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बुधवार, 20 नवंबर 2019

टैंक के नीचे दबने से एक जवान की मौत एक अन्य घायल

टैंक के नीचे दबने से एक जवान की मौत एक अन्य घायल

जैसलमेर जिले के पोकरण में जारी सेना के युद्धाभ्यास के दौरान हादसे में सेना के एक जवान को अपनी जान गंवानी पड़ी वंही एक और जवान घायल है. फलसुंड गाँव के किसी इलाके में ये हादसा हुवा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार को फलसुंड में सेना द्वारा टैंकों की एक्सरसाइज के दौरान लोडिंग के दौरान टैंक के नीचे दबने से एक जवान का निधन हो गया, इस हादसे में एक अन्य जवान गंभीर घायल हो गया जिसे जोधपुर रैफर किया गया है.

मृतक जवान का नाम यादव परमेश्वर और घायल का आर.डी. दीक्षित बताया जा रहा है.

गौरतलब है कि जैसलमेर के रेगिस्तानी इलाके में कई जगहों पर सेना का युद्धाभ्यास जारी है, जिसमें हादसों के दौरान सेना के जवान चोटिल होते रहते है और कई बार जान भी गंवाते है.

फलसुंड थानाधिकारी देवकिशन ने बताया कि फलसुंड में टैंक को वाहन में लोड करते समय हादसा हुवा और दोनों जवान चपेट में आ गए.

सेना पुलिस भी मामला दर्ज कर जांच कर रही है.

शनिवार, 16 नवंबर 2019

युद्धाभ्यास / ऑपरेशन सुदर्शन चक्र से पाक को चुनौती, पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर के साथ 40 हजार जवान शामिल

युद्धाभ्यास के दौरान टैंक के साथ पोजीशन में जवान।युद्धाभ्यास / ऑपरेशन सुदर्शन चक्र से पाक को चुनौती, पहली बार शूटर ग्रिड सेंसर के साथ 40 हजार जवान शामिल


बाड़मेर  दुश्मन देश को ताकत दिखाने के लिए सेना ने सरहदी जिले बाड़मेर में ऑपरेशन सुदर्शन चक्र से पाक को चेतावनी दी है। युद्धाभ्यास में 40 हजार जवान अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को महज चंद मिनटों में नेस्तनाबूद करने के लिए भारतीय सेना के जवान अपना हुनर दिखा रहे हैं। भारतीय सेना की सबसे ताकतवर-21 स्ट्राइक कोर से भी युद्धाभ्यास किया जा रहा है। 13 नवंबर को शुरू हुआ यह अभ्यास 18 नवंबर तक चलेगा।

टैंक और अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का प्रयोग

6 दिन तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में जवान लगातार 12 घंटों तक युद्ध करने का अपना कौशल तराश रहे हैं। पिछले 3 महीनों से पोकरण क्षेत्र के आसपास भारतीय सेना युद्धाभ्यास में फायर पाॅवर का सयुंक्त अभ्यास कर रही थी। लेकिन अब यह युद्धाभ्यास पाकिस्तान से सटे बाड़मेर में हो रहा है। युद्धाभ्यास के दौरान टैंक और अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों का प्रयोग किया जा रहा है। वायु सेना अपनी ताकत दिखाने के लिए जोधपुर एयरबेस से लड़ाकू विमान उड़ा कर चंद मिनटों में दुश्मन के ठिकानों तबाह कर रही है। युद्धाभ्यास में वायुसेना के सुखोई, मिग, जगुआर और रूद्र दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को ध्वस्त किया गया। रक्षा प्रवक्ता कर्नल सोंबित घोष के मुताबिक 13 से 18 नवंबर तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में सेना के जवान अपनी ताकत का जोश के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं।

29 नवंबर से युद्धाभ्यास स्ट्राइक कोर सुदर्शन चक्र वाहिनी के साथ होगा

पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में 29 नवंबर से युद्धाभ्यास भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के अन्तर्गत भोपाल स्थित स्ट्राइक कोर सुदर्शन चक्र वाहिनी के साथ किया जाएगा। दूसरे चरण का यह युद्धाभ्यास 4 दिसंबर तक आयोजित होगा। इसमें 40 हज़ार सैनिक शामिल होंगे। इसमें टैंक व इन्फेंट्री कॉम्बेक्ट व्हीकल्स से युक्त पूरे यंत्रीकृत संरचनाओं से अभ्यास किया जाएगा। अभ्यास में टी-90 टैंकों, बीएमपी के साथ पहली बार युद्धाभ्यास में शामिल हो रही अत्याधुनिक भारत निर्मित -9 वर्जा गन और 130 एमएम गन, 105 एमएम गन आदि के माध्यम से जबरदस्त मारक क्षमता के साथ दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूत किया जाएगा। एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर रूद्र का भी प्रदर्शन होगा। इससे पहले थार के धोरों में वॉर गेम एक्सरसाइज का आयोजन किया गया था।

