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मंगलवार, 7 जनवरी 2020

बाड़मेर, थार महोत्सव पर बैठक आयोजन की तिथियों तथा कार्यक्रम निर्धारण को कार्यदल गठित

 बाड़मेर, थार महोत्सव पर बैठक
आयोजन की तिथियों तथा कार्यक्रम निर्धारण को कार्यदल गठित

बाड़मेर, 7 जनवरी। जिले में पर्यटन के प्रचार-प्रसार तथा थार महोत्सव के आयोजन के संबंध में मंगलवार दोपहर पश्चात जिला कलक्टर अंशदीप की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। जिला कलक्टर ने थार महोत्सव के आयोजन की उपयुक्त तिथियों तथा कार्यक्रमों के निर्धारण के संबंध में तीन अलग-अलग कार्यदल गठित करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर जिला कलक्टर अंशदीप ने बताया कि बाड़मेर जिले में प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधन भरपूर मात्रा में उपलब्ध है उनके समुचित उपयोग से यहां पर्यटन का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सकता है, जिससे जिले की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा एवं अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होने इस संबंध में थार महोत्सव के नियमित आयोजन की जरूरत बताई।
तीन कार्यदल गठित - जिला कलक्टर ने थार महोत्सव पर विस्तृत चर्चा के लिए तीन कार्यदल गठित करने के निर्देश दिए है, जिसमें प्रथम दल महोत्सव की तिथियों तथा कार्यक्रमों का निर्धारण करेगा। द्वितीय दल महोत्सव के लिए वितीय संसाधन की उपलब्धता तथा आवश्यकता के संबंध में सुझाव देगा। तीसरा दल जिले के हैण्डीक्राफ्ट व स्थानीय लोक कलाओं के प्रोत्साहन के संबंध में रणनीति सुझाएगा। उक्त दलों में विशेषज्ञ लोगों को शामिल किया जाएगा।
अधिकाधिक भागीदारी बढ़ेगी - उन्हांेने कहा कि तेल-गैस खोज मंे जुटी कंपनियांे, सेना, सीमा सुरक्षा बल, वायुसेना के साथ स्थानीय लोगांे की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए शुरूआती दौर मंे थार महोत्सव के पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद पर्यटन विकास की योजना को अंतिम रूप देते हुए थार महोत्सव का स्थाई रूप से निर्धारित तिथियांे का आयोजन होगा। ताकि अधिकाधिक पर्यटकांे को बाड़मेर मंे आवक सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान पर्यटन से जुड़े अलग-अलग लोगों ने थार महोत्सव के कार्यक्रमों तथा तिथियों के निर्धारण के संबंध में अपने सुझाव दिए।
पर्यटन उप निदेशक भानूप्रकाश ढ़ाका ने पूर्व में आयोजित होने वाले थार महोत्सव तथा जिले मंे विभिन्न स्थानांे पर आयोजित होने वाले मेलांे तथा पर्यटन स्थलांे के बारे मंे जानकारी दी। इस दौरान समिति सदस्य पुरूषोतम खत्री ने दीपावली के त्यौहार के आसपास थार महोत्सव का आयोजन तथा बाड़मेर विकास समिति के गठन तथा किराडू के जीर्णोद्धार का मामला उठाया। इस दौरान अधीक्षण अभियंता हरिकृष्ण, हेमंत चौधरी, महिला एवं बाल विकास विभाग की उप निदेशक श्रीमति सती चौधरीसूचना एवं जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक श्रवण चौधरी, जिला परिवहन अधिकारी नितिन बोहरा, श्याम सुंदर राठी समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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सोमवार, 11 नवंबर 2019

