यह घटनाएं दोहराई न जा सके।
रवि गुण्ठे, मनोचिकित्सक

सोमवार, 2 दिसंबर 2013

अगर यूज करते हैं फेसबुक और चाहते हैं पैसे भी कमाना तो ये खबर है आपके लिए

इंदौर. फेसबुक ने हाल ही में एडवांस यूजर फीचर की सुविधा शुरू की है। इस सुविधा के इस्तेमाल से फेसबुक यूजर्स सोशलसाइट यूज करने के साथ रुपए भी कमा सकते हैं। इसके लिए फेसबुक उन्हें डॉलर में पेमेंट करेगा। फेसबुक यूजर्स इस सुविधा को शुरू कराने के लिए आवेदन करना होगा। एप्लीकेशन को फेसबुक एप्रूव करेगा, उसके बाद ही यह सुविधा फेसबुक पर शुरू होगी। इसके लिए फेसबुक पर एडवांस यूजर बनना पड़ेगा। फेसबुक का एडवांस यूजर बनने के बाद एकाउंट पर नोटिफिकेशन आएगा, जिसमें लिखा होगा कि आप फेसबुक के एडवांस यूजर बन गए हैं। यूजर को एक फॉर्म भरना होगा, इसमें उसे अपने बैंक की डिटेल संबंधित जानकारी देनी होगी। इसके बाद एकाउंट 48 घंटे के अंदर एक्टिवेट हो जाएगा।

सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक आज सबसे ज्यादा पॉपुलर है। शायद ही कोई ऐसा हो जो आज फेसबुक यूज न करता हो। दिनभर के अपडेट के साथ फोटो शेयरिंग अब लोगों की दिनचर्या में शामिल हो गया है। ऐसे में फेसबुक यूजर्स के लिए एक खुशखबरी है। खासतौर पर उनके लिए जो अपने दोस्तों के लिए फेसबुक पर फोटो अपलोड किया करते हैं।
सोशल नेटवर्किग की सबसे पॉपुलर साइट फेसबुक यूनिक शेयरिंग और लाइक जैसे फीचर्स के कारण सबसे ज्यादा लोगों को कनेक्ट कर सकी है। कई बार इसका ओपन प्लेटफॉर्म और सोशल शेयरिंग फीचर ही लोगों पर भारी पड़ जाता है। हर पोस्ट पब्लिकली शेयर होती है और कुछ भी पर्सनल नहीं रह जाता। लेकिन, अब फेसबुक पर पब्लिकली शेयर किए गए फोटो के साथ किसी खास को पर्सनल मैसेज भी भेज सकते हैं। इस नई तकनीक को जेपीईजी स्टेनोग्राफी कहते हैं। जेपीईजी स्टेनोग्राफी में आपके सीक्रेट मैसेज को पोस्ट किए जा रहे फोटो के साथ इनकोड कर दिया जाता है। इस मैसेज को सिर्फ वही पढ़ सकता है, जिसके लिए आपने यह मैसेज लिखा है।
ऐसे भेजें सीक्रेट मैसेज
सबसे पहले अपने दोस्त को इनकोडेड इमेज का वो पासवर्ड भेज दीजिये, जिसमें छुपाकर आप सीक्रेट मैसेज भेजना चाह रहे हैं। फिर फेसबुक पर ctrl+alt+a कर मैसेज क्रिएट करिए। इसके बाद एक डायलाग बॉक्स ओपन होगा,जो आपसे पूछेगा कि कौन सी इमेज आप अपलोड करना चाहते हैं?

