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रविवार, 3 मई 2020

कोरोना वारियर्स बाड़मेर दी रियल हीरो नीरज मिश्रा ,हरफनमौला अधिकारी की सक्रियता के कायल हे बाड़मेर के लोग

कोरोना वारियर्स बाड़मेर 

दी रियल हीरो नीरज मिश्रा ,हरफनमौला अधिकारी की सक्रियता के कायल हे बाड़मेर के लोग   

बाड़मेर कोरोना संक्रमण से अब बचाना बड़ी चुनौती मानते हे मिश्रा ,दिव्यांता को कर्तव्य के आड़े नहीं आने देते    

दी रियल हीरो नीरज मिश्रा

बाड़मेर कोरोना संक्रमण को रोकने और लॉक डाउन की पालना के साथ जिला मुख्यालय पर कानून व्यवस्था को सँभालने में बाड़मेर में हरफनमौला आर ए एस अधिकारी नीरज मिश्रा की कर्तव्य परायणता ,निष्ठां ,लगन और ज़ज़्बे के बाड़मेर वासी कायल हो गए ,मिश्रा गत तीन  सालो से बाड़मेर उप खंड अधिकारी पद पर कार्य कर रहे सहज ,सरल कुशल प्रशासक के रूप में अपनी खास पहचान बना चुके हैं ,मिश्रा पिछले डेढ़ माह से कोरोना संक्रमण से आमजन को सुरक्षित रखने और लॉक डाउन की कड़ाई से पालना कराने में अपनी महत्ती भूमिका निभा रहे हैं ,मिश्रा के पास जिला कलेक्टर द्वारा निर्धारित कई जिम्मेदारियां हैं,कोरोना संक्रमण काल के प्रारम्भ में  क्वारेंटेन केन्द्रो ,आइसोलेसन वार्डो ,की व्यवस्था करना महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उन्हें दी गयी ,जिसको बखूबी निभाकर समय पर आइसोलेसन वार्ड और क्वरेन्टेन केन्द्रो की स्थापना कर ली ,साथ ही कोरोना का हौव्वा होते हे बाड़मेर पहला जिला मुख्यालय था जंहा  पूरा शहर सेनेटाइज हुआ ,शहरी और  ग्रामीण क्षेत्रों में  मिश्रा की सक्रियता से सेनेटाइज पूरा किया ,मिश्रा ने बेहतरीन प्रबंधन का परिचय देकर जरुरतमंदो और आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों के लिए खाद्य सामग्री और भोजन की व्यवस्था सलीके से करवाकर लोगो को बड़ी  प्रदान कर रहे हैं ,अमूमन ऐसे संकटकाल में जिला प्रशासन के प्रबंधन की परीक्षा होती हैं ,कोरोना के शुरूआती दौर में तत्कालीन जिला कलेक्टर अंशदीप ने अपने विश्वस्त अधिकारियो के साथ जो व्यू रचना बनाई थी उसके नीरज मिश्रा अहम किरदार रहे हैं ,इस वक़्त प्रवासियों ,श्रमिकों ,छात्रों को वापस लाने और बाहरी श्रमिकों को भेजने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी  ,इन सबके लिए परमिशन देने का कार्य मिश्रा को सौंप रखा ,हैं इस कार्य ने मिश्रा की नींद उड़ा रखी हैं ,परमिशन लेने वालो की लम्बी कतरो के साथ सिफारिसो के आने वाले टेलीफोन कॉल  परेशानी बढ़ा दी ,मिश्रा ने बताया की दिन रात फोन की घंटिया बजती  रहती हैं ,जिनको परमिशन लेनी हे उनके लिए सिफारशी फोन  श्रमिक परमिशन लेके रवाना हुए उन्हें रास्तों में दिक्कत आ जाए तो सीधे फोन करते हैं ,रात भर फोन कॉल के चलते कई दिनों से सो नहीं पाए ,सबसे बड़ी दिक्कत जिले में कार्यरत कंपनियों में नियुक्त श्रमिकों की समस्याओ के समाधान की ,श्रमिकों द्वारा भुगतान ,भोजन ,आवास और अन्य सुविधाएं कंपनियों द्वारा उपलब्ध न कराने पर शिकायते की जा रही हे इन समस्याओ के समाधान में बड़ी  दिक्कतें आई मगर हमने टीम भावना से यह  दिखाया ,मिश्रा सुलझे हुए अधिकारी हैं ,पिछले तीन माह से परिवार से दूर हैं,उनका घर कोई ज्यादा दूर नहीं हैं महज दो सौ किलोमीटर दूर जोधपुर में ही हैं मगर कर्तव्य परायणा के चलते वो घर जाने की बजाय सेवा में लगे हैं ,

इस संकटकाल का हमने डटकर मुकाबला किया , किसी तरह की रियायतें नहीं , निष्ठा के साथ अपना कार्य कर रहे हैं यही वजह से की बाड़मेर कोरोना की भयावहता से सुरक्षित हैं ,प्रशासन आमजन को सुरक्षित रखने के लिए अपना सौ फीसदी से ज्यादा योगदान दे रहे हैं ,निजी समस्याएं आती हैं मगर इस वक़्त समस्याओ के लिए कोई जगह नहीं हैं ,राज धर्म निभाना प्राथमिकता हैं ,मेरा देश सुरक्षित रहे ,हजारो की तादाद में प्रवासियों के आने के बाद बाड़मेर को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखना चुनौती हैं ,नीरज मिश्रा ,उप खंड अधिकारी बाड़मेर