सोमवार, 11 नवंबर 2019

जैसलमेर: 29 नवंबर से सेना करेगी दूसरा बड़ा युद्धाभ्यास, पहली बार शामिल होंगे ये हथियार

जैसलमेर: 29 नवंबर से सेना करेगी दूसरा बड़ा युद्धाभ्यास, पहली बार शामिल होंगे ये हथियार


जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थान में भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा  पर स्थित जैसलमेर जिले  में सेना  अपना दूसरा बड़ा युद्धाभ्यास  करेगी. आगामी 29 नवंबर से पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित होने वाला यह युद्धाभ्यास भारतीय सेना के दक्षिणी कमान  के अन्तर्गत भोपाल स्थित स्ट्राइक कोर सुदर्शन चक्र वाहिनी के साथ किया जाएगा. दूसरे चरण का यह युद्धाभ्यास 4 दिसंबर तक आयोजित होगा.

40 हज़ार सैनिक शामिल होंगे
जानकारी के अनुसार इस इस युद्धाभ्यास में 40 हज़ार सैनिक शामिल होंगे. इसमें टैंक व इन्फेंट्री कॉम्बेक्ट व्हीकल्स से युक्त पूरे यंत्रीकृत संरचनाओं से अभ्यास किया जाएगा. इस अभ्यास में टी-90 टैंकों, बीएमपी के साथ पहली बार युद्धाभ्यास में शामिल हो रही अत्याधुनिक भारत निर्मित K-9 वर्जा गन और 130 एम.एम. गन, 105 एम.एम. गन आदि के माध्यम से जबर्दस्त मारक क्षमता के साथ दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नेस्तनाबूत किया जाएगा.

एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर रूद्र का भी होगा प्रदर्शन

इस युद्धाभ्यास में एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर रूद्र का भी प्रदर्शन किया जाएगा. फिल्हाल पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में इसका पूर्वाभ्यास किया जा रहा है. इसमें सेना के जवानों द्वारा दुश्मनों का सामना करने के लिए तोपों से अचूक निशाने भी साधे जा रहे हैं. दूसरे चरण के युद्धाभ्यास की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

समय-समय पर होते रहते हैं अभ्यास
उल्लेखनीय है कि हाल में गत माह सेना ने जैसलमेर में ही युद्धाभ्यास किया था. पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में यह युद्धाभ्यास दो दिन तक चला था. उससे पहले थार के धोरों में वॉर गेम एक्सरसाइज का आयोजन किया गया था. इस वॉर गेम एक्सरसाइज में भारत सहित 8 देशों के सैनिकों ने अंतरराष्ट्रीय आर्मी स्काउट मास्टर्स प्रतियोगिता में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया था. इस प्रतियोगिता के दूसरे चरण में भारतीय सैनिक चीन सहित 7 देशों को पछाड़ कर प्रथम स्थान पर रहे थे. वहीं चीन 7वें नंबर पर रहा था.

शनिवार, 5 दिसंबर 2015

पश्चिमी सरहद से थलसेनाध्यक्ष ने किया युद्धाभ्यास ‘दृढ़ संकल्प’ का अवलोकन


पश्चिमी सरहद से थलसेनाध्यक्ष ने किया युद्धाभ्यास ‘दृढ़ संकल्प’ का अवलोकन
थलसेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह ने दक्षिणी कमान के युद्धाभ्यास ‘दृढ़ संकल्प’, जो कि अपने चरम एवं अंतिम चरण में था, उसका अवलोकन किया। यह युद्धाभ्यास पिछले दो माह से राजस्थान के रेगिस्तान में चल रहा था जिसमें सेना ने वास्तविक युद्ध परिस्थितियों जैसे हालात निर्मित कर प्रषिक्षण प्राप्त किया। इस युद्धाभ्यास का ध्येय सेना की यूनिट एवं फाॅर्मेषन को रेगिस्तानी इलाकों में नेटवर्क केन्द्रित परिवेष में तोपखाने और वायुसेना के साथ समन्वित तीव्र आक्रमण के लिए प्रषिक्षित करना था। यह सभी सैनिकों के लिए प्रषिक्षण का एक उत्तम अवसर था जिसमें वह अपने रणकौषल को गतिषील एवं पल-पल बदलती युद्ध स्थिति के अनुसार सफलतापूर्वक ढाल सकें, और युद्ध में विजयी हों।



इस युद्धाभ्यास में दक्षिणी कमान के सभी लड़ाकू सैनिकों एवं सहायक सेवाओं ने हिस्सा लिया। इसी के साथ इस बार विषेष रूप से इलैक्ट्र्ाॅनिक युद्ध प्रणाली, एविएषन, स्पेषल फोर्सेज़ और वायुसेना का भी पूरे तालमेल के साथ प्रयोग किया गया।



थलसेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह ने इस युद्धाभ्यास के कुछ खास अंष देखे और इसमें भाग ले रहे सैनिकों से भी मुलाकात की। उन्हें दक्षिण कमान के जनरल आॅफिसर कमाण्डिंग इन चीफ लेफ्टिनेन्ट जनरल अषोक सिंह ने पूरे प्रषिक्षण, युद्धाभ्यास के प्लान एवं परिप्रेक्ष्य से अवगत कराया।



थलसेनाध्यक्ष ने सेना एवं वायुसेना के एकीकृत अभ्यास का भी अवलोकन किया। उन्होंने इस युद्धाभ्यास के कुषल संचालन एवं उच्चस्तरीय प्रषिक्षण पर सभी सैनिकों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने सभी सैनिकों को बदलते युद्ध परिवेष में नई तकनीक को अवधारण करने के साथ, शारीरिक एवं मानसिक रूप में सजग रहने एवं अपने साजो-सामान व हथियारों को उच्चतम मानक के अनुरूप तैयार रखने की हिदायत दी।



इस युद्धाभ्यास में पैदल सैनिकों एवं मैकेनाइज़्ड सेना ने हवाई मार्ग में उतारे गए सैनिकों के साथ समन्वय रखते हुए अपने युद्ध कौषल को परखा। साथ ही सूचना तंत्र का पूरा प्रयोग करते हुए नेटवर्क राडार, मानव रहित टोही विमान और अन्य खुफिया जानकारी एकत्र करने के साधनों का उपयोग करते हुए सेना ने निरंतर प्राप्त हो रही नई जानकारी का आकलन कर कमांडरों को एक नई शक्ति प्रदान की जिससे उन्हें युद्ध क्षेत्र में बदलती स्थिति के अनुसार निर्णय लेने में सहायता मिली। इस प्रकार के विषाल युद्धाभ्यास सुरक्षा परिवेष को मद्देनजर रखते हुए तीन से चार वर्ष में एक बार किए जाते हैं।

शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

सेना का युद्धाभ्यास शाहबाज अजय सम्पन्न

सेना का युद्धाभ्यास शाहबाज अजय सम्पन्न

जोधपुरए 20 दिसम्बर। भारतीय थल सेना की नवगठित 36.रिऑर्गेनाइज्ड प्लेन्स डिविजन ;रेपिडद्ध यानी पुनर्गिर्ठत मैदानी सेना डिविजन की ओर से राजस्थान के रेगिस्तान में आयोजित युद्धाभ्यास शाहबाज अजय शुक्रवार को सम्पन्न हो गया। इक्कीसवीं सदी के सामरिक दृश्यों को ध्यान में रखकर भोपाल स्थित सेना की स्ट्राइक कोर की अहम इकाई के रूप में 36.रेपिड का गठन किया गया है। युद्धाभ्यास के दौरान 36.रेपिड ने नई तकनीक से युद्ध और मौजूदा युद्ध प्रणाली में सुधार की गुंजाइश को ध्यान में रखकर पश्चिम क्षेत्र में यह युद्धाभ्यास किया था।

युद्धाभ्यास में रेपिड डिविजन के पन्द्रह हजार से अधिक सैन्य कर्मियों व एक सौ से अधिक आर्मर्ड वाहनों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा युद्धाभ्यास के दौरान अत्याधुनिक तोपखाना व वायुरक्षा उपकरणों का भी उपयोग किया गया। भारतीय वायुसेना ने हवाई हमलों व हेलीबॉर्न जैसे स्पेशल ऑपरेशन्स के अभ्यास के दौरान अपनी मारक क्षमता व थल सेना के साथ सामंजस्य का अपूर्व प्रदर्शन किया।

स्ट्राइक कोर के कमाण्डर लेफ्टिनेंट जनरल अमित शर्मा ने युद्धाभ्यास के दौरान अपनाई जा रही सामरिक तकनीकों का मुआयना किया और यु्द्धाभ्यास में भाग ले रहे अधिकारियों.जवानों के साथ चर्चा की।

युद्धाभ्यास के अंतिम चरण का शुक्रवार को दक्षिण कमान के जनरल ऑफिसर कमाण्डिंग इन चीफ ;आर्मी कमाण्डरद्ध लेफ्टिनेंट जनरल अशोक सिंह ने मौजूद रहकर प्रतिभागी जवानों व अधिकारियों को युद्धाभ्यास में हासिल किए गए अपेक्षित परिणामों के लिए बधाई दी और इसमें भाग लेने वाले सभी अधिकारियों व जवानों की कत्र्तव्यनिष्ठा व पेशेवर पारंगतता की सराहना की।