बाड़मेर, थार महोत्सव के आयोजन एवं पर्यटन विकास पर हुआ विचार-विमर्श

बाड़मेर,   थार महोत्सव के आयोजन एवं पर्यटन विकास पर हुआ विचार-विमर्श

बाड़मेर, 11 नवंबर। जिला मुख्यालय पर पर्यटन एवं मेला समिति की बैठक सोमवार को जिला कलक्टर अंशदीप की अध्यक्षता मंे आयोजित हुई। इस दौरान थार महोत्सव के आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के साथ पर्यटन विकास से जुड़े विभिन्न मसलांे पर विचार-विमर्श किया गया।
जिला कलक्टर अंशदीप ने कहा कि बाड़़मेर मंे थार महोत्सव आयोजित करने तथा बाड़मेर विकास समिति के गठन संबंधित प्रस्ताव के संबंध मंे पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक को सुझाव भिजवाने के लिए लिखा जाए। उन्हांेने जिले मंे पर्यटन विकास के लिए लिहाज से संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि तेल-गैस खोज मंे जुटी कंपनियांे, सेना, सीमा सुरक्षा बल, वायुसेना के साथ स्थानीय लोगांे की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए शुरूआती दौर मंे कुछ कार्यक्रम आयोजित किए जाए। इसके बाद पर्यटन विकास की योजना को अंतिम रूप देते हुए थार महोत्सव जैसे कार्यक्रम का स्थाई रूप से निर्धारित तिथियांे का आयोजन हो। ताकि अधिकाधिक पर्यटकांे को बाड़मेर मंे आवक सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार शर्मा ने जिले मंे विभिन्न स्थानांे पर आयोजित होने वाले मेलांे तथा पर्यटन स्थलांे के बारे मंे जानकारी दी। उन्हांेने सुंइया मेले के दौरान आधारभूत सुविधाएं विकसित करने की बात कही। इस दौरान समिति सदस्य पुरूषोतम खत्री ने दीपावली के त्यौहार के आसपास थार महोत्सव का आयोजन तथा बाड़मेर विकास समिति के गठन तथा किराडू के जीर्णाेद्धार का मामला उठाया। इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक संग्रामाराम देवासी, अधीक्षण अभियंता हरिकृष्ण, हेमंत चौधरी, पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. नारायणसिंह सोलंकी, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक श्रवण चौधरी, डीपीएम सचिन भार्गव, परिवहन निरीक्षक मेघराज, श्याम सुंदर राठी समेत विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मंगलवार, 29 जनवरी 2019

बाडमेर थार_थळी के सांस्कृतिक त्योहार थार महोत्सव को पुनः आरंभ करे युवा जिला कलेक्टर*

बाडमेर  थार_थळी के सांस्कृतिक त्योहार थार महोत्सव को पुनः आरंभ करे युवा जिला कलेक्टर*