इस बॉक्स के ठीक नीचे एक दूसरा बॉक्स आपसे मैसेज छुपाने के लिए पूछेगा। मैसेज क्रिएट कीजिए और अपने दोस्त के किसी भी एलबम पर इसे पोस्ट कर दीजिए। उसके बाद इसे सिक्योर करने के लिए पासवर्ड टाइप कर दीजिए। पूरा प्रोसेस सही हुआ या नहीं, यह ctrl+alt+a दबा कर चेक कर लीजिए।

8 महीने के प्रेग्नेंट दुल्हे ने रचाई शादी

8 महीने के प्रेग्नेंट दुल्हे ने रचाई शादी

आयर्स। शादी तो आपने कई देखी होंगी मगर अर्जेटिना में बीते शुक्रवार को हुई यह शादी कुछ अलग थी। यहां भी दूल्हा-दुल्हन शादी के जोड़े में जीवन भर साथ निभाने की कसमें ले रहे थे मगर अलग बात यह थी कि दूल्हा आठ महीने का प्रेग्नेंट था। मगर हैरान न होइए, यह कुदरती अजूबा नहीं है बल्कि इस कपल ने ही जेंडर चेंज करवाया है।
दूल्हा एलेक्सिस ताबोरदा जन्म से महिला है और दुल्हन कारेन ब्रूसलेरियो जन्म से पुरूष है। पर बाद में इस कपल ने सेक्स चेंज करवाया। यहां भी खास बात यह रही कि इनमें से किसी ने सेक्स रीअसाइनमेंट सर्जरी नहीं करवाई। यानी उन्होंने जिस रूप में जन्म लिया था वह आज भी उसी रूप में हैं मगर उनकी पहचान बदल गई है। एलेक्सिस अब खुद को पुरूष कहते हैं और कारेन खुद को महिला और इनका कानूनी स्टेटस भी अब यही हो चुका है।

एलेक्सिस और कारेन की मुलाकात अजेंüटिना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में हुई जब ये दोनों ही बतौर एक्टिविस्ट ट्रांससेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर राइट्स के लिए लड़ रहे थे। 2010 में ही अजेंüटिना लैटिन अमेरिका का पहला ऎसा देश बना जिसने समान सेक्स वाले कपल को शादी की इजाजत दी।

इन दोनों ने गर्भ में पल रही बेटी का नाम भी चुन लिया है। 26 साल के ताबोरदा जो कि कानूनन अब पुरूष हैं, बताते हैं कि शादी का मौका बहुत ही इमोशनल करने वाला पल था। यह बहुत खास था क्योंकि एक सपना पूरा हो रहा था।

आखिर हम सिविल मैरिज कर रहे थे। हमने कैथलिक चर्च में शादी की इच्छा जताकर अजेंüटिना मूल के पोप फ्रैंसिस को ईमेल भेजा था मगर रिस्पॉन्स नहीं आया है। मैं 36 हफ्तों का प्रेग्नेंट हूं मगर बच्चे को जन्म देने का मां वाला अहसास बहुत ज्यादा नहीं है। शादी के बाद ट्रांससेक्सुअल कपल एलेक्सिस पत्नी केरन के साथ।

रविवार, 1 दिसंबर 2013

बच्चा पैदा करते हुए खिंचवाई फोटो!



ब्राजीलिया। शायद ही कोई ऎसी महिला हो जो बच्चा पैदा करते समय अपने पल-पल की फोटो खिंचवाए, वो भी बिल्कुल उसी हालत में जब उसने अपने शरीर के नीचले हिस्से पर कुछ भी नहीं पहन रखा हो!



लेकिन इस दुनिया में एक ऎसी महिला भी है जिसने अपने बच्चे को कई लोगों के सामने और बिल्कुल खुले में जन्म दिया। यही नहीं बल्कि बच्चे को जन्म देती हुई फोटो भी खिंचवाई जिन्हे उसके दोस्त खींचा। इसके बाद अपने बर्थ अनुभव शेयर करते हुए ऑनलाइन भी पोस्ट कर दिया।



पेशे से फोटोग्राफर तथा ब्राजील की रहने वाली नाचो डॉक वो महिला है जिसने अपने बच्चे को जन्म देने समय के हर पल तस्वीरे खिंचवाई तथा अपने अनुभवों को बांटने के लिए ही इंटरनेट पर लाइव करवा दी।