*बाडमेर न्यूज़ ट्रैक*

*पश्चिमी राजस्थान की लोक कला और संस्कृति देश विदेश में सर चढ़ कर बोलती है।राजस्थान के पर्यटन को नई ऊंचाइयां देने में ऐसे ही सांस्कृतिक महोत्सवों का अहम योगदान रहा है।।आज राजस्थान के लोक कला,संस्कृति,परंपरा और इतिहास का कोई सानी नही।।इसी उद्देश्य को लेकर बाडमेर जिले में जिलाप्रशासन द्वारा कोई 25 साल पहले थार महोत्सव का आययोजन शुरू किया।।धीरे धीरे यह आययोजन परवान चढ़ता गया।।थार थळी की लोक संस्कृति और कला से रूबरू करता थार महोत्सव की बहुत सारी प्रतियोगिताएं खासी लोकप्रिय हुई।।बाडमेर जिला पर्यटन से जुड़ने लगा।।बीच बीच मे थार महोत्सव का आयोजन स्थगित भी हुआ।मगर 2007 की बाढ़ के बाद इसे स्थायो रूप से बन्द कर दिया।जबकि सीमांत सिंह जिले की पहचान बने थार महोत्सव के आययोजन नही होने से लोक कला संस्कृति से जुड़े योग काफी निराश भी हुए।थार महोत्सव को रद्द करने में स्थानीय जिला प्रशासन की अदूरदर्शिता भी शामिल है।पर्यटन समिति में ऐसे लोगो को शामिल किया जिनका थार की लोक कला संस्कृति से कोई दूर का भी सरोकार नही।।विषय विशेषग्यो को दूर रखने से थार महोत्सव को लेकर होटल व्यवसायियों में भी स्वार्थ आ गया।।इन लोगो ने जिले की संस्कृति को बढ़ावा देने की बजाय होटल सीजन को प्रमोट करने में रुचि दिखाई।।साथ ही इनका इंटर फेयर बढ़ने लगा।।होटल व्यवसायी इस महोत्सव को दीवाळी पर करने का सुझाव ले आये जबकि थार महोत्सव का आयोजन जिले के सुविख्यात लोक संस्कृति की परिचायक गैर नृत्य के सर्वाधिक उपयुक्त समय होली के बाद मालाणी पट्टी में आयोजित होने वाले गैर नृत्यों के मेलो के समय है।।यह समय होता है जब मालाणी की धरा गैर नृत्यों की रामक झमक से महक उठता है।कनाना और लाखेटा के गैर मेले अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है।।सके साथ कनाना में शीतल सप्तमी का बड़ा मेला आयोजित होता है।।थार महोत्सव का आगाज़ जिला मुख्यालय से शोभायात्रा के साथ होता है यह सफर आदर्र्श स्टेडियम में मूँछ प्रतियोगिता,साफा बांधो प्रतियोगिता,पनिहारी दौड़,दादा पोता दौड़,थार श्री ,थार सुंदरी जैसी अनेक लोक प्रतोयोगिताए इस मेले को परवान चढ़ती है तो शाम को महाबार के मखमली धोरों में लोक गीत संगीत की सुरमई शाम समझती है जो हर एक को मदहोश कर देती है।।किराडू के प्राचीन मंदिरों में लोक गायिकी इसे परवान चढ़ाती है।।कैमल पोलो,कमल दौड़ का आयोजन भी आकर्षित करता है।।इस आययोजन को जिला प्रशासन के साथ कुछ स्वार्थी और अज्ञानी लोगो के समितियों में जोड़ने से ग्रहण लग गया। लम्बे समय से इसका आययोजन निहि हो  रहा।।

*युवा जज्बे से लबरेज ऊर्जावान कलेक्टर हिमांशु गुप्ता से आग्रह है जिले की लोक कला संस्कृति और लोक गीत संगीत को सरंक्षण देने के उद्देश्य से इसे पुनः आरंभ करें।।पर्यटन समिति में लोक कला संस्कृति से जुड़े युवाओ को जोड़कर इस आययोजन को शुरू कर जिले वासियो को सौगात दे।।*

शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

ख़ास रिपोर्ट ....थार की संस्कृति के साथ प्रशासनिक बलात्कार ...

ख़ास रिपोर्ट ....थार की संस्कृति के साथ प्रशासनिक बलात्कार ...


कलेक्टरों के प्रयोगों का शिकार हो रहा थार महोत्सव

बाड़मेर अपनी असीम लोक संस्कृति ,इतिहास ,परम्परा और थार के लोक जीवन को विश्व पटल पर रखने के लिए तथा देशी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से बीस साल पहले आरम्भ किया गया थार महोत्सव अपनी पहचान बनाने में नाकाम रहा जिसके जिम्मेदार जिला कलेक्टर और जिला प्रशासन रहा ,जिला प्रशासन थार महोत्सव के आयोजन के मूल रूप के साथ हर साल छेड़छाड़ कर बलात्कार करते आये हें ,हर कलेक्टर अपनी सुविधा के अनुरूप थार महोत्सव के आयोजन के साथ प्रयोग कर इसके अस्तित्व को ख़त्म कर रहे हें .मूल रूप से बाड़मेर की लोक कला और संस्कृति को विश्व के सामने रखने के उद्देश्य से इसका आयोजन आरम्भ किया था ,मगर आज बाहरी प्रान्तों और फ़िल्मी कलाकारों का मंच बन कर रह गया हें ,इस बार फिर जिला कलेक्टर ने इसके मूल स्वरुप के साथ छेड़ छड कर परंपरागत रूप से आयोजित तीन दिवसीय आयोजन को सिमटा कर मात्र एक दिवसीय कर दिया हें ,जन्हा थर महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजन में स्थानीय लोक कला और संस्कृति के लोग रूबरू होते थे अब महज बोलीवूड के गायकों का कार्यक्रम बन कर रह गया हें ,थार महोत्सव के आयोजन के साथ बाड़मेर आने वाला हर कलेक्टर छेड़छाड़ कर इसके आयोजन की गरिमा के साथ खिलवाड़ करते आये हें ,ऐसे में थार महोत्सव के आयोजन पर प्रश्न चिन्ह लग गया हें ,एक दिवसीय महोत्सव का आयोजन की बजे इसके आयोजन को पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए क्योकि बीस साल तक के आयोजन के बावजूद एक भी पर्यटक इस महोत्सव से जुदा नहीं लाखो रूपये इसके आयोजन पर खर्च कर लेते हें ,पिछले कई सालो से इसके आयोजन पर स्थानीय निजी तेल और ऊर्जा कंपनिया भरी भरकम राशि जिला प्रशासन को देती हें ,मगर खर्च कहा होते हें याक प्रशासनिक आयोजक ही जानते हें ,एक दिवसीय आयोजन पर थार वासियों की नाराजगी बढी हें ,

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

थार महोत्सव का आयोजन 3 मार्च से 5 मार्च को



थार महोत्सव का आयोजन 3 मार्च से 5  मार्च को

उत्कृश्ट एवं रोचक कार्यक्रम शामिल  


बाडमेर, 7 फरवरी। जिले की कला, संस्कृति एवं हस्तिल्प को जग जाहिर करने तथा पर्यटन विकास को बावा देने के मकसद से आयोजित किये जाने वाले थार महोत्सव का आयोजन 3 मार्च को महाबार में किया जाएगा।

बुधवार को जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक में जिला कलेक्टर भानु प्रकाश एटूरू ने थार महोत्सव के कार्यक्रमों में उत्कृश्ट एवं रोचक कार्यक्रमों को भामिल करने के निर्दो दिए। उन्होने कहा कि थार महोत्सव में अधिकाधिक दोी विदोी पर्यटकों को आमन्ति्रत करने के पुरजोर प्रयास किए जाए। इस संबंध में उन्होने व्यापक प्रचार प्रसार करने के संबंधित अधिकारियों को निर्दो दिए। उन्होने कार्यक्रम स्थल पर पर्याप्त छाया, पानी एव भोजन आदि की व्यवस्था के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान समुचित बैठक की व्यवस्था सुनिचत करने को कहा।

उन्होने बताया कि थार महोत्सव का भाुभारम्भ 3 मार्च को प्रातः 9 बजे महाबार में किया जाएगा। इस दौरान विभिन्न हस्तिल्प वस्तुओं की स्टॉल व ग्रामीण हाट बाजार का आयोजन किया जाएगा। उन्होने इस संबंध में जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक को आवयक व्यवस्थाएं सुनिचत करने के निर्दो दिए। उन्होने बताया कि इस दौरान विभिन्न रोचक एवं मनोरंजक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होने बताया कि महोत्सव के दौरान ऊंठ दौड व घुड दौड प्रतियोगिताओं के अलावा सायं 7 से 10 बजे तक महाबार के रेतीले धोरों पर सांस्कृतिक संध्या एवं आतिबाजी के कार्यक्रम आयोजित किए जाएगें।

बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित, भूमि अवाप्ति अधिकारी जितेन्द्र ओझा, पर्यटन अधिकारी जैसलमेर चिम्माराम प्रजापत, जिला युवा समन्वयक एस.एस. जोाी, सहायक लेखाधिकारी चूनाराम पूनड, पर्यटन व्यवसायी पुरूशोतम खत्री सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।