दरअसल नाचो डॉक ने अपने इस बच्चे को अपनी दोस्त के घर में जन्म दिया। सब के सामने बच्चे को जन्म देने के लिए इसने बाथपूल चुना जहां पर इसकी दोस्त मैनुएला समेत उसकी 2 साल बेटी एलिस, उसके पति भी मौजूद थे।




अपने अपने को जन्म देने की हर घटना को कैमरे में कैद करवाने वाली इस महिला ने अपने बर्थ पेन से लेकर बच्चे के बाहर आने तक का हर पल कैद कया तथा अपना अनुभव लिखकर भी जताया, जिसें देखकर हर कोई आश्चर्य में पड़ सकता है।

शनिवार, 16 नवंबर 2013

अब चीनी दंपती दो बच्चे पैदा कर सकेंगे

पेइचिंग। चीन लंबे समय से चली आ रही अपनी "वन चाइल्ड" की नीति में ढील देने जा रहा है। अब अगर दंपती में से कोई भी अपने माता-पिता की इकलौती संतान होगा तो उसे दो बच्चे पैदा करने की इजाजत होगी।
चीन के राष्ट्रपति और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के महासचिव शी चिनफिंग की अध्यक्षता में हाल ही में हुई पूर्ण बैठक में तीन दशक पुरानी एक बच्चे की नीति में बदलाव को मंजूरी दी गई।

नए नियमन के तहत करोड़ों ऎसी दंपत्तियों को दो बच्चे पैदा करने की आजादी होगी जो 70 के दशक से सख्ती से लागू परिवार नियोजन नीति के तहत जन्मे हैं और उनका कोई सगा भाई-बहन नहीं है।

चीन में 1970 के दशक के अंत में जनसंख्या की अंधाधुंध वृद्धि को रोकने के लिए जनसंख्या पर नियंत्रण की नीति को लागू किया गया था।

सीपीसी की केंद्रीय समिति की नौ नवंबर से 12 नंवबर के बीच हुई 18 बैठकों में इन फैसलों को मंजूरी दी गई। अब चीन इस नई नीति को सरकारी मूल नीति के साथ लागू करेगा।

पिछले साल की आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में करीब 18.5 करोड़ लोगों की उम्र 60 से अधिक है जो आबादी का 13.7 प्रतिशत है. वर्ष 2015 में यह संख्या बढ़कर 22.1 करोड़ पर पहुंचने की संभावना है।

पुष्कर सरोवर में संतों ने किया शाही स्नान

अजमेर। कार्तिक चर्तुदशी पर शनिवार को विश्व विख्यात पुष्कर स्थित पवित्र सरोवर में संतों के सामूहिक रूप से शाही स्नान के साथ ही चौथा पंचतीर्थ महास्नान शुरू हो गया।
हल्की ठंड के बीच सवेरे सात बजे सेन भक्ति पीठ के संस्थापक सेनाचार्य अचलानंद एवं स्वामी प्रेमदास के सानिध्य में बैडबाजों के साथ रामधुनी गाते हुए कस्बे के मंदिर एंव मठ के संत महंत गुरूद्वारे से सप्तऋषि घाट पहुंचे।

जहां मंत्रोच्चार के साथ संतों ने ब्रह्मघाट पर पहुंच पूजा अर्चना कर शाही स्नान किया। शाही स्नान के बाद संत परिक्रमा करते हुये शोभायात्रा के रूप मेंगऊ घाट, वराह घाट होते हुए गंतव्य की ओर रवाना हुए। कार्तिक चर्तुदशी पर स्नान के लिये बीती रात ही भारी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर पहुंच गये और भोर होते ही सरोवर में डुबकियां लगाना शुरू कर दी।

जिला प्रशासन ने पंचतीर्थ स्नान के मद्देनजर घाटों पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। इसके तहत पुलिस के जवानों के साथ ही स्काउट एवं गाइड को भी लगाया गया है। जिला प्रशासन ने कल कार्तिक पूर्णिमा के दौरान कस्बे में व्यवस्था बनाये रखने के लिए विशेष व्यवस्था की है।